08-10-2024, 07:35 PM
दोस्तो, यह मेरी पहली कहानी है, आशा करता हूँ आप लोगों को पसंद आएगी।
मैंने अन्तर्वासना की बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं तो सोचा कि मैं अपनी कहानी भी भेजूं।
बात कुछ समय पहले की है, मैं जॉब करता था। मैं दिखने में एकदम साधारण ही हूँ और बहुत मेहनत करता हूँ।
जॉब के अलावा मैं बच्चों को उनके घर पर पढ़ाने भी जाता था।
हमारे पड़ोस में रहने वाली सिमी को कंप्यूटर की पढ़ाई में कुछ प्रॉब्लम थी.. तो वो मेरे पास पढ़ने आने लगी, मैं उसे पढ़ाने लगा।
सिमी की उम्र करीब 22 साल है और देखने में वो बहुत सिंपल है.. कोई बहुत ज्यादा हिरोइन जैसे नहीं है।
पर उसके चूचे बहुत बड़े हैं और वो अक्सर अपनी लैगी या फिर लोअर और टी-शर्ट में ही घूमती है.. जिससे उसकी कसी हुई जांघें और चूत का उभार एकदम साफ नजर आता है।
ऐसे में वो बहुत सेक्सी दिखती है।
उसे करीब एक महीने में मैंने थोड़ा बहुत कंप्यूटर चलाना सिखा दिया। अब वो रोज आकर मेरे पास कंप्यूटर सीखती या फिर कुछ न कुछ प्रैक्टिस करती।
मेरे कंप्यूटर में एक पोर्न मूवी पड़ी थी, उसने एक दिन वो चला ली और देखने लगी।
मैं उस वक्त कमरे से बाहर था.. तो मुझे कुछ पता नहीं चला।
जब मैं आया तो उसका रवैया थोड़ा बदला-बदला सा था।
उस दिन के बाद उसका रवैया बदल सा गया और वो मेरे से जानबूझ कर कुछ न कुछ अंट-शंट पूछती और मुझे छूती.. इससे मैं उसको समझ गया और इस तरह हम अच्छे दोस्त बन गए.. क्योंकि हमारी उम्र में कोई ज्यादा फर्क नहीं था।
फिर एक दिन बातों-बातों में उसने पूछा- क्या आपकी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने कहा- नहीं..
मैंने जब उससे पूछा- क्या तुम्हारा कोई ब्वॉयफ्रेंड है?
उसने कहा- कोई नहीं है.. मुझे कौन पसंद करेगा.. मैं तो बहुत ज्यादा सुन्दर भी नहीं हूँ।
मैंने ऐसे ही कहा- अरे ऐसा नहीं है.. तुम तो बहुत सुन्दर हो।
उसने कहा- तो आप ही बना लो मुझे अपनी गर्ल फ्रेंड..
मैंने भी मजाक-मजाक में ‘हाँ’ कह दिया।
वो बोली- गर्ल फ्रेंड से सब कुछ शेयर करना पड़ेगा।
मैंने भी कह दिया- हाँ करूँगा।
उसने भी कहा- ठीक है, मैं भी अपना सब शेयर करूँगी।
अब हम दोनों हँसने लगे।
उस टाइम तो वो वहाँ से चली गई। फिर अगले दिन जब वो आई तो बोली- अपनी गर्लफ्रेंड को किस नहीं करोगे?
मैंने कहा- तुम पागल हो.. बाहर सब बैठे हैं।
वो बोली- किस करने से थोड़े ही किसी को कुछ पता चलेगा।
वो मेरे पास आई और हमने फर्स्ट टाइम किस किया, मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए।
उस दिन उसने जीन्स और शर्ट पहनी थी, उसकी साँसें बहुत तेज चल रही थीं।
उस दिन हमने काफी देर तक किस किया।
फिर उसने कहा- आप पोर्न मूवी देखते हो?
मैंने कहा- हाँ.. पर तुमको कैसे पता?
उसने बताया- उस दिन जब आप नहीं थे तो मैंने देखी थी।
फिर हम रोज ऐसे ही किस करते और उस दिन के बाद वो हमेशा लोअर और टी-शर्ट ही पहन कर आती और पूछती- सेक्स में क्या-क्या होता है?
