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Fantasy प्रेम... आत्मा की भूख है..
#40
मैने कहा कि ठीक है बाबूजी मैं आपना वादा नही तोड़ूँगी पर आप भी


मुझे पूर जोश से चोदिए वो बोले कि ठीक है फिर तभी बाबूजी ने एक

धक्का मारा और 11 मे से 4इंच लॉडा मेरी चूत मे समा गया मेरे

मूह से एक चीख निकल गई मुझे यू लगा कि जैसे कोई लोहे की रोड मेरी

चूत मे घुस रही हो मैने चिल्ला कर कहा कि बाबूजी प्ल्ज़ इसे निकाल

लीजिए ना तो वो बोले की अभी तो कह रही थी कि मेरी चूत फाड़ दीजिए ओर

अभी निकालने को कह रही हो बेटी ये कोई लंड नही है जो बीच मे ही

निकल जाएगा ये तो लॉडा है ये तो अब आपना काम कर के वापिस निकलेगा

ये तो अब तुम्हारी चूत की प्यास भुजा कर ही निकलेगा फिर उन्होने मेरे

बूब्स को सहलाना शुरू कर दिया तो मुझे कुछ सकुन मिला लेकिन तभी

उन्होने एक और धक्का मारा लॉडा 8इंच तक अंदर घुस गया लॉडा

मोटा होने की वजह से मुझे दरद भी हो रहा था लेकिन अब दरद तो

सहना ही पड़ना था क्यो कि बाबूजी के लॉड का स्वाद भी तो चखना था.

फिर बाबूजी ने एक और धक्का मारा ओर लॉडा पूरे का पूरा मेरी चूत मे

समा गया और मेरे मूह से निकला हाई बाबूजी मैं मर गई तो वो बोले कि

नही मरोगी मेरी प्यारी बहू अभी तो तुम्हे इससे मज़ा लेना है मैने

कहा कि हाई बाबूजी आपने तो मेरी चूत का कचूमर ही निकाल दिया तो बोले

कि अभी तो जब ये अंदर बाहर होगा तब तुम्हे स्वाद देगा ये मेरी जान

और मुझे यू लग रहा था जैसे कि वो मेरे बूब्स को अंदर से टच कर

रहा है.
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RE: प्रेम... आत्मा की भूख है.. - by nitya.bansal3 - 16-09-2024, 11:58 AM



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