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Fantasy प्रेम... आत्मा की भूख है..
#46
मैने कहा कि बताओ तो वो


बोली की भाभी आप बाबूजी के बच्चे की मा बनना चाहती हैं तो एक काम

करते हैं कि रोज पहले बाबूजी आप को चोद लिया करेंगे और अपना कम

आपकी चूत मे निकाल दिया करेंगे फिर मुझे छोड़ लिया करेंगे और जब

मैं झाड़ जाया करूँगी तो तुम्हे चोद लिया करेंगे ता कि अपना कम

तुम्हारी चूत मे निकाल सकें तो मैने कहा कि ये भी ठीक है ओर मैं

खुश हो गई क्यो कि मुझे एक बार और बाबूजी से चुदवाने का चान्स मिलने

वाला था. बाबूजी भी मुझे देख कर मुस्कुरा उठे और मेरी मुस्कुराहट को

ताड़ गये ओर बोले कि बहुत खुश हो बहू तो मैने कहा कि हाई मेरे

राजा जी आप से चुदवाने का अवसर मिले ओर मैं खुश ना होउ ये हो सकता

है भला तो बाबूजी ने अपना लॉडा दीदी की चूत से निकाला और मेरी

तरफ देख कर बोले कि देखो बहू ये तुम्हारी तरफ देख कर कैसे

खुश हो रहा है तो मैने कहा कि बाबूजी अब आप मुझे बहू नही आपनी

जान कहिए क्यो कि अब आप मेरे साजन बन गये हैं क्यो कि अब मैं आप

के बच्चे की मोम बनूँगी. वो बोले कि ठीक है फिर आपना लॉडा मेरे मूह

के पास ले आए ओर बोले कि लो इसे साफ कर्लो तो मैं उनके लॉड को

पागलों की तरह चाटने लगी उस्मै से निकलने वाले पानी को गटकने

लगी. फिर बाबूजी ने मुझे सीधी लिटा लिया और मेरी कमर के नीचे तकिया

रख लिया फिर मेरी चूत चाटने लगे ओर दीदी मेरे मूह पे आपनी चूत कर

के उल्टी खड़ी हो गई ओर मैं उनकी चूत चाटने लगी. बाबूजी मेरी चूत

चाट रहे थे मेरी सिसकियाँ निकल रही थी मैं कह रही थी

हाइईईईईईईईईईईईईई बाबूजजििइईईईईईईईईई अब ओर्र्र्र्ररर मत तदफ़ईए ना

पल्ल्ल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ डाल दीजिए ना लॉड को चूत मे ओर बाबूजी ने भी

मेरी बात मान ली लड को मेरी चूत के द्वार पे लगा दिया और एक

जोरदार धक्का मारा एक ही झटके मे पूरा लॉडा मेरी चूत मे घुसा

दिया मेरे मूह से आह निकल गई फिर बाबूजी ने आपना कमाल दिखाना

शुरू कर दिया और ज़ोर दार स्टॉर्क लगाने लगे मेरे मूह से आवाज़ें निकल

रही थी आहह उउउहह उउई म्‍म्माआ और बाबूजी और तेज होते जा

रहे थे अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था मैं झड़ने को तैयार थी सो

चीखने लगी आहह उउउहह हाऐईयईईईईईईईई आहहहहहह

आहह अहह्ा हह है बाबूजी ओर तेज और तेज हाई और तेज हॅयियी हाईईइ

आहह ओर तेज चोदिए मुझे हाई मुझे मा बना दीजिए आपने बच्चे की

हॅयियी आअहह आअहह है प्लक्ष्ज़ और ज़ोर से. और अब बाबूजी भी 10 मिंट से

मुझे चोद रहे थे झड़ने को तैयार थे वो भी पूरे जोश से कह

रहे थे पूरा जोरदार धक्का मार के कहते थे ये लो और मेरी आहह निकल

जाती थी वो कहते थे ये लो बेटा ही होगा ये लो लॉड का स्वाद ये लो

चुदो. और फिर हम दोनो एक साथ झाड़ गये ओर बाबूजी ने आपना सारा कम

मेरी चूत मे निकाल दिया. फिर उस रात बाबूजी ने दीदी को एक बार और

मुझे दो बार यानी कि एक बार मुझे और दूसरी बार दीदी के बाद चोदा

मुझे बहुत ही मज़ा आया और फिर हम तीनो ही एक तरफ मैं और एक

तरफ दीदी बीच मैं बाबूजी नंगे ही सो गये सुबह सब से पहले मैं

उठी और उठते ही सब से पहले बाबूजी के लॉड को किस किया फिर नंगी

ही उन दोनो के लिए चाइ बना के ले आई फिर हम तीनो ने चाइ पी.

फिर मैने कहा कि एक बात कहु अगर आप लोग मनोगे तो वो दोनो बोले कि

कहो तो मैने कहा कि जब तक हम तीनो घर पे हुआ करेंगे हम बिल्कुल

नंगे ही घूमेंगे कोई भी कपड़ा नही पहनेगे तो वो बोले की ठीक है.

तो दोस्तो देख लो चुदाई की प्यासी काम की मारी दोनो चूतो ने आख़िर मज़े ले

ही लिए बाकी कहानी 
क्रमशः............
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RE: प्रेम... आत्मा की भूख है.. - by nitya.bansal3 - 06-10-2024, 05:26 PM



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