इस तरह की और भी सब बातें करते थे।
धीरे-धीरे हम दोनों का एक-दूसरे से शर्माना छूट गया।
एक दिन वो मेरे पास बैठी थी, मैंने उसकी जांघ पर हाथ रखा.. तो उसने कुछ नहीं कहा।
मैंने कहा- मैं बॉयफ्रेंड हूँ.. तो क्या तुम्हारी कोई भी चीज ले सकता हूँ?
वो बोली- हाँ.. और मैं भी आपका ‘सामान’ ले सकती हूँ न..
उसके बाद मैंने धीरे से उसकी जांघ को को सहलाया।
उसने कहा- जान.. मैं जानती हूँ आप क्या चाहते हो.. पर ये अभी पॉसिबल नहीं है।
हम बहुत ज्यादा खुल चुके थे.. फिर मैंने कहा- ठीक है।
मैं उसको किस करने लगा और चूचे दबाने लगा, वो भी किस कर रही थी और उसे भी अच्छा लग रहा था।
मैंने उसके लोअर में हाथ डाला तो भी उसने कुछ नहीं कहा। इसके बाद तो रोज जब भी आती, आते ही मुझे चुम्बन करती और मैं उसकी टी-शर्ट ऊपर करके उसके मम्मों को चूसता।
फिर मैं उसे अपना लौड़ा हाथ में पकड़ा देता।
एक दिन मैंने कहा- अभी थोड़ा टाइम है.. कुछ करूँ।
उसने हामी भर दी तो मैंने उसका लोअर नीचे को किया और चूत को चाटा, उसके बाद उसने मेरा लंड चूसा।
फिर आखिरकार एक दिन वो घड़ी भी आ गई.. जिसका मुझे इंतजार था। पास के मोहल्ले में किसी की शादी थी.. मेरे और उसके परिवार वाले भी वहाँ गए हुए थे।
मैंने उसे रात को ही कह दिया था कि कल अपनी चूत साफ करके आना और थोड़ा जल्दी आना।
वो टाइम से पहले आ गई। मैंने आते ही उसे बाँहों में भर लिया और किस करने लगा, वो भी जोर-जोर से किस लगी।
मैंने उसके मम्मों को शर्ट के ऊपर से ही मुँह में ले लिया। मैं जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार कर नंगा हो गया और उससे बोला- जानू.. आज तो तेरी चूत फाड़ दूंगा।
उसने भी कहा- जानू, मैं भी बहुत दिन से तड़प रही हूँ।
मैंने उसको कपड़ों के ऊपर से ही किस करना शुरू कर दिया, वो भी हॉट फील कर रही थी, मैं उसकी जांघें उसके कपड़ों के ऊपर से ही चाट रहा था।
उसने कहा- जानू, नंगी नहीं करोगे क्या?
मैंने कहा- क्यों नहीं.. मेरा बस चले तो तुम्हें कपड़े पहनने ही नहीं दूँ।
उसकी शर्ट और लोअर मैंने उतार दिए, उसने ब्रा नहीं पहनी थी.. बस पैन्टी पहनी थी।
मैंने उसके मम्मों को चूसने लगा।
कुछ ही पलों के बाद मैंने उसकी पैन्टी उतार दी.. और उसकी जाँघों पर हाथ फेरने लगा।
उसकी चुदास को देखते हुए मैंने बूब्स को मुँह में ले लिया और चूसने लगा।
अब उसे बहुत मजा आ रहा था, वो कह रही थी- जानू मेरा सारा दूध पी जाओ.. खाली कर दो मेरा सारा दूध.. आह्ह..
मैं तेज-तेज उसके एक निप्पल को काट रहा था और दूसरे चूचे को एक हाथ से मसल रहा था।
फिर मैंने कहा- अब मुझे चूत चटवाओ और तुम भी मेरा लंड चूसो।
वो फट से 69 की पोजीशन में आ गई। अब वो मेरा लंड चूसने लगी और मैं उसकी चूत में जीभ डाल कर चाटने लगा। उसकी चूत एकदम साफ थी, उसने रात को साफ की थी।
थोड़ी देर चाटने के बाद मैंने कहा- जान मेरा लवड़ा छोड़ दे.. नहीं तो मैं तेरे मुँह में ही आ जाऊँगा..
