27-06-2019, 09:07 AM
अपडेट - 23
डॉक्टर: जानता हूँ इसी लिए तो मैं कुछ दवाएं दूंगा जो इसके मा बनने पर इसे देनी है। उससे रिया का गर्भाशय साफ हो जाएगा।
चंचल कुछ बोलना चाहती है कि।
डॉक्टर: ओके काम हो गया।
डॉक्टर अपने ताम झाम जल्दी जल्दी हटा कर चंचल को बोलता है।
डॉक्टर: चंचल जी अब आप रिया को वापस कपड़े पहना दे।
अब आगे......
तकरीबन 15 से 20 मिनट बाद रिया को होश आता है। रिया का सर हल्का सा भारी भारी था।
समीर: हेलो रिया अब कैसी हो?
रिया: क्या मतलब? मैं ठीक हूँ बस सर थोड़ा सा दुख रहा है। एयर आपने क्या किया मेरे साथ। डॉक्टर आपने इंजेक्शन लगाया था ना वो किस चीज का था।
डॉक्टर: रिया ये इंजेक्शन बॉडी डेवेलपमेंट के लिए था। जैसे ठीक ऐसा ही इंजेक्शन हंसिका मोटवानी को भी दिया गया था। लेकिन तुम ईनजेक्शन के ठीक बाद नींद में चली गयी। इसका मतलब है तुम्हारी बॉडी जल्दी डेवलपिंग होगी। कोंग्रेच्यूल्सन।
रिया थोड़ा सा शर्माते हुए और खुश होते हुए थैंक यू बोलती है।
चंचल: रिया तुम सो गई थी मुझे लगा कही दावा साइड इफ़ेक्ट तो नही कर गयी इस लिए तुम्हे घर नही लेकर गयी। हम लोग लाते हो जाएंगे। चले।
रिया: जी।
समीर: रिया तुम्हारी मम्मी को मॉडलिंग के बारे में बता देते है। तुम्हारी परेशानी दूर हो जाएगी।
रिया: नहीं नहीं (घबराते हुए) मम्मी को अभी कुछ मत बताना । वो इतनी भी मॉडर्न नहीं है।
चंचल: लेकिन तुम तो मॉडर्न ड्रेस पहन लेती हो ना ।
रिया: मम्मी मुझे कपड़ो के लिए नहीं रोकती लेकिन पार्टी वगैरा मैं कभी नही जाने देती।
डॉक्टर: रिया तुम्हारी बॉडी 5-6 दिन में बिल्कुल बदल जाएगी तब क्या कहोगी मम्मी को।
रिया परेशान होते हुए) तब की तब देखेंगे।
समीर: मेरे पास एक रास्ता है रिया। तुम अपने कपड़ों को थोड़ा और मॉडर्न करो। मेरी एक दोस्त है फैशन डिज़ाइनर मैं कुछ कपड़े तुम्हे चंचल जी के साथ भिजवा दूंगा।
डॉक्टर: लेकिन हाँ रिया तुम्हे वो ही कपड़े पहनने होंगे। अपने पुराने कपड़ो मैं स्कर्ट वगैरा रख कर बाकी सब बाहर फेंक दो। जब तुम घर मे मॉडल की तरह रहोगी तो धीरे धीरे तुम्हारी मम्मी को आदत हो जाएगी। है हो सकता है वो पहले तुम्हे डांटे।
रिया : कोई बात नही अब में बच्ची थोड़े ही हूँ जो मम्मी मेरे सारे फैसले ले।
चंचल: चलो रिया। ( समीर की तरफ तिरछी नज़रों से घूरते हुए)
रिया और चंचल दोनों निकल जाते है। डॉक्टर समीर को कुछ लिख कर दे जाता है और निकल जाता है। चंचल रिया को उसके घर ड्राप करके अपने घर निकल जाती है। चंचल का सार भारी था था। चंचल को अभी तक समझ नही आ रहा था कि आखिर समीर करना क्या चाहता है। चंचल इसी उधेड़ बन में सो जाती है।
24 घंटे बाद:-
