16-09-2024, 07:44 PM
वह बेड से नीचे उतर कर एक बार पीछे सुधीर को देखी फिर वह बाथरूम में चली गई । अपने पीछे का दरवाज़ा बंद किया
उसने तौलिया उठाया और अपना शरीर को पोंछना शुरू कर दि ।
20 मिनट बाद बाथरूम से बाहर निकलते ही उसकी नजर सुधीर की लंड पर पड़ी जो एक बार फिर चुदाई करने केलिए तैयार था ।
सिमरन बेड पर लेटी लंड को घूर रही थी।
तभी सुधीर ने सिमरन को अपनी ओर खींचा । सिमरन की चूत में अपनी जीभ हिला रहे था असर दिखने लगा, उसने और ज़ोर से चूसा , उसे पता था कि वह गर्म हो रही थी। सिमरन अब वास्तव में गर्म हो रही थी, सिमरन की चूत ने पानी छोड़ दिया
उसकी टांगों को फैला कर , लंड को चूत के होंठों पर सेट कर दिया. और एक धक्का लगाया तो सिमरन की चीख निकल गयी- उम्म्ह … अहह … हय … ओह …
सिमरन ने गिड़गिड़ाते हुए कहा, "सुधीर, प्लीज, मुझे दर्द हो रहा है! काफी देर की चुदाई के बाद सिमरन चरम पर आ गई थी. वे एक दूसरे को होंठों में किस करते हुए बस अपने जोश का मजा ले रहे थे.
सिमरन की चूत इतनी ज्यादा कसी हुई नहीं थी, पर गर्म इस कदर थी कि किसी भी लंड को जल्दी ही पिंघला दे।
वो मस्त हो चुकी थी और अजीब-अजीब सी आवाजें निकाल रही थी।
थोड़ी देर तक सुधीर ने अपनी चुदाई-गति सामान्य रखी, पर जैसे ही उसे लगने लगा कि अब कम स्पीड से काम नहीं चलेगा, तो फ़ुल स्पीड से चुदाई शुरु कर दिया।
वे दोनों पसीने-पसीने हो चुके थे। 15 मिनट बाद सिमरन को अपने चूत में गरम वीर्य का अहसास हुआ । वो बहुत खुश लग रही थी। वे दोनों थक गऐ और थोड़ी देर में नींद में चले गये
अचानक सुधीर के मोबाइल पर एक रिंग बजा उन दोनों की नींद खुली गई उसने घड़ी की ओर देखा 5 बजे थे ।
तभी याद आया उसे 4:00 बजे बच्चों को कॉलेज लेने जाना था। ऐसा लग रहा था कि वह इतने लंबे समय से यहाँ थी। उसके मन में ख्याल आया अब काफी देर हो चुकी है उसे बच्चे कॉलेज में इंतजार कर रहे होंगे।
वो बेड से उतर कर धीरे-धीरे खड़ी हुई, उसे पूरे शरीर में दर्द महसूस हो रहा था वे सीधा बाथरूम चले गई और बाथरूम का दरवाज़ा बंद कर लिया। थोड़ी देर बाथरूम में जाकर फ्रेश हो करके बाहर आई और सुधीर की ओर देखा ।
अभी भी किसी से मोबाइल पर बात कर रहा था उसने अपनी ब्रा और पेटी उठाई और उसे सारे कपड़े पहनना और टेवल पर रख मंगलसूत्र को अपने गले में डाल और सुधीर के पास जाकर उसके लिंग पर एक चुंबन दिया । और वह जाने लगी
तभी सुधीर बेड से नीचे उतरा और उसके हाथ को पकड़ लिया और उसे जाने से रोकने लगा जब वह ऐसा कर रहा था तो उसकी आंखों में सिमरन के लिए एक प्यार झलक रहा था सिमरन जानती थी कि उसे जाना होगा । सिमरन को टेवल पर रखे हुआ पानी पीने में कुछ मिनट लगे । उसने सुधीर को अलविदा कहा और वह कमरे से बाहर चली गई , अपने पीछे बेडरूम का दरवाज़ा बंद कर लिया।
वह फार्म हाउस के दरवाज़े की ओर चली गई बाहर झांकने पर, सिमरन को अपनी कार के अलावा कुछ नहीं दिखा। उसने अपना सिर बाहर निकाला और चारों ओर देखा, कुछ भी नहीं। आखिरकार वह दरवाज़े से बाहर निकली सीधे कार के पास जाकर दरवाजा खोल के कर के अंदर बैठ और दरवाजा बंद किया।
आपने कपड़े की ओर देखा ऐसा लग रहा था जैसे उसके सख्त निप्पल उसके ब्लाउज में छेद करने की कोशिश कर रहे थे। उसके स्तन अभी भी गीले थे जिससे लाल ब्लाउज थोड़ा पारदर्शी लग रहा था। उसके निप्पल और स्तनों की त्वचा के बीच का रंग का अंतर कॉटन के कपड़े से साफ़ दिखाई दे रहा था
सिमरन ने हाथ बढ़ाकर पीछे का दृश्य दर्पण ठीक किया ताकि वह अपना चेहरा देख सके।
"हे भगवान," वह जोर से चिल्लाई।
आईने में उसका प्रतिबिंब चौंकाने वाला था। सिमरन के बाल बिखरे हुए थे उसका मेकअप बिखरा हुआ था
उसने अपने बालों से बैरेट को बाहर निकाला। उसने अपने बालों को ब्रश करने की कोशिश नहीं की, बस अपने हाथों से जितना हो सके उतना उन्हें चिकना किया अपने बालों को पीछे खींचकर पोनी टेल में बांधते हुए उसने बैरेट को वापस लगा लिया।
उसने कार स्टार्ट की और डैशबोर्ड पर लगी घड़ी की ओर देखा।
"5 बजकर 15 मिनट? अरे नहीं!"