पर वो नहीं मानी और उसने मुझे मुँह से ही चूस-चूस कर झड़ने पर मजबूर कर दिया।
मैंने भी उसकी चूत चाट-चाट कर उसे झड़ा दिया।
फिर थोड़ी देर आराम करने के बाद मैंने कहा- अब तो मेरे लौड़े को चूत के दर्शन करवा दे।
उसने अपनी टाँगें खोल कर मेरे लौड़े को दिखाईं- ले मेरे लंड.. घुस जा इसमें..
मुझे उसकी बात पर हँसी आ गई।
उसने मेरा लौड़ा चूस कर फिर से खड़ा कर दिया, मैं उसके ऊपर लेट गया और हाथ से उसे पकड़ कर अपनी चूत पर लगाने को कहा। उसने वैसे ही किया।
पहला धक्का लगाने पर लौड़ा फिसल गया.. क्योंकि वो सील पैक माल थी।
फिर मैंने उसकी चूत पर थूका और थोड़ा तेल लगाया और जोर से धक्का मारा… मेरा लौड़ा थोड़ा सा अन्दर गया तो वो चीख पड़ी।
मैंने उसके होंठ अपने होंठों से बंद कर दिए और चूसने लगा।
जब वो थोड़ा शांत हुई तो मैंने फिर से धक्का मारा.. इस बार वो दर्द से रोने लगी।
अब तक मेरा लौड़ा आधा अन्दर चला गया था, उसके बाद धीरे-धीरे मैंने अन्दर-बाहर करना शुरू किया, अब उसे भी मजा आने लगा था।
मैं थोड़ी देर उसे ऐसे ही चोदता रहा फिर मैंने अपना हथियार बाहर निकाला और कहा- अब तुझे दूसरी पोजीशन में चोदता हूँ।
तो वो मान गई।
जब मैंने लौड़ा निकाला तो देखा कि उसकी चूत से खून आ रहा है, मैंने बिना उसे कुछ बताए.. उसे उल्टा लिटा दिया और पीछे से उसकी चूत पर लंड रख कर जोर से धक्का मारा।
इस बार चूत खुल चुकी थी, सो मेरा लंड एक ही बार में अन्दर चला गया।
अब मैं उसके ऊपर लेट कर चूत में लौड़े को अन्दर-बाहर करने लगा।
कुछ देर बाद मैंने उसका चेहरा मोड़ कर पीछे कर लिया और उसे चोदते हुए चुम्मी करने लगा, अपने हाथों से उसके एक चूचे के नीचे हाथ डाल कर उसके निप्पल को मसलने लगा।
काफी देर तक चोदने के बाद उसका शरीर अकड़ने लगा और वो अकड़ते हुए झड़ गई, पर मैं अभी नहीं झड़ा था। मैं उसे सीधा करके फिर से चोदने लगा।
चुदास की उत्तेजना में मैंने उसके निप्पल और मम्मों पर जोर-जोर से काट भी खाया। थोड़ी देर बाद हम दोनों साथ झड़े।
झड़ने से पहले मैंने उससे कहा- कहाँ निकालूँ?
