11-11-2024, 09:42 AM
अब भाभी मेरा विरोध भी नहीं कर रही थीं और बिना कुछ बोले चुपचाप लेटी हुई थीं. मुझे समझ में आ गया था कि भाभी को अब मजा आने लगा है.
कुछ देर बाद मैंने भाभी के होंठों को अपने होंठों से दबा लिया और किस करने लगा.
मैं अपनी जीभ से उनके पूरे चेहरे को चाटने चूमने लगा.
एक दो पल बाद भाभी भी मेरा साथ देने लगी थीं और मुझे चूम रही थीं.
थोड़ी देर बाद जब मैं भाभी की नाइटी खोलने लगा … तो भाभी मना करने लगीं कि यहां नहीं … नीचे चलते हैं वरना यश बेटा जग जाएगा तो गड़बड़ हो जाएगी.
मैंने अपनी गोद में भाभी को उठा लिया और नीचे उनके बेडरूम में लाकर लाकर बेड पर पटक दिया.
मुझसे रहा नहीं जा रहा था, तो मैंने भाभी की नाइटी को ऊपर से पकड़ कर पूरा फाड़ दिया और ब्रा को भी एक ही बार में खींच कर हटा दिया.
मैंने भाभी को पूरी तरह नंगी कर दिया था.
अब भाभी ऊपर से नीचे तक एकदम नंगी हो चुकी थीं और मैं उनकी मदमस्त जवानी को आंखों से चोदने लगा था.
भाभी ने शर्मा कर अपनी टांगों को भींचा और चुत दबा ली.
मुझसे रहा नहीं जा रहा था तो मैं भाभी के ऊपर चढ़ गया और उनके बोबों को जोर जोर से निचोड़ने लगा और पीने लगा.
उस वक्त भाभी को मीठा दर्द भी हो रहा था.
तो भाभी हौले हौले से कराह रही थीं- आंहा … आह … हाआ जरा धीरे मसलो न कबसे तेरा इंतजार कर रही थी … आह … शुभ पी लो मेरे दूध चूस लो!
मैंने कहा- भाभी आपने इशारा तो दिया होता … अब तक तो न जाने कितनी बार चुदाई कर चुका होता.
भाभी- इसीलिए तो आज बुलाया था.
मैं समझ गया कि भाभी ने खुद ही बिजली खराब करने की कोशिश की है. मगर वो कुछ ज्यादा ही खराब हो गई है.
भाभी बोलीं- अब देर मत करो … जल्दी से मुझे चोद दो.
इसके बाद मैंने अपने सारे कपड़े उतारे और अपना लंड भाभी के मुँह के सामने ले गया और भाभी के मुँह में डालने लगा.
भाभी मना करने लगीं- प्लीज़ मुझे ये मुँह में नहीं लेना. मैंने पहले कभी मुँह में नहीं लिया और तुम्हारा ये बहुत बड़ा भी है.
पर मैंने भाभी की एक ना सुनी और लंड जबरदस्ती भाभी मुँह में ठूंस दिया- भाभी एक बार चूस कर तो देखो … मजा न आए तो कहना.
भाभी कुछ जवाब देतीं, इससे पहले मैंने भाभी के बालों को पकड़ा और उनके मुँह को चोदने में लग गया.
लंड को जोर-जोर से उनके मुँह में आगे पीछे करने लगा, मेरा लंड उनके गले तक जा रहा था.
हालांकि इससे भाभी को तकलीफ़ हो रही थी और उन्हें थोड़ी खांसी आने लगी. साथ ही भाभी की आंखों से आंसू आने लगे.
तो मैं थोड़ा रुक गया और लंड को भाभी के मुँह से निकाल दिया.
भाभी मुझे गालियां देने लगीं- कुते हरामजादे … मादरचोद … मैं भी इंसान हूँ कोई रंडी नहीं हूँ.
भाभी के मुँह से गालियां सुनने से मुझे मजा आ गया और मैं भी भाभी को गालियां देने लगा- साली बहन की लौड़ी रंडी … तेरी मां की चुत … छिनाल … इतनी देर से नाटक कर रही थी. अब आई न लौड़े की लाइन पर.
फिर मैंने भाभी को मेरी गोद में उल्टा पटका और भाभी की गांड पर 8-10 थप्पड़ मार-मार कर उनकी गांड को लाल कर दिया.
