04-01-2019, 11:07 PM
रोहित को अब लंड को चूत में पेलने के लिए थोडा कम ताकत लगानी पड़ रही थी | रोहित ने एक करारा झटका लगाया और लंड चूत को चीरता हुआ सीधा रीमा के बच्चे दानी के मुहँ से टकराया और रोहित ने पूरा जोर लगा दिया | रोहित का मोटा लम्बा लंड पूरा का पूरा रीमा की नाजुक चूत में समा गया, रोहित को ये करने में समय कुछ ज्यादा लगा लेकिन आखिरकार उसने कर डाला |
रीमा की आंखे फ़ैल गयी, रीमा की बच्चे दानी के मुहँ पर बहुत दबाव पड़ रहा था लेकिन रोहित कुछ देर के लिए वैसे ही ठहर गया | फिर रीमा के स्तनों को जकड़कर धक्के लगाने लगा | रीमा का पूरा शरीर कांपने लगा, शायद उसे इस दर्द में भी ओर्गास्म हो गया था | कुछ देर तक वो तेज तेज कराहाती रही और उसका पूरा शरीर कांपता रहा |
रीमा के मुहँ से कामुक और दर्द भरी कराह निकलती रही-यस यस यस यस यस ओह गॉड आह्ह्हह्ह ओह्ह्ह्ह स्सस्सस्स आःह्ह ओह्ह्ह्हह स्सस्सस्स ओह गॉड, ओह्ह्ह्ह गॉड यस यस यस
जब वो थोडा शांत हुई-मुझे माफ़ कर दो रोहित मेरा खुद पर काबू ही नहीं है, मै फिर से झड गयी |
रोहित उसकी बात अनसुनी करते हुए किसी और ही धुन में था,, हांफते हुए बोला - तुमने कर दिखाया |
रीमा –क्या?
रोहित उसका हाथ पकड़कर चूत के पास ले गया |
रीमा समझ गयी, उसे यकीन ही नहीं हुआ, इतना लम्बा मोटा मुसल जैसा लंड, उसकी चूत में पूरा का पूरा समां गया | रीमा रोहित के लंड को पेट के निचले हिस्से में महसूस कर रही थी | रीमा ने अपनी वासना से भरी सुर्ख आँखों से रोहित की तरफ देखा | रोहित ने सर हिलाया | रीमा अब सातवे आसमान पर थी, रोहित का लंड पूरा का पूरा उसके अन्दर था ये उसके लिए गौरव की बात थी | जैसे आदमियों के लिए लगातार बिना रुके कई चूत चोदना गौरव की बात की होती है उसी तरह से कोई भी औरत हो जब वो बड़े से बड़ा लंड अपनी चूत में पूरा का पूरा घुसेड लेती है तो उसके अन्दर का स्त्री गौरव चरम पर पंहुच जाता है | उसके अन्दर का सब डर भय मिट गया था, अब उसे किस बात की चिंता होनी थी अब तो वह खुलकर चुदेगी, हचक हचक के चुदेगी |
रीमा – अब बस जी भर के चोद लो जैसे मुझे चोदना चाहते हो |
रीमा बस अभी झड़ी थी इसलिए रोहित ने हल्के हल्के चूत में लंड पेलना जारी रखने का फैसला किया | रोहित ने फिर से धक्के लगाने शुरू कर दिए | जैसे जैसे लंड चूत में अन्दर बाहर होता रीमा के मुहँ से सिकरियां निकलने लगती|
रोहित ने धीरे धीरे फिर चोदने की स्पीड बढ़ा दी और अब वो रीमा की चूत की अंतिम गहराई तक सीधे सीधे चोदने लगा, रीमा की चूत को इतने गहराई तक कभी किसी ने नहीं चोदा था, जैसे रोहित चोद रहा था | एक तो मोटा सा लंड, वो भी भी पूरी ताकत के साथ चूत की दीवारों को चीरता हुआ, आखिरी छोर पर जाकर बच्चेदानी के मुहँ से टकरा रहा था |