तो उसने मेरा लौड़ा मुँह में ले लिया और चाट कर साफ कर दिया। इस तरह मैंने और उसने जम कर सेक्स किया।
जब वो घर जाने के लिए उठी तो उसे चलने में बहुत दर्द हो रहा था। किसी तरह वो अपने घर गई और उधर उसने कह दिया कि जाते टाइम फिसल गई थी।
उसके बाद जब भी मौका मिलता तो मैंने उसे लंड जरूर चुसवाता और उसके मुँह में झड़ भी जाता था। मैं भी उसकी चूत चाट-चाट कर उसका रस पी जाता था।
हमने कई बार चुदाई भी की.. कभी उसके घर.. कभी मेरे घर पर हम दोनों की चुदाई का खेल होता रहता था।
आपके कमेंट्स का स्वागत है।
मैंने अन्तर्वासना की बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं तो सोचा कि मैं अपनी कहानी भी भेजूं।
बात कुछ समय पहले की है, मैं जॉब करता था। मैं दिखने में एकदम साधारण ही हूँ और बहुत मेहनत करता हूँ।
जॉब के अलावा मैं बच्चों को उनके घर पर पढ़ाने भी जाता था।
हमारे पड़ोस में रहने वाली सिमी को कंप्यूटर की पढ़ाई में कुछ प्रॉब्लम थी.. तो वो मेरे पास पढ़ने आने लगी, मैं उसे पढ़ाने लगा।
सिमी की उम्र करीब 22 साल है और देखने में वो बहुत सिंपल है.. कोई बहुत ज्यादा हिरोइन जैसे नहीं है।
पर उसके चूचे बहुत बड़े हैं और वो अक्सर अपनी लैगी या फिर लोअर और टी-शर्ट में ही घूमती है.. जिससे उसकी कसी हुई जांघें और चूत का उभार एकदम साफ नजर आता है।
ऐसे में वो बहुत सेक्सी दिखती है।
उसे करीब एक महीने में मैंने थोड़ा बहुत कंप्यूटर चलाना सिखा दिया। अब वो रोज आकर मेरे पास कंप्यूटर सीखती या फिर कुछ न कुछ प्रैक्टिस करती।
मेरे कंप्यूटर में एक पोर्न मूवी पड़ी थी, उसने एक दिन वो चला ली और देखने लगी।
मैं उस वक्त कमरे से बाहर था.. तो मुझे कुछ पता नहीं चला।
जब मैं आया तो उसका रवैया थोड़ा बदला-बदला सा था।
उस दिन के बाद उसका रवैया बदल सा गया और वो मेरे से जानबूझ कर कुछ न कुछ अंट-शंट पूछती और मुझे छूती.. इससे मैं उसको समझ गया और इस तरह हम अच्छे दोस्त बन गए.. क्योंकि हमारी उम्र में कोई ज्यादा फर्क नहीं था।
फिर एक दिन बातों-बातों में उसने पूछा- क्या आपकी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने कहा- नहीं..
मैंने जब उससे पूछा- क्या तुम्हारा कोई ब्वॉयफ्रेंड है?
उसने कहा- कोई नहीं है.. मुझे कौन पसंद करेगा.. मैं तो बहुत ज्यादा सुन्दर भी नहीं हूँ।
मैंने ऐसे ही कहा- अरे ऐसा नहीं है.. तुम तो बहुत सुन्दर हो।
उसने कहा- तो आप ही बना लो मुझे अपनी गर्ल फ्रेंड..
मैंने भी मजाक-मजाक में ‘हाँ’ कह दिया।
वो बोली- गर्ल फ्रेंड से सब कुछ शेयर करना पड़ेगा।
मैंने भी कह दिया- हाँ करूँगा।
उसने भी कहा- ठीक है, मैं भी अपना सब शेयर करूँगी।
अब हम दोनों हँसने लगे।
उस टाइम तो वो वहाँ से चली गई। फिर अगले दिन जब वो आई तो बोली- अपनी गर्लफ्रेंड को किस नहीं करोगे?
मैंने कहा- तुम पागल हो.. बाहर सब बैठे हैं।
वो बोली- किस करने से थोड़े ही किसी को कुछ पता चलेगा।
वो मेरे पास आई और हमने फर्स्ट टाइम किस किया, मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए।
उस दिन उसने जीन्स और शर्ट पहनी थी, उसकी साँसें बहुत तेज चल रही थीं।
उस दिन हमने काफी देर तक किस किया।
फिर उसने कहा- आप पोर्न मूवी देखते हो?
मैंने कहा- हाँ.. पर तुमको कैसे पता?
उसने बताया- उस दिन जब आप नहीं थे तो मैंने देखी थी।
फिर हम रोज ऐसे ही किस करते और उस दिन के बाद वो हमेशा लोअर और टी-शर्ट ही पहन कर आती और पूछती- सेक्स में क्या-क्या होता है?
