03-12-2024, 11:19 AM
बोला- मैं रोज़ दीदी के नाम से लंड की मुठ मारता था, इसलिए ये खिंच कर इतना लम्बा हो गया.
उसने तुरंत आगे को होकर मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और लॉलीपॉप की तरह लंड चूसने लगी. मैं तो मानो जन्नत में था. कल रात में दीदी के मुँह में लंड चुसवा कर पानी उनके मुँह में छोड़ा था, अब उनकी सहेली के मुँह में मेरा लंड था.
दीदी की सहेली मेरा लंड चूसती रही … जिससे पूरे कमरे में लंड चुसाई की मधुर आवाजें छप छप छप … गूंज रही थीं. वो खेली खाई खिलाड़ी लग रही थी. कभी वो मेरा लंड चूमती, तो कभी काट लेती थी … वो तो ऐसे लंड चूस रही थी, मानो पूरा कर पूरा लंड खा ही जाएगी.
मुझे भी इतनी अधिक चुदास चढ़ रही थी कि मैं भी उसके सर को पकड़ कर मुँह चुदाई करने लगा. कुछ ही समय में मैं उसके मुँह में ही झड़ गया. मेरे लंड ने अपने पानी को उसके मुँह में डाल दिया, जिसे उसने अपनी जीभ से चटखारे लेते हुए एक एक कतरा चाट कर साफ़ कर दिया. फिर वो गांड हिलाते हुए बाथरूम में चली गई और अपना मुँह धो कर वापस आ गयी.
अब मैं उसको किस करते करते उसके कपड़े उठाने लगा. मैंने उसे बेड पर लिटा कर उसकी ब्रा को उतारने की बजाए फाड़ दिया … जिससे वो थोड़ी ग़ुस्सा सी हो गयी. वो बोली- मेरे पास ब्रा की दुकान नहीं है … जो मैं बदल बदल कर पहन लूँगी … अब तुम्हें ही बाजार जाकर मेरे लिए ब्रा लानी होगी.
तो मैं बोला- हां ठीक है ला दूंगा मेरी जान … अभी चोदने तो दो ठीक से …
मैं उसके 34 इंच के मम्मों को चूसने लगा, जिससे वो ‘आह आअह आह प्लीज़ आह …’ करते हुए मादक सीत्कार भरने लगी. मम्मों से मजा लेने के बाद मैं नीचे को होकर उसकी चुत पर आ गया. मैंने जैसे ही उसकी चूत पर हाथ लगाया … आह … क्या बताऊं यारों … उसकी चुत पर एक बाल तक नहीं था. एकदम चिकनी चमेली चूत थी और इस वक्त तो उसकी चुत पूरी की पूरी पानी हो रखी थी.
मैं जैसे ही नीचे चुत चाटने को हुआ तो वो बोली- जानू … नीचे अभी गन्दा है.
मैं बोला- मैं उसे ही तो चूसना चाहता हूँ.
वो बोली- नहीं … पहले जल्दी से अपना लंड डाल कर मेरी चुदाई करो … मुझे अभी बर्दाश्त नहीं हो रहा है.
मैं भी उसे जल्दी ही चोदना चाहता था. इसीलिए मैंने अपने लंड पर थूक लगा कर जैसे ही उसके चुत पर लंड रखा, उसकी चुत ने मेरे लंड के लिए अपना मुँह खोल दिया और लंड अन्दर ऐसे घुसता चला गया … जैसे मानो किसी आइसक्रीम पर चाकू घुसता चला गया हो.
साली की चूत एकदम गीली हो जाने के कारण लंड ने एकदम से अटैक कर दिया था.
हालांकि उसकी एक तेज चीख निकल गई ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ इसका कारण मेरे लंड की लम्बाई थी. फिर एक पल रुकने के बाद मैंने उसके पैर को अपने कंधे पर रखा और उसकी गांड में नीचे तकिया रख कर एक ही झटके में अपना पूरा का पूरा लंड अन्दर डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से धक्के देने शुरू कर दिए. वो आह भर कर कराहने लगी.
