03-12-2024, 11:17 AM
दीदी की सहेली को चोदा
।।
ह
जब मैं सुबह उठा, तो मैंने देखा दीदी और अरु नीचे चली गयी थीं. सुबह के 9 बजे चुके थे और मैं रात की बातें याद कर कर बहुत उदास था. साथ ही मुझे अपने ऊपर गुस्सा भी बहुत आ रहा था कि ये मैंने क्या कर दिया. मैंने अपनी दीदी से अपनी आंखें कैसे मिला पाऊँगा. अपनी शर्म के मारे मैं पानी पानी हो रहा था. फिर मैं उठ कर बाथरूम में चला गया. जैसे ही मैं बाहर आया, तभी दीदी अन्दर आईं. उनको देख कर मैंने शर्म के मारे अपना सर नीचे ही किये रखा.
दीदी शायद कुछ काम से अन्दर आयी थीं. उन्होंने भी मुझसे कोई बात नहीं की. मैं यही सब सोचता हुआ नीचे शादी के काम में लग गया. बीच बीच में मैं अपनी दीदी से आंखें भी मिला लेता था और वो भी मुझे देख कर मुस्कुरा देती थीं. पर मेरी हिम्मत नहीं हो पर रही थी कि मैं दीदी से कोई बात करूँ.
कुछ देर बाद मैंने देखा कि दीदी मेरी तरफ देख कर एक लड़की से बातें कर रही थीं. वो लड़की भी मेरी तरफ ही देख कर हंस रही थी. मैं कुछ समझा नहीं क्योंकि वो लड़की दीदी के ससुराल पक्ष की सहेली थी, जो भइया की शादी में आयी थी. उसका फिगर 34-30-32 का था. वह बहुत सेक्सी लग रही थी.
मैं ऐसे ही किसी काम से व्यस्त होकर घूम रहा था. तभी दीदी मेरे करीब आईं और बोलीं- पीहू, तुम बेबी को सामने वाले घर में शिफ्ट करवा दो.
उस लड़की का नाम बेबी था.
मैंने बोला- वहां पर क्यों?
तो दीदी बोलीं- यहां रूम कम हैं … तो अंकल ने कहा कि बेबी मेरे घर में जाकर रह सकती है … इसलिए ये वहां पर रेस्ट कर लेगी, तुम बस इसका सामान उधर रखवा दो.
दीदी से बात करके मुझे थोड़ा रात की बात से राहत सी मिली और अब मेरा ध्यान उस लड़की पर ठहर गया. मैं उस लड़की को ही देख रहा था. सच में क्या बताऊं, वो बहुत ही मस्त लड़की थी. उसका फिगर देख कर मेरा लंड हरकत में आ गया.
मैं उसे देख ही रहा था, तभी दीदी बोलीं- क्या देख रहे हो … जाओ इसे लेकर!
दीदी मुझसे बातें करने लगी थीं, पर मुझे अभी भी कुछ शर्म आ रही थी. इसलिए मैं उनसे आंखें नहीं मिला पा रहा था. पर दीदी की सहेलू बेबी मुझे ही देखे जा रही थी.
मैंने दीदी की बात मान कर उसका सामान अंकल के घर ले जाकर रख दिया और वापस जाने के लिए मुड़ा, तभी वो मुझे टोकते हुए बोली- तुम पीहू हो ना … निक्की के भाई?
मैंने बोला- हां …
फिर वो बोली- तुम मुझसे बातें क्यों नहीं कर रहे हो … मैं भी तो तुम्हारी बहन जैसी हूँ.
तो उसकी इस बात पर मैंने बोला- हां ये तो है ही.
वो बोली- हां … पर वो मत करना जो तुमने दीदी के साथ रात में किया था.
उसके इतना बोलते ही मैं सन्न रह गया और वो हंसने लगी. पर मुझे कुछ समझ में नहीं आया कि मेरी बहन इसको उस घटना के बारे में कैसे बता सकती है.
तब भी मैंने बात क्लियर करने के इरादे से उससे पूछा- मैंने क्या किया था?