रिया अभी बिस्तर पर सो कर उठी ही थी। सुबह से उसे अपने उरोज थोड़े भारी भारी लग रहे थे उसके निप्पल उसे ऐसे लग रहे थे जैसे हवा में उड़ रहे हो। एक दम टाइट और कड़े। रिया की चूत हल्की हल्की नम थी। उसका क्लीट झनझनाहट कर रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे पेर सो जाने गुदगुदी होती है।
रिया ने अपनी चूत पर हाथ लगाया तो देखा कुछ मूंगफली के दाने की तरह उसकी चूत पर है। रिया घबरा कर बेड पर बैठ जाती है और अपनी पैंटी नीचे खिसका कर अपनी चूत देखती है। उसे वो मूंगफली जैसा दिखता है तो उसे देख कर रिया चोंक जाती है।
रिया :- (मन ही मन) ये क्या। क्या ये दवा का साइड़ इफ़ेक्ट है। मुझे ये छोटा सा लड़को जैसा। नहीं नहीं मैं चंचल भाभी से पूछुंगी।
वहीं चंचल तैयार हो कर आफिस निकल जाती है। आफिस टाइम के बाद समीर चंचल को कॉल करके अपने फार्म हाउस पर बुलाता है।
अपना सारा काम खत्म करके चंचल समीर के फार्म हाउस पर चली जाती है। समीर प्यार से चंचल को अपनी बाहों में भर लेता है।
समीर : चँचल अब देखना तुम्हारा बदला मैं रिया और उसकी माँ दोनों से कैसे लेता हूँ।
चँचल: (कसमसाते हुए) समीर छोड़ो मुझे! समीर लीव मी....!(समीर को धक्का देकर दूर करते हुए)
समीर अचानक से हुए चँचल के व्यवहार को देख कर चोंक गया था।
चँचल :- हमने जो कुछ भी रिया के साथ किया वो हमें नही करना चाहिए था।
समीर: मैं जानता हूँ चँचल तुम्हारा दिल बहुत साफ है। तुमने गुस्से में बदले कर ज़ज्बात मैं मुझसे जो करवाया है उसका मुझे भी पछतावा है । लेकिन अब कुछ नही हो सकता। और फिर अब तो डॉक्टर भी एक साल के लिए इंडिया से बाहर चला गया है।
चँचल: क्या? लेकिन क्यूँ? ऐसे कैसे?
समीर: चँचल वो डॉक्टर इल्लीगल काम करता है। उसके खिलाफ वारन्ट निकाला हुआ है। और वैसे भी अब रिया की बॉडी में बदलाव आना शुरू हो चुका है। जब तक पूरी तरह से बदलाव नही आ जाता कोई भी कुछ भी नही कर सकता। (समीर एक बार फिर से चँचल को गले लगा लेता है)
चँचल : समीर रिया को कुछ होगा तो नही ना।
समीर: हाँ इस बात की मैं तुम्हे गारंटी देता हूँ। लेकिन तुम्हे एक काम करना होगा।
चँचल: (समीर की आंखों में देखते हुए) कैसा काम?
समीर : कुछ खास काम नही है रिया के लिए कुछ कपड़े है जो डॉक्टर ने मुझे दे दिए। ट्रीटमेंट के 72 घंटों बाद रिया को वही कपड़े जमेंगे। चाहे वो चाहे या न चाहे।
चँचल: ऐसा क्यों?
समीर : अब जब उभरती जवानी को हल्की हवा देंगे तो जलेगी ना।
वहीं दूसरी और रिया तैयार होने वाशरूम मैं जाती है।
रिया जैसे ही खड़ी होती है उसे अपनी टांगों के बीच मेरा मतलब चूत ऐसे महसूस होती है जैसे सूज रही हो। और उसके निप्पल लगातार गुदगुदा रहे थे। रिया के उरोज भी पीछले दिन की तुलना में थोड़े भारी भारी महसूस हो रहे थे। रिया वाशरूम मैं जाकर हल्के हल्के अपनी टी शर्ट उतारती है और फिर अपनी समीज....
