29-10-2024, 04:51 PM
"हां हरामी हां, अब ठीक है। चोद मां के लौड़े चोद। मेरी गान्ड का कल्याण कर।" मैं मुदित मन से बोली। मुझे उसकी गालियां अच्छी लग रही थीं। मैं भी सारी लाज शरम ताक में रखकर उसी के स्तर में उतर आई और अपना मुंह गंदा करते हुए गालियों वाली भाषा का इस्तेमाल करने लगी। इसके बाद जो हुआ वह शब्दों से बयां करना मुश्किल है। उसके अंदर जैसे भूत सवार हो गया। एकदम कुत्ते की तरह दनादन ठोंकना चालू कर दिया। उफ उफ उफ उफ, कितनी तूफानी रफ्तार से चोद रहा था वह, जैसे कल कभी न आएगा। सारी कसर निकाल लेना चाह रहा था जैसे। कभी कंधे पकड़ कर चोदता, कभी चूचियों को निचोड़ते हुए चोदता, कभी मेरी कमर पकड़ कर चोदता और इस दौरान कभी कभी अपनी उंगलियों से मेरी चूत को रगड़ता, थपकियां देता और कभी अपनी उंगली मेरी चूत में घुसेड़ता। यह सबकुछ मुझे आनंद से सराबोर कर रहा था। मुझमें भी न जाने कहां से आंतरिक जोश जाग गया था कि मैं भी सक्रिय हो कर अपनी गांड़ उछालने लगी थी। जब जब उसकी उंगलियां मेरे भगनासे को छेड़ती तो मैं दूसरी ही दुनिया में पहुंच जाती थी। यह अद्भुत था। मैं उसकी कामुक हरकतों से उत्तेजना के चरम पर पहुंच गयी।
"वहां नहीं वहां नहीं।" जब जब उसकी उंगलियां मेरे भगनासे से खिलवाड़ करती थीं तो मैं बोल उठती थी लेकिन वह माने तब ना।
"कहां नहीं?"
"मेरी चूऊऊऊऊऊत में गधे।" मैं बोली।
"हमको मत सिखा साली कुतिया कहीं की। इत्ती लौंडियों को अईसे ही चोदे हैं। जरा टेबल छोड़कर नीचे तो आ जा, पूरी कुत्ती न बना दिया तो कहना। फिर बोलेगी अईसे ही चोदो।" कहकर वह मुझे खींच कर फर्श पर ले आया। जोश में मुझे होश ही नहीं था कि वह किस तरह मुझे चोदने वाला है। जैसा उसने चाहा वैसा ही किया और मुझे फर्श पर चौपाया बना दिया। मैंने भी कोई विरोध नहीं किया। उस वक्त चुदाई की मस्ती में पागल मुझे सिर्फ और सिर्फ चुदने से मतलब था। वह अब मेरे पीछे घुटनों के बल बैठकर कुत्ते की तरह फिर से मेरी गान्ड मारने लगा और मैं आंखें बंद किए चुदती रही।
"आह आह आह" वह मस्ती में भर कर चोदना जारी रखते हुए बोला और बहुत जल्दी ही मैं थरथराने लगी। यह मेरे चर्मोत्कर्ष पर पहुंचने का लक्षण था। मैं उसके स्तंभन क्षमता की कायल हो गयी। साला झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था और मैं झड़ने लगी। ओह ओह....
"आआआआआआह ओओओओओहहहहह गयी मैं गयी ईईईईईईईई.. ... " मैं अभूतपूर्व स्खलन के सुख में डूबती जा रही थी।
"हुम्म हुम्म ये ल्लेएएएएएए.. हम भी गयेएएएए रेएएएएए साल्लीईईईईईई हरामज्जाद्दी कुत्तीईईईईई रंडीईईईईई.. " उसके मुंह से निकला और पूरा लंड घुसेड़ कर मुझसे चिपक गया, उसी के साथ उसका लंड गरमागरम लावा उगलने लगा। पूरी तरह हम दोनों खल्लास हो कर निवृत्त हो गये। जहां वह कुत्ते की तरह हांफ रहा था वहीं मैं औंधे मुंह फर्श पर धप्प से निढाल गिर पड़ी और लंबी-लंबी सांसें लेने लगी। इतनी लंबी चुदाई को झेल सकना कोई हंसी-खेल नहीं था। दो दो मिनट के विराम के बाद करीब करीब बीस बीस पच्चीस पच्चीस मिनट की लंबी चुदाई का वह अंतहीन दौरान आखिर समाप्त हुआ। पूरी तरह निचुड़ चुकी थी मैं। उसका उतना मोटा और लंबा लंड सिकुड़ कर पुच्च से मेरी गान्ड के बाहर निकल आया।
"वहां नहीं वहां नहीं।" जब जब उसकी उंगलियां मेरे भगनासे से खिलवाड़ करती थीं तो मैं बोल उठती थी लेकिन वह माने तब ना।
"कहां नहीं?"
"मेरी चूऊऊऊऊऊत में गधे।" मैं बोली।
"हमको मत सिखा साली कुतिया कहीं की। इत्ती लौंडियों को अईसे ही चोदे हैं। जरा टेबल छोड़कर नीचे तो आ जा, पूरी कुत्ती न बना दिया तो कहना। फिर बोलेगी अईसे ही चोदो।" कहकर वह मुझे खींच कर फर्श पर ले आया। जोश में मुझे होश ही नहीं था कि वह किस तरह मुझे चोदने वाला है। जैसा उसने चाहा वैसा ही किया और मुझे फर्श पर चौपाया बना दिया। मैंने भी कोई विरोध नहीं किया। उस वक्त चुदाई की मस्ती में पागल मुझे सिर्फ और सिर्फ चुदने से मतलब था। वह अब मेरे पीछे घुटनों के बल बैठकर कुत्ते की तरह फिर से मेरी गान्ड मारने लगा और मैं आंखें बंद किए चुदती रही।
"आह आह आह" वह मस्ती में भर कर चोदना जारी रखते हुए बोला और बहुत जल्दी ही मैं थरथराने लगी। यह मेरे चर्मोत्कर्ष पर पहुंचने का लक्षण था। मैं उसके स्तंभन क्षमता की कायल हो गयी। साला झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था और मैं झड़ने लगी। ओह ओह....
"आआआआआआह ओओओओओहहहहह गयी मैं गयी ईईईईईईईई.. ... " मैं अभूतपूर्व स्खलन के सुख में डूबती जा रही थी।
"हुम्म हुम्म ये ल्लेएएएएएए.. हम भी गयेएएएए रेएएएएए साल्लीईईईईईई हरामज्जाद्दी कुत्तीईईईईई रंडीईईईईई.. " उसके मुंह से निकला और पूरा लंड घुसेड़ कर मुझसे चिपक गया, उसी के साथ उसका लंड गरमागरम लावा उगलने लगा। पूरी तरह हम दोनों खल्लास हो कर निवृत्त हो गये। जहां वह कुत्ते की तरह हांफ रहा था वहीं मैं औंधे मुंह फर्श पर धप्प से निढाल गिर पड़ी और लंबी-लंबी सांसें लेने लगी। इतनी लंबी चुदाई को झेल सकना कोई हंसी-खेल नहीं था। दो दो मिनट के विराम के बाद करीब करीब बीस बीस पच्चीस पच्चीस मिनट की लंबी चुदाई का वह अंतहीन दौरान आखिर समाप्त हुआ। पूरी तरह निचुड़ चुकी थी मैं। उसका उतना मोटा और लंबा लंड सिकुड़ कर पुच्च से मेरी गान्ड के बाहर निकल आया।