रोहित का लंड चूत का छेद पूरी तरह से भरते हुए चूत की दीवारों से इस कदर चिपका जाता की रीमा लंड के ऊपर की हर सिकुडन, फूली हुई नसे, यहाँ तक की उसके लंड में हो रहे खून के तेज बहाव को महसूस कर सकती थी | तभी रोहित ने लंड को थोडा और अन्दर ठेलने की कोशिश की | चूत की दीवारे अपनी अंतिम सीमा तक फ़ैल गयी | रीमा को महसूस हुआ की रोहित का लंड नाभि से बस कुछ ही नीचे गहरे से उसकी टाइट चूत में धंसा हुआ है | रोहित ने रीमा के ओठो को अपने मुहँ में ले लिया और अपनी जीभ उसके मुहँ में डाल दी और दोनों के ओठ जीभ आपस में गुथाम्गुत्था हो गए |
रोहित ने महसूस किया की अब रीमा की चूत का संकरा छेद थोडा सा खुल गया है और उसकी चूत के बीच की दीवारों की संकरी जगह फ़ैलने लगी है, अब उसके लिए लंड पेलना थोडा थोडा आसान हो गया है , रीमा की चूत की दीवारों का विरोध अब कमजोर हो गया है और उनका लंड पर कसाव भी ढीला हो चला है | रीमा को चोदना अब रोहित के लिए पहले से ज्यादा आसान है, रीमा की चूत रोहित के मोटे लम्बे लंड के मुताबिक खुद को एडजस्ट कर चुकी थी | अब रोहित चोदने की स्पीड मनमुताबिक घटा बढ़ा सकता था | ऐसा नहीं है की लंड में दर्द नहीं होता,जब चूत कसी हुई हो तो लंड को भी उसे चोदने में दिक्कत होती है | अब रोहित के लंड पर दबाव कम पड़ रहा था और वो आसानी से रीमा की चूत में अन्दर तक जा रहा था | रोहित तेजी से धक्के धक्के लगाते हुए बीच में पूरा लंड अन्दर तक पेल के कुछ देर रुक जाता |
रीमा की चूत की दीवारे अपनी अधिकतम सीमा तक फ़ैल कर रोहित के लंड को अपने आगोश में लेने की पूरी कोशिश करती | इसी के चलते बच्चे दानी भी काफी ऊपर तक उठ जाती और रीमा को नाभि के नीचे तक रोहित का लंड महसूस होता | चूत की इस गहराई तक कोई लंड जा सकता है उसने सपने में भी नहीं सोचा था | लगातार बच्चे दानी पर ठोकर लगने से उसको हलक हल्का दर्द होने लगा था लेकिन उसने रोहित को ये बात नहीं बताई | वो रीमा के इस नए दर्द से बेपरवाह मोटे मुसल जैसे लंड को रीमा की संकरी चूत में उसके आखिर छोर तक एक झटके में पेल देता | इस तरह से चोदने से रीमा एक तरफ आनंद में गोते लगाने लगाती दूसरी तरह उसे दर्द भी सहना पड़ता | लेकिन रीमा चुदाई के उत्तेजना में सब कुछ भूल जाती, चूत की दीवारों से लगातार पानी रिस रहा था और दोनों पसीने से नहाये हुए थे | रोहित को लगाने लगा की अब वो ज्यादा देर तक रीमा को चोद नहीं पायेगा | उसका चरम अब करीब था, रीमा तो दो बार पहले ही झड चुकी थी | फिर भी रोहित चाहता था कि रीमा उसके झड़ने से पहले ही झड जाये | यही सोचकर उसने धक्को की स्पीड थोड़ी कम कर दी | रीमा का वासना से तपता शरीर उसके मन के नियंत्रण से पहले ही बाहर था | उसकी गीली चूत के अन्दर मचे तूफान को शांत करने के लिए किस तरह चूत की दीवारे लंड के चारो तरफ फैलती चली जा रही थी | उसका पूरा शरीर कापने लगा था, उसके स्तन और शरीर में अकडन आ गयी थी, पूरा शरीर पसीने से नहाया हुआ था | रोहित ने रीमा की हालत का अंदाजा लगा लिया, वो भी ज्यादा देर तक नहीं रुक पायेगी | इसलिए अपना हाथ रीमा के चुतड के नीचे ले जाकर, उसके नरम ठोस गोल चुतड को अपनी हथेली में भरकर, रीमा को अपनी तरफ ऊपर की तरफ ठेलने लगा | रीमा की कमर ऊपर उठने से उसकी चूत का छेद और चौड़ा हो गया, रोहित ने तेजी से अपना मोटा मुसल जैसा लंड रीमा की चूत में पेल दिया | लंड रीमा की दीवारों को फाड़ता हुआ चूत की जड़ में जाकर बच्चे दानी के मुहँ से जोर से टकराया |