वाशरूम मैं सामने की और लगे 6 फिट लंबे और 4 फिट चौड़े आईने में रिया जो नज़ारा देखती उसकी आंखें खुली की खुली रह जाती है।
दर असल रिया अपने उरोजों को देखती है जो कल तक उसे निम्बू जैसे दिखते थे आज एक ही दिन मैं संतरे जैसे होगये थे। विशेष तौर पर रिया के निप्पल। रिया के निप्पल एक इंच के करीब बड़े और आधा इंच के करीब मौटे हो गए थे साथ ही एक दम कड़े।
करीब 2 - 3 मिनट तक रिया उन्हें सहलाती है। अजीब बात ये थे कि जैसे ही रिया ने अपने उरोजों को आज़ाद किया उसके उरोजों से उठने वाली गुदगुदी गायब हो गयी थी। और जैसे ही उसने उन्हें सहलाया वही गुदगुदी दो गुना बढ़ चुकी थी। रिया मैन कर रहा था कि वो उन्हें सहलाये जाए। लेकिन रिया देखती है कि 2 से 3 मिनट के सहलाने भर से उसकी पैंटी नीचे गीली हो गयी है।
रिया तुरंत अपनी पेंटी शार्ट और पेंटी एक साथ निकाल कर अपनी चूत को देखती है।
कमाल की बात ये थी कि रिया की चूत अब वैसे नहीं थी जैसी कल रिया ने देखी थी। रिया कि चूत अब पाव रोटी की तरह फूली हुई थी। और उसका दान लगभग आधा इंच बाहर निकला हुआ था।
रिया थोड़ी देर अपनी चूत को सहलाने लगती है। थोड़ी देर क्या रिया जब तक सहलाती है जब तक रिया की चूत ने पानी नही छोड़ दिया। आज पहली बार रिया ने अपनी चुत को सहलाया था। लेकिन अब रिया की चूत ठंडी होने के बजाय और भी गर्म हो गयी थी।
करीब आधे घंटे बाद जब रिया की मम्मी उसे आवाज देती है तो रिया परेशान होकर ठंडे पानी से नहाने लगती है। नहाने कर बाद रिया एक टॉवल लपेट कर अपने कमरे में जाति है जहाँ से रिया एक जीन्स, पिंक पेंटी, एक छोटी ब्रा पर्पल रंग की और एक टी शर्ट निकाल कर पहन लेती है। लेकिन अब तो रिया के लिए और भी मुश्किल बढ़ गयी थी।
दर असल रिया की पेंटी रिया के चलते ही रिया के क्लीट को अंदर की और दबा रही थी जिससे उसकी पैंटी एक बार फिर से गीली हो जाती है वही उसकी ब्रा हल्की टाइट हो गयी थी जो उसके निप्पल को बार बार रगड़ कर रिया को एक नया मज़ा दे रही थी। लेकिन रिया इस तरह के हालात में पूरा दिन तो नहीं निकाल सकती थी।
चँचल समीर से कपड़े लेकर शाम को करीब 5 बजे अपने घर की और निकलती है। लेकिन उस से पहले ज़रा समीर और चँचल के बीच की कहानी तो जान ले।
डॉक्टर: जानता हूँ इसी लिए तो मैं कुछ दवाएं दूंगा जो इसके मा बनने पर इसे देनी है। उससे रिया का गर्भाशय साफ हो जाएगा।
चंचल कुछ बोलना चाहती है कि।
डॉक्टर: ओके काम हो गया।
डॉक्टर अपने ताम झाम जल्दी जल्दी हटा कर चंचल को बोलता है।
डॉक्टर: चंचल जी अब आप रिया को वापस कपड़े पहना दे।
अब आगे......
तकरीबन 15 से 20 मिनट बाद रिया को होश आता है। रिया का सर हल्का सा भारी भारी था।
समीर: हेलो रिया अब कैसी हो?
रिया: क्या मतलब? मैं ठीक हूँ बस सर थोड़ा सा दुख रहा है। एयर आपने क्या किया मेरे साथ। डॉक्टर आपने इंजेक्शन लगाया था ना वो किस चीज का था।
डॉक्टर: रिया ये इंजेक्शन बॉडी डेवेलपमेंट के लिए था। जैसे ठीक ऐसा ही इंजेक्शन हंसिका मोटवानी को भी दिया गया था। लेकिन तुम ईनजेक्शन के ठीक बाद नींद में चली गयी। इसका मतलब है तुम्हारी बॉडी जल्दी डेवलपिंग होगी। कोंग्रेच्यूल्सन।
रिया थोड़ा सा शर्माते हुए और खुश होते हुए थैंक यू बोलती है।
चंचल: रिया तुम सो गई थी मुझे लगा कही दावा साइड इफ़ेक्ट तो नही कर गयी इस लिए तुम्हे घर नही लेकर गयी। हम लोग लाते हो जाएंगे। चले।
रिया: जी।
समीर: रिया तुम्हारी मम्मी को मॉडलिंग के बारे में बता देते है। तुम्हारी परेशानी दूर हो जाएगी।