वो बोली- वही … जो तुमने रात में निक्की के साथ किया था.
मैं समझ गया कि दीदी ने इससे सब कुछ बता दिया है, पर मैं अभी भी अनजान बना हुआ था. लेकिन मैं डर गया था, मेरी तो गांड फट गयी थी कि अब क्या होगा, अब सबको ये बात पता चल जाएगी.
तभी वो बोली- ओके तुम टेंशन मत लो … मैं किसी से कुछ नहीं कहूंगी, पर मेरी एक शर्त है?
मैंने बोला- मुझे तुम्हारी हर शर्त मंजूर है … पर प्लीज़ किसी को मत बोलना.
वो बोली- पहले शर्त सुन तो लो.
मैं बोला- हां बोलो.
तभी वो मुझसे बोली- तुमको भी मेरे साथ वैसा ही करना पड़ेगा, जैसे तुमने अपनी दीदी के साथ किया था.
मैं बोला- तुमको ये सब कैसे पता है कि मैंने अपनी दीदी के साथ क्या किया था?
इस पर वो बिंदास बोली- मुझे तुम्हारी बहन ने ही बताया है कि रात में मैंने अपने भाई का वर्जिन लंड अपने मुँह में लिया था, बहुत मज़ा आया था. उसकी ये बात सुनकर मैं तभी से तुमको पटाने की कोशिश कर रही थी, पर तुम हो कि सर नीचे किये ही चले जा रहे थे. इतने शर्मीले क्यों हो यार?
मैंने धीरे से बोला- कल रात जो मैंने किया था, वो गलती से हो गया. दीदी मुझे इस बात के लिए कभी माफ़ नहीं करेगी … इसलिए मैं दीदी से नज़रें नहीं मिला पा रहा था.
तो वो मेरी बात को अनसुना करते हुए बेशर्मी से बोली- मुझे निक्की ने बताया है कि तुम बहुत अच्छा चोद सकते हो … तुम्हारा लंड काफी बड़ा है.
अब मैंने भी उससे खुलते हुए कहा- हां पता है … पर आज तुम्हें भी पता चल जाएगा.
मैं इतना कह कर उसके करीब हो गया और बोला- क्यों क्या तुम मेरा लंड अभी ही लेने के लिए तैयार हो?
तो वो तुरंत मेरा लंड पैन्ट के अन्दर से पकड़ कर मसलने लगी. उसके स्पर्श से मेरा लंड तुरंत बड़ा हो गया, जिससे मेरे लंड ने पैन्ट में तम्बू बना लिया.
यह देख कर बेबी बोली- इसे जल्दी से बाहर निकालो … नहीं तो ये पैन्ट को फाड़ देगा.
मैं चुदासा सा बोला- तुम्हीं निकाल लो ना.
इतना कह कर मैं उसे किस करने लगा और वो भी मुझे पागलों की तरह किस करने लगी.
फिर वो घुटनों के बल पर बैठ कर मेरा लंड निकाल कर चूसने को जैसे ही हुयी, तभी दरवाजा पर किसी ने नॉक किया.
मैंने बोला- कौन है?
तो उधर से आवाज़ आयी- मैं हूँ!
मैं समझ गया कि ये आंटी की आवाज है. हम दोनों ने अपने कपड़े सही किये और मैंने आगे बढ़ कर दरवाजा खोला.
आंटी एकदम से बोलीं- क्या कर रहे थे?
मैं बोला- ये दीदी की सहेली है, इसको आपके घर का रूम दिखा रहा था.
आंटी उधर किसी काम से आयी थीं, कुछ देर बाद वो चली गईं.
आंटी के जाने के बाद मैं तुरंत दरवाजा बंद करके बेबी के रूम में चला गया, जहाँ बेबी भी मेरा इंतज़ार कर रही थी. मुझे देखते ही वो खड़ी हो गयी और मेरे पास आकर उसने मुझे गले से लगा लिया. उसके बड़े बड़े मम्मे मुझे मेरी छाती से दबते हुए महसूस हो रहे थे.
