30-11-2024, 01:05 PM
भाभी की दीदी को बजाया
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मैं टाइम-टाइम से भाभी को बढ़िया तरीके से पेल रहा था। तभी सोनिया भाभी की दीदी यानि ज्योति दीदी उनसे मिलने आ गई। मैं ज्योति दीदी से पहले भी मिल चुका था, लेकिन तब सोनिया भाभी के साथ मेरा सेटिंग नहीं हुई थी।
ज्योति दीदी सोनिया भाभी की दीदी है तो स्वभाविक सी बात है कि भाभी की दीदी भी एक नंबर की कसूती माल होगी। ज्योति दीदी लगभग 35 साल की मस्त बिंदास औरत है। दीदी के बोबे लगभग 34″ साइज के है। दीदी की बल खाती हुई चिकनी कमर लगभग 32″ साइज की है।
मस्त चिकनी कमर के नीचे दीदी की सेक्सी गांड लगभग 34″ साइज की है। उनका गोरा चिकना जिस्म, मस्त टाईट बड़े-बड़े बोबे, शानदार सेक्सी गांड किसी को भी लंड मसलने पर मजबूर कर सकता है। वो पके हुए अमरुद की तरह एक-दम से गदराई हुई सी है। यो कह सकते है कि ज्योति दीदी लंड को मज़ा देने वाली बहुत ही शानदार माल है।
अब भाभी की दीदी के आने से मुझे सोनिया भाभी की चूत नहीं मिल पा रही थी। मेरा लंड भाभी की चूत के लिए तरस रहा था। मैं रोजाना भाभी के घर आता जाता था, लेकिन भाभी को चोदने का कोई मौका नहीं मिल रहा था।
तभी मैंने भाभी से कहा, “भाभी कोई जुगाड़ करो ना। ऐसे कैसे काम चलेगा? मेरा लंड आपकी लेने के लिए कुलबुला रहा है।”
“यार रोहित अब मै क्या करूं? मेरे पास कोई मौका नहीं है। बस दो-चार दिन की बात है। फिर दीदी चली जायेगी।”
मेरा लंड भाभी को चोदने के लिए तड़प रहा था। अब मैं भाभी को चोदने के लिए जुगाड़ करने लगा। फिर मैंने मनीषा चाची के घर पर भाभी को चोदने को जुगाड़ कर लिया। मैं मनीषा चाची को पहले ही बजा चूका था। अब मैंने भाभी को सारा प्लान समझा दिया था। लेकिन फिर भी भाभी की गांड फट रही थी।
“यार लेकिन दीदी को पता चल गया तो?”
“अरे यार भाभी, क्या आपकी दीदी चाची के घर देखने आयेगी क्या? जो आपको इतना डर लग रहा है।”
“अरे लेकिन उनका घर सामने ही है। कहीं दीदी को शक हो गया तो?”
“अरे कोई शक नहीं होगा भाभी?”
“यार तू मरवाएगा मुझे।”
अब भाभी मान गई। अब अगले दिन मैं चाची के घर पहुंच गया। अब मैंने तेल लगा कर लंड को अच्छे से तैयार कर लिया। अब मैं भाभी के आने का इंतज़ार करने लगा, लेकिन भाभी आ नहीं रही थी। फिर चाची ने भाभी को कॉल भी किया। लेकिन भाभी में कोई जवाब नहीं दिया। अब मैंने चाची को भाभी के घर भेज दिया।
फिर थोड़ी देर बाद चाची भाभी को लेकर आ गई। तभी भाभी हंसते हुए कहने लगी “क्या यार चाची जी, आप भी मुझे मरवाने में लगी हुई हो।”
“अरे यार तो मै क्या करूं? ये रोहित ही तुझे बजाने के लिए उतालवा हो रहा है।”
“ये भी गजब है। दो चार दिन और इंतज़ार नहीं कर सकता।”
“बस इंतज़ार ही तो नहीं हो रहा भाभी।”
तभी मैंने भाभी को दबोच लिया और रसीले होंठो को जा पकड़ा। अब मैं भाभी को पकड़ कर उनके होंठो को चूस रहा था। फिर मैं भाभी के बोबों को कसने लगा। भाभी कसमसाने लगी।
“ओह आहा सिससस्स आहा उन्ह आहा।”
मैं भाभी के चिकने जिस्म को बुरी तरह से मसल रहा था। इधर मेरा लंड भाभी की चूत में लगातार दबाव बना रहा था। अब भाभी बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी।
