Thread Rating:
  • 3 Vote(s) - 3.67 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Incest मजा ही मजा
#3
एसके कुछ दिन बाद मैंने गोर किया की मम्मी आज कल मैरे सामने कुछ ज्यादा ही खुल गई हे, कई बार नहाने के बाद केवल तौलिया लपेट कर पूरे घर मे घूम घूम कर काम करती रहती हे, एक दो बार रात मे बेडरूम मे पहने वाली छोटी सी ट्रैन्स्पैरन्ट नायटी पहन मैरे रूम मे आ गई, हालाकी उसमे उन्होंने ब्रा पेन्टी पहनी थी, लेकिन एसके पहले मैंने उन्हे कभी भी एस ड्रेस मे नहीं देखा था, मै कुछ समझ नहीं पा रहा था, की क्या कैसे शुरुवात होगी,
लेकिन आंटी बोली थी की थोड़ा समय लगेगा, एसलिए मै भी नॉर्मल ही रह रहा था ।

अगले महीने मम्मी के कजीन भाई की शादी होने वाली थी, वेन्यू शहर के बाहर डेस्टिनेशन वेडिंग का था, तीन चार दिन की धींगा मस्ती होनी थी, हर दिन अलग कार्यक्रम था, सब दिनों के अलग अलग कपड़े, जेवर, मैकअप कीट , रात के अलग दिन के अलग, सोने के कपड़े अलग, फिर मेचीनग के जूते चप्पल, ब्रा पेन्टी हैन्ड बेग आदि आदि । अरे बाप रे, मेरा तो दिमाग ही खराब हो गया, मम्मी और आंटी की बात अब घूम फिर कर बस एसी शादी
की त्यारीयों मे लग गई, मम्मी हर दूसरे दिन मुझे अपने साथ बाजार ले जाती, खूब खरीद डायरी हो रही थी, एक तो मम्मी के मायके की यह आखरी शादी थी, दूसरा डेस्टिनेशन वेडिंग के कारण सभी लोग आने वाले थे, ससे बरसों बाद मिलना जुलना होना था, अपनी अपनी सच्ची झूठी शान बघारना थी, और आउनटुय और मम्मी दोनों एन सबमे कहा पीछे रहने वाली थी । लहंगे चुन्नी सिलवाए गए, बैक लेस ब्लाउस नेट के , चनिया चोली , पलाजों,
गरारे शरारे और भी ना जाने क्या क्या ? आंटी की खरीददारी भी मम्मी ही कर रही थी, उन दोनों की पसंद एक समान हे, मम्मी ने अपनी सारी ईच्छाये एसी शादी मे पूरी करनी थी, खूब नाचने गाने की प्रैक्टिस होने लगी । दोनों विडिओ काल पर डांस प्रैक्टिस करती ।


और जब लास्ट मे सब कपड़े फाइनल बन कर आ गए तो, आंटी और मम्मी उन्हे पहन पहन कर उन्हे फाइनल करने लगी , लेकिन आंटी ने यहा गेम कर दिया, मम्मी को बोला की मुझे मोबाईल दे कर विडिओ बनाए, ताकि सही से वह सब कुछ देख समझ सके, अब मम्मी ने मजबूरी मे मेरी मदद ली , मै मम्मी का कैमरामेन बन कर शूट करता, उधर से आंटी अपनी एक्सपर्ट कमेन्ट करती , मम्मी मैरे सामने ही कपड़े चेंज कर कर के उन्हे बताती,
और आंटी मुझे वही पास खड़े होने का कहती, जब महंगे वाले बैकलेस ब्लाउस का ट्रायल चला तो आंटी ने मम्मी को फ़ोम वाली पेड़ेड बिना स्ट्रैप वाली ब्रा पहनने को बोला, अगले दिन हम दिन भर उसी तरह की ब्रा पेन्टी ढूंढ कर लाए, फिर शाम मे मम्मी ने उसे मैरे सामने ही पहन कर आंटी को दिखाया, अब तक मम्मी मैरे सामने कई बार ब्रा पेन्टी मे आ चुकी थी, मैरे तो मजे थे ।


