03-12-2024, 06:13 PM
मेरा ससुराल अहमदाबाद में था, तो महीने में एकाध बार तो आना जाना होता ही था. धीरे धीरे लाइफ मस्ती से कटने लगी. बीच बीच में मैं अहमदाबाद भी घूम कर आता था. मैं हमेशा मेरी वाइफ के लिए मेरी पसंद के सेक्सी ब्रा और पैन्टी लाकर देता था और वो भी ऑनलाइन मंगवाता था.
एक बार हुआ ऐसा कि मैंने जो साइज की ब्रा और पैंटी मंगाई थी, वो गलत साइज की वजह से मेरी वाइफ को फिट नहीं हुई. ये वापस की जा सकती थी, लेकिन न जाने क्यों, मैं नहीं चाहता था कि मैं इसे वापस दूँ.
मैंने मेरी वाइफ को आईडिया दिया कि एक काम करो, तुम ये सैट अपनी भाभी को दे दो, शायद इसकी फिटिंग तुम्हारी भाभी की साइज की हो.
पहले तो वो मुझे घूरने लगी, फिर थोड़ी देर बाद बोली- ठीक सोचा तुमने. मैं भी तो देखूँ, मेरे पति की चॉइस को कितने स्टार मिलते हैं.
तब तक मेरे मन में ऐसा कुछ नहीं था, पर अब मुझे अपनी सलहज काजल का पूरा जिस्म मेरे आंखों के सामने आ गया, जिसमें मेरे लाए ब्रा और पैन्टी पहन कर वो मेरे सामने खड़ी थी. मैं बंद आंखों से उसे देख रहा था और वो शर्मा कर अपनी आंखें बंद करके मेरे सामने खड़ी थी.
मेरी ध्यान तब टूटा, जब मेरी वाइफ ने मेरे लंड को हाथ में लेकर जोर से दबाया और मेरे मुँह में से चीख निकल गई. उस रात को मैंने मेरी वाइफ की अच्छी ठुकाई की. वो भी चुदाई से बहुत खुश थी और गांड उठा कर मेरे झटकों का जवाब दे रही थी.
आज वो कुछ ज्यादा ही गर्म थी इसलिए करीब पांच मिनट में ही वो झड़ गई. पर मेरा अभी हुआ नहीं था.
वो बोली- जानू मेरे मुँह में डाल दो.
मैंने मना किया और उसको उल्टा लेटा कर उसकी गांड में मेरा लंड पेल दिया. उसके मुँह से हल्की चीख निकल गई. करीब दस मिनट गांड मारने के बाद मैं भी झड़ गया और गहरी नींद में सो गया.
सुबह उठा, तो देखा मैं नंगा ही सो रहा था और वाइफ किचन में कुछ काम कर रही थी.
मैं जब किचन में गया, तो उसने मुझसे पूछा- कल रात क्या हो गया था? कल तो आपने मेरी तो जान ही निकाल दी थी. आज तक आपने मेरी इतनी बुरी हालत नहीं की. कल रात की चुदाई की बाद मैं ठीक से चल भी नहीं पा रही हूँ.
मैंने भी बोला- यार बहुत दिनों से तेरी गांड नहीं मारी थी, इसलिए ये हुआ.
बात खत्म करके मैं फ्रेश होने चला गया.
इसके कुछ देर बाद मैं नाश्ता करके ऑफिस निकल गया और अपने काम में लग गया. ऐसे ही आधा दिन निकल गया, मैं चाय पीते काजल के बारे में ही सोच रहा था. उसका ख्याल आते ही मेरे पैन्ट में फिर से तम्बू बन गया.
काम के चक्कर में बहुत दिन हो गए थे, अहमदाबाद नहीं जा पाया था. अचानक मेरे दिमाग में आया कि क्यों न अहमदाबाद जाने का प्लान किया जाए. पर अगर मैं मेरी जानू को बोलूँगा, तो उसको शक हो जाएगा.
इतने में मुझे याद आया कि अगले हफ्ते रक्षाबंधन है और मैं यह बहाना बताऊंगा तो मेरी जानू मना नहीं करेगी.
इतना सोच कर मैं वापस अपने काम पर लग गया. ऐसे ही दो दिन निकल गए, तीसरे दिन रात को ऑफिस से घर लौटा, तो देखा श्रीमती जी मुँह फुला कर बैठी हैं, वो कुछ बात भी नहीं कर रही थी.
