06-11-2024, 07:03 PM
(This post was last modified: 06-11-2024, 07:09 PM by aamirhydkhan1. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मेरे अंतरंग हमसफ़र-289
नौवा अध्याय
डॉक्टरी की पढ़ाई
भाग 42
बहरूपिया मेहमान और सेक्सी मेजबान
कुछ ही मिनटों में, हमारे सुखद आश्चर्य के लिए, हाल में एक बहुत ही आकर्षक, गुलाबी गालों वाली, जीवंत दिखने लगभग बीस साल की युवती मिकी ने प्रवेश किया जो की उस बूढ़े मुखिया की पत्नी थी। बीस साल की उम्र में, पाँच-छे, छत्तीस बस्ट, बाइस-इंच कमर, चौंतीस-इंच कूल्हों के साथ, मिकी एक शानदर दिखने वाली, लंबी सुनहरे बालो वालो गोरी, सुंदर चेहरे वाली लंबी टांगों वाली युवती थी। जिसके रस भरे चाहने वाले होंठ, वह छोटे वॉकवे पर तेजी से चलती हुई एक छोटी स्कर्ट पहने हुए आयी तो उसकी खूबसूरत मलाईदार जांघें चमक रही थीं।
शाम के दौरान मैंने देखा की मिकी का व्यवहार अपने पति के प्रति लगभग उपेक्षाभरा और तिरस्कारपूर्ण था। मिकी की बातो से एहसास हुआ वह बूढ़ा मुखिया अपनी पत्नी को शारीरक तौर पर संतुष्ट नहीं कर पा रहा था ।
हमसे बातचीत के दौरान मुखिया ने बताया की उसकी पत्नी मिकी के पिता के कर्ज को माफ़ करते हुए उसने कुछ दिन पहले ही मिकी के साथ विवाह किया था और स्पष्ट था ये विवाह एक समझौता था और इसके अलावा, मैंने मिकी को चोर नजरो से सिल्वेस्टर को देखते हुए देखा और मुझे अंदाजा हो गया वह सिल्वेस्टर के प्रति आकर्षित हो गयी है और सेक्स के लिए भूखी है ।
मिकी ने हमे बढ़िया भोजन खिलाया और वह अपने पति को चकमा दे कर सिल्वेस्टर से मिलने को आतुर थी और उसके आस पास मंडरा रही थी और उसे बार-बार उसे छूने का प्रयास कर रही थी, इसलिए मैंने एंजेला के साथ चुपचाप ये निर्धारित किया, आज उचित मौका देख कर मेजबान मुखिया और उसके परिवार ने हमे जो के आतिथ्य दिया था उसे चुकाने के लिए उनकी मेजबान पत्नी को सेक्स का सुख प्रदान कर सकते हैं।
रात को जब हम अपने कमरे में जा रहे थे और सोने से पहले मेरी प्रेमिका राजकुमारी एंजेला ने मुझे बताया कि हमारे मेज़बान की पत्नी अपने विवाह की रात से ही सोने से पहले अपने पति को दूध के साथ नींद की दवा मिला देती थी, जिससे वह कम से कम दस घंटे के लिए अपनी स्वतंत्रता सुनिश्चित कर लेती है और आज जैसे ही उसका पति गहरी नींद में सोयेगा वह उसके कमरे में आ जायेगी।
रात के विश्राम के लिए हमें एक साझा दरवाजे वाले बगल के कमरे दिए गए थे । मैंने अंजेला को कपड़े उतारकर मेरे बिस्तर पर जाने के लिए कहा और फिर मैंने अंजेला की मेरे बिस्तर पर चुदाई की। फिर एंजेला को वही छोड़ कर मैं पूरी तरह से नग्न ही उसके लिए तैयार कमरे में गया और अंधेरे में आकर्षक मिकी के आने का इंतजार करने लगा।