तभी मैंने भाभी को झट से पलंग पर पटक दिया। अब मैं भाभी जी को दे दना दन चोदने लगा। भाभी से चीखने चिल्लाने लगी।
“आह्ह आह्ह आईएईई ओह रोहित धीरे धीरे चोद यारर्रर्र। आईईईई मम्मी। आईईईई आहह।”
मैं भाभी को चोद-चोद कर बुरी तरह से हिला रहा था। मैं भाभी को जम कर चोद रहा था। आज बड़े इंतज़ार के बाद मुझे भाभी को चोदने का मौका मिला था।
“आईईईई आईईईईई आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह आईईईईई बसस्ससस्स।”
तभी कुछ ही झटकों में भाभी का पानी निकल आया। फिर मैंने भाभी को बहुत देर तक बजाया। अब मेरा लंड तृप्त हो चुका था। फिर मैंने भाभी की चूत को मेरे लंड के पानी से भर दिया।
अब भाभी उठी और उन्होंने झट से चड्डी पहन ली, और ब्लाऊज के हुक लगा लिए।
“चाची जी आपने ही चुदवाया है आज मुझे।”
फिर भाभी तुरंत भाग गई। अब मेरे लंड को ठंडक मिल चुकी थी। भाभी के घर पर मेरा रोजाना आना-जाना लगा रहता था, तभी भाभी की दीदी मेरे लंड को भाने लगी।
भाभी की दीदी के बड़े-बड़े चूचे, मस्त मक्खन जैसा पेट, उठी हुई मस्त सेक्सी गांड, और उनकी मस्त जवानी अब मेरे लंड में आग लगाने लगी थी।
ज्योति दीदी भाभी से भी बढ़ कर एक नंबर की मस्त बिंदास माल थी। अब मैं भाभी की दीदी को चोदने को बारे में सोचने लगा। हालांकि ज्योति दीदी को चोदना इतना आसान भी नहीं था। लेकिन फिर भी मेरा लंड रिस्क लेने को तैयार था।
अब मैं जब भी भाभी के घर जाता, तो ज्योति दीदी पर ज्यादा ध्यान देने लगा। धीरे-धीरे मैं उनके साथ मेरी नजदीकियां बढ़ाने लगा। अब एक दिन मैं दीदी की तारीफ करने लगा।
“दीदी आप सच में बहुत खूबसूरत हो। भाभी से भी ज्यादा।”
तभी दीदी मुस्कुरा दी। “अच्छा!” “हां दीदी।”
“आप की साड़ी भी आपकी तरह बेहद शानदार है।”
“हां मैं हमेशा ही ऐसी साड़ियां पहनती हूं।”
“हां दीदी, ये आप पर बहुत अच्छी लगती है।”
अब मैं दीदी की हर एक चीज़ की तारीफ कर रहा था। दीदी उनकी तारीफ सुन कर मुस्कुरा रही थी। इधर मेरा लंड दीदी की चूत का स्वाद चखने के लिये तड़प रहा था। दीदी हंस-हंस कर मेरे जाल में फंस रही थी। अब एक दिन दीदी मेरे साथ बैठी थी। अब मैंने सोचा “रोहित ये ही मौका है। चेक कर ले दीदी तेरे साथ सेट है या फिर यूं ही स्माइल दे रही हैं।”
तभी मैंने दीदी के हाथ के ऊपर मेरा हाथ रख दिया। दीदी चुप-चाप वीडियो देख रही थी। अब मेरा लंड ज़ोर से फड़कने लगा। तभी मैंने दीदी के हाथ पर से हाथ हटा कर उनकी कमर में हाथ डाल दिया। अब भी दीदी चुप थी। तभी मैं उनकी कमर पर हाथ फेरने लगा। दीदी कुछ नहीं कह रही थी। वो मेरे साथ चिपक कर वीडियो देख रही थी।
अब मैं समझ गया था कि ज्योति दीदी मेरे साथ सेट थी। अब बस इनकी जवानी चखने का इंतज़ाम करना था। भाभी अब सब कुछ समझ चुकी थी। तभी वो मुझे समझाने लगी।
“देख रोहित मैं तेरे इरादे सब समझ रही हूं। लेकिन तू ये सब करने की कोशिश मत कर यार।”
“तो आप क्यों परेशान हो रही हो भाभी। चूत आपकी दीदी की है और लंड मेरा है। अगर वो चुदना चाहती है तो चोदने दो ना।”
“वो नहीं चुदना चाहती। तू ही उनको ललचा रहा है।”