भाभी इस वक्त मस्त थीं और ‘आह … आह … आह …’ की मादक आवाजें निकाले जा रही थीं.
थोड़ी देर बाद मैंने भाभी को बेड पर उल्टा पटक कर घोड़ी बना दिया और लंड को भाभी की चुत में सैट करके जोर से धक्का लगा दिया.
भाभी की चुत पहले ही रस निकलने की वजह से पूरी गीली हो चुकी थी तो मेरा लंड एक बार में ही पूरा अन्दर घुस गया और इसी के साथ भाभी की जोरदार चीख निकल गई.
शायद भैया का लौड़ा मेरे लौड़े से छोटा होगा, तभी भाभी को मेरे लौड़े के प्रहार से इतना दर्द हो रहा था.
परंतु मैं नहीं रुका और लगातार जोर-जोर से भाभी की चुत में लंड को पेलते जा रहा था.
भाभी को थोड़ी देर दर्द हुआ … मगर बाद में भाभी का दर्द मजे में बदल गया और भाभी को भी मज़ा आने लगा.
अब भाभी भी अपनी गांड आगे-पीछे कर रही थीं और सेक्सी आवाजें निकाल रही थीं- आह शुभ मजा आ गया … आह चोद माँ के लौड़े … आह और जोर से चोद भोसड़ी वाले … उन्हा मुहाआ!
लगातार दस मिनट तक ताबड़तोड़ चुदाई करने के बाद भाभी ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और थोड़ी देर बाद भाभी झड़ गईं.
भाभी की चुत का गर्म लावा मेरे लंड को स्पर्श हुआ … जिससे लंड फच फच की आवाज करते हुए अन्दर बाहर होने लगा.
अभी मेरा रस नहीं निकला था तो मैं लगातार धक्के मार रहा था.
कोई 5-7 मिनट तक भाभी की चुत चोदने के बाद मेरा भी वीर्य निकलने वाला हो गया था.
इससे पहले मैं झड़ता कि भाभी ने बोल दिया- रस अन्दर मत छोड़ना.
मैंने लंड को निकाल कर जल्दी से भाभी के मुँह के सामने कर दिया.
मैं लंड भाभी के मुँह में डालने लगा पर भाभी ने मुँह नहीं खोला.
इससे मेरा सारा लावा भाभी के चेहरे पर, बोबों पर और पेट पर जा गिरा.
मैं निढाल होकर भाभी के साइड में गिर गया.
इस वक्त हम दोनों पसीने में तरबतर हो गए थे.
यूं ही कुछ मिनट लेटे रहने के बाद भाभी बाथरूम में नहाने चली चली गईं … तो मैं भी भाभी के पीछे से बाथरूम में घुस गया.
मैंने भाभी को पीछे से पकड़ लिया और भाभी की गर्दन पर किस करने लगा.
मैं बोला- भाभी एक बार और हो जाए.
मगर भाभी मना करने लगीं, बोलीं- मुझे गर्मी लग रही है, अब रहने दो मुझे नहा लेने दो.
पर मैं कहां मानने वाला था, मैंने बाथरूम का शावर चालू कर दिया और शावर के नीचे भाभी को पटक दिया. उनकी दोनों टांगों को चौड़ा करके लंड को चुत के छेद पर रख कर तेज़ी से लंड को घुसेड़ दिया.
भाभी की एक आह निकली और मैं भाभी को चोदने लगा.
अब भाभी फिर से आहें भरने लगीं- आआह … आआ शुभ और तेज पेलो … आहह … उउऊह..
भाभी की सेक्सी आवाजों से मुझे और नशा चढ़ता जा रहा था और मैं लगातार धकापेल उन्हें चोदता जा रहा था.
करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए.
जैसे ही भाभी को पता चला कि मैं उनकी चुत में झड़ गया तो भाभी मुझसे लड़ने लगीं और गालियां देने लगीं- बहन के लौड़े, हरामजादे, मादरचोद अन्दर क्यों झड़ा. मैंने मना किया था ना!
मैंने बोला- साली बहन की लौड़ी रंडी … मुझे पता ही नहीं चला कि मेरा रस कब निकल गया.
उसके बाद भाभी टांगें चौड़ी करके नीचे बैठ कर मूतने लगीं.