रिया: नहीं नहीं (घबराते हुए) मम्मी को अभी कुछ मत बताना । वो इतनी भी मॉडर्न नहीं है।
चंचल: लेकिन तुम तो मॉडर्न ड्रेस पहन लेती हो ना ।
रिया: मम्मी मुझे कपड़ो के लिए नहीं रोकती लेकिन पार्टी वगैरा मैं कभी नही जाने देती।
डॉक्टर: रिया तुम्हारी बॉडी 5-6 दिन में बिल्कुल बदल जाएगी तब क्या कहोगी मम्मी को।
रिया परेशान होते हुए) तब की तब देखेंगे।
समीर: मेरे पास एक रास्ता है रिया। तुम अपने कपड़ों को थोड़ा और मॉडर्न करो। मेरी एक दोस्त है फैशन डिज़ाइनर मैं कुछ कपड़े तुम्हे चंचल जी के साथ भिजवा दूंगा।
डॉक्टर: लेकिन हाँ रिया तुम्हे वो ही कपड़े पहनने होंगे। अपने पुराने कपड़ो मैं स्कर्ट वगैरा रख कर बाकी सब बाहर फेंक दो। जब तुम घर मे मॉडल की तरह रहोगी तो धीरे धीरे तुम्हारी मम्मी को आदत हो जाएगी। है हो सकता है वो पहले तुम्हे डांटे।
रिया : कोई बात नही अब में बच्ची थोड़े ही हूँ जो मम्मी मेरे सारे फैसले ले।
चंचल: चलो रिया। ( समीर की तरफ तिरछी नज़रों से घूरते हुए)
रिया और चंचल दोनों निकल जाते है। डॉक्टर समीर को कुछ लिख कर दे जाता है और निकल जाता है। चंचल रिया को उसके घर ड्राप करके अपने घर निकल जाती है। चंचल का सार भारी था था। चंचल को अभी तक समझ नही आ रहा था कि आखिर समीर करना क्या चाहता है। चंचल इसी उधेड़ बन में सो जाती है।
24 घंटे बाद:-
रिया अभी बिस्तर पर सो कर उठी ही थी। सुबह से उसे अपने उरोज थोड़े भारी भारी लग रहे थे उसके निप्पल उसे ऐसे लग रहे थे जैसे हवा में उड़ रहे हो। एक दम टाइट और कड़े। रिया की चूत हल्की हल्की नम थी। उसका क्लीट झनझनाहट कर रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे पेर सो जाने गुदगुदी होती है।
रिया ने अपनी चूत पर हाथ लगाया तो देखा कुछ मूंगफली के दाने की तरह उसकी चूत पर है। रिया घबरा कर बेड पर बैठ जाती है और अपनी पैंटी नीचे खिसका कर अपनी चूत देखती है। उसे वो मूंगफली जैसा दिखता है तो उसे देख कर रिया चोंक जाती है।
रिया :- (मन ही मन) ये क्या। क्या ये दवा का साइड़ इफ़ेक्ट है। मुझे ये छोटा सा लड़को जैसा। नहीं नहीं मैं चंचल भाभी से पूछुंगी।
वहीं चंचल तैयार हो कर आफिस निकल जाती है। आफिस टाइम के बाद समीर चंचल को कॉल करके अपने फार्म हाउस पर बुलाता है।
अपना सारा काम खत्म करके चंचल समीर के फार्म हाउस पर चली जाती है। समीर प्यार से चंचल को अपनी बाहों में भर लेता है।
समीर : चँचल अब देखना तुम्हारा बदला मैं रिया और उसकी माँ दोनों से कैसे लेता हूँ।
चँचल: (कसमसाते हुए) समीर छोड़ो मुझे! समीर लीव मी....!(समीर को धक्का देकर दूर करते हुए)
समीर अचानक से हुए चँचल के व्यवहार को देख कर चोंक गया था।
चँचल :- हमने जो कुछ भी रिया के साथ किया वो हमें नही करना चाहिए था।
समीर: मैं जानता हूँ चँचल तुम्हारा दिल बहुत साफ है। तुमने गुस्से में बदले कर ज़ज्बात मैं मुझसे जो करवाया है उसका मुझे भी पछतावा है । लेकिन अब कुछ नही हो सकता। और फिर अब तो डॉक्टर भी एक साल के लिए इंडिया से बाहर चला गया है।
चँचल: क्या? लेकिन क्यूँ? ऐसे कैसे?
समीर: चँचल वो डॉक्टर इल्लीगल काम करता है। उसके खिलाफ वारन्ट निकाला हुआ है। और वैसे भी अब रिया की बॉडी में बदलाव आना शुरू हो चुका है। जब तक पूरी तरह से बदलाव नही आ जाता कोई भी कुछ भी नही कर सकता। (समीर एक बार फिर से चँचल को गले लगा लेता है)
चँचल : समीर रिया को कुछ होगा तो नही ना।
समीर: हाँ इस बात की मैं तुम्हे गारंटी देता हूँ। लेकिन तुम्हे एक काम करना होगा।
चँचल: (समीर की आंखों में देखते हुए) कैसा काम?