“तो वो कोई छोटी बच्ची नहीं है जो मैं उन्हें ललचा रहा हूं। उनकी चूत में आग लगी है तभी तो वो मेरा लंड लेने के लिए तैयार हो रही है।”
“अरे यार तू मरवाएगा मुझे भी…
ज्योति दीदी सोनिया भाभी की दीदी है तो स्वभाविक सी बात है कि भाभी की दीदी भी एक नंबर की कसूती माल होगी। ज्योति दीदी लगभग 35 साल की मस्त बिंदास औरत है। दीदी के बोबे लगभग 34″ साइज के है। दीदी की बल खाती हुई चिकनी कमर लगभग 32″ साइज की है।
मस्त चिकनी कमर के नीचे दीदी की सेक्सी गांड लगभग 34″ साइज की है। उनका गोरा चिकना जिस्म, मस्त टाईट बड़े-बड़े बोबे, शानदार सेक्सी गांड किसी को भी लंड मसलने पर मजबूर कर सकता है। वो पके हुए अमरुद की तरह एक-दम से गदराई हुई सी है। यो कह सकते है कि ज्योति दीदी लंड को मज़ा देने वाली बहुत ही शानदार माल है।
अब भाभी की दीदी के आने से मुझे सोनिया भाभी की चूत नहीं मिल पा रही थी। मेरा लंड भाभी की चूत के लिए तरस रहा था। मैं रोजाना भाभी के घर आता जाता था, लेकिन भाभी को चोदने का कोई मौका नहीं मिल रहा था।
तभी मैंने भाभी से कहा, “भाभी कोई जुगाड़ करो ना। ऐसे कैसे काम चलेगा? मेरा लंड आपकी लेने के लिए कुलबुला रहा है।”
“यार रोहित अब मै क्या करूं? मेरे पास कोई मौका नहीं है। बस दो-चार दिन की बात है। फिर दीदी चली जायेगी।”
मेरा लंड भाभी को चोदने के लिए तड़प रहा था। अब मैं भाभी को चोदने के लिए जुगाड़ करने लगा। फिर मैंने मनीषा चाची के घर पर भाभी को चोदने को जुगाड़ कर लिया। मैं मनीषा चाची को पहले ही बजा चूका था। अब मैंने भाभी को सारा प्लान समझा दिया था। लेकिन फिर भी भाभी की गांड फट रही थी।
“यार लेकिन दीदी को पता चल गया तो?”
“अरे यार भाभी, क्या आपकी दीदी चाची के घर देखने आयेगी क्या? जो आपको इतना डर लग रहा है।”
“अरे लेकिन उनका घर सामने ही है। कहीं दीदी को शक हो गया तो?”
“अरे कोई शक नहीं होगा भाभी?”
“यार तू मरवाएगा मुझे।”
अब भाभी मान गई। अब अगले दिन मैं चाची के घर पहुंच गया। अब मैंने तेल लगा कर लंड को अच्छे से तैयार कर लिया। अब मैं भाभी के आने का इंतज़ार करने लगा, लेकिन भाभी आ नहीं रही थी। फिर चाची ने भाभी को कॉल भी किया। लेकिन भाभी में कोई जवाब नहीं दिया। अब मैंने चाची को भाभी के घर भेज दिया।
फिर थोड़ी देर बाद चाची भाभी को लेकर आ गई। तभी भाभी हंसते हुए कहने लगी “क्या यार चाची जी, आप भी मुझे मरवाने में लगी हुई हो।”
“अरे यार तो मै क्या करूं? ये रोहित ही तुझे बजाने के लिए उतालवा हो रहा है।”
“ये भी गजब है। दो चार दिन और इंतज़ार नहीं कर सकता।”
“बस इंतज़ार ही तो नहीं हो रहा भाभी।”
तभी मैंने भाभी को दबोच लिया और रसीले होंठो को जा पकड़ा। अब मैं भाभी को पकड़ कर उनके होंठो को चूस रहा था। फिर मैं भाभी के बोबों को कसने लगा। भाभी कसमसाने लगी।
“ओह आहा सिससस्स आहा उन्ह आहा।”
मैं भाभी के चिकने जिस्म को बुरी तरह से मसल रहा था। इधर मेरा लंड भाभी की चूत में लगातार दबाव बना रहा था। अब भाभी बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी।
तभी मैंने भाभी को झट से पलंग पर पटक दिया। अब मैं भाभी जी को दे दना दन चोदने लगा। भाभी से चीखने चिल्लाने लगी।
“आह्ह आह्ह आईएईई ओह रोहित धीरे धीरे चोद यारर्रर्र। आईईईई मम्मी। आईईईई आहह।”