उन्होंने अपनी उंगली चुत में डालकर मेरे लंड रस को निकाला और मूत से चुत को साफ़ किया ताकि मेरे वीर्य से कुछ गड़बड़ न जाए.
हालांकि इस तरह से गर्भ नहीं ठहरने की गारंटी तो नहीं होती, तब भी काफी हद तक वीर्य का असर खत्म हो जाता है.
फिर हम दोनों एक साथ बाथरूम में शावर के नीचे नहाने लगे.
मैं नहा कर बाथरूम से बाहर आया और कपड़े पहन कर छत पर जाकर लेट गया. नीचे गर्मी बहुत ज्यादा लग रही थी.
थोड़ी देर बाद भाभी भी नहाकर नई सफ़ेद नाईटी पहन कर छत पर आ गईं और मेरे बगल में आकर सो गईं.
भाभी व्हाइट कलर की नाईटी में और भी हॉट लग रही थीं और भाभी को देख कर मेरा फिर से मूड बनने लगा था.
मैं भाभी की कमर में हाथ डालने लगा तो भाभी मना करने लगीं- अब नहीं शुभ … मुझे नींद आ रही है.
पर मैं उनकी कहां मानने वाला था … मैं वापस से भाभी के ऊपर चढ़ गया. भाभी के मुँह पर किस करने लगा और बोबों को मसलने लगा.
भाभी मेरा विरोध करने लगी थीं तो मेरा दिमाग़ खराब हो गया.
मैंने बोला- रंडी चुपचाप चोद लेने दे … वरना अभी ये नाइटी भी फाड़ दूंगा.
भाभी चुप हो गई और मुझे चूमने लगीं.
मैंने भाभी की नाइटी को कमर तक उटा दिया.
भाभी ने नीचे पैंटी नहीं पहन रखी थी.
मैंने भाभी को पेट के बल उल्टा लेटा दिया और उनकी गांड चाटने लगा, गांड चटवाने में भाभी को बहुत मजा आ रहा था.
भाभी ने इससे पहले कभी गांड नहीं चटवाई थी.
एक मिनट से भी कम समय में भाभी जोर जोर से आहें भर रही थीं- आह शुभ यू आर सो गुड … आह … आह.
कुछ देर बाद मैंने भाभी के होंठों को अपने होंठों से दबा लिया और किस करने लगा.
मैं अपनी जीभ से उनके पूरे चेहरे को चाटने चूमने लगा.
एक दो पल बाद भाभी भी मेरा साथ देने लगी थीं और मुझे चूम रही थीं.
थोड़ी देर बाद जब मैं भाभी की नाइटी खोलने लगा … तो भाभी मना करने लगीं कि यहां नहीं … नीचे चलते हैं वरना यश बेटा जग जाएगा तो गड़बड़ हो जाएगी.
मैंने अपनी गोद में भाभी को उठा लिया और नीचे उनके बेडरूम में लाकर लाकर बेड पर पटक दिया.
मुझसे रहा नहीं जा रहा था, तो मैंने भाभी की नाइटी को ऊपर से पकड़ कर पूरा फाड़ दिया और ब्रा को भी एक ही बार में खींच कर हटा दिया.
मैंने भाभी को पूरी तरह नंगी कर दिया था.
अब भाभी ऊपर से नीचे तक एकदम नंगी हो चुकी थीं और मैं उनकी मदमस्त जवानी को आंखों से चोदने लगा था.
भाभी ने शर्मा कर अपनी टांगों को भींचा और चुत दबा ली.
मुझसे रहा नहीं जा रहा था तो मैं भाभी के ऊपर चढ़ गया और उनके बोबों को जोर जोर से निचोड़ने लगा और पीने लगा.
उस वक्त भाभी को मीठा दर्द भी हो रहा था.
तो भाभी हौले हौले से कराह रही थीं- आंहा … आह … हाआ जरा धीरे मसलो न कबसे तेरा इंतजार कर रही थी … आह … शुभ पी लो मेरे दूध चूस लो!
मैंने कहा- भाभी आपने इशारा तो दिया होता … अब तक तो न जाने कितनी बार चुदाई कर चुका होता.
भाभी- इसीलिए तो आज बुलाया था.