आखिर वह दिन भी आ गया, जब हमे शादी के लिए निकलना था, पापा ने हमेशा की तरह नहीं जाने का बहाना बनाया, लेकिन मम्मी की जिद को देख आखरी दिन वही पर आकार शामिल होने का प्लान बनाया, हम रात भर के सफर के बाद सुबह पहुचने वाले थे, जबकि आंटी उसी देर रात मे आने वाली थी, हमे एक ही कमरा अलाट हुवा था, सुबह हमे लेने स्टेशन गाड़ी आ गई, रूम मे दो बेड थे, एक बड़ा और एक छोटा था । हम तीन और आंटी, चार
लोगों के लिए बढ़िया था, सुबह खाने पीने के बाद दोपहर मे मेहंदी लगाने की व्यवस्था थी हाल मे, उसके बाद शाम को कुछ खास प्रोग्राम नहीं था, अभी सभी मेहमान ही नहीं पहुचे थे, शाम तक मम्मी के दोनों हाथ मेहंदी मे भरे हुवे थे, उन्हे वक्ष रूम जाना था, लेकिन उनको कोई नहीं मिला जो उन्हे बाथरूम करवा दे, क्योंकि उनके दोनों हथेलिया मेहंदी मे भरी थी, एसलिए उनका लहंगा उठाना पेन्टी खोलना बहुत काम थे, गर्मी के कारण सब अपने अपने
कमरों मे ऐसी चालू कर सो रहे थे, मै खुद भी रूम मे अकेला बेठे बेठे मैच देख रहा था, मम्मी ने बाहर से गेट नाक किया, जैसे ही मैंने गेट खोला तो बोली देख किसी लेडिज को लाकर जल्दी से बुला मुझे बहुत जोर की पेशाब लगी हे, मै बोला उसमे कोई लेडिज क्या करेगी, पेशाब आपको ही करना पड़ेगी ना, तब मम्मी बोली पागल मैरे दोनों हाथ मेहंदी मे भरे पड़े हे, मै केसे लहंगा उठाऊँगी, पेन्टी खोलूँगी, तु नहीं समझेगा ।

