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Adultery kya mere patnee RANDI hai?
#14
कुछ घाव कभी नहीं भरते

अस्पताल का कमरा जहाँ श्रीनु होश में आया, कार्यक्षमता और आराम का एक संतुलित मिश्रण था, जिसे मरीजों के लिए चिकित्सा देखभाल और शांत वातावरण दोनों प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। दीवारें हल्के, शांत रंगों में रंगी हुई थीं, और बड़ी खिड़कियों से छनकर प्राकृतिक रोशनी अंदर आ रही थी, जिससे कमरे में एक हवादार और उजला एहसास हो रहा था।


कमरे में आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं मौजूद थीं, जिनमें एक समायोज्य अस्पताल का बिस्तर था, जिसे मरीज की सुविधा के अनुसार सेट किया जा सकता था। बिस्तर के पास एक छोटी मेज थी, जिस पर जरूरी चीजें जैसे टिशू और पानी रखा हुआ था, और एक मॉनिटर सिस्टम लगा हुआ था, जो मरीज के महत्वपूर्ण संकेतों को प्रदर्शित कर रहा था। कोनों में चिकित्सा उपकरण चुपचाप खड़े थे, ज़रूरत पड़ने पर इस्तेमाल के लिए तैयार। छत पर लगी लाइट्स पर्याप्त रोशनी प्रदान कर रही थीं, जिससे जांच और प्रक्रियाएं आसानी से की जा सकें।

हालांकि यह एक चिकित्सा स्थल था, फिर भी इसे गर्मजोशी और स्वागतपूर्ण बनाने की कोशिश की गई थी। खिड़कियों पर नरम पर्दे लगे थे, जो ज़रूरत पड़ने पर गोपनीयता प्रदान करते थे, और दीवारों पर सुंदर कलाकृतियां टंगी थीं, जो कमरे में रंग और रुचि का स्पर्श जोड़ रही थीं। बिस्तर के पास एक आरामदायक कुर्सी रखी हुई थी, ताकि मरीज के प्रियजन बैठकर उसे सहारा दे सकें।

कमरे के बाहर अस्पताल के गलियारों में गतिविधि का सिलसिला जारी था। चिकित्सा कर्मचारी फुर्ती से एक कमरे से दूसरे कमरे में जा रहे थे, और मरीजों की देखभाल कुशलता और निपुणता से की जा रही थी। यह अस्पताल एक आधुनिक सुविधा थी, जो अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित था और कुशल स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की एक टीम द्वारा संचालित था, जो अपने मरीजों को उच्चतम गुणवत्ता की देखभाल प्रदान करने के लिए समर्पित थे।

जैसे-जैसे श्रीनु धीरे-धीरे होश में आने लगा, उसने खुद को अस्पताल के बिस्तर पर पाया। उसके नीचे बिछी सफेद चादरों से उसे आराम और आश्वासन का एहसास हुआ। उसकी आंखें धीरे-धीरे खुलीं, और उसने अपने चारों ओर की चीज़ों को देखा—चिकित्सा उपकरणों की हल्की गूंज, छत के पंखे की धीमी आवाज़, और बाहर से आती हुई धुंधली आवाज़ें। दीवार पर लगी घड़ी पर नज़र पड़ी—सुबह के 11:30 बजे थे। 

श्रीनु को एहसास हुआ कि वह लगभग बारह घंटों से बेहोश था, और पिछली रात की घटनाएं उसके दिमाग में बिखरी और धुंधली थीं। अपने चारों ओर के माहौल में जागने की राहत ने उसे कुछ सुकून दिया। लेकिन जैसे ही वह पूरी तरह से होश में आया, उसने महसूस किया कि उसके बगल में कोई खड़ा है। उसने आँखें खोलीं और देखा कि एक नर्स उसके पास खड़ी थी, उसकी आँखों में चिंता झलक रही थी। नर्स ने उसके स्वास्थ्य की जांच की और उससे पूछा कि वह कैसा महसूस कर रहा था। 

