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बड़ी बहना लेटी रहना
#19
अब मेरी हिम्मत और भी बढ़ गई और मैंने अर्शिया के होंठ अपने होंठों में दबा लिए और उनको चूमने लगा.

अर्शिया ने लिपस्टिक लगाई हुई थी,जो मैं पूरी की पूरी चाट गया और अर्शिया के होंठों का टेस्ट भी मुझे आने लगा था.
मैं एकदम ऐसे मदहोश हो गया था जैसे मैंने कोई नशा कर लिया हो.

फिर मैं वापस मेरे तकिये पर चला गया. अब मेरी नज़र अर्शिया के बोबों पर थी जो उसके टॉप से ढके हुए थे.

अर्शिया के टॉप की का गला काफी गहरा होने के कारण उसके बोबों के बीच की लाइन साफ़ दिख रही थी. वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी.

अपने कांपते हुए हाथों को मैंने अर्शिया के बोबों की तरफ बढ़ाया और उसके टॉप के बटन खोलने शुरू किए.
मैंने एक एक करके सारे बटन खोल दिए और टॉप को उसके बोबों के आगे से हटा दिया.

अर्शिया का फिगर देखते ही मेरा हाथ मेरे लंड पर चला गया लेकिन मैंने कण्ट्रोल किया. उसने अन्दर ब्लैक कलर की बिना डोरी वाली ब्रा पहनी थी जो उसके मम्मों पर कसी थी.

मैं अर्शिया की ब्रा के पास हाथ ले गया और धीरे धीरे ब्रा के ऊपर से उसके मम्मों को सहलाने लगा.
मैंने अब भी उसकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं देखी तो मैं दूसरे हाथ से अर्शिया के पेट और नाभि को सहलाने लगा.
वो बेसुध सोई पड़ी थी.

फिर मैंने एक उंगली अर्शिया की ब्रा के अन्दर दोनों बोबों के बीच में डाल दी और धीरे धीरे हिलाने लगा.
अर्शिया के बोबे बहुत ही मुलायम और गर्म थे.

मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था, मुझे बस अर्शिया के बोबों को नंगा देखना था.
अब तो मेरा से डर भी निकल गया था. अर्शिया की मम्मी सही बोल रही थीं कि अर्शिया नींद की बहुत पक्की है, एक बार नींद आने के बाद उसकी आंखें सीधे सुबह ही खुलती हैं.

अर्शिया की ब्रा सिर्फ मम्मों पर टिकी थी, तो मैंने ब्रा को थोड़ा सा नीचे की तरफ खींचा, इससे उसकी ब्रा मम्मों से नीचे आ गई.

उफ्फ … अर्शिया के मस्त बोबे मेरी आंखों के सामने नंगे हो चुके थे.
उसके चुचे एकदम भरे हुए थे. मैं तो ख़ुशी से पागल हो गया था.

थोड़ी देर तक तो मैं अर्शिया के बोबों को बस यूं ही निहारता रहा.
अर्शिया के बोबे बड़े बड़े और एकदम गोरे थे.

जितना मैंने सोचा था, उससे भी ज्यादा बड़े और गोरे थे और एकदम टाइट थे.
निप्पल एकदम हल्के भूरे रंग के थे. कमरे में काफी रोशनी थी तो में अर्शिया के बोबे और भी ज्यादा चमक रहे थे.

मैंने धीरे से अर्शिया के निप्पल को छुआ. फिर दूसरे निप्पल को छुआ. मेरी बॉडी में तो मानो करंट दौड़ गया था.

मैंने अर्शिया के एक बोबे पर मेरा हाथ फैला कर रख दिया और धीरे धीरे सहलाने लगा.
थोड़ी देर बाद दूसरा बोबा भी सहलाया और धीरे धीरे दबाया भी.

अर्शिया को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था, वो तो मानो घोड़े बेच कर सो रही थी.
इससे मेरी हिम्मत और भी बढ़ गई और मैंने थोड़ा जोर से बोबे दबाना शुरू कर दिए.

कुछ पल बाद मैंने उसके पास जाकर बोबों पर किस भी किया और निप्पल को भी बहुत मजे से चूसा.

अपनी बहन के दूध चूसते समय मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं अर्शिया के बोबों से सारा दूध निकाल कर पी लूं.

कुछ देर अपने मन की करने के बाद मैंने अर्शिया की ब्रा वापस ठीक की और टॉप के बटन भी लगा दिए.

मेरा लंड एकदम लोहा हो गया था. मैं फिर से वाशरूम में जाकर मुठ मार कर वापस आया और उसकी तरफ मुँह करके लेट गया.

अर्शिया के बोबों से खेलने का और उनको चूसने का मेरा एक सपना तो पूरा हो गया था.

अब मुझे कुछ और भी चाहिए था, जिससे दिल में जल रही आग को शांत किया जा सके.

अर्शिया ने एक पतली सी चादर कमर तक ओढ़ रखी थी. मैंने मेरा एक हाथ उस चादर में डाला और अर्शिया की चुत के पास ले गया.

जैसे जैसे हाथ आगे बढ़ाया, वैसे वैसे अर्शिया की चुत की गर्मी का अहसास होने लगा था.

अन्ततः मेरा हाथ अर्शिया की जांघों के बीच तक पहुंच गया लेकिन अर्शिया की चुत फील नहीं हो रही थी क्योंकि पेटीकोट अर्शिया की जांघों के बीच में काफी सिमट गया था और वो कपड़ा काफी मोटा होने के कारण चुत महसूस नहीं हुई.

फिर मैंने धीरे धीरे से पेटीकोट को खींचा और अर्शिया की जांघों के बीच से पेटीकोट को छुड़ा दिया.
अब वापस उसकी चुत की तरफ मैंने हाथ बढ़ाया. अब अर्शिया की चुत और मेरे हाथ के बीच पेटीकोट और एक पतली सी चड्डी थी.

मैंने पेटीकोट के ऊपर से ही अर्शिया की चुत पर हाथ रखा और धीरे धीरे सहलाने लगा. मुझे थोड़ा थोड़ा चुत का शेप महसूस हो रहा था.

अर्शिया के दोनों पैर मिले हुए थे, मतलब एक के ऊपर एक पैर था इसलिए उसकी चुत एकदम सिकुड़ी हुई थी और एकदम मुलायम लग रही थी.

मैंने वापस अपना हाथ पीछे कर लिया और उसका पेटीकोट पूरा खींच दिया, तो वो उसकी चुत से दूर हो गया.
पेटीकोट हटाने के बाद मैंने अर्शिया की चादर को आगे से इतना ऊपर कर दिया जितने में मैं आगे से उसकी चुत को देख सकूं.

फिर मैंने अर्शिया का पेटीकोट पकड़ा और धीरे धीरे उसे ऊपर करने लगा.
धीरे धीरे अर्शिया की टांगें दिखीं, फिर अर्शिया की जांघें दिखीं.
मैंने उसकी जांघों पर हाथ फिराना शुरू कर दिया.

अपनी बहन की जवानी से मुझे उत्तेजना के साथ डर भी लग रहा था कि कहीं कोई बवाल न हो जाए.
मगर दोस्तो, जवानी में डर के साथ सेक्स का अलग ही मजा होता है.

अगली बार मैं स्लीपिंग सिस्टर सेक्स कहानी को आगे लिखूंगा कि सेक्स हुआ तो कैसे हुआ.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: बड़ी बहना लेटी रहना - by neerathemall - 11-11-2024, 03:18 PM



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