Thread Rating:
  • 1 Vote(s) - 5 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery प्यासी भाभी
#10
मैं घोड़ा बन गया, भाभी मेरे पीछे आयी मेरे पुट्ठों को किसी चूचे की तरह दबाने लगी और वह मेरे लंड को गाय के थन की तरह दुहने लगी.
साथ ही मेरे कूल्हे पर पहले तो उसने दांत से काटा, फिर कूल्हों को फैला कर जीभ को गांड छिद्र के अन्दर डालने लगी.
जीभ के नहीं जाने पर अपनी जीभ की नोक से बार-बार गांड के छेद को कुरेदने लगी और चाटने लगी.

अब सिसियाने की बारी मेरी थी.
अपनी गांड चटवाना मेरे जीवन का पहला अहसास था.

वह मेरे आंडों को अपने मुँह में भरने का भरसक प्रयास कर रही थी.
मुझे बहुत मजा आने लगा था और मेरे लंड का जोश दुगुना हो गया था.

फिर भाभी मेरी टांगों के गैप के बीच में घुस गयी और मेरे लंड को चाटने लगी.
तनाव के मारे लंड फटा जा रहा था.

आह आह करते हुए मैंने भाभी से कहा- भाभी, मेरा लंड फटा जा रहा है. इसमें से सब माल निकल जाएगा और तुम्हारे मुँह को भर देगा!
‘तो क्या हुआ, तेरे लंड का पानी ही तो मुझे पीना है!’
‘आह … नहीं भाभी, पहले मैं तुम्हारी चूत चोदूँगा … उसके बाद तुम मेरा पानी पी लेना!’

यह कहते हुए मैंने तुरन्त अपनी पोजीशन बदली और भाभी को पलंग पर सीधा लेटाकर उसके नीचे आ गया.

फिर उसकी चूत को जरा सा चाटकर लंड को अन्दर धकेल दिया.
भाभी की चूत के गीले होने के कारण सटाक की आवाज के साथ लंड चूत में पेवस्त हो गया.

तभी भाभी की कराह निकली- आह मर गई!
मैं भाभी के ऊपर लेट गया और उसके होंठों को चूसने लगा.

इधर भाभी ने अपनी गांड उठाकर मुझे चूत चोदने का इशारा कर दिया.

बस फिर क्या … धक्के पर धक्के शुरू हो गए … थप-थप की आवाज कानों में पड़ने लगी.

भाभी बोली- और जोर से … आह और जोर से … बड़ा मजा आ रहा है. तेरा लंड मेरी बच्चेदानी में टकरा रहा है.

आह ऊऊ की आवाज के साथ वह मेरा जोश बढ़ा रही थी.

कोई तीन मिनट बाद ही भाभी बोली- देवर जी मैं झड़ रही हूँ!
इतना कहने के साथ ही उसका रज मेरे लंड से लगने लगा.
लेकिन मेरे लंड का जोश कम नहीं हो रहा था.

‘शाबाश मेरे देवर शाबाश, आज दिखा दे अपनी भाभी को कि एक ही बार में तुम अपनी भाभी की चूत का कितनी बार पानी निकालते हो!’

उसकी इस तरह की बातों से मेरा जोश बढ़ता ही जा रहा था.
मेरी स्पीड मानो राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन की तरह हो चुकी थी.

‘आह चोद मादरचोद चोद … अपनी भाभी को … हो गयी आज से तेरी रखैल … आह चोद भोसड़ी वाले … अपनी भाभी की चूत का भोसड़ा बना दे.’
पता नहीं क्या क्या उलजुलूल बोले जा रही थी.
जितना वह बोलती जाती, उतना मेरा जोश बढ़ता ही जाता.

बीस मिनट तक मैं लगातार भाभी को चोदता रहा.
भाभी की चूत का पानी 2-3 बार तो निकल ही चुका था.
अब मेरी बारी थी.

मैंने तुरन्त 69 की पोजीशन में आकर अपना लंड भाभी के मुँह में दे दिया और उसकी चूत से निकलता हुआ रस मैं चाटने लगा.

भाभी ने अपनी जीभ को लंड के सुपारे में चलाते हुए ही लंड को अपने मुँह के अन्दर ले लिया.
जैसे ही उसके मुँह के अन्दर लंड गया, मेरा वीर्य छूटने लगा.
वह गूँ गूँ करने लगी लेकिन वीर्य का एक-एक बूँद चूस गयी.

उसके बाद भी वह लंड को चूसती रही.
फिर चट की एक आवाज मेरी चूतड़ से आयी और साथ में भाभी की आवाज गाली के साथ आई.

‘भोसड़ी वाले, बता तो दिया होता कि तू अपना वीर्य मेरे मुँह के अन्दर डालने वाला है!’
उसकी बात सुनकर मैंने कहा- थोड़ी देर पहले तो तुम मेरा पानी पीने वाली थी न!

यह कहते हुए मैं झट से भाभी के बगल में आया और उसको मुँह खोलने को कहा.
‘अब क्या करेगा?’ यह कहते हुए उसने अपना मुँह खोल दिया.
मैंने तुरन्त ही अपना थोड़ा सा थूक उसके मुँह में डाला और गटकने के लिए बोला.

मेरे थूक को गटकने के बाद वह मेरी तरफ सवालिया नजरों से देखने लगी.

मैं समझ गया और मैंने उससे कहा- तुमने ही तो कहा था कि सेक्स कहानी जैसा मजा चाहिए!
‘हम्म …’ कहती हुई उसने मेरे मुँह को खोला और मेरे मुँह के अन्दर अपने थूक को डाल दिया.

फिर घुटने के बल बैठते हुए उसने मेरे एक हाथ को अपनी चूत के ऊपर रखा और दूसरे हाथ को अपनी चूची के ऊपर रख दिया.

मेरी एक उंगली भाभी की चूत के अन्दर और बाकी की बाहर चूत के चारों तरफ चलने लगीं.
मेरा दूसरा हाथ उसकी चूची को हौले से सहलाने लगा.
हम दोनों के बीच एक खामोशी सी छा गयी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply


Messages In This Thread
प्यासी भाभी - by neerathemall - 29-01-2024, 11:00 AM
RE: प्यासी भाभी - by sri7869 - 01-05-2024, 10:27 AM
RE: प्यासी भाभी - by neerathemall - 11-11-2024, 09:47 AM



Users browsing this thread: 1 Guest(s)