जिन चूत की दीवारों ने इतने मोटे लंड को बड़े आराम से अन्दर जाने दिया, खुद को फैलाकर फैलाकर लंड के लिए रास्ता बनाया, उसे चूत की दीवारों की कुचलने रगड़ने चीरने में बिलकुल भी दया नहीं आई | टक्कर इतनी जोर से लगी की रीमा की चीख निकल गयी | कमर ऊपर उठने पूरा लंड चूत में जाकर धंस गया और रोहित ने भी बड़ी बेरहमी से लंड को पेला था | रोहित ने फिर से उसी स्पीड से लंड निकालकर अन्दर डाल दिया | रीमा के पैर कमर पिंडलिया चूत की इस गहराई में इतनी जोरदार टक्कर के कारन कांपने लगे | दर्द और उत्तेजना के कारन रीमा की आंखे बंद थी | रोहित झटके पर झटके लगा रहा था और पूरी गहराई तक जाकर जोरदार टक्कर मार रहा था | उसे रीमा को दर्द देने में मजा आ रह था, पहली बार रीमा के दर्द भरे चेहरे को देखकर उसके चेहरे पर मुस्कान तैर गयी|
एक हाथ वो रीमा के चुतड के नीचे लगाये था जबकि दूसरे हाथ से बारी बारी से रीमा के स्तनों को बुरी तरह मसला रहा था | रीमा की उत्तेजना चरम पर थी इसलिए उसे इस तरह से स्तन मसलवाने में भी आनंद महसूस हो रहा था लेकिन रोहित तो सिर्फ दर्द देने के लिए रीमा की छाती को बुरी तरह मसल रहा था | रोहित अब रीमा की चूत में इतने जोरदार झटके लगा रहा था की उसकी गोलिया रीमा के चुताड़ो और गांड से टकराने लगी थी | रीमा वासना से सरोबार हो आनंद के सागर में गोते लगा रही थी, उसे तो इस बात का अहसास ही नहीं था कि झड़ने की कगार पर पहुँच चूका रोहित अब उसे पूरी स्पीड से चोद रहा था, उसे अपनी चूत की गहराई में लंड के सुपाडे से लगने वाली जोरदार ठोकर से होने वाले दर्द का भी अहसास नहीं था, उसके कोमल से गोरे स्तनों पर नाखून गड़ाती रोहित की उंगलियो का भी होश नहीं था, रोहित की वजह से गोरे स्तन लाल हो चले थे और उन पर नाखुनो के निशान साफ़ साफ़ नजर आ रहे थे |
रीमा की आंखे फ़ैल गयी, रीमा की बच्चे दानी के मुहँ पर बहुत दबाव पड़ रहा था लेकिन रोहित कुछ देर के लिए वैसे ही ठहर गया | फिर रीमा के स्तनों को जकड़कर धक्के लगाने लगा | रीमा का पूरा शरीर कांपने लगा, शायद उसे इस दर्द में भी ओर्गास्म हो गया था | कुछ देर तक वो तेज तेज कराहाती रही और उसका पूरा शरीर कांपता रहा |
रीमा के मुहँ से कामुक और दर्द भरी कराह निकलती रही-यस यस यस यस यस ओह गॉड आह्ह्हह्ह ओह्ह्ह्ह स्सस्सस्स आःह्ह ओह्ह्ह्हह स्सस्सस्स ओह गॉड, ओह्ह्ह्ह गॉड यस यस यस
जब वो थोडा शांत हुई-मुझे माफ़ कर दो रोहित मेरा खुद पर काबू ही नहीं है, मै फिर से झड गयी |
रोहित उसकी बात अनसुनी करते हुए किसी और ही धुन में था,, हांफते हुए बोला - तुमने कर दिखाया |
रीमा –क्या?
