14-09-2024, 09:25 AM
मुझे मम्मी की मस्तानी चूत चाटने में बहुत स्वाद आ रहा था / मैंने मजे से मम्मी की चूत के होंठों को चूसने में मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था / मेरा दिल कर रहा था कि मैं बस ऐसे ही सुंगंधित चूत को चूसता रहूँ और मजा लेता रहूँ लेकिन मुझे इतना इंतज़ार नहीं हो सका मैंने अपने हाथ मम्मी के बदन पर फेरना शुरू कर दिया और मम्मी की चूत को चूसते हुए ही मम्मी के बड़े बड़े मुम्मों को प्यार से मसलने लगा / मम्मी के होंठों से सिसकियाँ निकलने लग गई थी अब पता नहीं की चूत चुस्वाने में मजा आ रहा था या फिर मम्मी के मुम्मों को दबा रहा था तो मम्मी को उसका स्वाद आ रहा था / मैंने मम्मी की चूत को चूसना जोर जोर से चालू कर दिया /
मुझे पता था कि मैं नशे में नहीं था लेकिन मम्मी मुझे नशे में समझ रही थी / मैंने कहा – डॉली मेरी जान मजा आ रहा है कि नहीं ?
मम्मी: हम्म, मेरे राजा, बहुत मजा आ रहा है (मम्मी मुझे डॉली बनकर जवाब दे रही थी )
मैं : डॉली, मेरी रानी, आज तो तुम्हारे बदन से एक अलग ही खुशबु आ रही है / (मैंने मम्मी की चूत से अपनी उँगलियाँ निकली और अपने होंठों से चूस ली /) मैंने डॉली को कहा - मेरी जान, आज तो तुम्हारी चूत का पानी बहुत ही मीठा लग रहा है / क्या बात है आज तो बहुत मस्त लग रही हो /
मम्मी: यह सब तुम्हारे लिए ही है मेरे राजा /
मैंने मम्मी को कहा – एक बात बोलूं डार्लिंग, अगर बुरा ना मनो तो ?
मम्मी: हाँ मेरे राजा, बोलो ना, तुम्हारी बात का बुरा नहीं लगता मुझे /
मैं : आज मैं तुम्हे मम्मी समझ कर चोदुंगा और तुम मुझे मम्मी बनकर जवाब देना / इसको रोल प्ले कहते हैं /
मम्मी: ठीक है मेरे राजा, अब मैं तुम्हारी मम्मी हूँ और तुम मेरे रवि बेटे, ठीक है?
मैं : हां मम्मी, अब ठीक है / मम्मी तुम्हे मजा आ रहा है ना ?
मम्मी: हां रवि, मुझे बहुत मजा आ रहा है /
मैं : मम्मी मुझे तुम्हारी चूत चूसनी है, जैसे पापा चूसते हैं /
मम्मी: हाँ हाँ रवि, मेरी चूत अगर तुम्हे पसंद है तो चुसो न / मुझे भी चूत चुस्वाना पसंद है / वैसे बेटे तुम्हे कैसे पता कि पापा मम्मी की चूत को चूसते हैं ?
मैं : मम्मी मैं पापा को तुम्हारी चूत को मजे ले ले कर चूसते हुए बहुत बार देखा है इस खिड़की से छुप छुप के, जब मेरे कमरे में अँधेरा होता है और आप पापा साथ सेक्स करते हो / मैंने देखा है की पापा की लुल्ली छोटी है और वो सेक्स करने के बाद तुम्हारी तरफ पीठ करके सो जाते थे और तुम प्यासी की प्यासी रह जाती थी / मैं तुम्हे बिस्तर पर तड़पते हुए देखता था और सोचता था की काश मैं पापा की जगह पर जाकर अपने इस मोटे और लम्बे लौड़े से तुम्हारी प्यास बुझा दूँ / लेकिन तुम मजबूरी में अपनी चूत में ऊँगली करके सो जाती थी / और मैं भी अपने लौड़े को हिला के रह जाता था /
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!