इस तरह की और भी सब बातें करते थे।
धीरे-धीरे हम दोनों का एक-दूसरे से शर्माना छूट गया।
एक दिन वो मेरे पास बैठी थी, मैंने उसकी जांघ पर हाथ रखा.. तो उसने कुछ नहीं कहा।
मैंने कहा- मैं बॉयफ्रेंड हूँ.. तो क्या तुम्हारी कोई भी चीज ले सकता हूँ?
वो बोली- हाँ.. और मैं भी आपका ‘सामान’ ले सकती हूँ न..
उसके बाद मैंने धीरे से उसकी जांघ को को सहलाया।
उसने कहा- जान.. मैं जानती हूँ आप क्या चाहते हो.. पर ये अभी पॉसिबल नहीं है।
हम बहुत ज्यादा खुल चुके थे.. फिर मैंने कहा- ठीक है।
मैं उसको किस करने लगा और चूचे दबाने लगा, वो भी किस कर रही थी और उसे भी अच्छा लग रहा था।
मैंने उसके लोअर में हाथ डाला तो भी उसने कुछ नहीं कहा। इसके बाद तो रोज जब भी आती, आते ही मुझे चुम्बन करती और मैं उसकी टी-शर्ट ऊपर करके उसके मम्मों को चूसता।
फिर मैं उसे अपना लौड़ा हाथ में पकड़ा देता।
एक दिन मैंने कहा- अभी थोड़ा टाइम है.. कुछ करूँ।
उसने हामी भर दी तो मैंने उसका लोअर नीचे को किया और चूत को चाटा, उसके बाद उसने मेरा लंड चूसा।
फिर आखिरकार एक दिन वो घड़ी भी आ गई.. जिसका मुझे इंतजार था। पास के मोहल्ले में किसी की शादी थी.. मेरे और उसके परिवार वाले भी वहाँ गए हुए थे।
मैंने उसे रात को ही कह दिया था कि कल अपनी चूत साफ करके आना और थोड़ा जल्दी आना।
वो टाइम से पहले आ गई। मैंने आते ही उसे बाँहों में भर लिया और किस करने लगा, वो भी जोर-जोर से किस लगी।
मैंने उसके मम्मों को शर्ट के ऊपर से ही मुँह में ले लिया। मैं जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार कर नंगा हो गया और उससे बोला- जानू.. आज तो तेरी चूत फाड़ दूंगा।
उसने भी कहा- जानू, मैं भी बहुत दिन से तड़प रही हूँ।
मैंने उसको कपड़ों के ऊपर से ही किस करना शुरू कर दिया, वो भी हॉट फील कर रही थी, मैं उसकी जांघें उसके कपड़ों के ऊपर से ही चाट रहा था।
उसने कहा- जानू, नंगी नहीं करोगे क्या?
मैंने कहा- क्यों नहीं.. मेरा बस चले तो तुम्हें कपड़े पहनने ही नहीं दूँ।
उसकी शर्ट और लोअर मैंने उतार दिए, उसने ब्रा नहीं पहनी थी.. बस पैन्टी पहनी थी।
मैंने उसके मम्मों को चूसने लगा।
कुछ ही पलों के बाद मैंने उसकी पैन्टी उतार दी.. और उसकी जाँघों पर हाथ फेरने लगा।
उसकी चुदास को देखते हुए मैंने बूब्स को मुँह में ले लिया और चूसने लगा।
अब उसे बहुत मजा आ रहा था, वो कह रही थी- जानू मेरा सारा दूध पी जाओ.. खाली कर दो मेरा सारा दूध.. आह्ह..
मैं तेज-तेज उसके एक निप्पल को काट रहा था और दूसरे चूचे को एक हाथ से मसल रहा था।
फिर मैंने कहा- अब मुझे चूत चटवाओ और तुम भी मेरा लंड चूसो।
वो फट से 69 की पोजीशन में आ गई। अब वो मेरा लंड चूसने लगी और मैं उसकी चूत में जीभ डाल कर चाटने लगा। उसकी चूत एकदम साफ थी, उसने रात को साफ की थी।
थोड़ी देर चाटने के बाद मैंने कहा- जान मेरा लवड़ा छोड़ दे.. नहीं तो मैं तेरे मुँह में ही आ जाऊँगा..