खाना खाने के बाद मैंने पूछा- क्या हुआ क्यों इतना मुँह फुला कर बैठी हो?
वो बोली- जैसे कि आपको कुछ पता ही नहीं है. अगले हफ्ते रक्षाबंधन है और मुझे अहमदाबाद जाना है, पर तुमको तो कुछ पता ही नहीं है.
मैंने बोला- वो तो हर साल आता है, उसमें नयी बात क्या है?
मेरा इतना बोलते ही वो मुझे घूरने लगी और बोली- वो मुझे नहीं पता, पर मुझे अहमदाबाद जाना है. आपको नहीं आना, तो कोई बात नहीं.
मैं बोला- ठीक है, रक्षाबंधन सोमवार को है. हम शुक्रवार को शाम यहाँ से निकलेंगे तो दो घंटे में पहुंच जाएंगे.
वो खुश हो गई.
प्लानिंग के हिसाब से हम शुक्रवार शाम को अहमदाबाद पहुंच गए. हमें देख कर सब लोग बहुत खुश हुए.
मैंने एक प्लान बनाया, मेरी जानू के मोबाइल से मेरे मोबाइल पर नंबर डायल करके फोन चालू छोड़ कर उसका फ़ोन मैंने उसके पर्स में डाल कर उसकी भाभी के रूम में वापस रख दिया.
रात के ग्यारह बज गए थे और सब सो गए थे. उधर फोन चालू था. थोड़ी देर बाद मैं कान में इयरफोन डाल कर फोन सुनने लगा.
वो दोनों काफी दिनों बाद मिली थीं, तो उस रात को दोनों ननद-भाभी रूम में बैठ कर बात कर रही थीं और जोर से हंस रही थीं.
थोड़ी देर बाद मेरी वाइफ ने एक पैकेट उसकी भाभी को देते हुए बोला- भाभी, ये पैकेट तुम्हारे लिए है.
काजल बोली- क्या है पैकेट में?
तो मेरी वाइफ बोली- खुद ही खोल कर देख लो.
इतना बोलने के बाद पैकेट खुलने की आवाज़ आई और थोड़ी देर कुछ सुनाई नहीं दिया.
कुछ टाइम बाद काजल की आवाज़ सुनाई दी- अरे वाह ननद जी बहुत ही मस्त सैट लाई हो. ननद जी ये किस ख़ुशी में मुझे गिफ्ट दिया जा रहा है.
इस पर मेरी जानू ने जवाब दिया- इसमें ख़ुशी किस बात की, मुझे अच्छा लगा तो तुम्हारे लिए ले लिया.
थोड़ी देर बाद काजल बोली- एकदम सेक्सी हैं दोनों सैट.
एक सैट ब्लू कलर का था, साटिन की ब्रा और पैंटी और दूसरा रेड कलर का सैट नेट वाला था, जिसमें ब्रा के बीच में डायमंड का पेंडेंट लगा हुआ था और साथ में बिकनी पैंटी थी.
काजल- ननद जी मैं आपको जानती हूँ, आप मेरे लिए बहुत कुछ लाती हो, पर ऐसा गिफ्ट आपने पहली बार दिया है. कुछ तो है बताओ क्या बात है.
मेरी जानू बोली- अरे हुआ यूं कि उन्होंने ऑनलाइन आर्डर किया था, पर मेरे साइज के हिसाब से टाइट हो रहा था, तो मैंने सोचा इतना सेक्सी सैट मैं वापस नहीं करूंगी और सोचा क्यों न मैं तुम्हारे लिए रख लूँ.
काजल बोली- वाह … मेरे ननदोई जी की चॉइस तो एकदम धांसू है. फोटो देख कर भी इतनी बढ़िया पसंद किया है.
फिर दोनों की जोर से खिलखिलाने आवाज़ सुनाई दी. थोड़ी देर बाद काजल बोलती है- चलो एक बार ट्राई करके देखती हूँ, मुझे फिट आता है कि नहीं.
उसके बाद से थोड़ी देर तक कुछ सुनाई नहीं दिया.
फिर मेरी जानू की आवाज आई- भाभी, आपके पपीते तो बहुत बड़े हो गई हैं, लगता है मेरे भैया रोज़ इसकी खातिरदारी करते हैं.
काजल बोली- ननद जी वो तो है, पर आप भी मुझसे कम नहीं हो, अपनी साइज तो देखो.
