10-11-2024, 07:57 PM
डर गया और अपने रूम में जाने लगा. मैं अपने रूम में आकर लेट गया, मेरा लंड अभी भी टाइट था.
थोड़ी देर बाद दीदी आईं और मेरे पास आकर बैठ गईं. दीदी मेरे सिर पे हाथ फिराने लगीं और बोलीं- भैया हम दोनों सगे भाई बहन हैं.. हम दोनों चुदाई कैसे कर सकते हैं.. नहीं हम चुदाई नहीं कर सकते हैं.
मैंने कहा- हाँ चुदाई नहीं कर सकते पर मैं आपको नंगी देखना चाहता हूँ.
दीदी ने कहा- अच्छा ठीक है.. मगर सिर्फ़ देखना, टच नहीं करना!
मैंने बोला- ठीक है दीदी.
फिर दीदी ने मुझसे पूछा- तुझे मैं क्यों इतनी अच्छी लगती हूँ?
मैंने कहा- पता नहीं दीदी.. पर आपको नंगी देखने का मन हो रहा है.. और आपको किस करने को मन हो रहा है. बस आपकी बांहों में मैं नंगा सो जाना चाहता हूँ.
दीदी ने बोला- अगर तुझे चुदाई करनी है तो में मेरी एक फ्रेंड से बात करती हूँ, वो तुझसे चुदवा लेगी.
मैंने बोला- दीदी मुझे कोई भी नहीं चाहिए, मुझे सिर्फ़ आपके साथ चुदाई करनी है.
दीदी बोलीं- भैया मेरे साथ तुम चुदाई नहीं कर सकते, लेकिन मैं तुमको अभी 5 मिनट दे रही हूँ.. तुम 5 मिनट में मेरे साथ जो भी करना चाहो, कर सकते हो.. पर चुदाई नहीं सकते, जो भी करना हो ऊपर ऊपर से कर लो.
ये कहते हुए दीदी मेरे बाजू में लेट गईं. मैं तो ख़ुशी के मारे पागल हो गया और मैंने जल्दी से अपनी टी-शर्ट और शॉर्ट निकाल दिया. साथ ही मैंने दीदी की नाइटी निकाल कर उनको सिर्फ़ ब्रा और अंडरवियर में रहने दिया. फिर मैंने दीदी को किस करना स्टार्ट किया. कुछ ही पलों बाद मैंने अब दीदी की ब्रा भी निकाल दी.
दोस्तो क्या बताऊं मेरी दीदी बड़ी ही सेक्सी लग रही थीं. मैंने दीदी के मम्मों को मेरे हाथों में ले लिया. दीदी के मम्मे एकदम टाइट थे. मैंने फिर दीदी के मम्मों को चूसना स्टार्ट किया और निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा.
दीदी ‘उहह.. अहह.. उफ्फ.. भैया..’ बोल रही थीं
मैंने फिर उनकी चूचियों को छोड़ कर सीधे पेंटी पर आ गया और एक झटके में उनकी पेंटी निकाल दी. उनकी गुलाबी चुत अब मेरी आँखों के सामने थी.
मैंने अपनी जीभ दीदी की चुत पर रख दी और दीदी की चुत चाटने लगा. फिर मैंने चुत को चाटते चाटते अपनी एक उंगली दीदी की चुत में कर दी. दीदी की आँखें बंद थीं और वो बस आनन्द ले रही थीं. मैंने दीदी की चुत में अन्दर तक अपनी जीभ डाल दी.. दीदी कराह उठीं.
फिर अचानक दीदी मानो होश में आ गई और बोलीं- भैया 5 मिनट पूरे हो गए.
वे अपने कपड़े पहनने लगीं, तो मैंने दीदी के हाथ से उनकी ब्रा ले ली और बोला- दीदी, आपका पानी तो निकल गया, पर अपने लंड का मैं क्या करूँ?
तो दीदी ने बोला- भैया, मेरा भी पानी अभी तक नहीं निकला है.
तो मैंने बोला- तो फिर चलो ना दीदी, चुदाई कर ही लेते हैं, अभी इतना कुछ तो हो गया ना.