पर वो नहीं मानी और उसने मुझे मुँह से ही चूस-चूस कर झड़ने पर मजबूर कर दिया।
मैंने भी उसकी चूत चाट-चाट कर उसे झड़ा दिया।
फिर थोड़ी देर आराम करने के बाद मैंने कहा- अब तो मेरे लौड़े को चूत के दर्शन करवा दे।
उसने अपनी टाँगें खोल कर मेरे लौड़े को दिखाईं- ले मेरे लंड.. घुस जा इसमें..
मुझे उसकी बात पर हँसी आ गई।
उसने मेरा लौड़ा चूस कर फिर से खड़ा कर दिया, मैं उसके ऊपर लेट गया और हाथ से उसे पकड़ कर अपनी चूत पर लगाने को कहा। उसने वैसे ही किया।
पहला धक्का लगाने पर लौड़ा फिसल गया.. क्योंकि वो सील पैक माल थी।
फिर मैंने उसकी चूत पर थूका और थोड़ा तेल लगाया और जोर से धक्का मारा… मेरा लौड़ा थोड़ा सा अन्दर गया तो वो चीख पड़ी।
मैंने उसके होंठ अपने होंठों से बंद कर दिए और चूसने लगा।
जब वो थोड़ा शांत हुई तो मैंने फिर से धक्का मारा.. इस बार वो दर्द से रोने लगी।
अब तक मेरा लौड़ा आधा अन्दर चला गया था, उसके बाद धीरे-धीरे मैंने अन्दर-बाहर करना शुरू किया, अब उसे भी मजा आने लगा था।
मैं थोड़ी देर उसे ऐसे ही चोदता रहा फिर मैंने अपना हथियार बाहर निकाला और कहा- अब तुझे दूसरी पोजीशन में चोदता हूँ।
तो वो मान गई।
जब मैंने लौड़ा निकाला तो देखा कि उसकी चूत से खून आ रहा है, मैंने बिना उसे कुछ बताए.. उसे उल्टा लिटा दिया और पीछे से उसकी चूत पर लंड रख कर जोर से धक्का मारा।
इस बार चूत खुल चुकी थी, सो मेरा लंड एक ही बार में अन्दर चला गया।
अब मैं उसके ऊपर लेट कर चूत में लौड़े को अन्दर-बाहर करने लगा।
कुछ देर बाद मैंने उसका चेहरा मोड़ कर पीछे कर लिया और उसे चोदते हुए चुम्मी करने लगा, अपने हाथों से उसके एक चूचे के नीचे हाथ डाल कर उसके निप्पल को मसलने लगा।
काफी देर तक चोदने के बाद उसका शरीर अकड़ने लगा और वो अकड़ते हुए झड़ गई, पर मैं अभी नहीं झड़ा था। मैं उसे सीधा करके फिर से चोदने लगा।
चुदास की उत्तेजना में मैंने उसके निप्पल और मम्मों पर जोर-जोर से काट भी खाया। थोड़ी देर बाद हम दोनों साथ झड़े।
झड़ने से पहले मैंने उससे कहा- कहाँ निकालूँ?
तो उसने मेरा लौड़ा मुँह में ले लिया और चाट कर साफ कर दिया। इस तरह मैंने और उसने जम कर सेक्स किया।
जब वो घर जाने के लिए उठी तो उसे चलने में बहुत दर्द हो रहा था। किसी तरह वो अपने घर गई और उधर उसने कह दिया कि जाते टाइम फिसल गई थी।
उसके बाद जब भी मौका मिलता तो मैंने उसे लंड जरूर चुसवाता और उसके मुँह में झड़ भी जाता था। मैं भी उसकी चूत चाट-चाट कर उसका रस पी जाता था।
हमने कई बार चुदाई भी की.. कभी उसके घर.. कभी मेरे घर पर हम दोनों की चुदाई का खेल होता रहता था।
आपके कमेंट्स का स्वागत है।