01-12-2024, 12:23 PM
(This post was last modified: 17-02-2025, 01:14 PM by neerathemall. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
अब मैंने भाभी की दीदी को चोदने का प्लान किया। उस दिन मेरे घर पर कोई नहीं था। अब मैंने दीदी से मेरे घर पर चाय के लिए चलने के लिए कहा। तभी दीदी ना नुकुर करने के बाद तैयार हो गई। हमारा घर साइड में था, तो दीदी कोई ज्यादा रिस्क नहीं लगी। अब मैं ज्योति दीदी को लेकर मेरे घर पर आ गया। तभी मैं दीदी को मेरे कमरे में ले गया, और उनकी गांड पर हाथ फेरने लगा।
“बहुत ही मस्त गांड है दीदी।”
तभी दीदी मुस्कुराने लगी। अब मैंने तुरंत दीदी को मेरी बाहों में भर लिया, और उनके रसीले होंठो पर ज़ोरदार हमला कर दिया। मैं दीदी की गांड को पकड़ कर उनके रसीले गुलाबी होंठो पर टूट पड़ा। दीदी भी भूखी शेरनी की तरह मेरे होंठो को खा रही थी। दोनों जिस्मों में बराबर आग लगी थी।तभी मैं दीदी की कसी हुई गांड कसने लगा।
“आह्ह बहुत ही सेक्सी बिंदास गांड थी दीदी की।”
मैं दीदी के होंठो को चूसते हुए उनकी गांड को मसल रहा था। दीदी मेरे होंठों के साथ बंधी हुई थी। मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। तभी मैंने दीदी के बूब्स बुरी तरह से मसल दिए। अब गांड, बोबे, और होंठ रगड़ाई से दीदी बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी। अब दीदी को पलंग की सख्त जरूरत महसूस हो रही थी। तभी मैंने दीदी को उठा कर पलंग पर पटक दिया। अब मैंने दीदी की चड्डी खोली, और उनकी झांटों से भरी चूत में लंड लगा दिया। अब मैं दीदी को बजाने लगा। तभी दीदी मेरे लंड के तूफान में उड़ने लगी।
“आईईईईई मम्मी। मर्रर्रर्रर्र गईईईई। आईईईईई आईईईईईए ओह रोहित बहुत दर्द हो रहा है। आईईईईई।”
“ओह्ह्ह दीदी, आहा।”
“आह आहा आईईईई आईईईई उन्ह्ह्ह सिस्सस्स आहा आहा।”
“ओह्ह्ह दीदी बहुत प्यासी है आपकी चूत तो आह।”
मेरा लंड दीदी की चूत की गहराई में जाकर बैठ रहा था। दीदी को मेरा मोटा तगड़ा लंड बहुत भारी पड़ रहा था।
“आह आह आह आईईईई उन्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह रोहित। आहा आहा आईईईई सिसस्सस्सस।”
मेरा मोटा तगड़ा लंड दीदी की चूत में अंदर बाहर हो रहा था। दीदी भयंकर दर्द से चिल्ला रही थी।
“आईईईई आई आईईईई ओह रोहित मत चोद आईईईईई।”
“चोदने दो दीदी। आपको मोटे तगड़े लंड की बहुत ज्यादा ज़रूरत है।”
“आह आह उन्ह्ह्ह्ह आईईईई सिस्सस्स।”
मुझे तो दीदी को चोदने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मैं दीदी की दोनों टांगे फैला कर उन्हें बुरी तरह से चोद रहा था। मेरा लंड दीदी की चूत में तगड़ा घमासान मचा रहा था। दर्द के मारे दीदी की गांड फट रही थी।
“आईईईईई आईईईई आईईईई बहुत तगड़ा लंड है रोहित तेरा तो। ओह बहुत दर्द हो रहा है लेकिन मज़ा भी आ रहा है चुदाने में।”
“क्या कभी आप इतने बड़े लंड से नहीं चुदी हो क्या दीदी?”