कुछ देर इंतजार करने के बाद मैंने कमरे की ओर बढ़ते हुए एक हल्के कदम को सुना, दरवाजा खुला और वह उस कमरे में दाखिल-दाखिल हुई और सिल्वेस्टर सिल्वेस्टर- (एंजेला का छद्म नाम) फुसफुसाते हुए, उसने अपना ब्लाउज गिरा दिया। फिर उसकी स्कर्ट निकली। अब वह उस कमने के अँधेरे में पैंटी और ब्रा, पहने हुए कड़ी हुई थी, मेरा मन यह सब चीरने का कर रहा था, वह सेक्सी देवी जैसी दिखती थी और मैं वहीं बिस्तर पर छाडे ओढ़ कर लेटा हुआ सोने का नाटक करता हुआ अधखुली आँखों से उसे देखता रहा।
मिक्की लंबी हृष्ट-पुष्ट लेकिन मोटी नहीं थी। उसके सुनहरे बाल उसके कंधों पर फैले हुए थे, उसका अंडाकार चेहरा लाल चमक रहा था, छोटे, रूखे होंठों के साथ निचला ओंठ एक संकीर्ण रेखा में लगभग दबा हुआ था, मेरी आधी बंद आँखों ने मैंने उसके प्यारे, दृढ भरे हुए स्तनों को निहारा, उनमें से कोई भी ढलका हुआ नहीं, था उसका पेटऐसे चूसा हुआ था जैसे कि वह वज़न का बहुत अधिक ध्यान रखती हो थी, बीच-बीच में अपनी पैंटी से घिरी हुई थी, उसकी योनि के ऊपर के सुनहरी झांटे थोड़ी-सी दिख रही थी और उसकी चिकनी और रसीली जांघें। अगर यह प्रेमी का स्वर्ग नहीं था तो शयद दुनिया में स्वर्ग नहीं होता।
फिर उसकी ब्रा और पैंटी फर्श पर गिर गई। मिकी वह वर्जित फल था जिसे हर आदमी नहीं खा सकता था। मुझे पता था कि मैं आज रात इस महिला के साथ हर रोमांचकारी पल का भरपूर आनंद लेने जा रहा हूँ और फिर वह मेरे बिस्तर पर आ गई।
मैं फुर्ती से उठा और दरवाज़े की कुंडी खिसकाते हुए, मैंने उसे अपनी बाँहों में पकड़ा और उसने पाया कि मैं भी उसकी तरह पूरा नंगा था। उसे चूमा तो वह मेरी दाढ़ी और मूंछबिना चेहरे से तुरंत जान गई कि मैं वह व्यक्ति नहीं था जिससे वह मिलने की उम्मीद कर रही थी और इस डर से कि उसने गलत कमरे में आने की गलती की है, वह हलके से चिल्ला दी, मैंने उसके ओंठो को अपने मुँह में दबाया बंद किया तो ुडस्ने खुद को मुक्त करने के लिए हिंसक रूप से संघर्ष किया।
लेकिन मैंने उसकी नंगी कमर को मजबूती से पकड़ रखा था और उसे बिस्तर पर खींचकर सब उसका मुँह हाथ से बंद किया और-और उसे ये कहा की शोर मचाने पर अगर कोई यहाँ आया तो वह अपनी इस नग्न हालत में मेरे कमरे में होने को कैसे उचित ठहरा पाएगी । फिर मैंने उसे हमारे यात्रा का पूरा वृत्तांत और उदेशय बताया। कैसे मैं सिल्वेस्टर को उसकी नौकरानी के रूप में एस्कॉर्ट कर रहा था और वास्तव में सिल्वेस्टर मेरी "दोस्त" एंजेला है और मैं उसके साथ था और हम दोनों इस छद्म वेश में यात्रा कर रहे थे।