मैंने उसे बेडरूम में ले जाकर बेड पर पटक दिया और उसे किस करने लगा. वो भी चुदासी सी हो गई थी. वो जल्दी जल्दी मेरे कपड़े खोलने लगी.
आज यह मेरे जीवन का पहला सेक्स होने जा रहा था, जहाँ लड़की को मैं हीरो की तरह चोदने वाला था.
दीदी शायद कुछ काम से अन्दर आयी थीं. उन्होंने भी मुझसे कोई बात नहीं की. मैं यही सब सोचता हुआ नीचे शादी के काम में लग गया. बीच बीच में मैं अपनी दीदी से आंखें भी मिला लेता था और वो भी मुझे देख कर मुस्कुरा देती थीं. पर मेरी हिम्मत नहीं हो पर रही थी कि मैं दीदी से कोई बात करूँ.
कुछ देर बाद मैंने देखा कि दीदी मेरी तरफ देख कर एक लड़की से बातें कर रही थीं. वो लड़की भी मेरी तरफ ही देख कर हंस रही थी. मैं कुछ समझा नहीं क्योंकि वो लड़की दीदी के ससुराल पक्ष की सहेली थी, जो भइया की शादी में आयी थी. उसका फिगर 34-30-32 का था. वह बहुत सेक्सी लग रही थी.
मैं ऐसे ही किसी काम से व्यस्त होकर घूम रहा था. तभी दीदी मेरे करीब आईं और बोलीं- पीहू, तुम बेबी को सामने वाले घर में शिफ्ट करवा दो.
उस लड़की का नाम बेबी था.
मैंने बोला- वहां पर क्यों?
तो दीदी बोलीं- यहां रूम कम हैं … तो अंकल ने कहा कि बेबी मेरे घर में जाकर रह सकती है … इसलिए ये वहां पर रेस्ट कर लेगी, तुम बस इसका सामान उधर रखवा दो.
दीदी से बात करके मुझे थोड़ा रात की बात से राहत सी मिली और अब मेरा ध्यान उस लड़की पर ठहर गया. मैं उस लड़की को ही देख रहा था. सच में क्या बताऊं, वो बहुत ही मस्त लड़की थी. उसका फिगर देख कर मेरा लंड हरकत में आ गया.
मैं उसे देख ही रहा था, तभी दीदी बोलीं- क्या देख रहे हो … जाओ इसे लेकर!
दीदी मुझसे बातें करने लगी थीं, पर मुझे अभी भी कुछ शर्म आ रही थी. इसलिए मैं उनसे आंखें नहीं मिला पा रहा था. पर दीदी की सहेलू बेबी मुझे ही देखे जा रही थी.
मैंने दीदी की बात मान कर उसका सामान अंकल के घर ले जाकर रख दिया और वापस जाने के लिए मुड़ा, तभी वो मुझे टोकते हुए बोली- तुम पीहू हो ना … निक्की के भाई?
मैंने बोला- हां …
फिर वो बोली- तुम मुझसे बातें क्यों नहीं कर रहे हो … मैं भी तो तुम्हारी बहन जैसी हूँ.
तो उसकी इस बात पर मैंने बोला- हां ये तो है ही.
वो बोली- हां … पर वो मत करना जो तुमने दीदी के साथ रात में किया था.
उसके इतना बोलते ही मैं सन्न रह गया और वो हंसने लगी. पर मुझे कुछ समझ में नहीं आया कि मेरी बहन इसको उस घटना के बारे में कैसे बता सकती है.
तब भी मैंने बात क्लियर करने के इरादे से उससे पूछा- मैंने क्या किया था?
वो बोली- वही … जो तुमने रात में निक्की के साथ किया था.
मैं समझ गया कि दीदी ने इससे सब कुछ बता दिया है, पर मैं अभी भी अनजान बना हुआ था. लेकिन मैं डर गया था, मेरी तो गांड फट गयी थी कि अब क्या होगा, अब सबको ये बात पता चल जाएगी.