तो दीदी बोलीं- नहीं भैया चुदाई तो नहीं हो सकती, लेकिन एक काम कर, तू मेरी चुत चूस कर मेरा पानी निकाल दे और मैं तेरा लंड चूस कर तेरा पानी निकाल देती हूँ.
मैंने बोला- ठीक है.
हम दोनों 69 की पोज़िशन में आ गए. दीदी ने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और आइसक्रीम की तरह लंड चूसने लगीं. मुझे तो बहुत ही अच्छा लग रहा था, मैं आसमान में उड़ रहा था.
मैंने भी अपनी दीदी की चुत चाटी और जब मुझे लगा कि मेरा पानी निकलने वाला है तो मैं बोला- दीदी, मेरा रस निकलने वाला है.
लेकिन दीदी कुछ नहीं बोली और लंड चूसने में लगी रहीं. दीदी भी अब मेरे मुँह में झड़ गईं और मैं भी दीदी की मुँह में झड़ गया.
मेरी दीदी की चुत का पानी मुझे बहुत ही अच्छा लगा. लंड चूसने के बाद दीदी उठ गईं और बोलीं- भैया, अब तो तुझे हो गई ना शान्ति?
मैंने कहा- हाँ.
तो बोलीं- अब तो मेरी ब्रा दे दे.
मैंने बोला- हाँ दीदी.
फिर मैंने दीदी को ब्रा अपने हाथों से पहनाई और दीदी अब अपने कमरे में जाने लगीं.
मैं अपने कमरे में ऐसे ही नंगा सो गया. सुबह जब मेरी आंख खुली तो मैं पूरा नंगा ही था और मैंने देखा कि दीदी किचन में खाना पका रही थीं. मैं किचन में ऐसे ही नंगा ही लंड हिलाता हुआ चला गया और दीदी को पीछे से जाकर पकड़ लिया. दीदी ने पिंक कलर की साड़ी पहनी थी.
जब मैंने दीदी को पकड़ लिया तो दीदी ने बोला- अरे उठ गया सागर.
मैं बोला- हाँ.. दीदी मैं उठ गया और मेरा लंड भी उठ गया.
तो दीदी ने मेरा लंड पकड़ लिया और बोलीं- भैया, ये तुम्हें बहुत तंग कर रहा है ना?
मैंने कहा- हाँ दीदी.. लेकिन आज आपने साड़ी क्यों पहनी है?
तो दीदी ने बोला- मैं जरा मार्केट जा रही हूँ.
मैं बोला- अच्छा तो मैं भी आपके साथ चलता हूँ.
दीदी ने बोला- नहीं.. मैं बस पास में सब्जी लेकर तुरंत ही आ जाऊंगी.
मैं बोला- दीदी. शाम को चली जाना ना.
ऐसा बोलते बोलते मैंने दीदी की साड़ी निकाल दी. दीदी गुस्से से मुझे देख रही थीं.
मैं घबरा गया, दीदी ने कहा- मैंने तुझे कल रात को ही बोला था कि हम चुदाई नहीं कर सकते, क्योंकि हम दोनों भाई बहन हैं.. और वो भी सगे हैं.
मैंने बोला- हाँ मुझे पता है.
तो दीदी ने बोला- जब तुझे पता है तो तू क्या चाहता है.. और मेरी साड़ी क्यों निकाल रहा है?
मैंने कहा- मैं आपके साथ नहाना चाहता हूँ.
दीदी ने कहा- अभी तू नहा ले, मैं तो नहा चुकी हूँ. शाम को साथ में नहाएँगे.
मैं बोला- हाँ लेकिन अभी ये इस खड़े लंड का क्या करूँ?
तो दीदी ने कहा- बाथरूम में मुठ मार लेना.
उन्होंने मुझे धक्का देकर किचन से बाहर भेज दिया. मैं बाथरूम में चला गया और वहां देखा कि कल रात को दीदी ने जो ब्रा और पेंटी पहनी थी, वो वहां पे गीली लटकी हुई थी. मेरा काम हो गया ये देख कर मैंने दीदी की ब्रा को हाथ में लेकर सूँघा और उनकी अंडरवियर अपने लंड पर लगा कर मुठ मारने लगा.
