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Fantasy प्रेम... आत्मा की भूख है..
#52
उस रात मैने खाना 7 बजे ही बना


लिया था और बाबूजी भी 7 बजे ही आ गये तो मैने पूछा की आज आप

जल्दी को आ गये तो बोले कि आज हमारे पास आख़िरी रात है आज मैं

तुम्हे सारी रात जी भर के चोदना चाहता हूँ ओर मैं तो तैयार ही थी

पहले से ही. मैने बाबूजी को खाना खिलाया मैने भी उनके साथ ही

खा लिया करीब 8 बजे हम दोनो नंगे बैठे हुए थे बाबूजी मेरे

बूब्स को सक कर रहे थे और कह रहे थे कि आज मज़ा आएगा तुम्हारी

दीदी तो जल्दी ही थक जाती थी लेकिन तुम बहुत ही गजब की चीज़ हो आज

मैं सिर्फ़ तुम्हे ही चोदुन्गा पूरे प्यार से.बाबूजी मेरे बूब्स को सक कर

रहे थे एक हाथ से मेरी चूत को सहला भी रहे थे मैं भी उनके

लॉड से खेल रही थी. फिर वो उठे और मेरी चूत को चाटने लगे 

मेरी चूत मे उंगली डाल के हिलाने लगे मुझ पे मदहोशी सी छाने लगी

थी. मैं तड़पने लगी बाबूजी को लंड चूत मे डालने को कहने लगी

लेकिन वो कहने लगे कि और तड़पो जितना तड़पोगी उतना ही प्यार से चुदोगि

वो मेरे बूब्स सक करते और चूत मे उंगी करते रहे अब मेरे सबर

की इंतहा हो चुकी थी सो मैने उन्हे नीचे लिटा लिया खुद उनके उपर

चढ़ गई आपने चुतड़ों को उपर नीचे करने लगी बाबूजी भी पूरे

ज़ोर से नीचे से स्ट्रोक लगाने लगे. मैं खलास होने वाली थी सो सिसकने

लगी आहह आह आह है हहाई अहह्ा ह्ह्हहहौउउह्ह्ह्ह ईइउउउ हहु

हहाऐईइ आहह आहह अहहह आहह बाबूजी प्ल्ज़ तेज ओर तेज हहाइईइ ओर

तेज हाई ओर तेज हाई ओर तेज मुझे मम्मी बना दीजिए हाई बना दीजिए हाई हाई

आह आह आह आह ओर फिर मैं खलास हो गई लेकिन बाबूजी के स्ट्रोक

अभी जारी थे. फिर उन्होने मुझे बेड के किनारे पे कर लिया और खुद नीचे

खड़े हो गये मेरी दोनो टाँगो को आपने कंधे

पे रख लिया और जोरदार स्ट्रोक शुरू कर दिए अब मेरी आहह आहह ुआआई

म्माआ मराई गई कोई बचा लो मुझे आहह उउउहह आहह उउउइ आह

हाीइ हहाइईइ म्माआ हहाइईइ आअहह अहहहा हाईईइ की आवाज़ें रूम

मे गूंजने लगी
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RE: प्रेम... आत्मा की भूख है.. - by nitya.bansal3 - 04-11-2024, 09:00 AM



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