उसके डर को शांत करने के बाद मैंने एक टेबल लांब जलाया जो टेबल पर खड़ा था और उसे अपने साथ चिपका लिया, मैं उसके कान में अपनी जीभ चला रहा था, चाट रहा था, मेरा एक हाथ उसकी गोरी-झांटो से ढकी योनी को सहला रहा था। उसके होठों की तलाश की तो मुझे उसका गर्म मुँह मिला। वह अपने उस अद्भुत ताप और गंध को रोक न सकी। हमारे नग्न शरीर एक साथ कामुक रूप से मैश कर रहे हैं। प्रारम्भिक घृणा और विरक्ति के बाद वह मेरे साथ चिपक गयी थी, फिर उसने अपनी जाँघों के बीच मेरी बड़ी चट्टान-सख्त लिंग को अपने पेट पर चुभते हुए महसूस किया। मेरे हाथ उसके स्तन पर गर्म थे, मेरी जीभ उसके कान के चारों ओर चाट रही थी। मैंने उसके गोल दृढ स्तनो को लगभग हिंसक रूप से रगड़ रहा था मैं उन्हें चूमता, उन्हें रगड़ता, अपनी जीभ से उनके चारों ओर तब तक चाटता रहा जब तक कि वे गीलेपन से चमकने न लगें।
मेरे उत्कृष्ट चुंबन और प्यार भरे स्पर्श उसके शरीर में सूक्ष्म संवेदनाओ को जगा रहे थे, क्योंकि वह महसूस कर रही थी कि उसकी योनि गीली हो गयी थी और उसका गीलापन रिसने लगा है। उसने कंपकंपी के हल्के झटके महसूस किए गए। मैं उन्हें भूकंप की पहली गड़गड़ाहट की तरह स्पष्ट रूप से महसूस कर सकता था।
"कृपया..." वह कराह उठी, मेरे जीभ उसके थोड़े से कटे हुए होठों के साथ तेजी से दौड़ रही थी, उसकी सांसें तेजी से आ रही थीं, उसके हाथ मेरी जाँघों पर रगड़ रहे थे।
"मेरे साथ खेलो," मैं धीरे से फुसफुसाया। "नहीं," उसने स्टील के खंभे को धीरे से सहलाते हुए आह भरी।
मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया, उसके छोटे से मुँह ने मेरे गर्म चुंबन के बीच मेरे घुसपैठिया हिंसक जीभ को उसने ग्रहण किया और मेरे चुंबन को गर्मजोशी के साथ लौटाया। उसकी जाँघें मेरे कूल्हों के साथ रगड़ रही थीं, उसका हाथ मेरी पीठ के ऊपर और नीचे रगड़ रहा था, फिर मेरे होंठ उसके गले को चूम रहे थे और मैंने उसके स्तन को चूम का चूसा और निप्पल को जोर से हिलाया । मेरे होठों ने उसके पेट पर आग से झुलसे हुए छोटे-छोटे चुंबन लगाए, मेरे गर्म, खोजी होंठ उसके शरीर में ऐसी उत्तेजना दे रहे थी की उसकी हालत गोली लगने के बाद शिकार की तरह बन गईं।
अब नीचे, मेरे खोजी होठों ने उसकी बालों वाली योनी की तलाश की, उसकी झांघो पर चारों ओर घूम रहे थे, उसका शरीर अनैच्छिक रूप से घूम रहा था। मैंने सब कुछ चूमा, विशेष रूप से उसके पेट के निचले हिस्से में एक प्यारे बालों वाली छोटी-सी फांक को जब मैंने चूमा और फिर चूसा तो, मैंने पाया कि वह उन अपेक्षाओं से बहुत अधिक थी जो मैंने उसके बारे में रात के खाने की मेज पर बनाई थी।
वह मेरे द्वारा उसकी बदन को संभालने से उतपन्न हने वाली संवेदनाओ का अधिक देर तक विरोध नहीं कर सकती थीइसलिए उसने मुझे स्वयं को
सौंप पर मुझे पूर्ण स्वतंत्रता प्रदान करते हुए अपना बदन ढीला छोड़ दिया।