ये बोल कर दोनों वापस हंसने लगीं.
एक बार हुआ ऐसा कि मैंने जो साइज की ब्रा और पैंटी मंगाई थी, वो गलत साइज की वजह से मेरी वाइफ को फिट नहीं हुई. ये वापस की जा सकती थी, लेकिन न जाने क्यों, मैं नहीं चाहता था कि मैं इसे वापस दूँ.
मैंने मेरी वाइफ को आईडिया दिया कि एक काम करो, तुम ये सैट अपनी भाभी को दे दो, शायद इसकी फिटिंग तुम्हारी भाभी की साइज की हो.
पहले तो वो मुझे घूरने लगी, फिर थोड़ी देर बाद बोली- ठीक सोचा तुमने. मैं भी तो देखूँ, मेरे पति की चॉइस को कितने स्टार मिलते हैं.
तब तक मेरे मन में ऐसा कुछ नहीं था, पर अब मुझे अपनी सलहज काजल का पूरा जिस्म मेरे आंखों के सामने आ गया, जिसमें मेरे लाए ब्रा और पैन्टी पहन कर वो मेरे सामने खड़ी थी. मैं बंद आंखों से उसे देख रहा था और वो शर्मा कर अपनी आंखें बंद करके मेरे सामने खड़ी थी.
मेरी ध्यान तब टूटा, जब मेरी वाइफ ने मेरे लंड को हाथ में लेकर जोर से दबाया और मेरे मुँह में से चीख निकल गई. उस रात को मैंने मेरी वाइफ की अच्छी ठुकाई की. वो भी चुदाई से बहुत खुश थी और गांड उठा कर मेरे झटकों का जवाब दे रही थी.
आज वो कुछ ज्यादा ही गर्म थी इसलिए करीब पांच मिनट में ही वो झड़ गई. पर मेरा अभी हुआ नहीं था.
वो बोली- जानू मेरे मुँह में डाल दो.
मैंने मना किया और उसको उल्टा लेटा कर उसकी गांड में मेरा लंड पेल दिया. उसके मुँह से हल्की चीख निकल गई. करीब दस मिनट गांड मारने के बाद मैं भी झड़ गया और गहरी नींद में सो गया.
सुबह उठा, तो देखा मैं नंगा ही सो रहा था और वाइफ किचन में कुछ काम कर रही थी.
मैं जब किचन में गया, तो उसने मुझसे पूछा- कल रात क्या हो गया था? कल तो आपने मेरी तो जान ही निकाल दी थी. आज तक आपने मेरी इतनी बुरी हालत नहीं की. कल रात की चुदाई की बाद मैं ठीक से चल भी नहीं पा रही हूँ.
मैंने भी बोला- यार बहुत दिनों से तेरी गांड नहीं मारी थी, इसलिए ये हुआ.
बात खत्म करके मैं फ्रेश होने चला गया.
इसके कुछ देर बाद मैं नाश्ता करके ऑफिस निकल गया और अपने काम में लग गया. ऐसे ही आधा दिन निकल गया, मैं चाय पीते काजल के बारे में ही सोच रहा था. उसका ख्याल आते ही मेरे पैन्ट में फिर से तम्बू बन गया.
काम के चक्कर में बहुत दिन हो गए थे, अहमदाबाद नहीं जा पाया था. अचानक मेरे दिमाग में आया कि क्यों न अहमदाबाद जाने का प्लान किया जाए. पर अगर मैं मेरी जानू को बोलूँगा, तो उसको शक हो जाएगा.
इतने में मुझे याद आया कि अगले हफ्ते रक्षाबंधन है और मैं यह बहाना बताऊंगा तो मेरी जानू मना नहीं करेगी.
इतना सोच कर मैं वापस अपने काम पर लग गया. ऐसे ही दो दिन निकल गए, तीसरे दिन रात को ऑफिस से घर लौटा, तो देखा श्रीमती जी मुँह फुला कर बैठी हैं, वो कुछ बात भी नहीं कर रही थी.
खाना खाने के बाद मैंने पूछा- क्या हुआ क्यों इतना मुँह फुला कर बैठी हो?
वो बोली- जैसे कि आपको कुछ पता ही नहीं है. अगले हफ्ते रक्षाबंधन है और मुझे अहमदाबाद जाना है, पर तुमको तो कुछ पता ही नहीं है.
