11-11-2024, 09:40 AM
भाभी की चूत की लकीर पैंटी के ऊपर से साफ दिख रही थी.
मैंने एक पल सोचा कि भाभी ने अभी तक कुछ भी रिएक्ट नहीं किया है, इसका मतलब ये है कि भाभी जाग रही होंगी और मेरी हरकतों का मजा ले रही होंगी.
बस ये सोचते ही मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने धीरे से भाभी की पैंटी की इलास्टिक में उंगलियां फंसाईं और उसे चूत की साइड से नीचे को कर दिया.
भाभी ने अब भी कोई प्रतिक्रिया नहीं की तो मैंने दोनों हाथ से पैंटी को पकड़ कर उनकी गांड के नीचे से खींच कर बाहर निकाल दिया.
इतना सब होने पर भी भाभी ने कुछ नहीं कहा था.
मैंने पैंटी को सूंघा और साइड में रख दिया.
भाभी की पिंक कलर की चिकनी चूत मेरी आंखों के सामने थी. भाभी की चूत पर एक भी बाल नहीं था. शायद एकाध दिन पहले ही भाभी ने चूत साफ की होगी. इसलिए चूत पर झांट के बाल नहीं थे.
अब भाभी की चूत को देख कर मेरा बुरा हाल होता जा रहा था.
भाभी की चूत देखते ही मैं बेकाबू हो गया और उस वक्त मुझे पता नहीं क्या हुआ, मैं जल्दी से अपनी जीभ से भाभी की चूत को चाटने लगा.
मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था. मैं भाभी की चूत को भूखे शेर की तरह जल्दी-जल्दी चाटने लगा.
इससे भाभी की नींद एकदम से खुल गई और भाभी मुझ पर जोर से चिल्ला कर बोलीं- ये क्या कर रहे हो, तुम्हें ये सब करते हुए शर्म नहीं आती.
मैं घबरा गया और भाभी जल्दी अपनी नाइटी को नीचे करके चूत को ढकने लगीं.
उस वक्त मुझे भाभी की चूत के अलावा और कुछ नहीं दिख रहा था जिससे भाभी उस वक्त मुझसे जो भी बोल रही थीं, उसका मुझ पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा था.
उस वक्त मेरे ऊपर वासना का भूत सवार हो रहा था, इस कारण मैं फिर से भाभी की चूत को मसलने लगा.
कोई पांच मिनट बाद मैंने भाभी की टांगों को चौड़ा कर दिया और भाभी की गुलाबी चिकनी चूत को जोर-जोर से चाटने लगा.
भाभी का विरोध दबने लगा था. मैं उस समय बहुत जल्दी भाभी की चूत को चाट रहा था और चूत में अन्दर बाहर उंगली भी कर रहा था.
इससे थोड़ी ही देर में भाभी की चूत ने पानी छोड़ दिया और चूत गीली हो गई. भाभी भी एकदम शांत हो गई थीं.
मैंने एक पल सोचा कि भाभी ने अभी तक कुछ भी रिएक्ट नहीं किया है, इसका मतलब ये है कि भाभी जाग रही होंगी और मेरी हरकतों का मजा ले रही होंगी.
बस ये सोचते ही मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने धीरे से भाभी की पैंटी की इलास्टिक में उंगलियां फंसाईं और उसे चूत की साइड से नीचे को कर दिया.
भाभी ने अब भी कोई प्रतिक्रिया नहीं की तो मैंने दोनों हाथ से पैंटी को पकड़ कर उनकी गांड के नीचे से खींच कर बाहर निकाल दिया.
इतना सब होने पर भी भाभी ने कुछ नहीं कहा था.
मैंने पैंटी को सूंघा और साइड में रख दिया.
भाभी की पिंक कलर की चिकनी चूत मेरी आंखों के सामने थी. भाभी की चूत पर एक भी बाल नहीं था. शायद एकाध दिन पहले ही भाभी ने चूत साफ की होगी. इसलिए चूत पर झांट के बाल नहीं थे.
अब भाभी की चूत को देख कर मेरा बुरा हाल होता जा रहा था.
भाभी की चूत देखते ही मैं बेकाबू हो गया और उस वक्त मुझे पता नहीं क्या हुआ, मैं जल्दी से अपनी जीभ से भाभी की चूत को चाटने लगा.
मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था. मैं भाभी की चूत को भूखे शेर की तरह जल्दी-जल्दी चाटने लगा.
इससे भाभी की नींद एकदम से खुल गई और भाभी मुझ पर जोर से चिल्ला कर बोलीं- ये क्या कर रहे हो, तुम्हें ये सब करते हुए शर्म नहीं आती.
मैं घबरा गया और भाभी जल्दी अपनी नाइटी को नीचे करके चूत को ढकने लगीं.
उस वक्त मुझे भाभी की चूत के अलावा और कुछ नहीं दिख रहा था जिससे भाभी उस वक्त मुझसे जो भी बोल रही थीं, उसका मुझ पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा था.
उस वक्त मेरे ऊपर वासना का भूत सवार हो रहा था, इस कारण मैं फिर से भाभी की चूत को मसलने लगा.
कोई पांच मिनट बाद मैंने भाभी की टांगों को चौड़ा कर दिया और भाभी की गुलाबी चिकनी चूत को जोर-जोर से चाटने लगा.
भाभी का विरोध दबने लगा था. मैं उस समय बहुत जल्दी भाभी की चूत को चाट रहा था और चूत में अन्दर बाहर उंगली भी कर रहा था.
इससे थोड़ी ही देर में भाभी की चूत ने पानी छोड़ दिया और चूत गीली हो गई. भाभी भी एकदम शांत हो गई थीं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