अब उसने जो सुरीली आवाजें निकालीं, वे मेरे कानों के लिए शुद्ध, मधुर संगीत थीं। वह अब मेरा लिंग लेने के लिए पूरी तरह से तैयार थी, लेकिन मैं रुका नहीं। अपने आप को और अधिक नियंत्रित करने में असमर्थ, मिकी ने अपनी जांघों को मेरे सिर के चारों ओर बंद कर दिया, उन दोनों को बिस्तर से उठा लिया, क्योंकि उसके कूल्हे-कूल्हे पूरी तरह से ओर्गास्म की पहली अनुभूति प्राप्त कर रहे थे।
"ओह, ... ओह, रुको मत ..." वह चिल्लाई। "ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।"
एक हिंसक सिहरन ने उसके धड़कते शरीर को उसकी गहराई तक हिला दिया, फिर उसके हाथ मुझे दूर धकेलने के लिए प्रयास कर रहे थे। मेरे हाथों ने उसके कूल्हों के प्रत्येक तरफ पकड़ लिया, उसकी जांघों को मेरी घुमावदार जीभ के करीब खींच लिया।
"प्लीज, प्लीज, प्लीज..." वह चीखी।
जब मैंने अंत में अपनी पकड़ ढीली की तो वह बिस्तर पर पेट के बल लुढ़क गई, वह सांस के लिए हांफ रही थी, अब वह मेरी ओर देख रही थी, उस समय मेरा लिंग पूरा बड़ा हो गया था और मेरी चुभन किसी लोहे की रोड से ज्यादा सख्त था, जब उसकी नरम और गोल मलाईदार गांड मेरे सामने हुई तो मेरे मन में उसे एक बार फिर से पकड़ने की पूरी इच्छा थी, उसके गांड के छेद में मेरा लिंग डालने का मेरा मन हुआ। लेकिन मैं अब किसी भी हड़बड़ी में नहीं था। वह इस रात के लिए पूरी तरह से मेरी थी। मैंने पीछे से उसकी योनी के ओंठो से लेकर उसकी गांड के चारों ओर फैली नमी को देखा।
कहानी जारी रहेगी
नौवा अध्याय
डॉक्टरी की पढ़ाई
भाग 42
बहरूपिया मेहमान और सेक्सी मेजबान
कुछ ही मिनटों में, हमारे सुखद आश्चर्य के लिए, हाल में एक बहुत ही आकर्षक, गुलाबी गालों वाली, जीवंत दिखने लगभग बीस साल की युवती मिकी ने प्रवेश किया जो की उस बूढ़े मुखिया की पत्नी थी। बीस साल की उम्र में, पाँच-छे, छत्तीस बस्ट, बाइस-इंच कमर, चौंतीस-इंच कूल्हों के साथ, मिकी एक शानदर दिखने वाली, लंबी सुनहरे बालो वालो गोरी, सुंदर चेहरे वाली लंबी टांगों वाली युवती थी। जिसके रस भरे चाहने वाले होंठ, वह छोटे वॉकवे पर तेजी से चलती हुई एक छोटी स्कर्ट पहने हुए आयी तो उसकी खूबसूरत मलाईदार जांघें चमक रही थीं।
शाम के दौरान मैंने देखा की मिकी का व्यवहार अपने पति के प्रति लगभग उपेक्षाभरा और तिरस्कारपूर्ण था। मिकी की बातो से एहसास हुआ वह बूढ़ा मुखिया अपनी पत्नी को शारीरक तौर पर संतुष्ट नहीं कर पा रहा था ।
हमसे बातचीत के दौरान मुखिया ने बताया की उसकी पत्नी मिकी के पिता के कर्ज को माफ़ करते हुए उसने कुछ दिन पहले ही मिकी के साथ विवाह किया था और स्पष्ट था ये विवाह एक समझौता था और इसके अलावा, मैंने मिकी को चोर नजरो से सिल्वेस्टर को देखते हुए देखा और मुझे अंदाजा हो गया वह सिल्वेस्टर के प्रति आकर्षित हो गयी है और सेक्स के लिए भूखी है ।
