24-10-2024, 06:58 PM
सारा दिन हम घर पे बोर होती रही ओर करीब 8 बजे बाबूजी आ गये
दीदी तब खाना बना रही थी तो डोर मैने ही ओपन कि बाबूजी अंदर आ
गये तो मैने डोर लॉक किया ओर बाबूजी से लिपट गई और बोली कि आप की
बहुत याद आ रही थी ओर मैं बैठ कर पागलों की तरह उनकी पेंट
खोलने लगी तो वो बोले कि मुझे अंदर तो आ जाने दो तो मैने कहा कि
नही पहले मुझे इसके दर्शन करने हैं जिसके लए सुबह से तड़फ़ रही
हूँ तो बाबूजी ने अपनी पेंट उतार दी और फिर मैने उनके लॉड को चूस
लिया और फिर हम उनके रूम मैं आ गये तब तक दीदी भी खाना ले कर आ
गई थी फिर पहले तो हम तीनो ने अपने कपड़े उतारे और फिर खाना खाने
लगे. करीब 9 बजे हम लोग लेट कर टीवी देख रहे थे एक तरफ मैं एक
तरफ दीदी बीच मैं बाबूजी. बाबूजी बोले कि एक बताओगि तुम दोनो
हमने कहा कि कहिए तो वो बोले कि क्या तुम दोनो ने कभी गंद भी
मरवाई है तो मैने कहा कि नही अभी तक तो नही और दीदी भी बोली कि
नही तो वो बोले की इसका मतलब है आज मुझे दो कुँवारी गंदें फाड़ने
का अवसर भी मिल जाएगा. मैं तो ये सुनकर कांप सी गई ओर बोली कि नही
मैं गंद नही मराउन्गि आप तो मुझे मार ही देंगे इतना बड़ा लॉडा
नही से पाएगी मेरी गंद आपका. तो वो बोले कि घबराओ मत गंद तो मैं
मारूँगा ही तो दीदी बोली कि गंद मैं भी नही मराउन्गि तो वो बोले कि
देखते हैं और फिर उन्होने हमारे बूब्स सहलाना शुरू कर दिए. फिर
उन्होने कहा कि बहू मेरी जान ये देखो आज ये तुम्हारी गंद मारने को
मचल रहा है मैने कहा कि प्लीज़ गंद का नाम मत लीजिए तो वो बोले कि
वो तो मुझे मारनी ही है वो मेरी चूत और गंद को बार चाटने लगे
मुझे मज़ा आने लगा और मैं दीदी की चूत और गंद चाटने लगी. फिर
बाबूजी ने मुझे आपने लॉड को चाटने को कहा और मेरे मूह मे डाल
दिया उनका 9इंच के करीब लॉडा मेरे मूह मैं चला गया था ओर मेरे
गले से जा लगा था और मुझे सांस लेने मे भी मुस्किल हो रही थी
लेकिन मैने उनके लॉड को चूसना बंद नही किया. करीब 10 मिंट बाद
बाबूजी ने मुझे घोड़ी बना दिया तो मेरी रूह तक कांप गई ये सोच कर
कि आज मेरी गंद फटने वाली है वो भी लंड से नही लॉड से. बाबूजी
ने थोड़ा से आयिल लगाया मेरी गंद पे और लॉड को गंद के मुख पे रख
दिया. मेरी तो रूह तक कांप उठी फिर बाबूजी ने एक धक्का मारा
लॉडा 3इंच तक अंदर पहुँचा दिया लेकिन मेरी चीखें निकल गई मैं
चिल्लाने लगी हाईईईई बाबूजी मेरे राजा जी मेरे साजन जी मैं मरगई प्लीज़
निकाल लीजिए अपने लॉड को बाहर और मैं छटपटाने लगी और मैने लॉडा
निकालने की कोशिश की लेकिन मैं नही निकल पाई क्यो कि बाबूजी की