थोड़ी देर बाद दीदी आईं और मेरे पास आकर बैठ गईं. दीदी मेरे सिर पे हाथ फिराने लगीं और बोलीं- भैया हम दोनों सगे भाई बहन हैं.. हम दोनों चुदाई कैसे कर सकते हैं.. नहीं हम चुदाई नहीं कर सकते हैं.
मैंने कहा- हाँ चुदाई नहीं कर सकते पर मैं आपको नंगी देखना चाहता हूँ.
दीदी ने कहा- अच्छा ठीक है.. मगर सिर्फ़ देखना, टच नहीं करना!
मैंने बोला- ठीक है दीदी.
फिर दीदी ने मुझसे पूछा- तुझे मैं क्यों इतनी अच्छी लगती हूँ?
मैंने कहा- पता नहीं दीदी.. पर आपको नंगी देखने का मन हो रहा है.. और आपको किस करने को मन हो रहा है. बस आपकी बांहों में मैं नंगा सो जाना चाहता हूँ.
दीदी ने बोला- अगर तुझे चुदाई करनी है तो में मेरी एक फ्रेंड से बात करती हूँ, वो तुझसे चुदवा लेगी.
मैंने बोला- दीदी मुझे कोई भी नहीं चाहिए, मुझे सिर्फ़ आपके साथ चुदाई करनी है.
दीदी बोलीं- भैया मेरे साथ तुम चुदाई नहीं कर सकते, लेकिन मैं तुमको अभी 5 मिनट दे रही हूँ.. तुम 5 मिनट में मेरे साथ जो भी करना चाहो, कर सकते हो.. पर चुदाई नहीं सकते, जो भी करना हो ऊपर ऊपर से कर लो.
ये कहते हुए दीदी मेरे बाजू में लेट गईं. मैं तो ख़ुशी के मारे पागल हो गया और मैंने जल्दी से अपनी टी-शर्ट और शॉर्ट निकाल दिया. साथ ही मैंने दीदी की नाइटी निकाल कर उनको सिर्फ़ ब्रा और अंडरवियर में रहने दिया. फिर मैंने दीदी को किस करना स्टार्ट किया. कुछ ही पलों बाद मैंने अब दीदी की ब्रा भी निकाल दी.
दोस्तो क्या बताऊं मेरी दीदी बड़ी ही सेक्सी लग रही थीं. मैंने दीदी के मम्मों को मेरे हाथों में ले लिया. दीदी के मम्मे एकदम टाइट थे. मैंने फिर दीदी के मम्मों को चूसना स्टार्ट किया और निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा.
दीदी ‘उहह.. अहह.. उफ्फ.. भैया..’ बोल रही थीं
मैंने फिर उनकी चूचियों को छोड़ कर सीधे पेंटी पर आ गया और एक झटके में उनकी पेंटी निकाल दी. उनकी गुलाबी चुत अब मेरी आँखों के सामने थी.
मैंने अपनी जीभ दीदी की चुत पर रख दी और दीदी की चुत चाटने लगा. फिर मैंने चुत को चाटते चाटते अपनी एक उंगली दीदी की चुत में कर दी. दीदी की आँखें बंद थीं और वो बस आनन्द ले रही थीं. मैंने दीदी की चुत में अन्दर तक अपनी जीभ डाल दी.. दीदी कराह उठीं.
फिर अचानक दीदी मानो होश में आ गई और बोलीं- भैया 5 मिनट पूरे हो गए.
वे अपने कपड़े पहनने लगीं, तो मैंने दीदी के हाथ से उनकी ब्रा ले ली और बोला- दीदी, आपका पानी तो निकल गया, पर अपने लंड का मैं क्या करूँ?
तो दीदी ने बोला- भैया, मेरा भी पानी अभी तक नहीं निकला है.
तो मैंने बोला- तो फिर चलो ना दीदी, चुदाई कर ही लेते हैं, अभी इतना कुछ तो हो गया ना.