समीर : कुछ खास काम नही है रिया के लिए कुछ कपड़े है जो डॉक्टर ने मुझे दे दिए। ट्रीटमेंट के 72 घंटों बाद रिया को वही कपड़े जमेंगे। चाहे वो चाहे या न चाहे।
चँचल: ऐसा क्यों?
समीर : अब जब उभरती जवानी को हल्की हवा देंगे तो जलेगी ना।
वहीं दूसरी और रिया तैयार होने वाशरूम मैं जाती है।
रिया जैसे ही खड़ी होती है उसे अपनी टांगों के बीच मेरा मतलब चूत ऐसे महसूस होती है जैसे सूज रही हो। और उसके निप्पल लगातार गुदगुदा रहे थे। रिया के उरोज भी पीछले दिन की तुलना में थोड़े भारी भारी महसूस हो रहे थे। रिया वाशरूम मैं जाकर हल्के हल्के अपनी टी शर्ट उतारती है और फिर अपनी समीज....
वाशरूम मैं सामने की और लगे 6 फिट लंबे और 4 फिट चौड़े आईने में रिया जो नज़ारा देखती उसकी आंखें खुली की खुली रह जाती है।
दर असल रिया अपने उरोजों को देखती है जो कल तक उसे निम्बू जैसे दिखते थे आज एक ही दिन मैं संतरे जैसे होगये थे। विशेष तौर पर रिया के निप्पल। रिया के निप्पल एक इंच के करीब बड़े और आधा इंच के करीब मौटे हो गए थे साथ ही एक दम कड़े।
करीब 2 - 3 मिनट तक रिया उन्हें सहलाती है। अजीब बात ये थे कि जैसे ही रिया ने अपने उरोजों को आज़ाद किया उसके उरोजों से उठने वाली गुदगुदी गायब हो गयी थी। और जैसे ही उसने उन्हें सहलाया वही गुदगुदी दो गुना बढ़ चुकी थी। रिया मैन कर रहा था कि वो उन्हें सहलाये जाए। लेकिन रिया देखती है कि 2 से 3 मिनट के सहलाने भर से उसकी पैंटी नीचे गीली हो गयी है।
रिया तुरंत अपनी पेंटी शार्ट और पेंटी एक साथ निकाल कर अपनी चूत को देखती है।
कमाल की बात ये थी कि रिया की चूत अब वैसे नहीं थी जैसी कल रिया ने देखी थी। रिया कि चूत अब पाव रोटी की तरह फूली हुई थी। और उसका दान लगभग आधा इंच बाहर निकला हुआ था।
रिया थोड़ी देर अपनी चूत को सहलाने लगती है। थोड़ी देर क्या रिया जब तक सहलाती है जब तक रिया की चूत ने पानी नही छोड़ दिया। आज पहली बार रिया ने अपनी चुत को सहलाया था। लेकिन अब रिया की चूत ठंडी होने के बजाय और भी गर्म हो गयी थी।
करीब आधे घंटे बाद जब रिया की मम्मी उसे आवाज देती है तो रिया परेशान होकर ठंडे पानी से नहाने लगती है। नहाने कर बाद रिया एक टॉवल लपेट कर अपने कमरे में जाति है जहाँ से रिया एक जीन्स, पिंक पेंटी, एक छोटी ब्रा पर्पल रंग की और एक टी शर्ट निकाल कर पहन लेती है। लेकिन अब तो रिया के लिए और भी मुश्किल बढ़ गयी थी।
दर असल रिया की पेंटी रिया के चलते ही रिया के क्लीट को अंदर की और दबा रही थी जिससे उसकी पैंटी एक बार फिर से गीली हो जाती है वही उसकी ब्रा हल्की टाइट हो गयी थी जो उसके निप्पल को बार बार रगड़ कर रिया को एक नया मज़ा दे रही थी। लेकिन रिया इस तरह के हालात में पूरा दिन तो नहीं निकाल सकती थी।
चँचल समीर से कपड़े लेकर शाम को करीब 5 बजे अपने घर की और निकलती है। लेकिन उस से पहले ज़रा समीर और चँचल के बीच की कहानी तो जान ले।
बर्बादी को निमंत्रण
https://xossipy.com/thread-1515.html
[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
https://xossipy.com/thread-2651.html
Hawas ka ghulam
https://xossipy.com/thread-33284-post-27...pid2738750
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[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
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Hawas ka ghulam
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