श्रीनु ने बोलने की कोशिश की, लेकिन उसका गला सूखा और कर्कश था। वह केवल सिर हिला कर जवाब दे सका। नर्स ने उसे आश्वस्त करते हुए मुस्कराया और तुरंत कमरे से बाहर निकलकर डॉक्टरों को उसकी स्थिति के बारे में बताने चली गई। 

नर्स के बाहर जाते ही, श्रीनु के मन में तुरंत गंगा का ख्याल आया। "वह कहाँ है? क्या वह सुरक्षित है?" ये सवाल उसके दिमाग में घूमने लगे और उसने गहरी चिंता महसूस की।

तभी दरवाज़ा फिर से खुला और एक डॉक्टरों की टीम कमरे में आई। सफेद कोट पहने डॉक्टर उसके बिस्तर के पास पहुंचे और गर्मजोशी से उसका स्वागत किया। उनकी पेशेवर उपस्थिति से श्रीनु को थोड़ी राहत मिली। 

**डॉक्टर:** "श्रीनु जी, आप होश में हैं। आप कैसा महसूस कर रहे हैं?"

**श्रीनु:** "मुझे... मुझे ठीक लग रहा है, शायद। लेकिन... मेरी पत्नी, गंगा, वह कैसी है? क्या मैं उसे देख सकता हूं?"

**डॉक्टर:** "जी हां, श्रीनु जी, आपकी पत्नी बिल्कुल ठीक हैं। वह बाहर ही हैं, आपके परिवार के साथ। वे आपसे मिलने के लिए इंतजार कर रहे हैं।"

**श्रीनु:** (राहत की सांस लेते हुए) "भगवान का शुक्र है। धन्यवाद, डॉक्टर। क्या आप उन्हें अंदर बुला सकते हैं? मैं उन्हें देखना चाहता हूं।"

**डॉक्टर:** "बिलकुल, श्रीनु जी। मैं अभी उन्हें बुलाता हूं।"

**श्रीनु:** "धन्यवाद, डॉक्टर। और... मैं यहाँ कब से हूँ?"

**डॉक्टर:** "आप लगभग बारह घंटे से बेहोश थे। लेकिन अब आप होश में हैं, और यही सबसे महत्वपूर्ण है।"

**श्रीनु:** (सिर हिलाते हुए) "धन्यवाद, डॉक्टर। आपने मेरा ख्याल रखा, इसके लिए मैं आपका शुक्रगुज़ार हूँ।"

**डॉक्टर:** "मुझे खुशी है कि आप ठीक हो रहे हैं, श्रीनु जी। अब आप आराम करें। मैं अभी आपके परिवार को अंदर बुलाता हूँ।"

डॉक्टर ने दरवाज़ा खोला, जिससे गलियारे में चल रही हलचल की आवाज़ अंदर आई। डॉक्टर बाहर गए और गंगा और बाकी परिवार को अंदर आने का इशारा किया।

गंगा का दिल धड़क रहा था, वह डॉक्टर के पीछे-पीछे तेजी से चलने लगी। उसके दिमाग में चिंता और राहत एक साथ उमड़ रही थी। उसने अपने दुपट्टे को कसकर पकड़ा और उसके कदम तेज़ होते गए।

जैसे ही वे कमरे में दाखिल हुए, गंगा की नज़र तुरंत श्रीनु पर पड़ी, जो अस्पताल के बिस्तर पर लेटा हुआ था। उसे होश में और जागता हुआ देखकर उसके भीतर राहत की लहर दौड़ गई। 

श्रीनु के परिवार के सदस्य भी बिस्तर के चारों ओर इकट्ठा हो गए, उनके चेहरों पर चिंता और खुशी का मिश्रण था। वे धीरे-धीरे एक-दूसरे से बातें कर रहे थे, उनकी आँखें श्रीनु के चेहरे से हटी नहीं थीं।

गंगा ने बिस्तर के पास पहुंचकर उसके हाथ को थाम लिया, उसकी छूअन उनके अटूट बंधन का संकेत थी। 

श्रीनु ने कमजोर मुस्कान दी और गंगा की ओर देखा, उसकी आँखों में आभार और प्रेम की झलक थी। "मैं खुश हूँ कि तुम ठीक हो," उसने धीरे से कहा।

