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Adultery शिल्पा के साथ ट्रेन का सफ़र (Completed)
#10
Heart 
बस इस उम्मीद में की आपको ये कहानी पसंद आ रही है में अगला भाग प्रस्तुत कर रही हूँ । 
मगर इस बात की नाराजगी भी है आपके साथ की आप न तो कमेंट करके अपनी राय बताते है न ही appreciate करते है । 
चलिए कोई बात नहीं .. आपके लिए अगला भाग -
 
Update 4 ... 

मैंने अपनी शर्ट उतारकर अमित के ऊपर फ़ेंक दी। मेरी काली सिल्की ब्रा में से छलकते हुए मेरे गोरे मम्मों को उछलते हुए देखकर सबकी आह निकल गई।

फिर मैंने धीरे धीरे अपनी जींस नीचे उतार दी और सबको अपनी टांगों के दर्शन कराये। कुछ लोगों ने अपने लंड मसलने शुरू कर दिए थे। अमित अभी भी बस मुझे देखे जा रहा था। मैं उसके पास गई और उसकी गोद में बैठ गई। उसने पीछे से मेरे मम्मे दबाने शुरू कर दिए।
बाकी लोग भी मेरे पास आने लगे तो सुनील ने उन्हें रोक दिया और कहा- आज शिल्पा सिर्फ अमित की है, कोई और उसे नहीं छूएगा।
अमित ने अब पीछे से मेरी ब्रा के हुक खोल दिए और उसे उतार दिया। सब मेरी चूचियों को ललचाई नज़र से देखने लगे। कुछ लोगों ने अपने लंड बाहर निकाल लिए और मुठ मारने लगे थे।

मैं फिर नीचे उतर कर घुटनों पर अमित के सामने बैठ गई। मैंने अमित की पैंट खोली और उसका लंड बाहर निकाल लिया और उसको चाटने और चूसने लगी।

थोड़ी देर में मैं पैंटी उतारने के लिए उसके सामने खड़ी हो गई।
पर तभी सुनील ने पीछे से आकर मेरी पैंटी नीचे खींच दी और मेरी चिकनी चूत उसको दिखाकर बोला- यह है तेरे जन्मदिन का तोहफा ! आज चोद ले इसे जितना चोदना है !

अमित ने खड़े होकर अपने सारे कपड़े उतार दिए और मुझे चूमने लगा। बगल में लोगों ने सीटियाँ मारनी शुरू कर दी और तरह तरह की आवाजें निकालने लगे।
छोटू बोला- आज छोड़ना नहीं अमित, फाड़ दे साली की। बहुत मस्त माल है !
मैं चोंक गई कि यह छोटू को क्या हो गया है अपनी मालकिन के बारे में क्या बोल रहा है।

फिर मैं जाकर वहाँ एक मेज़ पर लेट गई। अपने चूतड़ किनारे पर लाकर मैंने अपनी टाँगे हवा में उठाकर फैला दीं। मेरी खुली चूत देख कर वो पागल हो गया।

उसने मेज़ की बगल में खड़े होकर अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया और धक्के मारने लगा। बाकी सब लोग अपने अपने लंड लेकर मेरे पास गए और मुठ मारने लगे।

एक एक करके वो झड़ने लगे और अपने लंड का पानी मेरे ऊपर डाल दिया। मैं वीर्य में नहा गई। फिर सबने एक एक करके अपने लंड मुझसे चटवाकर साफ़ करवाए।
इतने लंडों का स्वाद मैंने ज़िन्दगी मैं पहली बार चखा था, बहुत मज़ा आया।

इधर अमित मुझे पेले जा रहा था। मेरे मम्मे भी उसके धक्कों से बार बार उछल रहे थे।
लोगों ने बारी बारी आकर मेरी चूचियों का स्वाद भी चखा। थोड़ी देर बाद अमित मेरे अन्दर झड़ गया।