तभी वो बोली- ओके तुम टेंशन मत लो … मैं किसी से कुछ नहीं कहूंगी, पर मेरी एक शर्त है?
मैंने बोला- मुझे तुम्हारी हर शर्त मंजूर है … पर प्लीज़ किसी को मत बोलना.
वो बोली- पहले शर्त सुन तो लो.
मैं बोला- हां बोलो.
तभी वो मुझसे बोली- तुमको भी मेरे साथ वैसा ही करना पड़ेगा, जैसे तुमने अपनी दीदी के साथ किया था.
मैं बोला- तुमको ये सब कैसे पता है कि मैंने अपनी दीदी के साथ क्या किया था?
इस पर वो बिंदास बोली- मुझे तुम्हारी बहन ने ही बताया है कि रात में मैंने अपने भाई का वर्जिन लंड अपने मुँह में लिया था, बहुत मज़ा आया था. उसकी ये बात सुनकर मैं तभी से तुमको पटाने की कोशिश कर रही थी, पर तुम हो कि सर नीचे किये ही चले जा रहे थे. इतने शर्मीले क्यों हो यार?
मैंने धीरे से बोला- कल रात जो मैंने किया था, वो गलती से हो गया. दीदी मुझे इस बात के लिए कभी माफ़ नहीं करेगी … इसलिए मैं दीदी से नज़रें नहीं मिला पा रहा था.
तो वो मेरी बात को अनसुना करते हुए बेशर्मी से बोली- मुझे निक्की ने बताया है कि तुम बहुत अच्छा चोद सकते हो … तुम्हारा लंड काफी बड़ा है.
अब मैंने भी उससे खुलते हुए कहा- हां पता है … पर आज तुम्हें भी पता चल जाएगा.
मैं इतना कह कर उसके करीब हो गया और बोला- क्यों क्या तुम मेरा लंड अभी ही लेने के लिए तैयार हो?
तो वो तुरंत मेरा लंड पैन्ट के अन्दर से पकड़ कर मसलने लगी. उसके स्पर्श से मेरा लंड तुरंत बड़ा हो गया, जिससे मेरे लंड ने पैन्ट में तम्बू बना लिया.
यह देख कर बेबी बोली- इसे जल्दी से बाहर निकालो … नहीं तो ये पैन्ट को फाड़ देगा.
मैं चुदासा सा बोला- तुम्हीं निकाल लो ना.
इतना कह कर मैं उसे किस करने लगा और वो भी मुझे पागलों की तरह किस करने लगी.
फिर वो घुटनों के बल पर बैठ कर मेरा लंड निकाल कर चूसने को जैसे ही हुयी, तभी दरवाजा पर किसी ने नॉक किया.
मैंने बोला- कौन है?
तो उधर से आवाज़ आयी- मैं हूँ!
मैं समझ गया कि ये आंटी की आवाज है. हम दोनों ने अपने कपड़े सही किये और मैंने आगे बढ़ कर दरवाजा खोला.
आंटी एकदम से बोलीं- क्या कर रहे थे?
मैं बोला- ये दीदी की सहेली है, इसको आपके घर का रूम दिखा रहा था.
आंटी उधर किसी काम से आयी थीं, कुछ देर बाद वो चली गईं.
आंटी के जाने के बाद मैं तुरंत दरवाजा बंद करके बेबी के रूम में चला गया, जहाँ बेबी भी मेरा इंतज़ार कर रही थी. मुझे देखते ही वो खड़ी हो गयी और मेरे पास आकर उसने मुझे गले से लगा लिया. उसके बड़े बड़े मम्मे मुझे मेरी छाती से दबते हुए महसूस हो रहे थे.
मैंने उसे बेडरूम में ले जाकर बेड पर पटक दिया और उसे किस करने लगा. वो भी चुदासी सी हो गई थी. वो जल्दी जल्दी मेरे कपड़े खोलने लगी.
आज यह मेरे जीवन का पहला सेक्स होने जा रहा था, जहाँ लड़की को मैं हीरो की तरह चोदने वाला था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.