“नहीं चुदी हूं यार। आईईईई आईईईईई सिसस्ससस्स।”
“तो फिर आज तबियत से ही चुद लो दीदी। भूल जाओ दर्द को।”
मैं झमाझम दीदी को बजा रहा था। अब धीरे-धीरे दीदी का दर्द कम होने लगा था। अब उनके मुंह से मादक सिस्कारियां निकलने लगी थी। तभी दीदी पसीने से भीगने लगी, और कुछ ही देर में दीदी की चूत में उबाल आ गया। फिर कुछ पलों में ही दीदी का पानी निकल गया। दीदी बुरी तरह से झड़ चुकी थी। उनकी चूत बुरी तरह से पानी-पानी हो चुकी थी। अब मैं झट से नीचे आया, और उनकी गरमा गर्म चूत पर मुंह रख दिया।अब मैं भाभी की दीदी की चूत चाटने लगा।तभी दीदी सिरसिराने लगी।
“ओह्ह्ह्ह आहह, बहुत प्यासी हूं मैं। उन्ह्ह्ह्ह खूब चाट मेरी चूत को। उन्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह रोहित। आहा बहुत मजा आ रहा है, आहा।”
मैं दीदी की चूत को कस कर चाट रहा था।
“ओह रोहित, उन्ह सिससस्स ओह आराम से, उन्ह्ह्ह्ह सिस्सस्स।”
अब दीदी को खुद को कंट्रोल करना ही मुश्किल हो रहा था।
“ओह रोहित उन्ह सिसस्ससस्स।”
तभी दीदी ने मेरे मुंह को उनकी चूत पर दबा दिया, और उनकी चूत में उबाल आ गया। अब मैं दीदी के पानी को चाट रहा था। दीदी के पानी को चाटने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
“ओह रोहित आह्ह सिससस्स।”
अब दीदी मेरे बालों को पकड़े हुए उनकी चूत चटवा रही थी। फिर मैंने दीदी की चूत चाट डाली।
अब मैंने दीदी की साड़ी और पेटीकोट खोल फेंका, और उनको नीचे से नंगी कर दिया। अब मैंने दीदी की चूत में लंड टिकाया, और उन्हें जम कर चोदने लगा।
“ओह्ह्ह्ह ज्योति, आहा।”
“आह आहा आईईईई सिस्सस्स आहा।”
अब मैंने दीदी को फोल्ड कर दिया। अब मैं पलंग पर खड़ा होकर दीदी की चूत में झमाझम लंड पेलने लगा।
“आह्ह आह्ह सिससस्स आहा ओह रोहित बहुत मज़ा आ रहा है। आह जम कर चोद मुझे। फाड़ दे मेरी चूत को। आह सिससस्स उन्ह।”
“हां ज्योति तेरी चूत को आज फाड़ ही दूंगा।”
“आहा आह आईईईई आहा आहा उह्ह्ह्ह मम्मी सिसासस्स आहाहहा।”
“ओह दीदी आह्ह बहुत मस्त माल हो आप। आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है आपको बजाने में, आह्ह।”
“ओह रोहित मेरी चूत की गर्मी शांत कर दे। आह्ह और ज़ोर-ज़ोर से चोद मुझे।”
“हां दीदी, ये लो।”
मेरा मोटा तगड़ा लंड दीदी की चूत में अंतिम छोर तक दस्तक दे रहा था। मैं दीदी की चूत में ज़ोर-ज़ोर से झटके मार रहा था।दीदी की दोनो टांगे फोल्ड होकर पीछे हो चुकी थी।
“ओह सिससस्स आह्ह आह्ह आईईईईई आहाहाह ओह उन्ह ओह सिसस्ससस्स। ओह बससस्स ऐसे ही चोदे जा। आह्ह आहा।”
अब दीदी को चुदाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। वो चूत खोल कर मस्ती से लंड ठुकवा रही थी। मैं भी दीदी को जम कर पेल रहा था। दीदी आज उनकी प्यास बुझाना चाहती थी।
“ओह रोहित उन्ह बहुत मस्त चोदता है तू। आह्ह आह बससस्स पेले जा मुझे।”
“हां दीदी पेल रहा हूं।”
दोस्तों अगर औरत की चूत लंड लेने के लिए फड़क रही हो, और उसे सही जगह मौका मिल जाये, तो फिर औरत जम कर चुदती है। और ये ही दीदी कर रही थी। वो जम कर लंड ले रही थी।
तभी ताबड़-तोड़ ठुकाई से दीदी का पानी निकल गया। फिर मैंने बहुत देर तक दीदी को फोल्ड कर बजाया।
अब मैंने दीदी को पलंग पर पटका, और दीदी के ब्लाऊज के हुक खोल उनके ब्लाऊज को खोल फेंका। अब दीदी के बड़े-बड़े टाईट बोबे मेरे सामने नंगे हो चुके थे। दीदी के मस्त खजाने को देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया। तभी मैं दीदी के बोबों पर टूट पड़ा और उन्हें मुट्ठियों में भरकर बुरी तरह से भींचने लगा।
“आह्ह सिससस्स आहा उन्ह ओह ।”