मैंने बोला- वो तो हर साल आता है, उसमें नयी बात क्या है?
मेरा इतना बोलते ही वो मुझे घूरने लगी और बोली- वो मुझे नहीं पता, पर मुझे अहमदाबाद जाना है. आपको नहीं आना, तो कोई बात नहीं.
मैं बोला- ठीक है, रक्षाबंधन सोमवार को है. हम शुक्रवार को शाम यहाँ से निकलेंगे तो दो घंटे में पहुंच जाएंगे.
वो खुश हो गई.
प्लानिंग के हिसाब से हम शुक्रवार शाम को अहमदाबाद पहुंच गए. हमें देख कर सब लोग बहुत खुश हुए.
मैंने एक प्लान बनाया, मेरी जानू के मोबाइल से मेरे मोबाइल पर नंबर डायल करके फोन चालू छोड़ कर उसका फ़ोन मैंने उसके पर्स में डाल कर उसकी भाभी के रूम में वापस रख दिया.
रात के ग्यारह बज गए थे और सब सो गए थे. उधर फोन चालू था. थोड़ी देर बाद मैं कान में इयरफोन डाल कर फोन सुनने लगा.
वो दोनों काफी दिनों बाद मिली थीं, तो उस रात को दोनों ननद-भाभी रूम में बैठ कर बात कर रही थीं और जोर से हंस रही थीं.
थोड़ी देर बाद मेरी वाइफ ने एक पैकेट उसकी भाभी को देते हुए बोला- भाभी, ये पैकेट तुम्हारे लिए है.
काजल बोली- क्या है पैकेट में?
तो मेरी वाइफ बोली- खुद ही खोल कर देख लो.
इतना बोलने के बाद पैकेट खुलने की आवाज़ आई और थोड़ी देर कुछ सुनाई नहीं दिया.
कुछ टाइम बाद काजल की आवाज़ सुनाई दी- अरे वाह ननद जी बहुत ही मस्त सैट लाई हो. ननद जी ये किस ख़ुशी में मुझे गिफ्ट दिया जा रहा है.
इस पर मेरी जानू ने जवाब दिया- इसमें ख़ुशी किस बात की, मुझे अच्छा लगा तो तुम्हारे लिए ले लिया.
थोड़ी देर बाद काजल बोली- एकदम सेक्सी हैं दोनों सैट.
एक सैट ब्लू कलर का था, साटिन की ब्रा और पैंटी और दूसरा रेड कलर का सैट नेट वाला था, जिसमें ब्रा के बीच में डायमंड का पेंडेंट लगा हुआ था और साथ में बिकनी पैंटी थी.
काजल- ननद जी मैं आपको जानती हूँ, आप मेरे लिए बहुत कुछ लाती हो, पर ऐसा गिफ्ट आपने पहली बार दिया है. कुछ तो है बताओ क्या बात है.
मेरी जानू बोली- अरे हुआ यूं कि उन्होंने ऑनलाइन आर्डर किया था, पर मेरे साइज के हिसाब से टाइट हो रहा था, तो मैंने सोचा इतना सेक्सी सैट मैं वापस नहीं करूंगी और सोचा क्यों न मैं तुम्हारे लिए रख लूँ.
काजल बोली- वाह … मेरे ननदोई जी की चॉइस तो एकदम धांसू है. फोटो देख कर भी इतनी बढ़िया पसंद किया है.
फिर दोनों की जोर से खिलखिलाने आवाज़ सुनाई दी. थोड़ी देर बाद काजल बोलती है- चलो एक बार ट्राई करके देखती हूँ, मुझे फिट आता है कि नहीं.
उसके बाद से थोड़ी देर तक कुछ सुनाई नहीं दिया.
फिर मेरी जानू की आवाज आई- भाभी, आपके पपीते तो बहुत बड़े हो गई हैं, लगता है मेरे भैया रोज़ इसकी खातिरदारी करते हैं.
काजल बोली- ननद जी वो तो है, पर आप भी मुझसे कम नहीं हो, अपनी साइज तो देखो.
ये बोल कर दोनों वापस हंसने लगीं.
![[Image: 24234368_005_4695.jpg]](https://cdni.pornpics.de/1280/1/100/24234368/24234368_005_4695.jpg)
![[Image: 24234368_006_dfa6.jpg]](https://cdni.pornpics.de/1280/1/100/24234368/24234368_006_dfa6.jpg)
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
