03-12-2024, 06:18 PM
मेरी जानू बाहर कपड़े धो रही थी और काजल किचन में मेरे लिए नाश्ता बना रही थी. आज मैंने देखा काजल कुछ अलग ही नज़रों से मुझे देख रही थी. वो थोड़ी थोड़ी देर में तिरछी नज़रों से मुझे ही घूरे जा रही थी. मुझे भी कुछ अजीब लगा.
मैंने नाश्ता खत्म किया और वो पानी का गिलास ले कर मुझे देने ही जा रही थी कि उसका हाथ मेरे हाथ से टकरा गया. पानी टेबल पर गिर गया और पानी ने सीधा मेरे पैन्ट के ऊपर से मेरे लंड को नहला दिया.
वो तुरंत नैपकिन लेकर मेरे पैन्ट के ऊपर का पानी साफ़ करने लगी. काजल का हाथ पैन्ट पर महसूस होते ही मेरा लंड ताव में आ गया और विकराल रूप में आने लगा.
काजल ने मेरे लंड को महसूस होते ही उसने हाथ हटा दिया और शर्मा कर दूसरी तरफ भाग गई.
मैं बाहर आया, तो वो मेरी आंख से आंख नहीं मिला पा रही थी.
मेरे साले और ससुर जी टिफिन लेकर फैक्ट्री के लिए निकल गए थे और दोनों माँ बेटी और काजल बैठ कर गप्पें मार रही थीं. मैं अकेला बैठा बैठा बोर हो कर टीवी देखने लगा.
मैंने नाश्ता खत्म किया और वो पानी का गिलास ले कर मुझे देने ही जा रही थी कि उसका हाथ मेरे हाथ से टकरा गया. पानी टेबल पर गिर गया और पानी ने सीधा मेरे पैन्ट के ऊपर से मेरे लंड को नहला दिया.
वो तुरंत नैपकिन लेकर मेरे पैन्ट के ऊपर का पानी साफ़ करने लगी. काजल का हाथ पैन्ट पर महसूस होते ही मेरा लंड ताव में आ गया और विकराल रूप में आने लगा.
काजल ने मेरे लंड को महसूस होते ही उसने हाथ हटा दिया और शर्मा कर दूसरी तरफ भाग गई.
मैं बाहर आया, तो वो मेरी आंख से आंख नहीं मिला पा रही थी.
मेरे साले और ससुर जी टिफिन लेकर फैक्ट्री के लिए निकल गए थे और दोनों माँ बेटी और काजल बैठ कर गप्पें मार रही थीं. मैं अकेला बैठा बैठा बोर हो कर टीवी देखने लगा.
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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