तो दीदी बोलीं- नहीं भैया चुदाई तो नहीं हो सकती, लेकिन एक काम कर, तू मेरी चुत चूस कर मेरा पानी निकाल दे और मैं तेरा लंड चूस कर तेरा पानी निकाल देती हूँ.
मैंने बोला- ठीक है.
हम दोनों 69 की पोज़िशन में आ गए. दीदी ने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और आइसक्रीम की तरह लंड चूसने लगीं. मुझे तो बहुत ही अच्छा लग रहा था, मैं आसमान में उड़ रहा था.
मैंने भी अपनी दीदी की चुत चाटी और जब मुझे लगा कि मेरा पानी निकलने वाला है तो मैं बोला- दीदी, मेरा रस निकलने वाला है.
लेकिन दीदी कुछ नहीं बोली और लंड चूसने में लगी रहीं. दीदी भी अब मेरे मुँह में झड़ गईं और मैं भी दीदी की मुँह में झड़ गया.
मेरी दीदी की चुत का पानी मुझे बहुत ही अच्छा लगा. लंड चूसने के बाद दीदी उठ गईं और बोलीं- भैया, अब तो तुझे हो गई ना शान्ति?
मैंने कहा- हाँ.
तो बोलीं- अब तो मेरी ब्रा दे दे.
मैंने बोला- हाँ दीदी.
फिर मैंने दीदी को ब्रा अपने हाथों से पहनाई और दीदी अब अपने कमरे में जाने लगीं.
मैं अपने कमरे में ऐसे ही नंगा सो गया. सुबह जब मेरी आंख खुली तो मैं पूरा नंगा ही था और मैंने देखा कि दीदी किचन में खाना पका रही थीं. मैं किचन में ऐसे ही नंगा ही लंड हिलाता हुआ चला गया और दीदी को पीछे से जाकर पकड़ लिया. दीदी ने पिंक कलर की साड़ी पहनी थी.
जब मैंने दीदी को पकड़ लिया तो दीदी ने बोला- अरे उठ गया सागर.
मैं बोला- हाँ.. दीदी मैं उठ गया और मेरा लंड भी उठ गया.
तो दीदी ने मेरा लंड पकड़ लिया और बोलीं- भैया, ये तुम्हें बहुत तंग कर रहा है ना?
मैंने कहा- हाँ दीदी.. लेकिन आज आपने साड़ी क्यों पहनी है?
तो दीदी ने बोला- मैं जरा मार्केट जा रही हूँ.
मैं बोला- अच्छा तो मैं भी आपके साथ चलता हूँ.
दीदी ने बोला- नहीं.. मैं बस पास में सब्जी लेकर तुरंत ही आ जाऊंगी.
मैं बोला- दीदी. शाम को चली जाना ना.
ऐसा बोलते बोलते मैंने दीदी की साड़ी निकाल दी. दीदी गुस्से से मुझे देख रही थीं.
मैं घबरा गया, दीदी ने कहा- मैंने तुझे कल रात को ही बोला था कि हम चुदाई नहीं कर सकते, क्योंकि हम दोनों भाई बहन हैं.. और वो भी सगे हैं.
मैंने बोला- हाँ मुझे पता है.
तो दीदी ने बोला- जब तुझे पता है तो तू क्या चाहता है.. और मेरी साड़ी क्यों निकाल रहा है?
मैंने कहा- मैं आपके साथ नहाना चाहता हूँ.
दीदी ने कहा- अभी तू नहा ले, मैं तो नहा चुकी हूँ. शाम को साथ में नहाएँगे.
मैं बोला- हाँ लेकिन अभी ये इस खड़े लंड का क्या करूँ?
तो दीदी ने कहा- बाथरूम में मुठ मार लेना.
उन्होंने मुझे धक्का देकर किचन से बाहर भेज दिया. मैं बाथरूम में चला गया और वहां देखा कि कल रात को दीदी ने जो ब्रा और पेंटी पहनी थी, वो वहां पे गीली लटकी हुई थी. मेरा काम हो गया ये देख कर मैंने दीदी की ब्रा को हाथ में लेकर सूँघा और उनकी अंडरवियर अपने लंड पर लगा कर मुठ मारने लगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.