मिकी ने हमे बढ़िया भोजन खिलाया और वह अपने पति को चकमा दे कर सिल्वेस्टर से मिलने को आतुर थी और उसके आस पास मंडरा रही थी और उसे बार-बार उसे छूने का प्रयास कर रही थी, इसलिए मैंने एंजेला के साथ चुपचाप ये निर्धारित किया, आज उचित मौका देख कर मेजबान मुखिया और उसके परिवार ने हमे जो के आतिथ्य दिया था उसे चुकाने के लिए उनकी मेजबान पत्नी को सेक्स का सुख प्रदान कर सकते हैं।
रात को जब हम अपने कमरे में जा रहे थे और सोने से पहले मेरी प्रेमिका राजकुमारी एंजेला ने मुझे बताया कि हमारे मेज़बान की पत्नी अपने विवाह की रात से ही सोने से पहले अपने पति को दूध के साथ नींद की दवा मिला देती थी, जिससे वह कम से कम दस घंटे के लिए अपनी स्वतंत्रता सुनिश्चित कर लेती है और आज जैसे ही उसका पति गहरी नींद में सोयेगा वह उसके कमरे में आ जायेगी।
रात के विश्राम के लिए हमें एक साझा दरवाजे वाले बगल के कमरे दिए गए थे । मैंने अंजेला को कपड़े उतारकर मेरे बिस्तर पर जाने के लिए कहा और फिर मैंने अंजेला की मेरे बिस्तर पर चुदाई की। फिर एंजेला को वही छोड़ कर मैं पूरी तरह से नग्न ही उसके लिए तैयार कमरे में गया और अंधेरे में आकर्षक मिकी के आने का इंतजार करने लगा।
कुछ देर इंतजार करने के बाद मैंने कमरे की ओर बढ़ते हुए एक हल्के कदम को सुना, दरवाजा खुला और वह उस कमरे में दाखिल-दाखिल हुई और सिल्वेस्टर सिल्वेस्टर- (एंजेला का छद्म नाम) फुसफुसाते हुए, उसने अपना ब्लाउज गिरा दिया। फिर उसकी स्कर्ट निकली। अब वह उस कमने के अँधेरे में पैंटी और ब्रा, पहने हुए कड़ी हुई थी, मेरा मन यह सब चीरने का कर रहा था, वह सेक्सी देवी जैसी दिखती थी और मैं वहीं बिस्तर पर छाडे ओढ़ कर लेटा हुआ सोने का नाटक करता हुआ अधखुली आँखों से उसे देखता रहा।
मिक्की लंबी हृष्ट-पुष्ट लेकिन मोटी नहीं थी। उसके सुनहरे बाल उसके कंधों पर फैले हुए थे, उसका अंडाकार चेहरा लाल चमक रहा था, छोटे, रूखे होंठों के साथ निचला ओंठ एक संकीर्ण रेखा में लगभग दबा हुआ था, मेरी आधी बंद आँखों ने मैंने उसके प्यारे, दृढ भरे हुए स्तनों को निहारा, उनमें से कोई भी ढलका हुआ नहीं, था उसका पेटऐसे चूसा हुआ था जैसे कि वह वज़न का बहुत अधिक ध्यान रखती हो थी, बीच-बीच में अपनी पैंटी से घिरी हुई थी, उसकी योनि के ऊपर के सुनहरी झांटे थोड़ी-सी दिख रही थी और उसकी चिकनी और रसीली जांघें। अगर यह प्रेमी का स्वर्ग नहीं था तो शयद दुनिया में स्वर्ग नहीं होता।
फिर उसकी ब्रा और पैंटी फर्श पर गिर गई। मिकी वह वर्जित फल था जिसे हर आदमी नहीं खा सकता था। मुझे पता था कि मैं आज रात इस महिला के साथ हर रोमांचकारी पल का भरपूर आनंद लेने जा रहा हूँ और फिर वह मेरे बिस्तर पर आ गई।