एसके बाद मैंने बाहर जाकर किसी अपने वाली परिचित लेडिज को ढूँढने लगा, लेकिन होटल के कॉरीडोर के सभी रूम अंदर से बंद थे, कोन किस कमरे मे था पता ही नहीं चला, जब मै खालि हाथ वापिस आया तो मम्मी आंटी से स्पीकर फोन पर बात कर रही थी, और आंटी मम्मी को बोल रही थी, की तेरा बेटा हे ना उसे बोल सब करेगा, अपनी मा की मदद नहीं करेगा तो फिर किसकी मदद करेगा, मम्मी बोली अरे यार उसे अपनी पेन्टी खोलने का केसे बोलू,
तो आंटी बोली तु उसे बस नॉर्मल बोल उसे कैसे क्या करना हे यह उस पर छोड़ दे, यह बात मैंने रूम मे घुसने से पहले ही सुन लि थी, मै रूम मे गया और गेट बंद कर बोला बाहर कोई भी नहीं हे, अब आप खुद ही निपटो एस सबसे, तब मम्मी मुझे बोली तु हे ना चल मेरी मदद कर और मुझे एशारे से बाथरूम की तरफ बुलाया, मै भी किसी आज्ञाकारी बच्चे की तरह उनके पीछे पीछे बाथरूम मे गया, मम्मी ने सबसे पहले बाहर ही अपना दुपट्टा हटा दिया था,
मुझे बोली मेरा लहंगा उठा, मैंने उनका नेट का बड़ा सा लहंगा उठाया अंदर वह तीन चार अस्तर वाला था, लेकिन कोमोड की सीट पर मम्मी उसे पहन बेठ नहीं सकती थी, ऊपर से उन्हे पेशाब का प्रेशर बहुत जोर से लगा था, उन्होंने लगभग झुँझलाते हुवे, मुजसे बाहर आकार कहा एस्की डोर खोल दे, लहंगा उतार दे, मैंने बिना देर किए उनके लहनगे की नाड़ी खोल दी, लहंगा बड़ा वजनदार था, एक झटके मे नीचे आ गया, मम्मी अब केवल पेन्टी और
बैकलेस ब्लाउस मे थी, दौड़ कर कोमॉड के पास जाकर मुझे बुलाया, और अपने मेहंदी से भरे हाथों को ऊंचा उठाया कर बोली मेरी पेन्टी भी खोल, मै एक सेकंड रुका और मम्मी की और देखा तो बोली, क्या देख रहा हे, जल्दी कर, मैंने उनकी पेन्टी कमर से पकड़ कर घुटनों तक कर दी, और मम्मी ने बिना देर किए कोमोड पर बेठ पेशाब की धार शुरू कर दी, मुझे हटने का समय भी नहीं मिला, मम्मी की पेशाब की धार की आवाज के साथ साथ सिटी
बजने जेसी आवाज भी आ रही थी, मै रोमांचित हो उन्हे बिना पलके झपकाए देख रहा था, उन्होंने बड़े गले का फ़ोम वाला डिजाइनर ब्लाउस पहना था जिसमे उन्होंने ब्रा भी नहीं पाहणी थी, एस कारण उनके बड़े बड़े बूब्स साफ दिखाई दे रहे थे, जब मम्मी ने पेशाब कर लि तो मुझे बोली बेटा जेट से पानी से साफ भी कर दे, मैंने कहा की क्या, पोती भी कर लि क्या ? तब मम्मी जोर से हास कर बोली, अरे नहीं बुद्धू पोती नहीं, हम लेडिज को पेशाब के बाद अपनी योनि धोनी पड़ती हे, मै बोला तो आज रहने दो, कल सुबह फ्रेश होने जाओ तो अच्छे से धो लेना , लेकिन मम्मी नहीं मानी बोली नहीं मुझे खुजली हो जाएगी, तु पानी डाल दे, तब मैंने जेट उठाकर आगे से उनकी चुत पर पानी डाला, लेकिन मम्मी बोली ऐसे नहीं हाथ से भी साफ कर, अब चोंकने की बारी मेरी थी, लेकिन मम्मी की निगाहों को देख मै चुप चाप उनके आदेश का पालन करने लगा, मैंने अपनी चार उँगलिया कोमोड मे थोड़ा अंदर कर उनकी चुत पर फिराई, मम्मी ने भी बिना झिझक अपनी झनघे फेला दी, मुझे दिखाई तो कुछ भी नहीं दे रहा था, लेकिन जब मैंने मम्मी की चिकनी मुनिया को छुवा तो मुझे करंट सा आभास हुवा, एसके बाद मम्मी खड़ी हुई, लेकिन मैंने पहले उनकी पेन्टी घुटनों तक कर दी थी तो उन के खड़े होते ही वह उनके पेरो से फिसल जमीन पर आ गिरी, मम्मी ने अपने पैर उसमे से निकाल लिए, और मुझे बोली टिशू पेपर से उनकी गीली योनि पोंछ दूँ, मै फिर सकते मे था, वही पास मे बेसिन के पास टिशू पेपर का बॉक्स था, मैंने जैसे ही टिशू निकाला मम्मी रूम मे आ गई, मै उनकी पेन्टी हाथ मे लेकर रूम मे आया तब तक मम्मी बेड पर बेठ चुकी थी, मुझे टिशू से अपनी चिकनी चुत पोंछने का बोल अपने पैर चोंड़े कर दिए, मैंने भी बिना देर किए नीचे घुटनों के बाल बेठ उनकी चुत को बड़े प्यार से पोंछना शुरू कर दिया ।
Like Reply


Messages In This Thread
मजा ही मजा - by sitaram - 21-11-2024, 03:58 PM
RE: मजा ही मजा - by sri7869 - 21-11-2024, 08:35 PM
RE: मजा ही मजा - by sitaram - 22-11-2024, 01:41 PM



Users browsing this thread: 1 Guest(s)