रोहित उसका हाथ पकड़कर चूत के पास ले गया |
रीमा समझ गयी, उसे यकीन ही नहीं हुआ, इतना लम्बा मोटा मुसल जैसा लंड, उसकी चूत में पूरा का पूरा समां गया | रीमा रोहित के लंड को पेट के निचले हिस्से में महसूस कर रही थी | रीमा ने अपनी वासना से भरी सुर्ख आँखों से रोहित की तरफ देखा | रोहित ने सर हिलाया | रीमा अब सातवे आसमान पर थी, रोहित का लंड पूरा का पूरा उसके अन्दर था ये उसके लिए गौरव की बात थी | जैसे आदमियों के लिए लगातार बिना रुके कई चूत चोदना गौरव की बात की होती है उसी तरह से कोई भी औरत हो जब वो बड़े से बड़ा लंड अपनी चूत में पूरा का पूरा घुसेड लेती है तो उसके अन्दर का स्त्री गौरव चरम पर पंहुच जाता है | उसके अन्दर का सब डर भय मिट गया था, अब उसे किस बात की चिंता होनी थी अब तो वह खुलकर चुदेगी, हचक हचक के चुदेगी |
रीमा – अब बस जी भर के चोद लो जैसे मुझे चोदना चाहते हो |
रीमा बस अभी झड़ी थी इसलिए रोहित ने हल्के हल्के चूत में लंड पेलना जारी रखने का फैसला किया | रोहित ने फिर से धक्के लगाने शुरू कर दिए | जैसे जैसे लंड चूत में अन्दर बाहर होता रीमा के मुहँ से सिकरियां निकलने लगती|
रोहित ने धीरे धीरे फिर चोदने की स्पीड बढ़ा दी और अब वो रीमा की चूत की अंतिम गहराई तक सीधे सीधे चोदने लगा, रीमा की चूत को इतने गहराई तक कभी किसी ने नहीं चोदा था, जैसे रोहित चोद रहा था | एक तो मोटा सा लंड, वो भी भी पूरी ताकत के साथ चूत की दीवारों को चीरता हुआ, आखिरी छोर पर जाकर बच्चेदानी के मुहँ से टकरा रहा था |
रोहित का लंड चूत का छेद पूरी तरह से भरते हुए चूत की दीवारों से इस कदर चिपका जाता की रीमा लंड के ऊपर की हर सिकुडन, फूली हुई नसे, यहाँ तक की उसके लंड में हो रहे खून के तेज बहाव को महसूस कर सकती थी | तभी रोहित ने लंड को थोडा और अन्दर ठेलने की कोशिश की | चूत की दीवारे अपनी अंतिम सीमा तक फ़ैल गयी | रीमा को महसूस हुआ की रोहित का लंड नाभि से बस कुछ ही नीचे गहरे से उसकी टाइट चूत में धंसा हुआ है | रोहित ने रीमा के ओठो को अपने मुहँ में ले लिया और अपनी जीभ उसके मुहँ में डाल दी और दोनों के ओठ जीभ आपस में गुथाम्गुत्था हो गए |
रोहित ने महसूस किया की अब रीमा की चूत का संकरा छेद थोडा सा खुल गया है और उसकी चूत के बीच की दीवारों की संकरी जगह फ़ैलने लगी है, अब उसके लिए लंड पेलना थोडा थोडा आसान हो गया है , रीमा की चूत की दीवारों का विरोध अब कमजोर हो गया है और उनका लंड पर कसाव भी ढीला हो चला है | रीमा को चोदना अब रोहित के लिए पहले से ज्यादा आसान है, रीमा की चूत रोहित के मोटे लम्बे लंड के मुताबिक खुद को एडजस्ट कर चुकी थी | अब रोहित चोदने की स्पीड मनमुताबिक घटा बढ़ा सकता था | ऐसा नहीं है की लंड में दर्द नहीं होता,जब चूत कसी हुई हो तो लंड को भी उसे चोदने में दिक्कत होती है | अब रोहित के लंड पर दबाव कम पड़ रहा था और वो आसानी से रीमा की चूत में अन्दर तक जा रहा था | रोहित तेजी से धक्के धक्के लगाते हुए बीच में पूरा लंड अन्दर तक पेल के कुछ देर रुक जाता |
