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Fantasy प्रेम... आत्मा की भूख है..
#38
गतान्क से आगे.............


दीदी ने बाबूजी से कहा कि बाबूजी आप तो बहुत प्यार से चूत को

चाटते हैं तो बाबूजी बोले की सिर्फ़ चाटते ही नही चोद्ता भी बहुत

प्यार से हूँ और सुनो तुम्हारी भी 10 या 11 इंच का लॉडा खाने की

तमन्ना आज पूरी कर दूँगा.तो दीदी बोली कि बाबूजी आप को मेरी तमन्ना का

कैसे पता तो वो बोले कि मैने रात सब कुछ सुन लिया था.अब बाबूजी

बोले कि ये बताओ कि पहले मैं किसे चोदु तो मैने कहा कि जिसे आप

ठीक समझे तो बाबूजी बोले कि तुम बताओ शालु. तो दीदी बोली कि बाबूजी

वैसे तो मैं आप से चुदवाने को मरी जा रही हूँ अब मुझ से सहन नही

हो रहा है लेकिन फिर भी आप भाभी को पहले चोदिए तो बाबूजी बोले कि

तुमने बिल्कुल सही कहा है बेटी बेटी तो होती ही पराई है लेकिन बहू

यहाँ आ के बेटी ही बन जाती है इस लिए पहला हक़ उसी का बनता है सो

आज मैं पहले कुसम को ही चोदुन्गा और फिर तुम्हे चोदुन्गा आज मैं

तुम दोनो को चोद चोद कर तुम्हारी चूत की धज़ियाँ उड़ा दूँगा. मैं तो

चाहती यही थी लेकिन मैं कह नही सकती थी. अब बाबूजी और शालु दोनो

ही मुझे कचोट रहे थे शालु मेरी चुचिओ को मसल और चूस रही

थी बाबूजी मेरी चूत चाट रहे थे. मेरे मूह से सिसकियाँ निकल रही

थी मैं चिल्ला रही थी हाई बाबूजीइइईईईईईईईईईईईईईईईईई

हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई प्पल्ल्ल्ल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़

