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Adultery प्यासी भाभी
#11
मैंने हाथ पकड़ते हुए कहा- मुझे छोड़कर कहां जा रही हो?’
‘मूतने …’

उसके मुँह से मूतना शब्द सुनकर मुझे इतना अच्छा लगा कि एक बार मैंने बड़ी मासूमियत से फिर से पूछा- भाभी फिर से बोलो, कहां जा रही हो?
‘ओह-हो …’

वह मेरे गाल को चिकोटी काटती हुई बोली- बहुत मासूम बन रहे हो … बोली तो हूँ … मूतने जा रही हूँ.

मैंने भाभी की कमर पर अपनी बांहों का घेरा बनाया और चूतड़ों को सहलाते हुए बोला- भाभी कहां?
‘मूतने बाबा मूतने. चल अब जल्दी से छोड़ मुझे … नहीं तो मेरी मूत यहीं निकल जाएगी!’

अभी भी मैंने उसको अपनी बांहों की गिरफ्त से आजाद नहीं किया था.
‘तुम्हारी मूत कहां से निकलती है. यहीं चूत से न?’
वह हंसने लगी.

मैंने चूत के अन्दर उंगली करते हुए कहा- यहां से!
वह बोली- नहीं …!

फिर मेरा हाथ पकड़ती हुई बोली- चल दिखाती हूं कि कहां से मूत निकलती है!
यह कहकर उसने मेरी कलाई पकड़ी और मुझे बाथरूम के अन्दर ले गयी.

उधर उसने अपनी चूत की फांकों को फैलाया और अपनी चुत के सुसू वाले छेद को दिखाती हुई बोली- देख यहां से धार निकलती है!

मैं उसकी चुत के उसी छेद पर उंगली चलाने के साथ आगे आ गया और अपनी जीभ चलाने लगा.
वह मुझको हल्का सा धक्का देती हुई बोली- परे हट, नहीं तो तेरे ऊपर पेशाब की छींटे पड़ जाएंगे … बहुत तेज से आ रही है!
इतना कहकर भाभी बैठने लगी.

‘नहीं भाभी खड़े होकर मूतो, मुझे तुम्हें मूतती हुई देखना है!’
‘ठीक है, पर समझ ले मेरी पेशाब की छींटे तेरे मुँह पर पड़ेंगे!’

‘कोई बात नहीं भाभी, तुम मूतो. जब तुम्हारी गांड चाट सकता हूँ तो तुम्हारी मूत को तो पानी समझकर पी जाऊंगा!’
‘बहुत बड़े कुत्ते हो तुम!’

यह कहकर वह पीछे की तरफ हुई और मुझसे बोली- चल अब घुटने के बल बैठ जा!
मैंने उसके कहे अनुसार किया.

भाभी ने अपनी टांग को मेरे कंधे में फंसाया और बोली- चल अब जल्दी से अपना मुँह खोल.
इस तरह उसकी चूत मेरी तरफ उठ गयी थी.

उसने अपनी चूत की दोनों फांकों को अपने दोनों हाथों से खोला और मूतना शुरू कर दिया.
उसकी मूत की धार सीधी मेरे मुँह के अन्दर गिरने लगी.

‘ले पी … भोसड़ी के!’
मैं भी उसकी बुर से निकलती हुई मूत को गटकने लगा.

वह बहुत सारा मूती, मैं भी गटकता गया.
मैं नहीं चाहता था कि उसको कोई कमी मिले.

मूतने के बाद भाभी बोली- वाह देवर जी, जो मैं चाहती थी, उसका सुख आपने मुझे दिया. आज से मैं तुम्हारी गुलाम! अपने खसम से चुदूँ य न चुदूँ … लेकिन तू जब चाहेगा, मेरी चूत और गरम गांड की गुफा हमेशा तेरे लौड़े के लिए खुली रहेगी. आई लव गांड सेक्स!

इतना कहने के बाद वह बाथरूम से बाहर आने लगी.
मैंने उसको पीछे से पकड़कर उसकी उंगली पकड़ी और उसकी चूत पर उसी की उंगली को रगड़कर और फिर उसके मुँह में ही वही उंगली डाल दी.

मैं उससे बोला- भाभी, अब मुझे भी मुत्ती आ रही है!
‘ओह हो, तो मेरे प्यारे देवर को भी मुत्ती आ रही है!’
यह कहती हुई वह मेरे लंड को पकड़कर बोली- चल फिर तू भी मूत ले!

यह कहकर भाभी घूमी और उसने अपने बालों का जूड़ा बना कर बांधा और घुटनों के बल बैठकर मेरे लौड़े पर अपनी जीभ चलाने लगी.
‘भाभी तैयार हो, मेरी मूत निकलने वाली है?’
मेरी गांड में चपत लगाती हुई भाभी बोली- चल मूत पगले!

मैं धीरे-धीरे अपनी मूत की धार उसके मुँह के अन्दर छोड़ने लगा था और वह बड़े प्यार से उसको पिए जा रही थी.

कुछ देर के बाद वह खड़ी हुई और बड़े ही नाजुक तरीके से उसने अपने होंठों को मेरे होंठों से मिलाते हुए चूमा.
फिर मेरे होंठों पर अपनी जीभ फिराने लगी और अपनी जीभ को मेरे मुँह के अन्दर डाल दी.

मैंने भी उसकी जीभ को आइसक्रीम की तरह चूसना शुरू कर दिया.

कभी मेरी जीभ भाभी के मुँह में तो कभी उसकी जीभ मेरे मुँह में चलने लगी.
हम दोनों बस पागलों की तरह चूसे जा रहे थे.

मेरे हाथ उसकी चूचियों को दबाये जा रहे थे और मेरी छाती के निप्पल को वह मरोड़ने के साथ मेरे निप्पल को चूसती जा रही थी.

वह मेरी नाभि पर अपनी जीभ चलाने लगी और झुककर वह मेरे लंड को अपने मुँह में भरकर चूसने लगी.

फिर वह मेरे पीछे आयी और मेरी छातियों के दोनों निप्पलों को भींचने लगी.
मेरे दोनों कूल्हों को दबाती हुई मेरे गांड के छिद्र पर अपनी जीभ घुसेड़ कर गांड को चाटने लगी.
‘आह-ओह …’ की सिसकारियां मेरे मुँह से निकली जा रही थीं.

मैं भी कहां पीछे रहने वाला था.
मैं उसके बालों को अपने हाथों में लेकर लंड को उसके मुँह में पेल कर मुँह को ही चोदने लगा.
उसकी खूँ-खूँ की आवाज निकलने लगी.

अब भाभी अपने आप को मुझसे छुड़वाने लगी.
मजबूरी में मुझे लंड को बाहर करना पड़ा क्योंकि मेरे लंड पर भाभी अपने दाँत गड़ाने लगी थी.

जैसे ही मैंने लंड को उसके मुँह से बाहर निकाला, खड़ी होकर उसने मेरे दोनों गालों पर दोनों हाथों से जोर के तमाचे मार दिए.
वह गुर्राती हुई बोली- भोसड़ी के … अभी तू तो मेरी जान ही निकाल लेता!
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Messages In This Thread
प्यासी भाभी - by neerathemall - 29-01-2024, 11:00 AM
RE: प्यासी भाभी - by sri7869 - 01-05-2024, 10:27 AM
RE: प्यासी भाभी - by neerathemall - 11-11-2024, 09:49 AM



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