थोड़ी ही देर में वो मुझे अपने तरफ खींच कर मुझे अपने ऊपर लेकर कस के पकड़ कर आहें भर रही थी. वो चुदासी सी बोल थी- अहह … हय … आह … चोद दो मुझे … और तेज पेल दो … आह आह आह जानू … और तेज हां … ऐसे ही आह और चोदो.
मैं भी गचागच उसे चोदे जा रहा था.
तभी वो एकदम से खुद को ऐंठते हुए झड़ गयी और उसने मुझे अपने ऊपर जकड़ सा लिया. वो हांफते हुए बोली- सही में यार तुम बहुत मस्त चुदाई करते हो … कभी मुंबई आओ, उधर की सारी लड़कियां तुम्हें चाहने लगेंगी और खूब चुदाई करवाएंगी.
मैं अभी भी उसके चुत को चोदे जा रहा था. कुछ देर बाद वो भी फिर से मुझे किस करने लगी और चुदाई के मज़े ले लेने लगी ‘आहह हह आसीई ईईइ प्लीज और ज़ोर से चोदो मेरी चूत को … आअहह फाड़ दो …’
मैं लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगा, जिसकी वजह से उसके चूचे ज़ोर ज़ोर से हिलने लगे. वो अब मेरी धकापेल चुदाई के दर्द से चीखने चिल्लाने लगी. लेकिन कुछ देर की चुदाई के बाद वो अपने चूतड़ों को उठा उठाकर मेरा लंड पूरा अन्दर लेने लगी.
कुछ मिनट के बाद मैं उसके अन्दर ही झड़ गया. मेरे लंड की तेज रगड़ से उसकी चुत से हल्का हल्का खून भी निकलने लगा था. मैं समझ गया कि इसने मेरे जितना लम्बा लंड अपनी चुत में अब तक नहीं लिया था.
कुछ देर बाद मैं उसके रूम से निक
उसने तुरंत आगे को होकर मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और लॉलीपॉप की तरह लंड चूसने लगी. मैं तो मानो जन्नत में था. कल रात में दीदी के मुँह में लंड चुसवा कर पानी उनके मुँह में छोड़ा था, अब उनकी सहेली के मुँह में मेरा लंड था.
दीदी की सहेली मेरा लंड चूसती रही … जिससे पूरे कमरे में लंड चुसाई की मधुर आवाजें छप छप छप … गूंज रही थीं. वो खेली खाई खिलाड़ी लग रही थी. कभी वो मेरा लंड चूमती, तो कभी काट लेती थी … वो तो ऐसे लंड चूस रही थी, मानो पूरा कर पूरा लंड खा ही जाएगी.
मुझे भी इतनी अधिक चुदास चढ़ रही थी कि मैं भी उसके सर को पकड़ कर मुँह चुदाई करने लगा. कुछ ही समय में मैं उसके मुँह में ही झड़ गया. मेरे लंड ने अपने पानी को उसके मुँह में डाल दिया, जिसे उसने अपनी जीभ से चटखारे लेते हुए एक एक कतरा चाट कर साफ़ कर दिया. फिर वो गांड हिलाते हुए बाथरूम में चली गई और अपना मुँह धो कर वापस आ गयी.
अब मैं उसको किस करते करते उसके कपड़े उठाने लगा. मैंने उसे बेड पर लिटा कर उसकी ब्रा को उतारने की बजाए फाड़ दिया … जिससे वो थोड़ी ग़ुस्सा सी हो गयी. वो बोली- मेरे पास ब्रा की दुकान नहीं है … जो मैं बदल बदल कर पहन लूँगी … अब तुम्हें ही बाजार जाकर मेरे लिए ब्रा लानी होगी.