उसने तौलिया उठाया और अपना शरीर को पोंछना शुरू कर दि ।
20 मिनट बाद बाथरूम से बाहर निकलते ही उसकी नजर सुधीर की लंड पर पड़ी जो एक बार फिर चुदाई करने केलिए तैयार था ।
सिमरन बेड पर लेटी लंड को घूर रही थी।
तभी सुधीर ने सिमरन को अपनी ओर खींचा । सिमरन की चूत में अपनी जीभ हिला रहे था असर दिखने लगा, उसने और ज़ोर से चूसा , उसे पता था कि वह गर्म हो रही थी। सिमरन अब वास्तव में गर्म हो रही थी, सिमरन की चूत ने पानी छोड़ दिया
उसकी टांगों को फैला कर , लंड को चूत के होंठों पर सेट कर दिया. और एक धक्का लगाया तो सिमरन की चीख निकल गयी- उम्म्ह … अहह … हय … ओह …
सिमरन ने गिड़गिड़ाते हुए कहा, "सुधीर, प्लीज, मुझे दर्द हो रहा है! काफी देर की चुदाई के बाद सिमरन चरम पर आ गई थी. वे एक दूसरे को होंठों में किस करते हुए बस अपने जोश का मजा ले रहे थे.
सिमरन की चूत इतनी ज्यादा कसी हुई नहीं थी, पर गर्म इस कदर थी कि किसी भी लंड को जल्दी ही पिंघला दे।
वो मस्त हो चुकी थी और अजीब-अजीब सी आवाजें निकाल रही थी।
थोड़ी देर तक सुधीर ने अपनी चुदाई-गति सामान्य रखी, पर जैसे ही उसे लगने लगा कि अब कम स्पीड से काम नहीं चलेगा, तो फ़ुल स्पीड से चुदाई शुरु कर दिया।
वे दोनों पसीने-पसीने हो चुके थे। 15 मिनट बाद सिमरन को अपने चूत में गरम वीर्य का अहसास हुआ । वो बहुत खुश लग रही थी। वे दोनों थक गऐ और थोड़ी देर में नींद में चले गये
अचानक सुधीर के मोबाइल पर एक रिंग बजा उन दोनों की नींद खुली गई उसने घड़ी की ओर देखा 5 बजे थे ।
तभी याद आया उसे 4:00 बजे बच्चों को कॉलेज लेने जाना था। ऐसा लग रहा था कि वह इतने लंबे समय से यहाँ थी। उसके मन में ख्याल आया अब काफी देर हो चुकी है उसे बच्चे कॉलेज में इंतजार कर रहे होंगे।
वो बेड से उतर कर धीरे-धीरे खड़ी हुई, उसे पूरे शरीर में दर्द महसूस हो रहा था वे सीधा बाथरूम चले गई और बाथरूम का दरवाज़ा बंद कर लिया। थोड़ी देर बाथरूम में जाकर फ्रेश हो करके बाहर आई और सुधीर की ओर देखा ।
अभी भी किसी से मोबाइल पर बात कर रहा था उसने अपनी ब्रा और पेटी उठाई और उसे सारे कपड़े पहनना और टेवल पर रख मंगलसूत्र को अपने गले में डाल और सुधीर के पास जाकर उसके लिंग पर एक चुंबन दिया । और वह जाने लगी
तभी सुधीर बेड से नीचे उतरा और उसके हाथ को पकड़ लिया और उसे जाने से रोकने लगा जब वह ऐसा कर रहा था तो उसकी आंखों में सिमरन के लिए एक प्यार झलक रहा था सिमरन जानती थी कि उसे जाना होगा । सिमरन को टेवल पर रखे हुआ पानी पीने में कुछ मिनट लगे । उसने सुधीर को अलविदा कहा और वह कमरे से बाहर चली गई , अपने पीछे बेडरूम का दरवाज़ा बंद कर लिया।
वह फार्म हाउस के दरवाज़े की ओर चली गई बाहर झांकने पर, सिमरन को अपनी कार के अलावा कुछ नहीं दिखा। उसने अपना सिर बाहर निकाला और चारों ओर देखा, कुछ भी नहीं। आखिरकार वह दरवाज़े से बाहर निकली सीधे कार के पास जाकर दरवाजा खोल के कर के अंदर बैठ और दरवाजा बंद किया।
आपने कपड़े की ओर देखा ऐसा लग रहा था जैसे उसके सख्त निप्पल उसके ब्लाउज में छेद करने की कोशिश कर रहे थे। उसके स्तन अभी भी गीले थे जिससे लाल ब्लाउज थोड़ा पारदर्शी लग रहा था। उसके निप्पल और स्तनों की त्वचा के बीच का रंग का अंतर कॉटन के कपड़े से साफ़ दिखाई दे रहा था
सिमरन ने हाथ बढ़ाकर पीछे का दृश्य दर्पण ठीक किया ताकि वह अपना चेहरा देख सके।
"हे भगवान," वह जोर से चिल्लाई।
आईने में उसका प्रतिबिंब चौंकाने वाला था। सिमरन के बाल बिखरे हुए थे उसका मेकअप बिखरा हुआ था
उसने अपने बालों से बैरेट को बाहर निकाला। उसने अपने बालों को ब्रश करने की कोशिश नहीं की, बस अपने हाथों से जितना हो सके उतना उन्हें चिकना किया अपने बालों को पीछे खींचकर पोनी टेल में बांधते हुए उसने बैरेट को वापस लगा लिया।
उसने कार स्टार्ट की और डैशबोर्ड पर लगी घड़ी की ओर देखा।
"5 बजकर 15 मिनट? अरे नहीं!"