मैं समझ गया कि भाभी ने खुद ही बिजली खराब करने की कोशिश की है. मगर वो कुछ ज्यादा ही खराब हो गई है.
भाभी बोलीं- अब देर मत करो … जल्दी से मुझे चोद दो.
इसके बाद मैंने अपने सारे कपड़े उतारे और अपना लंड भाभी के मुँह के सामने ले गया और भाभी के मुँह में डालने लगा.
भाभी मना करने लगीं- प्लीज़ मुझे ये मुँह में नहीं लेना. मैंने पहले कभी मुँह में नहीं लिया और तुम्हारा ये बहुत बड़ा भी है.
पर मैंने भाभी की एक ना सुनी और लंड जबरदस्ती भाभी मुँह में ठूंस दिया- भाभी एक बार चूस कर तो देखो … मजा न आए तो कहना.
भाभी कुछ जवाब देतीं, इससे पहले मैंने भाभी के बालों को पकड़ा और उनके मुँह को चोदने में लग गया.
लंड को जोर-जोर से उनके मुँह में आगे पीछे करने लगा, मेरा लंड उनके गले तक जा रहा था.
हालांकि इससे भाभी को तकलीफ़ हो रही थी और उन्हें थोड़ी खांसी आने लगी. साथ ही भाभी की आंखों से आंसू आने लगे.
तो मैं थोड़ा रुक गया और लंड को भाभी के मुँह से निकाल दिया.
भाभी मुझे गालियां देने लगीं- कुते हरामजादे … मादरचोद … मैं भी इंसान हूँ कोई रंडी नहीं हूँ.
भाभी के मुँह से गालियां सुनने से मुझे मजा आ गया और मैं भी भाभी को गालियां देने लगा- साली बहन की लौड़ी रंडी … तेरी मां की चुत … छिनाल … इतनी देर से नाटक कर रही थी. अब आई न लौड़े की लाइन पर.
फिर मैंने भाभी को मेरी गोद में उल्टा पटका और भाभी की गांड पर 8-10 थप्पड़ मार-मार कर उनकी गांड को लाल कर दिया.
भाभी इस वक्त मस्त थीं और ‘आह … आह … आह …’ की मादक आवाजें निकाले जा रही थीं.
थोड़ी देर बाद मैंने भाभी को बेड पर उल्टा पटक कर घोड़ी बना दिया और लंड को भाभी की चुत में सैट करके जोर से धक्का लगा दिया.
भाभी की चुत पहले ही रस निकलने की वजह से पूरी गीली हो चुकी थी तो मेरा लंड एक बार में ही पूरा अन्दर घुस गया और इसी के साथ भाभी की जोरदार चीख निकल गई.
शायद भैया का लौड़ा मेरे लौड़े से छोटा होगा, तभी भाभी को मेरे लौड़े के प्रहार से इतना दर्द हो रहा था.
परंतु मैं नहीं रुका और लगातार जोर-जोर से भाभी की चुत में लंड को पेलते जा रहा था.
भाभी को थोड़ी देर दर्द हुआ … मगर बाद में भाभी का दर्द मजे में बदल गया और भाभी को भी मज़ा आने लगा.
अब भाभी भी अपनी गांड आगे-पीछे कर रही थीं और सेक्सी आवाजें निकाल रही थीं- आह शुभ मजा आ गया … आह चोद माँ के लौड़े … आह और जोर से चोद भोसड़ी वाले … उन्हा मुहाआ!
लगातार दस मिनट तक ताबड़तोड़ चुदाई करने के बाद भाभी ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और थोड़ी देर बाद भाभी झड़ गईं.
भाभी की चुत का गर्म लावा मेरे लंड को स्पर्श हुआ … जिससे लंड फच फच की आवाज करते हुए अन्दर बाहर होने लगा.
अभी मेरा रस नहीं निकला था तो मैं लगातार धक्के मार रहा था.
कोई 5-7 मिनट तक भाभी की चुत चोदने के बाद मेरा भी वीर्य निकलने वाला हो गया था.
इससे पहले मैं झड़ता कि भाभी ने बोल दिया- रस अन्दर मत छोड़ना.
मैंने लंड को निकाल कर जल्दी से भाभी के मुँह के सामने कर दिया.
मैं लंड भाभी के मुँह में डालने लगा पर भाभी ने मुँह नहीं खोला.