मैं पूरी गन्दी हो चुकी थी। मैं बाथरूम मैं नहाने गई तो अमित मेरे पीछे पीछे गया, उसने कहा- रांड, तुझे आज मैं नहलाता हूँ !
उसने शावर चलाया और मेरा शरीर ऊपर से नीचे तक मलने लगा। बाहर से सभी यह नज़ारा देख रहे थे। नहलाने के बाद अमित बोला- चल, अब तू कुतिया बन जा ! मुझे तेरी गांड मारनी है।
मैं वहीं कुतिया बन गई और वो पीछे से मेरी गांड मारने लगा।
थोड़ी देर के बाद वो मेरी गांड में झड़ गया। उसको तृप्त करके मैं वहां से चली आई। उसके बाद मैं मोहल्ले की रंडी बन गई और सुनील के सभी दोस्तों से चुदवाया।

मैं बहुत खुश रहने लगी थी क्योकि मेरी चूत कि प्यास बुझाने के लिए मुझे रोज़ लंड मिल जाते थे। उसके बाद मैं कई बर्थ-डे पार्टियों में चुदने गई। ज़िन्दगी बहुत हसीन हो गई थी।
उसका किस्सा सुनने के बाद मैं फिर गरम हो गया और बोला- चल अब तेरी गांड मारता हूँ।
वो घुटने ज़मीन पर रखकर सीट पर उलटी लेट गई और मेरे लिए अपने दोनों हाथों से गांड का छेद खोल दिया और बोली- ले भोंसड़ी वाले ! मार मेरी गांड !
मैंने अपना लंड उसकी गांड में घुसा दिया और उसकी गांड मारने लगा। ट्रेन में मैं भकाभक उसकी गांड मार रहा था। थोड़ी देर के बाद मैं उसकी गांड में झड़ गया।
मुझसे अपनी गांड मरवाने के बाद वो मेरी गोद में आकर बैठ गई और मेरे लंड से खेलने लगी, मैं भी दोनों हाथों से उसकी दोनों चूचियां दबा रहा था।

मैंने पूछा- फिर क्या हुआ शिल्पा?

वो बोली- बहार के दिन ज्यादा नहीं थे। कुछ दिनों के बाद पापा का वहाँ से दिल्ली तबादला हो गया और मुझे वहाँ से जाना पड़ा। जाने से पहली रात मैं सुनील के घर बहाने से गई, वहाँ सुनील और उसके दोस्तों से मैंने पूरी रात चुदवाया। उसके बाद हम दिल्ली गए।
दिल्ली में हम एक अपार्टमेन्ट में रहने लगे। कई दिनों तक लंड के बिना मैं तड़पने लगी। भड़ास निकालने के लिए कभी इन्टरनेट का सहारा लेती थी कभी भीड़ वाली बस में घुस कर लोंडों से दबवाती थी पर मेरी चूत की प्यास नहीं बुझ रही थी।

मेरे घर के बगल में एक बाहरवीं कक्षा का लड़का शम्पी रहता था। उसके पापा ने मेरे पापा से विनती की कि मैं उसे अंग्रेजी पढ़ा दूं, नहीं तो फिर से वो फेल हो जाएगा। मुझे कुछ उम्मीद की किरण दिखाई दी।

मैंने उसको कहा कि वो तीन से पाँच बजे के बीच सकता है। मैंने जानबूझ कर उसे तब बुलाया जब कोई घर में नहीं होता था।
मैंने देखा कि वो बहुत शर्मीला है। एक दो दिन के बाद मैंने सोचा इसकी शर्म निकालनी होगी। मैंने अब टी-शर्ट के ऊपर बटन खोलकर उसको थोड़े थोड़े अपने मम्मे दिखाने शुरू किये। स्कर्ट भी अब मैं अब घुटनों के ऊपर तक पहनने लगी। उस पर कुछ कुछ यह असर होने लगा था कि उसका लंड मुझे देखकर खडा होने लगा था। वो बहुत शर्मीला था, मुझे लगा कि मुझे ही कुछ करना पड़ेगा।

मैं एक दिन लेट हो गई तो देखा वो फ्लैट के बाहर मेरा इंतज़ार कर रहा है। मैंने उसको अपने कमरे में बैठाया और किताब निकालने को कहा। मुझे तभी एक शरारत सूझी- मैं कमरे में ड्रेसिंग टेबल के सामने गई और उसके सामने ही कपड़े बदलने लगी। मैंने शर्ट उतार दी और अलमारी में से टी-शर्ट ढूँढने लगी। मैंने शीशे में देखा कि वो मुझे ब्रा में देख कर लगातार घूर रहा था। मैंने टी-शर्ट पहनी और अपनी जींस उतार दी और उसे अपनी टांगों के दर्शन कराये।

फिर मैं अपनी मिनी स्कर्ट पहन कर उसके पास गई। मैंने देखा कि उसका लंड पूरी तरह खड़ा हो गया है, मैंने सोचा आज लोहा गरम है, मार देती हूँ हथौडा !