रीमा की चूत की दीवारे अपनी अधिकतम सीमा तक फ़ैल कर रोहित के लंड को अपने आगोश में लेने की पूरी कोशिश करती | इसी के चलते बच्चे दानी भी काफी ऊपर तक उठ जाती और रीमा को नाभि के नीचे तक रोहित का लंड महसूस होता | चूत की इस गहराई तक कोई लंड जा सकता है उसने सपने में भी नहीं सोचा था | लगातार बच्चे दानी पर ठोकर लगने से उसको हलक हल्का दर्द होने लगा था लेकिन उसने रोहित को ये बात नहीं बताई | वो रीमा के इस नए दर्द से बेपरवाह मोटे मुसल जैसे लंड को रीमा की संकरी चूत में उसके आखिर छोर तक एक झटके में पेल देता | इस तरह से चोदने से रीमा एक तरफ आनंद में गोते लगाने लगाती दूसरी तरह उसे दर्द भी सहना पड़ता | लेकिन रीमा चुदाई के उत्तेजना में सब कुछ भूल जाती, चूत की दीवारों से लगातार पानी रिस रहा था और दोनों पसीने से नहाये हुए थे | रोहित को लगाने लगा की अब वो ज्यादा देर तक रीमा को चोद नहीं पायेगा | उसका चरम अब करीब था, रीमा तो दो बार पहले ही झड चुकी थी | फिर भी रोहित चाहता था कि रीमा उसके झड़ने से पहले ही झड जाये | यही सोचकर उसने धक्को की स्पीड थोड़ी कम कर दी | रीमा का वासना से तपता शरीर उसके मन के नियंत्रण से पहले ही बाहर था | उसकी गीली चूत के अन्दर मचे तूफान को शांत करने के लिए किस तरह चूत की दीवारे लंड के चारो तरफ फैलती चली जा रही थी | उसका पूरा शरीर कापने लगा था, उसके स्तन और शरीर में अकडन आ गयी थी, पूरा शरीर पसीने से नहाया हुआ था | रोहित ने रीमा की हालत का अंदाजा लगा लिया, वो भी ज्यादा देर तक नहीं रुक पायेगी | इसलिए अपना हाथ रीमा के चुतड के नीचे ले जाकर, उसके नरम ठोस गोल चुतड को अपनी हथेली में भरकर, रीमा को अपनी तरफ ऊपर की तरफ ठेलने लगा | रीमा की कमर ऊपर उठने से उसकी चूत का छेद और चौड़ा हो गया, रोहित ने तेजी से अपना मोटा मुसल जैसा लंड रीमा की चूत में पेल दिया | लंड रीमा की दीवारों को फाड़ता हुआ चूत की जड़ में जाकर बच्चे दानी के मुहँ से जोर से टकराया |
जिन चूत की दीवारों ने इतने मोटे लंड को बड़े आराम से अन्दर जाने दिया, खुद को फैलाकर फैलाकर लंड के लिए रास्ता बनाया, उसे चूत की दीवारों की कुचलने रगड़ने चीरने में बिलकुल भी दया नहीं आई | टक्कर इतनी जोर से लगी की रीमा की चीख निकल गयी | कमर ऊपर उठने पूरा लंड चूत में जाकर धंस गया और रोहित ने भी बड़ी बेरहमी से लंड को पेला था | रोहित ने फिर से उसी स्पीड से लंड निकालकर अन्दर डाल दिया | रीमा के पैर कमर पिंडलिया चूत की इस गहराई में इतनी जोरदार टक्कर के कारन कांपने लगे | दर्द और उत्तेजना के कारन रीमा की आंखे बंद थी | रोहित झटके पर झटके लगा रहा था और पूरी गहराई तक जाकर जोरदार टक्कर मार रहा था | उसे रीमा को दर्द देने में मजा आ रह था, पहली बार रीमा के दर्द भरे चेहरे को देखकर उसके चेहरे पर मुस्कान तैर गयी|
एक हाथ वो रीमा के चुतड के नीचे लगाये था जबकि दूसरे हाथ से बारी बारी से रीमा के स्तनों को बुरी तरह मसला रहा था | रीमा की उत्तेजना चरम पर थी इसलिए उसे इस तरह से स्तन मसलवाने में भी आनंद महसूस हो रहा था लेकिन रोहित तो सिर्फ दर्द देने के लिए रीमा की छाती को बुरी तरह मसल रहा था | रोहित अब रीमा की चूत में इतने जोरदार झटके लगा रहा था की उसकी गोलिया रीमा के चुताड़ो और गांड से टकराने लगी थी | रीमा वासना से सरोबार हो आनंद के सागर में गोते लगा रही थी, उसे तो इस बात का अहसास ही नहीं था कि झड़ने की कगार पर पहुँच चूका रोहित अब उसे पूरी स्पीड से चोद रहा था, उसे अपनी चूत की गहराई में लंड के सुपाडे से लगने वाली जोरदार ठोकर से होने वाले दर्द का भी अहसास नहीं था, उसके कोमल से गोरे स्तनों पर नाखून गड़ाती रोहित की उंगलियो का भी होश नहीं था, रोहित की वजह से गोरे स्तन लाल हो चले थे और उन पर नाखुनो के निशान साफ़ साफ़ नजर आ रहे थे |