मजबूत बाहों की पकड़ ने मुझे कमर से पकड़ा हुआ था
दीदी तब खाना बना रही थी तो डोर मैने ही ओपन कि बाबूजी अंदर आ
गये तो मैने डोर लॉक किया ओर बाबूजी से लिपट गई और बोली कि आप की
बहुत याद आ रही थी ओर मैं बैठ कर पागलों की तरह उनकी पेंट
खोलने लगी तो वो बोले कि मुझे अंदर तो आ जाने दो तो मैने कहा कि
नही पहले मुझे इसके दर्शन करने हैं जिसके लए सुबह से तड़फ़ रही
हूँ तो बाबूजी ने अपनी पेंट उतार दी और फिर मैने उनके लॉड को चूस
लिया और फिर हम उनके रूम मैं आ गये तब तक दीदी भी खाना ले कर आ
गई थी फिर पहले तो हम तीनो ने अपने कपड़े उतारे और फिर खाना खाने
लगे. करीब 9 बजे हम लोग लेट कर टीवी देख रहे थे एक तरफ मैं एक
तरफ दीदी बीच मैं बाबूजी. बाबूजी बोले कि एक बताओगि तुम दोनो
हमने कहा कि कहिए तो वो बोले कि क्या तुम दोनो ने कभी गंद भी
मरवाई है तो मैने कहा कि नही अभी तक तो नही और दीदी भी बोली कि
नही तो वो बोले की इसका मतलब है आज मुझे दो कुँवारी गंदें फाड़ने
का अवसर भी मिल जाएगा. मैं तो ये सुनकर कांप सी गई ओर बोली कि नही
मैं गंद नही मराउन्गि आप तो मुझे मार ही देंगे इतना बड़ा लॉडा
नही से पाएगी मेरी गंद आपका. तो वो बोले कि घबराओ मत गंद तो मैं
मारूँगा ही तो दीदी बोली कि गंद मैं भी नही मराउन्गि तो वो बोले कि
देखते हैं और फिर उन्होने हमारे बूब्स सहलाना शुरू कर दिए. फिर
उन्होने कहा कि बहू मेरी जान ये देखो आज ये तुम्हारी गंद मारने को
मचल रहा है मैने कहा कि प्लीज़ गंद का नाम मत लीजिए तो वो बोले कि
वो तो मुझे मारनी ही है वो मेरी चूत और गंद को बार चाटने लगे
मुझे मज़ा आने लगा और मैं दीदी की चूत और गंद चाटने लगी. फिर
बाबूजी ने मुझे आपने लॉड को चाटने को कहा और मेरे मूह मे डाल
दिया उनका 9इंच के करीब लॉडा मेरे मूह मैं चला गया था ओर मेरे
गले से जा लगा था और मुझे सांस लेने मे भी मुस्किल हो रही थी
लेकिन मैने उनके लॉड को चूसना बंद नही किया. करीब 10 मिंट बाद
बाबूजी ने मुझे घोड़ी बना दिया तो मेरी रूह तक कांप गई ये सोच कर
कि आज मेरी गंद फटने वाली है वो भी लंड से नही लॉड से. बाबूजी
ने थोड़ा से आयिल लगाया मेरी गंद पे और लॉड को गंद के मुख पे रख
दिया. मेरी तो रूह तक कांप उठी फिर बाबूजी ने एक धक्का मारा
लॉडा 3इंच तक अंदर पहुँचा दिया लेकिन मेरी चीखें निकल गई मैं
चिल्लाने लगी हाईईईई बाबूजी मेरे राजा जी मेरे साजन जी मैं मरगई प्लीज़
निकाल लीजिए अपने लॉड को बाहर और मैं छटपटाने लगी और मैने लॉडा
निकालने की कोशिश की लेकिन मैं नही निकल पाई क्यो कि बाबूजी की
मजबूत बाहों की पकड़ ने मुझे कमर से पकड़ा हुआ था