“ओह दीदी आपकी बहिन से भी मस्त चूचे है आपके आह्ह। आज तो मेरी किस्मत खुल गई।”
“ओह रोहित धीरे-धीरे दबा यार। दर्द हो रहा है, आह्ह, सिससस्स।”
“ओह दबाने दो दीदी। मना मत करो।”
तभी दीदी चुप हो गई। मैं दीदी के बोबों को बुरी तरह से तोड़-मरोड़ रहा था। दीदी दर्द के मारे हाथ पैरों को इधर-उधर पटक रही थी।
“ओह आह सिससस्स आह्ह उन्ह।”
फिर मैंने दीदी के बोबों को मसल-मसल कर लाल कर दिया। अब मैंने दीदी के बोबों को मुंह में लिया और फिर दीदी के बोबों को चूसने लग गया। आह्ह! क्या जबरदस्त टेस्ट था दीदी के बोबों में। आह्ह मैं तो पागल हो रहा था यारों।”
मैं झटके दे देकर दीदी के बोबों को चूस रहा था। इधर अब दीदी मुझे उनके बोबों पर दबा रही थी। मैं दे दना दन दीदी के बोबों को लूट रहा था।
“उन्ह आह्ह, बहुत मज़ा आ रहा है दीदी आह्ह।”
“ओह रोहित खूब रगड़ कर चूस आह्ह। बहुत रस भरा है इनमें, आह्ह।”
“हां दीदी पूरा रस पी जाऊंगा आज इनका।”
मैं ज़ोर-ज़ोर से झटके मार-मार कर दीदी के बोबे चूस रहा था। दीदी के बड़े-बड़े बोबे चूसने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। दीदी उनके बोबों को लुटा रही थी। मैं दीदी के बोबों की जम कर लंका लूट रहा था।
“ओह दीदी उन्ह सिसस्ससस्स।”
मैं दीदी के बोबों को रगड़े जा रहा था। फिर मैंने दीदी के खजाने को निचोड़ डाला।
“बहुत ही मस्त गांड है दीदी।”
तभी दीदी मुस्कुराने लगी। अब मैंने तुरंत दीदी को मेरी बाहों में भर लिया, और उनके रसीले होंठो पर ज़ोरदार हमला कर दिया। मैं दीदी की गांड को पकड़ कर उनके रसीले गुलाबी होंठो पर टूट पड़ा। दीदी भी भूखी शेरनी की तरह मेरे होंठो को खा रही थी। दोनों जिस्मों में बराबर आग लगी थी।तभी मैं दीदी की कसी हुई गांड कसने लगा।
“आह्ह बहुत ही सेक्सी बिंदास गांड थी दीदी की।”
मैं दीदी के होंठो को चूसते हुए उनकी गांड को मसल रहा था। दीदी मेरे होंठों के साथ बंधी हुई थी। मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। तभी मैंने दीदी के बूब्स बुरी तरह से मसल दिए। अब गांड, बोबे, और होंठ रगड़ाई से दीदी बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी। अब दीदी को पलंग की सख्त जरूरत महसूस हो रही थी। तभी मैंने दीदी को उठा कर पलंग पर पटक दिया। अब मैंने दीदी की चड्डी खोली, और उनकी झांटों से भरी चूत में लंड लगा दिया। अब मैं दीदी को बजाने लगा। तभी दीदी मेरे लंड के तूफान में उड़ने लगी।
“आईईईईई मम्मी। मर्रर्रर्रर्र गईईईई। आईईईईई आईईईईईए ओह रोहित बहुत दर्द हो रहा है। आईईईईई।”
“ओह्ह्ह दीदी, आहा।”
“आह आहा आईईईई आईईईई उन्ह्ह्ह सिस्सस्स आहा आहा।”
“ओह्ह्ह दीदी बहुत प्यासी है आपकी चूत तो आह।”
मेरा लंड दीदी की चूत की गहराई में जाकर बैठ रहा था। दीदी को मेरा मोटा तगड़ा लंड बहुत भारी पड़ रहा था।
“आह आह आह आईईईई उन्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह रोहित। आहा आहा आईईईई सिसस्सस्सस।”
मेरा मोटा तगड़ा लंड दीदी की चूत में अंदर बाहर हो रहा था। दीदी भयंकर दर्द से चिल्ला रही थी।
“आईईईई आई आईईईई ओह रोहित मत चोद आईईईईई।”
“चोदने दो दीदी। आपको मोटे तगड़े लंड की बहुत ज्यादा ज़रूरत है।”
“आह आह उन्ह्ह्ह्ह आईईईई सिस्सस्स।”
मुझे तो दीदी को चोदने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मैं दीदी की दोनों टांगे फैला कर उन्हें बुरी तरह से चोद रहा था। मेरा लंड दीदी की चूत में तगड़ा घमासान मचा रहा था। दर्द के मारे दीदी की गांड फट रही थी।
“आईईईईई आईईईई आईईईई बहुत तगड़ा लंड है रोहित तेरा तो। ओह बहुत दर्द हो रहा है लेकिन मज़ा भी आ रहा है चुदाने में।”
“क्या कभी आप इतने बड़े लंड से नहीं चुदी हो क्या दीदी?”
