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Fantasy प्रेम... आत्मा की भूख है..
#43
बाबूजी बोले कि वो क्यो तो मैने


कहा कि हॅयियी बबबबूजी मैं आब्ब्भी ताअक प्ररेज्न्ननेंट नाही हुउऊइ

हूओन पल्लज़्ज़्ज़ आअप्प्प्प म्मुज्ज्झे प्र्र्रेग्नीन्त कर द्दीइजिई म्‍म्मायना

आअप्प्प्प क्कीए बाकचईए की म्माआ ब्बबांन्ना कक्चाहहति हहूओंन्न

मम्मूुझही आअपपंनी ब्बाची की म्मा ब्बबांन्ना दडीइयजज्ज़िई वो बोले

कि वो क्यो तो मैने कहा कि ता कि उसका भी आपके बेटे की तरह लंड ना

हो बल्कि आप की तरह लॉडा हो वो जिसे भी चोदे आप की तरह ही

चोदे वो बोले कि ठीक है और उन्होने आपने धक्को की सपीड़ बढ़ा दी

करीब 15 मिंट बाबूजी मुझे चोद्ते रहे और बोले कि मैं झड़ने वाला

हूँ मैं भी झड़ने को तैयार थी सो मैने उन्हे और जोश दिलाने के लिए

कहा कि हाइईइ ब्बाबबबुऊुजि पल्लज़्ज़ ओर ज़ोर से हाईईईईईईईईईईईईईईईईई

आहह म्मूउज़्झहही म्‍म्माआ ब्बबांन्ना दीजीई प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ ओर फिर

बाबूजी के धक्को की सपीड़ फुल हो गई और मेरी चीखें निकलने लगी

हॅयियी मैं मर गई है मेरी चूत फट गई हाइममाआ माररर गाइइ

माऐन्न्न्नाहियिइ आहह उउउइइ म्‍म्माआ ओर फिर हम दोनो एक साथ ही

झाड़ गये बाबूजी के लॉड से निकली हुई एक लंबी पिचकारी मेरी चूत मे

समा गई ओर बाबूजी मेरे उपर यू ही लेट गये करीब 15 मिंट यू पड़े

रहने के बाद बाबूजी उठे ओर मुझे सीधी कर के मुझे बाहों मैं भर

लिया और बोले कि कैसा लगा मेरी जान मज़ा आयआ की नही तो मैने कहा

की बाबूजी आप एक रात की बात करते थे ना तो मैने नेक्स्ट 10 दिन

और रात आप के नाम कर दिए हैं अब आप चाहें तो शॉप खोलें और

चाहें तो ना खोलें और लगातार 10 रात दिन मेरी चूत मे यू ही अपना

लॉडा डाले पड़े रहे ओर मुझे चोद्ते रहें तो वो बोले ठीक है जैसा

तुम कहो तभी दीदी बोल पड़ी कि बाबूजी अब आप आपनी बहू से ही चिपके

रहेंगे या बेटी का भी कुछ ख्याल करेंगे तो उन्होने कहा कि घबराती क्यो

हो अब तुम्हारी तरफ ही आते है.
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RE: प्रेम... आत्मा की भूख है.. - by nitya.bansal3 - 16-09-2024, 12:05 PM



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