मैं भाभी को चोद-चोद कर बुरी तरह से हिला रहा था। मैं भाभी को जम कर चोद रहा था। आज बड़े इंतज़ार के बाद मुझे भाभी को चोदने का मौका मिला था।
“आईईईई आईईईईई आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह आईईईईई बसस्ससस्स।”
तभी कुछ ही झटकों में भाभी का पानी निकल आया। फिर मैंने भाभी को बहुत देर तक बजाया। अब मेरा लंड तृप्त हो चुका था। फिर मैंने भाभी की चूत को मेरे लंड के पानी से भर दिया।
अब भाभी उठी और उन्होंने झट से चड्डी पहन ली, और ब्लाऊज के हुक लगा लिए।
“चाची जी आपने ही चुदवाया है आज मुझे।”
फिर भाभी तुरंत भाग गई। अब मेरे लंड को ठंडक मिल चुकी थी। भाभी के घर पर मेरा रोजाना आना-जाना लगा रहता था, तभी भाभी की दीदी मेरे लंड को भाने लगी।
भाभी की दीदी के बड़े-बड़े चूचे, मस्त मक्खन जैसा पेट, उठी हुई मस्त सेक्सी गांड, और उनकी मस्त जवानी अब मेरे लंड में आग लगाने लगी थी।
ज्योति दीदी भाभी से भी बढ़ कर एक नंबर की मस्त बिंदास माल थी। अब मैं भाभी की दीदी को चोदने को बारे में सोचने लगा। हालांकि ज्योति दीदी को चोदना इतना आसान भी नहीं था। लेकिन फिर भी मेरा लंड रिस्क लेने को तैयार था।
अब मैं जब भी भाभी के घर जाता, तो ज्योति दीदी पर ज्यादा ध्यान देने लगा। धीरे-धीरे मैं उनके साथ मेरी नजदीकियां बढ़ाने लगा। अब एक दिन मैं दीदी की तारीफ करने लगा।
“दीदी आप सच में बहुत खूबसूरत हो। भाभी से भी ज्यादा।”
तभी दीदी मुस्कुरा दी। “अच्छा!” “हां दीदी।”
“आप की साड़ी भी आपकी तरह बेहद शानदार है।”
“हां मैं हमेशा ही ऐसी साड़ियां पहनती हूं।”
“हां दीदी, ये आप पर बहुत अच्छी लगती है।”
अब मैं दीदी की हर एक चीज़ की तारीफ कर रहा था। दीदी उनकी तारीफ सुन कर मुस्कुरा रही थी। इधर मेरा लंड दीदी की चूत का स्वाद चखने के लिये तड़प रहा था। दीदी हंस-हंस कर मेरे जाल में फंस रही थी। अब एक दिन दीदी मेरे साथ बैठी थी। अब मैंने सोचा “रोहित ये ही मौका है। चेक कर ले दीदी तेरे साथ सेट है या फिर यूं ही स्माइल दे रही हैं।”
तभी मैंने दीदी के हाथ के ऊपर मेरा हाथ रख दिया। दीदी चुप-चाप वीडियो देख रही थी। अब मेरा लंड ज़ोर से फड़कने लगा। तभी मैंने दीदी के हाथ पर से हाथ हटा कर उनकी कमर में हाथ डाल दिया। अब भी दीदी चुप थी। तभी मैं उनकी कमर पर हाथ फेरने लगा। दीदी कुछ नहीं कह रही थी। वो मेरे साथ चिपक कर वीडियो देख रही थी।
अब मैं समझ गया था कि ज्योति दीदी मेरे साथ सेट थी। अब बस इनकी जवानी चखने का इंतज़ाम करना था। भाभी अब सब कुछ समझ चुकी थी। तभी वो मुझे समझाने लगी।
“देख रोहित मैं तेरे इरादे सब समझ रही हूं। लेकिन तू ये सब करने की कोशिश मत कर यार।”
“तो आप क्यों परेशान हो रही हो भाभी। चूत आपकी दीदी की है और लंड मेरा है। अगर वो चुदना चाहती है तो चोदने दो ना।”
“वो नहीं चुदना चाहती। तू ही उनको ललचा रहा है।”
“तो वो कोई छोटी बच्ची नहीं है जो मैं उन्हें ललचा रहा हूं। उनकी चूत में आग लगी है तभी तो वो मेरा लंड लेने के लिए तैयार हो रही है।”
“अरे यार तू मरवाएगा मुझे भी…
……………….An aage
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.