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दीदी की सहेली को उनकी शादी में चोदा
#3
शादी में आई लड़की के साथ छत पे चुदाई की 

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मेरे चचेरे भाई की फरवरी में शादी थी। तो ढेर सारे कॉमन गेस्ट उनके यहाँ और मेरे यहाँ भी आये थे। गेस्ट इतने थे कि अकेले उनके घर पे जगह कम ही पड़ जा रही थी सभी के लिए।

उनके घर मे कई खूबसूरत खूबसूरत लड़कियां भी आई थी। जो कभी मेरे घर तो कभी उनके घर आना जाना लगा रखी थी। उनके सबको तो मैं पर्सनली जानता भी नही था। बीच बीच मे किसी बात पे हंसी मजाक भी घर मे होता रहता था खूब मन लग रहा था।

मैं यही सोचता कि ये सारी लड़कियां मेरे ही घर रुके बाकी बुजुर्गों को उनके घर रात में रुकाउ। पर मेरे बस में कुछ था नही बस इत्तिफाक ही हो सकता था। अब बात आई तिलक वाले दिन की।
तो रिश्तेदार जो अभी तक बचे थे वो सब भी आ गए।


तो इतनी भीड़ हो गई कि कौन लड़की कहाँ है कोई किसी को खबर तक नही ले रहा था। ऐसे ही तिलक वाली रात में सब प्रोग्राम अच्छे से बीत गया खाना पीना अब हो गया। मैं भी थक गया था तो मेरे भी छत पे टेंट लगा था।

चुप चाप से जाके टेंट में एक गद्दा नीचे पड़ा था थोड़ा लेट गया। मोबाइल में कुछ देखने लगा।
तभी मैंने देखा ऊपर दो लड़कियां आई और एक लड़की फ़ोन पे किसी से बात करने लगी। मैं थोड़ा अंधेरे में था तो किसी की नजर मुझपे नही पड़ रही थी।


दूसरी वाली लड़की जहां से छत का पानी निकलता है बारिस का वहां पे वो अपना सलवार उतार के सुसु करने बैठ गई। अचानक से मैं देख के उठ गया कि कहीं मैं ही न गलत साबित हो जाऊं बाद में।पर जहां वो दोनों थी वहां उजाला था और हम अंधेरे में थे तो वो नही देख पा रही थीं।

मैंने उसकी गोरी गोरी गांड देखी तो मेरा रोम रोम खिल गया। वो उठी अपने कपड़े ठीक कर ही रही थी। कि फ़ोन वाली लड़की भी तक तक आके लोवर चड्ढी खिसका के बैठ गई सुसु करने। उसने लोवर पहनी थी और स्वेटर।



तो उसकी गांड कुछ ज्यादा ही दिखी सुसु करने पे लाइट में साइड से। मैं चुप चाप से देख रहा था सब बिना हिले हुए। मेरा बहुत कुछ होने लगा था बस खुद पे कन्ट्रोल किया जैसे तैसे। उन दोनों की उम्र लगभग 20, 22 तक रही होगी।

इसलिए दोस्तो समझो कि उनके फिगर भी एकदम हॉट एकदम सेक्सी लग रहे थे।दोनों गोरी थी।
पर मैं उस टाइम अगर कुछ बोलता तो पक्का वो लड़किया कभी न पट पाती हमसे। कुछ देर बात करके वो चली गई नीचे।


10 मिनट रुक के मैं भी नीचे आ गया लगभग आधे घण्टे तक बाहर सब सामान समेटवा के सब सोने की तैयारी करने लगे। जिसको जहाँ जगह मिलती अपनी सीट रिजर्व कर ले रहा था। मैं नीचे आ के देखा तो वो दोनों लडकिया मेरे ही कमरे में थी।

मम्मी भी थी मेरी वही और एक दो लेडीज और भी थी। वो दोनों मेरी बुक्स को उलटना पलटना चालू कर दिया। मैं सब देख रहा था। वो मम्मी से बोली, “कि मौशी ये बुक्स किसकी है?” तो मम्मी ने मेरी तरफ इशारा करते हुए मेरा नाम उन्हें बताया।

वो मुझे देख के चुप चाप बैठ गई अचानक से। वो दोनों काफी चुस्त और सेक्सी माल नजर आती थी दूर से ही। और जब पास गए अपने रूम में तो देखा कि उसमे से एक लड़की की लिप्स नेचुरल ब्लैक से थे। वो मुझे भी देखी मैं भी उसे देखा वो मुझे पसन्द आ गई मेरे लिए।

