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बड़ी बहना लेटी रहना
#13
एक दिन की बात है.
पिता जी से बाहर गए थे और उस दिन अम्मी नानी के घर गईं और वहीं रुक गईं.

आयशा दी और मैं अकेले घर पर रह गए थे.
ज़ाहिर सी बात है कि उस रात हम दोनों साथ में सोने वाले थे.

अगले दिन रविवार था यानि कॉलेज बंद था.

उस दिन खाना खाकर मैं और आयशा दी एक ही बिस्तर पर सोने लगे थे.
आयशा दी मुझे अपने दिन के बारे में बता रही थीं.
उन्होंने बातों बातों में अपने कुर्ते के बटन क्लीवेज तक खोल दिए थे.

उनके बड़े बड़े गोरी चमड़ी वाले बूब्स बिल्कुल मेरी आंखों के सामने चमकने लगे.
वे बातें करती गईं और न जाने मुझे कुछ अन्दर ही अन्दर होने लगा.
एक किशोर वय का लड़का, तब अपनी जवानी की दहलीज पर था.

मैं ये सब क्या ही इतना समझता था!
फिर भी न जाने क्यों मुझे आयशा दी के खुले क्लीवेज को इतने पास से देखकर ऐसा लग रहा था कि इस घाटी को और ज्यादा देख लूँ.

दीदी ने ये भांप लिया था कि मुझे अन्दर ही अन्दर कुछ हो रहा है.

अब आयशा दीदी ने विषय बदल कर कहा- सलमान, क्या तुझे पता है तू कैसे इस दुनिया में आया … और कैसे मैं आयी?
मैंने जानबूझ कर बड़े भोलेपन से कहा- हां, अस्पताल से.

मेरे ऐसा कहते ही वे जोर से हंसने लगीं और उन्होंने मुझे अपनी जांघों के बीच में फंसा लिया.
मैं कुछ कर पाता कि तभी दी ने मुझे अपनी बांहों में ले लिया.

फिर उन्होंने कहा- यह बात तुम किसी को ना बताना. अगर बताई तो हम दोनों को अब्बू अम्मी बहुत मारेंगे और घर से निकाल देंगे. आज मैं तुम्हें सिखाऊंगी कि हम कैसे पैदा हुए. सीखना है ना … और यदि हां, तो ये बात हमारे बीच ही रखना!

मैंने कहा- हां … मुझे सीखना है.

आयशा दी ये सुनकर खुद को अब और ना रोक पाईं.
उन्होंने हमारे बीच वे भाई बहन के रिश्ते की लाइन को तोड़ दिया.
उस रात मैं उनका गुलाम बन गया और वे मेरी मालकिन.

यह घटना बड़ी ही कामुक है.

हुआ यूं कि मुझे चोदना सिखाने के लिए दी ने अपना कुर्ता उतारा और कहा- सलमान, आ मेरे पास और मेरे सीने से लग कर मेरे दोनों दूध मुँह लगा कर पी ले.
मुझे इतना सब कुछ सुनकर अजीब सा लगा.

रोज़ जिस दीदी के सीने में मुँह रखकर सोता था, आज वही दीदी का ये रूप मुझे बहुत अजीब लग रहा था.

लेकिन न जाने क्यों, उनको बिना टॉप के देखकर मुझे कुछ ऐसा होने लगा था, जैसे मैं बचपन से प्यासा हूँ और आज मुझे पानी का कुआं मिल गया हो.

उन्होंने जैसा कहा, मैंने वैसे किया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: बड़ी बहना लेटी रहना - by neerathemall - 11-11-2024, 03:01 PM



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