“नहीं चुदी हूं यार। आईईईई आईईईईई सिसस्ससस्स।”
“तो फिर आज तबियत से ही चुद लो दीदी। भूल जाओ दर्द को।”
मैं झमाझम दीदी को बजा रहा था। अब धीरे-धीरे दीदी का दर्द कम होने लगा था। अब उनके मुंह से मादक सिस्कारियां निकलने लगी थी। तभी दीदी पसीने से भीगने लगी, और कुछ ही देर में दीदी की चूत में उबाल आ गया। फिर कुछ पलों में ही दीदी का पानी निकल गया। दीदी बुरी तरह से झड़ चुकी थी। उनकी चूत बुरी तरह से पानी-पानी हो चुकी थी। अब मैं झट से नीचे आया, और उनकी गरमा गर्म चूत पर मुंह रख दिया।अब मैं भाभी की दीदी की चूत चाटने लगा।तभी दीदी सिरसिराने लगी।
“ओह्ह्ह्ह आहह, बहुत प्यासी हूं मैं। उन्ह्ह्ह्ह खूब चाट मेरी चूत को। उन्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह रोहित। आहा बहुत मजा आ रहा है, आहा।”
मैं दीदी की चूत को कस कर चाट रहा था।
“ओह रोहित, उन्ह सिससस्स ओह आराम से, उन्ह्ह्ह्ह सिस्सस्स।”
अब दीदी को खुद को कंट्रोल करना ही मुश्किल हो रहा था।
“ओह रोहित उन्ह सिसस्ससस्स।”
तभी दीदी ने मेरे मुंह को उनकी चूत पर दबा दिया, और उनकी चूत में उबाल आ गया। अब मैं दीदी के पानी को चाट रहा था। दीदी के पानी को चाटने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
“ओह रोहित आह्ह सिससस्स।”
अब दीदी मेरे बालों को पकड़े हुए उनकी चूत चटवा रही थी। फिर मैंने दीदी की चूत चाट डाली।
अब मैंने दीदी की साड़ी और पेटीकोट खोल फेंका, और उनको नीचे से नंगी कर दिया। अब मैंने दीदी की चूत में लंड टिकाया, और उन्हें जम कर चोदने लगा।
“ओह्ह्ह्ह ज्योति, आहा।”
“आह आहा आईईईई सिस्सस्स आहा।”
अब मैंने दीदी को फोल्ड कर दिया। अब मैं पलंग पर खड़ा होकर दीदी की चूत में झमाझम लंड पेलने लगा।
“आह्ह आह्ह सिससस्स आहा ओह रोहित बहुत मज़ा आ रहा है। आह जम कर चोद मुझे। फाड़ दे मेरी चूत को। आह सिससस्स उन्ह।”
“हां ज्योति तेरी चूत को आज फाड़ ही दूंगा।”
“आहा आह आईईईई आहा आहा उह्ह्ह्ह मम्मी सिसासस्स आहाहहा।”
“ओह दीदी आह्ह बहुत मस्त माल हो आप। आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है आपको बजाने में, आह्ह।”
“ओह रोहित मेरी चूत की गर्मी शांत कर दे। आह्ह और ज़ोर-ज़ोर से चोद मुझे।”
“हां दीदी, ये लो।”
मेरा मोटा तगड़ा लंड दीदी की चूत में अंतिम छोर तक दस्तक दे रहा था। मैं दीदी की चूत में ज़ोर-ज़ोर से झटके मार रहा था।दीदी की दोनो टांगे फोल्ड होकर पीछे हो चुकी थी।
“ओह सिससस्स आह्ह आह्ह आईईईईई आहाहाह ओह उन्ह ओह सिसस्ससस्स। ओह बससस्स ऐसे ही चोदे जा। आह्ह आहा।”
