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Fantasy प्रेम... आत्मा की भूख है..
#54
ये

सुन कर बाबूजी ने मुझे बाहों मे भर लिया और कहने लगे कि सच मे

तुम मेरी जान हो मेरी रानी हो काश कि तुम मेरी बीवी होती तो मैने

कहा कि वो तो मैं अब बन ही गई हूँ मेरे साजन जी मेरे राजा जी. तो

वो बोले कि लेकिन हम सिर्फ़ आज की रात ही साथ हैं तो मैने कहा कि

आप चिंता क्यो करते हैं जिस दिन भी आप का मन करे मुझे चोदने का

उसी दिन मैं इंतज़ाम कर दिया करूँगी बस आप सुबह मुझे इशारा कर दिया

कीजिएगा तो वो बोले कि क्या तुम्हारा मन नही करेगा तो मैने कहा कि

अगर मेरे मन पे चलेंगे तो फिर तो ये रोज ही तैयार रहा करेगा तो वो

बोले कि ठीक है लेकिन तुम करोगी क्या तो मैने कहा कि वो भी आप को

तभी बता दूँगी वो बोले ठीक है फिर उस रात उन्होने एक बार मेरी

गंद और उसके बाद 4 बार मेरी चूत की धज़ियाँ उड़ाई. उस्दिन वो

सुबह भी लेट ही गये शॉप पे जाने से पहले भी मुझे एक बार चोद कर

गये. फिर उस दिन मेरे पति घर पे आ गये और दो दिन बाद मेरा देवर

देवरानी और सासू मा भी घर पे आ गये मैने अपने प्लान के मुताबिक

अपने पति को बच्चे के बारे मे बता दिया.

अब बाबूजी जब भी मुझे अकेले देखते तो बाहों मैं भर लेते थे . कोई

10 दिन बाद उन्होने मुझे इशारा किया सुबह ही तो मैने कहा कि ठीक है

और रात को सब को दूध पिलाने की ड्यूटी मेरी थी सो मैने सभी के दूध

मे नींद की गोलियाँ मिला दी और सब को दूध पीला दिया बाबूजी को मैने

दूध पीने से मना कर दिया था उन्हे सुबह ही कह दिया था कि आज आप

कहना कि मुझे दूध नही पीना है मैने तो पीना ही नही था फिर

जब सब सो गये तो मैं बाबूजी के रूम मे गई और उन्हे हाल मे बुला

लाई तो वो बोले कि कोई उठ जायगा तो मैने उन्हे बता दिया कि कोई नही

उठेगा फिर उन्होने दो घंटे मुझे जम के चोदा फिर तो हम हर 10

दिन बाद और जब मेरे पति टूर पे जाते थे तो दूसरे या तीसरे दिन जम

के मज़ा लेते थे. कभी कभी ससुर जी दिन मे भी मुझे चोद लेते

थे क्यो कि मेरे पति ऑफीस जाते थे मेरे देवर देवरानी भी जॉब करते

थे और घर पे मैं अकेली होती थी सासू जी शॉप पे और मैं ससुर जी के

लॉड के टॉप पे होती थी, मैने उस दिन के ठीक 9महीने बाद एक बेटे को

जनम दिया जिस दिन बाबूजी ने मुझे पहली बार चोदा था. उस बच्चे के

बाद भी जब भी बाबूजी को मौका मिलता वो मुझे चोदते थे.सो

कैसी लगी आप को

कहानी.  ये कहानी यही पर ख़तम होती है फिर मिलेंगे किसी नई कहानी 

के साथ l
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RE: प्रेम... आत्मा की भूख है.. - by nitya.bansal3 - 04-11-2024, 09:04 AM



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