मैं फुर्ती से उठा और दरवाज़े की कुंडी खिसकाते हुए, मैंने उसे अपनी बाँहों में पकड़ा और उसने पाया कि मैं भी उसकी तरह पूरा नंगा था। उसे चूमा तो वह मेरी दाढ़ी और मूंछबिना चेहरे से तुरंत जान गई कि मैं वह व्यक्ति नहीं था जिससे वह मिलने की उम्मीद कर रही थी और इस डर से कि उसने गलत कमरे में आने की गलती की है, वह हलके से चिल्ला दी, मैंने उसके ओंठो को अपने मुँह में दबाया बंद किया तो ुडस्ने खुद को मुक्त करने के लिए हिंसक रूप से संघर्ष किया।
लेकिन मैंने उसकी नंगी कमर को मजबूती से पकड़ रखा था और उसे बिस्तर पर खींचकर सब उसका मुँह हाथ से बंद किया और-और उसे ये कहा की शोर मचाने पर अगर कोई यहाँ आया तो वह अपनी इस नग्न हालत में मेरे कमरे में होने को कैसे उचित ठहरा पाएगी । फिर मैंने उसे हमारे यात्रा का पूरा वृत्तांत और उदेशय बताया। कैसे मैं सिल्वेस्टर को उसकी नौकरानी के रूप में एस्कॉर्ट कर रहा था और वास्तव में सिल्वेस्टर मेरी "दोस्त" एंजेला है और मैं उसके साथ था और हम दोनों इस छद्म वेश में यात्रा कर रहे थे।
उसके डर को शांत करने के बाद मैंने एक टेबल लांब जलाया जो टेबल पर खड़ा था और उसे अपने साथ चिपका लिया, मैं उसके कान में अपनी जीभ चला रहा था, चाट रहा था, मेरा एक हाथ उसकी गोरी-झांटो से ढकी योनी को सहला रहा था। उसके होठों की तलाश की तो मुझे उसका गर्म मुँह मिला। वह अपने उस अद्भुत ताप और गंध को रोक न सकी। हमारे नग्न शरीर एक साथ कामुक रूप से मैश कर रहे हैं। प्रारम्भिक घृणा और विरक्ति के बाद वह मेरे साथ चिपक गयी थी, फिर उसने अपनी जाँघों के बीच मेरी बड़ी चट्टान-सख्त लिंग को अपने पेट पर चुभते हुए महसूस किया। मेरे हाथ उसके स्तन पर गर्म थे, मेरी जीभ उसके कान के चारों ओर चाट रही थी। मैंने उसके गोल दृढ स्तनो को लगभग हिंसक रूप से रगड़ रहा था मैं उन्हें चूमता, उन्हें रगड़ता, अपनी जीभ से उनके चारों ओर तब तक चाटता रहा जब तक कि वे गीलेपन से चमकने न लगें।
मेरे उत्कृष्ट चुंबन और प्यार भरे स्पर्श उसके शरीर में सूक्ष्म संवेदनाओ को जगा रहे थे, क्योंकि वह महसूस कर रही थी कि उसकी योनि गीली हो गयी थी और उसका गीलापन रिसने लगा है। उसने कंपकंपी के हल्के झटके महसूस किए गए। मैं उन्हें भूकंप की पहली गड़गड़ाहट की तरह स्पष्ट रूप से महसूस कर सकता था।
"कृपया..." वह कराह उठी, मेरे जीभ उसके थोड़े से कटे हुए होठों के साथ तेजी से दौड़ रही थी, उसकी सांसें तेजी से आ रही थीं, उसके हाथ मेरी जाँघों पर रगड़ रहे थे।
"मेरे साथ खेलो," मैं धीरे से फुसफुसाया। "नहीं," उसने स्टील के खंभे को धीरे से सहलाते हुए आह भरी।
मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया, उसके छोटे से मुँह ने मेरे गर्म चुंबन के बीच मेरे घुसपैठिया हिंसक जीभ को उसने ग्रहण किया और मेरे चुंबन को गर्मजोशी के साथ लौटाया। उसकी जाँघें मेरे कूल्हों के साथ रगड़ रही थीं, उसका हाथ मेरी पीठ के ऊपर और नीचे रगड़ रहा था, फिर मेरे होंठ उसके गले को चूम रहे थे और मैंने उसके स्तन को चूम का चूसा और निप्पल को जोर से हिलाया । मेरे होठों ने उसके पेट पर आग से झुलसे हुए छोटे-छोटे चुंबन लगाए, मेरे गर्म, खोजी होंठ उसके शरीर में ऐसी उत्तेजना दे रहे थी की उसकी हालत गोली लगने के बाद शिकार की तरह बन गईं।
अब नीचे, मेरे खोजी होठों ने उसकी बालों वाली योनी की तलाश की, उसकी झांघो पर चारों ओर घूम रहे थे, उसका शरीर अनैच्छिक रूप से घूम रहा था। मैंने सब कुछ चूमा, विशेष रूप से उसके पेट के निचले हिस्से में एक प्यारे बालों वाली छोटी-सी फांक को जब मैंने चूमा और फिर चूसा तो, मैंने पाया कि वह उन अपेक्षाओं से बहुत अधिक थी जो मैंने उसके बारे में रात के खाने की मेज पर बनाई थी।
वह मेरे द्वारा उसकी बदन को संभालने से उतपन्न हने वाली संवेदनाओ का अधिक देर तक विरोध नहीं कर सकती थीइसलिए उसने मुझे स्वयं को
सौंप पर मुझे पूर्ण स्वतंत्रता प्रदान करते हुए अपना बदन ढीला छोड़ दिया।
अब उसने जो सुरीली आवाजें निकालीं, वे मेरे कानों के लिए शुद्ध, मधुर संगीत थीं। वह अब मेरा लिंग लेने के लिए पूरी तरह से तैयार थी, लेकिन मैं रुका नहीं। अपने आप को और अधिक नियंत्रित करने में असमर्थ, मिकी ने अपनी जांघों को मेरे सिर के चारों ओर बंद कर दिया, उन दोनों को बिस्तर से उठा लिया, क्योंकि उसके कूल्हे-कूल्हे पूरी तरह से ओर्गास्म की पहली अनुभूति प्राप्त कर रहे थे।
"ओह, ... ओह, रुको मत ..." वह चिल्लाई। "ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।"
एक हिंसक सिहरन ने उसके धड़कते शरीर को उसकी गहराई तक हिला दिया, फिर उसके हाथ मुझे दूर धकेलने के लिए प्रयास कर रहे थे। मेरे हाथों ने उसके कूल्हों के प्रत्येक तरफ पकड़ लिया, उसकी जांघों को मेरी घुमावदार जीभ के करीब खींच लिया।
"प्लीज, प्लीज, प्लीज..." वह चीखी।
जब मैंने अंत में अपनी पकड़ ढीली की तो वह बिस्तर पर पेट के बल लुढ़क गई, वह सांस के लिए हांफ रही थी, अब वह मेरी ओर देख रही थी, उस समय मेरा लिंग पूरा बड़ा हो गया था और मेरी चुभन किसी लोहे की रोड से ज्यादा सख्त था, जब उसकी नरम और गोल मलाईदार गांड मेरे सामने हुई तो मेरे मन में उसे एक बार फिर से पकड़ने की पूरी इच्छा थी, उसके गांड के छेद में मेरा लिंग डालने का मेरा मन हुआ। लेकिन मैं अब किसी भी हड़बड़ी में नहीं था। वह इस रात के लिए पूरी तरह से मेरी थी। मैंने पीछे से उसकी योनी के ओंठो से लेकर उसकी गांड के चारों ओर फैली नमी को देखा।
कहानी जारी रहेगी