पर ना नाम जानते थे न कुछ और। तो सोचने लगे क्या करें अब हम उसको पाने के लिए। तभी जिस भाई की शादी थी वो उन दोनों को खोजते खोजते आया। और हमसे पूंछा, “भइया पारुल और महिमा है क्या? उनको मम्मी बुला रही है।“

तब पता चला कि मेरी वाली का नाम महिमा था। मैं नाम जान के खुस हुआ। पर वो चली गई तो मुझे अच्छा नही लगा। मैं सोच रहा था कि कुछ ऐसा हो जाये कि वो आज मेरे घर आये सोने।
मैं मायूस होकर छत पे टहलने चला गया। मोबीइल में रील्स देखने लगा यूं ही।


फिर थोड़ी देर बाद थोड़ी हलचल सी हुई तो देखा कि सीढियों से एक दो बुजुर्ग दादी लोग और एक छोटा लड़का ऊपर आये। और ऊपर ही टेंट के अंदर गद्दा निकाल के लगाने लगे। मैं सब देख रहा था तो आके बाद में हेल्प करने लगा। क्योंकि मेरे ही घर आई थी सब तो फर्ज भी था मेरा।

उनमे से एक दादी को मैं जानता था। वो बोली हमसे, “नीरज बेटा पढ़ाई ठीक चल रही है?” तो हमने हां बोलके बात खत्म की। और नीचे से उनके लिए रजाई लेने जाने लगाहै तो देखा कि महिमा नीचे से रजाई लेके ऊपर आ रही थी। मैं भी उसकी हेल्प करने लगाहै

बोला, “महिमा रुको मैं निकाल देता हूँ। तो आप हमारे साथ मे एक साथ पकड़ के चलना।“ वो बोली ठीक है। एक साथ 6 रजाई जानबूझ के निकाल दिए और साथ मे पकड़ के ऊपर जाने लगे।बीच मे बोली, “काफी भारी नही है।“

मै बोला, “तभी तो आपकी हेल्प कर रहे वरना अकेले ले जाती।“ तो वो हंस पड़ी तो मुझे अच्छा लगा कि चलो कुछ तो बात हुई। फिलहाल हम रजाई लेके गए दादी लोग को दिए। और उनमे से एक महिमा की सगी दादी थी। तो वो उनका पैर दबाने लग गई तो मैं भी पास में बैठ गया।

मैं, उसकी दादी और महिमा बाते करने लगे। बाते करते करते दादी उसकी सो ही गई और फिर हम ही दोनों बातों में लगे रहे। थोड़ी देर बाद उसे भी वही सोना था। तो वो उठी और नीचे गई और वापस 5 मिनट में आई।

मैं समझ गया कि अभी मेरे सामने तो यहाँ सुसु नही करने वाली थी इसिलिए नीचे होके  आई।
मैं वही बैठा रहा वो आई और लास्ट में जहां जगह थी लेटने लगी। तो हमसे बोली, “आप कहाँ लेटेंगे नीचे तो पूरा कमरा भरा है। आपका भी कही जगह नही है तभी तो हम सब भी ऊपर आये।“


मुझे ऐसा लगा जैसे वो चाहती है मैं छत पे ही लेट जाऊ उसके बगल गद्दा लगा के। तो मैं बोला, “देखता हूं कहीं जगह मिले तो।“ और फिर वो रजाई ओढ़ ली। मैं नीचे गया लेकिन कही जगह न मिली तो वापस एक गद्दा और रजाई लेके ऊपर आ गया।

सब गहरी नींद में सो गए थे हम दोनों को छोड़ के।मैं टेंट के बाहर गद्दा लगाने लगा तो वो उठ के मेरे पास आई। बोली, “ठंड में बाहर क्यों लगा रहे? टेंट में लगाओ वरना बीमार हो जाओगे।“
वैसे मैं भी बस यही चाहता था मन ही मन और वही सब हो रहा था।

वो मेरा गद्दा उठा के अपने बगल लगा दी। मैं उसको थैंक्स बोला और बोला कि मैं कपड़े बदलके आता हूं। महिमा वो बोली, “ठीक है और ऊपर छत की लाइट भी ऑफ कर देना प्लीज़।“ मै कपड़े बदल के लाइट ऑफ करके ऊपर आ गया और मोबाइल की टोर्च जलाके अपनी जगह पे लेट गया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: शादी में गया था, बगल में सोई को पूरी रात चोदा - by neerathemall - 02-12-2024, 11:30 AM



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