अब दीदी को चुदाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। वो चूत खोल कर मस्ती से लंड ठुकवा रही थी। मैं भी दीदी को जम कर पेल रहा था। दीदी आज उनकी प्यास बुझाना चाहती थी।
“ओह रोहित उन्ह बहुत मस्त चोदता है तू। आह्ह आह बससस्स पेले जा मुझे।”
“हां दीदी पेल रहा हूं।”
दोस्तों अगर औरत की चूत लंड लेने के लिए फड़क रही हो, और उसे सही जगह मौका मिल जाये, तो फिर औरत जम कर चुदती है। और ये ही दीदी कर रही थी। वो जम कर लंड ले रही थी।
तभी ताबड़-तोड़ ठुकाई से दीदी का पानी निकल गया। फिर मैंने बहुत देर तक दीदी को फोल्ड कर बजाया।
अब मैंने दीदी को पलंग पर पटका, और दीदी के ब्लाऊज के हुक खोल उनके ब्लाऊज को खोल फेंका। अब दीदी के बड़े-बड़े टाईट बोबे मेरे सामने नंगे हो चुके थे। दीदी के मस्त खजाने को देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया। तभी मैं दीदी के बोबों पर टूट पड़ा और उन्हें मुट्ठियों में भरकर बुरी तरह से भींचने लगा।
“आह्ह सिससस्स आहा उन्ह ओह ।”
“ओह दीदी आपकी बहिन से भी मस्त चूचे है आपके आह्ह। आज तो मेरी किस्मत खुल गई।”
“ओह रोहित धीरे-धीरे दबा यार। दर्द हो रहा है, आह्ह, सिससस्स।”
“ओह दबाने दो दीदी। मना मत करो।”
तभी दीदी चुप हो गई। मैं दीदी के बोबों को बुरी तरह से तोड़-मरोड़ रहा था। दीदी दर्द के मारे हाथ पैरों को इधर-उधर पटक रही थी।
“ओह आह सिससस्स आह्ह उन्ह।”
फिर मैंने दीदी के बोबों को मसल-मसल कर लाल कर दिया। अब मैंने दीदी के बोबों को मुंह में लिया और फिर दीदी के बोबों को चूसने लग गया। आह्ह! क्या जबरदस्त टेस्ट था दीदी के बोबों में। आह्ह मैं तो पागल हो रहा था यारों।”
मैं झटके दे देकर दीदी के बोबों को चूस रहा था। इधर अब दीदी मुझे उनके बोबों पर दबा रही थी। मैं दे दना दन दीदी के बोबों को लूट रहा था।
“उन्ह आह्ह, बहुत मज़ा आ रहा है दीदी आह्ह।”
“ओह रोहित खूब रगड़ कर चूस आह्ह। बहुत रस भरा है इनमें, आह्ह।”
“हां दीदी पूरा रस पी जाऊंगा आज इनका।”
मैं ज़ोर-ज़ोर से झटके मार-मार कर दीदी के बोबे चूस रहा था। दीदी के बड़े-बड़े बोबे चूसने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। दीदी उनके बोबों को लुटा रही थी। मैं दीदी के बोबों की जम कर लंका लूट रहा था।
“ओह दीदी उन्ह सिसस्ससस्स।”
![[Image: 9khk91.gif]](https://i.imgflip.com/9khk91.gif)
मैं दीदी के बोबों को रगड़े जा रहा था। फिर मैंने दीदी के खजाने को निचोड़ डाला।
![[Image: 9khkfd.gif]](https://i.imgflip.com/9khkfd.gif)
![[Image: 9khkfd.gif]](https://i.imgflip.com/9khkfd.gif)
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