इससे मेरा सारा लावा भाभी के चेहरे पर, बोबों पर और पेट पर जा गिरा.
मैं निढाल होकर भाभी के साइड में गिर गया.
इस वक्त हम दोनों पसीने में तरबतर हो गए थे.
यूं ही कुछ मिनट लेटे रहने के बाद भाभी बाथरूम में नहाने चली चली गईं … तो मैं भी भाभी के पीछे से बाथरूम में घुस गया.
मैंने भाभी को पीछे से पकड़ लिया और भाभी की गर्दन पर किस करने लगा.
मैं बोला- भाभी एक बार और हो जाए.
मगर भाभी मना करने लगीं, बोलीं- मुझे गर्मी लग रही है, अब रहने दो मुझे नहा लेने दो.
पर मैं कहां मानने वाला था, मैंने बाथरूम का शावर चालू कर दिया और शावर के नीचे भाभी को पटक दिया. उनकी दोनों टांगों को चौड़ा करके लंड को चुत के छेद पर रख कर तेज़ी से लंड को घुसेड़ दिया.
भाभी की एक आह निकली और मैं भाभी को चोदने लगा.
अब भाभी फिर से आहें भरने लगीं- आआह … आआ शुभ और तेज पेलो … आहह … उउऊह..
भाभी की सेक्सी आवाजों से मुझे और नशा चढ़ता जा रहा था और मैं लगातार धकापेल उन्हें चोदता जा रहा था.
करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए.
जैसे ही भाभी को पता चला कि मैं उनकी चुत में झड़ गया तो भाभी मुझसे लड़ने लगीं और गालियां देने लगीं- बहन के लौड़े, हरामजादे, मादरचोद अन्दर क्यों झड़ा. मैंने मना किया था ना!
मैंने बोला- साली बहन की लौड़ी रंडी … मुझे पता ही नहीं चला कि मेरा रस कब निकल गया.
उसके बाद भाभी टांगें चौड़ी करके नीचे बैठ कर मूतने लगीं.
उन्होंने अपनी उंगली चुत में डालकर मेरे लंड रस को निकाला और मूत से चुत को साफ़ किया ताकि मेरे वीर्य से कुछ गड़बड़ न जाए.
हालांकि इस तरह से गर्भ नहीं ठहरने की गारंटी तो नहीं होती, तब भी काफी हद तक वीर्य का असर खत्म हो जाता है.
फिर हम दोनों एक साथ बाथरूम में शावर के नीचे नहाने लगे.
मैं नहा कर बाथरूम से बाहर आया और कपड़े पहन कर छत पर जाकर लेट गया. नीचे गर्मी बहुत ज्यादा लग रही थी.
थोड़ी देर बाद भाभी भी नहाकर नई सफ़ेद नाईटी पहन कर छत पर आ गईं और मेरे बगल में आकर सो गईं.
भाभी व्हाइट कलर की नाईटी में और भी हॉट लग रही थीं और भाभी को देख कर मेरा फिर से मूड बनने लगा था.
मैं भाभी की कमर में हाथ डालने लगा तो भाभी मना करने लगीं- अब नहीं शुभ … मुझे नींद आ रही है.
पर मैं उनकी कहां मानने वाला था … मैं वापस से भाभी के ऊपर चढ़ गया. भाभी के मुँह पर किस करने लगा और बोबों को मसलने लगा.
भाभी मेरा विरोध करने लगी थीं तो मेरा दिमाग़ खराब हो गया.
मैंने बोला- रंडी चुपचाप चोद लेने दे … वरना अभी ये नाइटी भी फाड़ दूंगा.
भाभी चुप हो गई और मुझे चूमने लगीं.
मैंने भाभी की नाइटी को कमर तक उटा दिया.
भाभी ने नीचे पैंटी नहीं पहन रखी थी.
मैंने भाभी को पेट के बल उल्टा लेटा दिया और उनकी गांड चाटने लगा, गांड चटवाने में भाभी को बहुत मजा आ रहा था.
भाभी ने इससे पहले कभी गांड नहीं चटवाई थी.
एक मिनट से भी कम समय में भाभी जोर जोर से आहें भर रही थीं- आह शुभ यू आर सो गुड … आह … आह.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