तो मैं बोला- हां ठीक है ला दूंगा मेरी जान … अभी चोदने तो दो ठीक से …
मैं उसके 34 इंच के मम्मों को चूसने लगा, जिससे वो ‘आह आअह आह प्लीज़ आह …’ करते हुए मादक सीत्कार भरने लगी. मम्मों से मजा लेने के बाद मैं नीचे को होकर उसकी चुत पर आ गया. मैंने जैसे ही उसकी चूत पर हाथ लगाया … आह … क्या बताऊं यारों … उसकी चुत पर एक बाल तक नहीं था. एकदम चिकनी चमेली चूत थी और इस वक्त तो उसकी चुत पूरी की पूरी पानी हो रखी थी.
मैं जैसे ही नीचे चुत चाटने को हुआ तो वो बोली- जानू … नीचे अभी गन्दा है.
मैं बोला- मैं उसे ही तो चूसना चाहता हूँ.
वो बोली- नहीं … पहले जल्दी से अपना लंड डाल कर मेरी चुदाई करो … मुझे अभी बर्दाश्त नहीं हो रहा है.
मैं भी उसे जल्दी ही चोदना चाहता था. इसीलिए मैंने अपने लंड पर थूक लगा कर जैसे ही उसके चुत पर लंड रखा, उसकी चुत ने मेरे लंड के लिए अपना मुँह खोल दिया और लंड अन्दर ऐसे घुसता चला गया … जैसे मानो किसी आइसक्रीम पर चाकू घुसता चला गया हो.
साली की चूत एकदम गीली हो जाने के कारण लंड ने एकदम से अटैक कर दिया था.
हालांकि उसकी एक तेज चीख निकल गई ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ इसका कारण मेरे लंड की लम्बाई थी. फिर एक पल रुकने के बाद मैंने उसके पैर को अपने कंधे पर रखा और उसकी गांड में नीचे तकिया रख कर एक ही झटके में अपना पूरा का पूरा लंड अन्दर डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से धक्के देने शुरू कर दिए. वो आह भर कर कराहने लगी.
थोड़ी ही देर में वो मुझे अपने तरफ खींच कर मुझे अपने ऊपर लेकर कस के पकड़ कर आहें भर रही थी. वो चुदासी सी बोल थी- अहह … हय … आह … चोद दो मुझे … और तेज पेल दो … आह आह आह जानू … और तेज हां … ऐसे ही आह और चोदो.
मैं भी गचागच उसे चोदे जा रहा था.
तभी वो एकदम से खुद को ऐंठते हुए झड़ गयी और उसने मुझे अपने ऊपर जकड़ सा लिया. वो हांफते हुए बोली- सही में यार तुम बहुत मस्त चुदाई करते हो … कभी मुंबई आओ, उधर की सारी लड़कियां तुम्हें चाहने लगेंगी और खूब चुदाई करवाएंगी.
मैं अभी भी उसके चुत को चोदे जा रहा था. कुछ देर बाद वो भी फिर से मुझे किस करने लगी और चुदाई के मज़े ले लेने लगी ‘आहह हह आसीई ईईइ प्लीज और ज़ोर से चोदो मेरी चूत को … आअहह फाड़ दो …’
मैं लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगा, जिसकी वजह से उसके चूचे ज़ोर ज़ोर से हिलने लगे. वो अब मेरी धकापेल चुदाई के दर्द से चीखने चिल्लाने लगी. लेकिन कुछ देर की चुदाई के बाद वो अपने चूतड़ों को उठा उठाकर मेरा लंड पूरा अन्दर लेने लगी.
कुछ मिनट के बाद मैं उसके अन्दर ही झड़ गया. मेरे लंड की तेज रगड़ से उसकी चुत से हल्का हल्का खून भी निकलने लगा था. मैं समझ गया कि इसने मेरे जितना लम्बा लंड अपनी चुत में अब तक नहीं लिया था.
कुछ देर बाद मैं उसके रूम से निक
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.