मैंने उससे पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
वो बोला- नहीं !
कभी किसी को किस किया है
नहीं
मैंने मन में सोचा- बहनचोद ! तूने ज़िन्दगी में किया क्या है !
फिर मैंने कहा- तुम्हारा किसी लड़की को किस करने का मन नहीं करता?
वो बोला- करता तो है !
कभी कॉलेज में किसी लड़की को गलत जगह पर छुआ है
हाँ, एक बार राजीव के उकसाने पर प्रैक्टिकल की क्लास में !”
क्या यहाँ छुआ था? मैंने अपनी छाती को अपनी उंगली से छूकर कहा।
नहीं पीछे छुआ था ! उसने मेरे चूतड़ों की तरफ इशारा करके कहा।
मज़ा आया था?”
हाँ
तुम अपने आप को खुद संतुष्ट करते हो कभी?”
समझा नहीं ?”
मैंने उसके लंड की तरफ इशारा करके कहा- इसे रगड़कर मज़ा लेते हो?
हाँ
दिन में कितनी बार?”
“2-3 बार
किसके बारे में सोचते हो जब उसे रगड़ते हो?”
क्लास की लड़कियों के बारे में !”
मेरे बारे में सोचकर रगड़ा है कभी?”
वो थोड़ा हिचकिचाकर बोला- नहीं !
मैंने मुस्कुराकर कहा- झूट बोल रहे हो !
उसने कुछ जवाब नहीं दिया। मैंने अपनी चूचियों की तरफ इशारा करके कहा- कभी किसी के देखे हैं?
नहीं
मेरे देखोगे?”
पर आप तो मेरी दीदी हैं !”
मैंने कहा- वो सब भूल जाओ ! बस यह बताओ कि देखने हैं या नहीं !
हाँ
मैंने अपनी टी-शर्ट उतार दी, फिर पीछे से ब्रा के हुक खोलकर वो भी उतार दी और उसको अपने गोरे मम्मे दिखाए।
मैंने पूछा- छूकर देखेगा?
हाँ
मैंने उसका हाथ अपने मम्मे पर रख दिया वो उसे धीरे धीरे मसलने लगा।
मैंने कहा- मज़ा रहा है?
हाँ

मैंने उसके लंड पर हाथ रख दिया और कहा- तेरा तो खड़ा हो गया है, तू अपनी दीदी को नहीं दिखायेगा? देखें तो तेरा कितना बड़ा है !
वो खड़ा हो गया और अपनी पैंट खोलकर अपना अंडरवियर नीचे कर दिया। मैं उसका लौड़ा देख कर मस्त हो गई। कितने दिनों से मेरी चूत एक लंड के लिए प्यासी थी। मैंने नीचे बैठ कर उसे चाटना शुरू कर दिया।

वो बोला- दीदी यह क्या कर रही हो?
मैंने कहा- तू चुपचाप बैठ जा और मज़े ले !
उसको बैठाकर मैंने उसका लंड चूसना शुरू कर दिया। वो मस्त होने लगा और जल्दी ही झड़ गया।
मैंने कहा- बहनचोद, थोड़ी देर तो रुक जाता !
वो मेरे मुँह से गाली सुनकर घबरा गया। फिर मैंने उसके लंड का सब पानी चूस लिया और उसे चाटकर साफ़ कर दिया। उसने जल्दी से अपने कपड़े पहने और भाग गया। मेरी चूत फिर तड़पती रह गई।


 Continue .... ( जैसी भी लगी हो ये please बताये जरूर )
Heart Heart  Love You All  Heart Heart
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RE: शिल्पा के साथ ट्रेन का सफ़र - by Jyoti Singh - 30-12-2018, 07:52 PM



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