गंगा की आंखों में आँसू आ गए। उसने श्रीनु के माथे को चूमा और कहा, "तुम्हारे होश में आने का इंतज़ार कर रही थी।"

उनकी आँखों में बिना शब्दों के बातचीत हो रही थी, जिसमें उनके गहरे प्रेम और समर्पण की कहानी छुपी थी। 

कुछ देर बाद डॉक्टर ने परिवार से श्रीनु को आराम देने के लिए जाने का आग्रह किया। जाते समय गंगा और श्रीनु ने एक बार फिर नज़रें मिलाईं, जिसमें प्यार और कृतज्ञता का एक मूक संदेश छिपा था।

कमरे में अकेले पड़े हुए, श्रीनु के मन में पिछले कुछ दिनों की घटनाएं बार-बार घूमने लगीं। गंगा की चिंता और उसके साथ जावेद और चाचा के साथ हुई भयानक घटना के दृश्य उसकी आँखों के सामने तैर रहे थे। उसे गर्व महसूस हुआ कि गंगा इतनी बहादुर निकली, लेकिन साथ ही उसे खुद को दोषी महसूस हो रहा था कि वह उसे सुरक्षित नहीं रख पाया। 

लेकिन इस सबके बावजूद, एक हल्की उम्मीद भी उसके दिल में बसी हुई थी—परिवार के प्रेम और गंगा के समर्थन ने उसे यकीन दिलाया कि वह अकेला नहीं था।

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kya mere patnee RANDI hai? - by kk007007 - 16-06-2024, 11:29 AM
RE: kya mere patnee RANDI hai? - by kk007007 - 16-06-2024, 07:39 PM
RE: kya mere patnee RANDI hai? - by sri7869 - 17-06-2024, 03:27 PM
RE: kya mere patnee RANDI hai? - by Projectmp - 17-06-2024, 03:54 PM
RE: kya mere patnee RANDI hai? - by kk007007 - 16-08-2024, 07:29 PM
RE: kya mere patnee RANDI hai? - by kk007007 - 16-08-2024, 07:37 PM
RE: kya mere patnee RANDI hai? - by kk007007 - 16-08-2024, 07:45 PM
RE: kya mere patnee RANDI hai? - by kk007007 - 16-08-2024, 07:54 PM
RE: kya mere patnee RANDI hai? - by kk007007 - 16-08-2024, 08:03 PM
RE: kya mere patnee RANDI hai? - by Marishka - 23-08-2024, 03:09 AM
RE: kya mere patnee RANDI hai? - by mukhtar - 16-09-2024, 05:39 AM
RE: kya mere patnee RANDI hai? - by kk007007 - 18-09-2024, 11:16 AM
RE: kya mere patnee RANDI hai? - by kk007007 - 18-09-2024, 11:21 AM
RE: kya mere patnee RANDI hai? - by kk007007 - 18-09-2024, 11:24 AM
RE: kya mere patnee RANDI hai? - by kk007007 - 18-09-2024, 11:30 AM
RE: kya mere patnee RANDI hai? - by kk007007 - 18-09-2024, 12:42 PM
RE: kya mere patnee RANDI hai? - by kk007007 - 18-09-2024, 12:49 PM
RE: kya mere patnee RANDI hai? - by kk007007 - 18-09-2024, 01:30 PM
RE: kya mere patnee RANDI hai? - by Pandu1990 - 18-09-2024, 02:52 PM
RE: kya mere patnee RANDI hai? - by exbiixossip2 - 19-09-2024, 11:21 AM
RE: kya mere patnee RANDI hai? - by kk007007 - 20-09-2024, 05:51 PM
RE: kya mere patnee RANDI hai? - by kk007007 - 20-09-2024, 05:51 PM
RE: kya mere patnee RANDI hai? - by kk007007 - 20-09-2024, 06:26 PM
RE: kya mere patnee RANDI hai? - by kk007007 - 20-09-2024, 06:36 PM
RE: kya mere patnee RANDI hai? - by arvind274 - 20-09-2024, 06:51 PM
RE: kya mere patnee RANDI hai? - by arvind274 - 24-09-2024, 04:46 PM
RE: kya mere patnee RANDI hai? - by grp2200 - 28-09-2024, 09:22 AM



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