कककककककचूऊऊऊद्द्द्द्ददडिईईईईईईईईईईए मुझहीईईई

हहाइी म्माआईयईईन्न म्माररररर गािईईईईईईईईईईईईईईई प्ल्ज़ आब

आअप्प्प्प्पंे ल्ल्ल्लाओंडीई क्का ज्जलवा द्दिखा दीजिीए मीयर्र्रईयियी

कक्च्छूुूत्त्त ककूऊ प्प्प्ल्ल्लज़्ज़्ज़. हहााईयइ कचछूड्दडिईईईएन्‍न्नाअ

म्‍मम्मूउुझहही हहाइईइ प्पल्ल्लज़्ज़ ज्जाअल्ल्लद्ददडिईई सस्स्सीए आआप्प्पंन्न्नाआ

ल्ल्ल्लाआओउउद्दााअ द्ददडााल्ल्ल द्ददडियईीजज्ज़ििईइईए न्न्नाअ

म्‍म्मीईरररिइ कक्चहूुूत्त्त म्‍म्माईिईन्न हहाऐईइ प्प्प्ल्लज़्ज़्ज़

फफफफफ़ाआद्दद्ड द्ददडियईीजज्ज़ििीइ आआप्प्पंनननी ब्ब्ब्बाअहहुउऊ क्क्कीिई

कक्चहूुउट कूओ आअज्जजज ओर बाबूजी बोले कि तुम तो कह रही थी कि लॉडा

से नही पओगि और अब लॉडा खाने को मरी जा रही हो तो मैने कहा कि

हहाआंन्न ब्ब्बाअब्ब्बुउउज्ज्जीइ म्म्म्माऐईन्न्न्न म्म्माअर्र्रीइ ज्ज्जाअ

र्र्र्राअह्ह्हीई हहूओंन्न आआप्प्प ककक्कीए ल्ल्लओउउद्दीई सस्सीए

कक्चहुूद्दड़नन्नईए ककककूऊ उउउन्न्ंककूऊ ब्ब्ब्बाअहहाअरररर

ग्ग्गाआययईए आआज्जजज टत्त्तीईएन्णन्न् ददडिईईईन्न्न्न् हहूऊ गग्ग्गाआययईए

हहाऐईिईन्न्न्न् ऊऊररर म्‍म्मईएरररीि कक्चहूुूत्त्त प्प्पाआय्यासस्सिईई

हहाऐईयइ ऊओररर ज्ज्ज्जाअब्ब्ब्ब सस्सीई ईीइसस्सन्न्नईए आअप्प्प्प कक्क़ीए

ल्ल्लाओउउद्ददीए कककूऊ द्डडीएककखाअ हहाऐईइ ययईए म्‍म्माअरर्रीि

ज्ज्जाअ र्र्राअह्ह्हीइ ह्ह्ह्हाआईइ उउउस्स्सीए आआप्प्प्न्न्नीए

आअन्न्न्द्द्दाअर्र्र ल्ल्लीएन्‍न्नईए कककू और बाबूजी ने चाट चाट के मेरी चूत का

पानी निकाल दिया था.बाबूजी मेरी चूत को चाट भी रहे थे और कह रहे

थे तड़पो बहू और तड़पो जितना तड़पो गी उतने ही चुदवाने मे मज़ा आएगा

ओर बाबूजी अभी भी लगातार मेरी चूत को चाट रहे थे और आपनी जीब

अंदर घुमा रहे थे जिस की वजह से मेरी सीस्कियाँ बढ़ती जा रही थी

मेरे होंठ कांप रहे थे ह्ह्हाआईई ब्ब्बाअब्ब्बुउउज्जीइ प्प्प्ल्ल्लज़्ज़

दददाअल्ल्ल द्द्दीइज्ज्जीइईए न्न्नाअ आअप्प्पन्न्नाअ ल्ल्लाओउउद्ददाअ आआब्ब्बब

तत्तूओ म्‍म्मीर्ररीि कचहूुूत्त्त म्‍म्माईिईन्न्न ददडिययड्ड्डिईई प्प्प्ल्ल्लज़्ज़

आआप्प्प्प हहिईिइ कककाअहहिईिईए न्न्नाअ ब्बबाआबब्बुऊुज्ज्जिि ससीए किी

आअब्ब्ब ऊओररर न्नाआ त्टाअदफफफाआईएँन्न मंमुज़्ज़झहहीए प्प्प्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़

ब्ब्बब्ाौउुज्ज्जिि हहाऐईइ प्प्प्ल्ल्लज़्ज़्ज़ ओर मेरी आँखो से पानी निकल

रहा था क्यो कि मैं बहुत तड़फ़ रही थी लॉडा पाने के लिए और फिर

बाबूजी ने भी देर नही की बेड पे मेरे कंधे नीचे लगा दिए ओर

मुझे मेरे घुटनो पे खड़ा कर लिया और पीछे से मेरी चूत के मुख थोड़ा

से आयिल लगायआ फिर आपने लंड का सूपड़ा मेरी चूत के मुख पे रख

दिया मुझे एक लोहे की रोड अपनी चूत को टच करती हुई महसूस हुई.

दीदी मेरे सामने लेटी हुई थी मैं उसकी चूत को चाट रही थी अब दीदी

भी सिसकने लगी थी कीबबूजी बोले कि कुसम आज तक तुमने सिरफ़ लंड का

स्वाद चखा है आज तुम्हे लॉड का स्वाद चखा रहा हूँ बस तुम

आपना वादा याद रखना तो मैने कहा कि कोन सा वादा तो बोले कि वही जो

तुम रात कह रही थी कि अगर आज या कल मैं मुझे कोई लंड चोदे तो

उस से सारी रात चुदोगि लेकिन तुम्हारी किस्मत देखो कि तुम कितनी

सोभाग्य शाली हो कि तुम्हे लंड की जगह लॉडा चोदेगा सारी रात.
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RE: प्रेम... आत्मा की भूख है.. - by nitya.bansal3 - 16-09-2024, 11:56 AM



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