14-09-2024, 09:24 AM
यह कहकर मैंने मम्मी को अपने से जोर जोर से अपने सीने से दबा लिया और एक हाथ से मम्मी के टीशर्ट को ऊपर की तरफ उठा कर मम्मी के मुम्मे आजाद कर दिए / टीशर्ट से मम्मी के दोनों बड़े बड़े मुम्मे आजाद हो कर बहार की तरफ तन कर खड़े हो गए थे / मैंने अपने दोनों हाथों से मम्मी के भारी भारी मुम्मों को अपने दोनों हाथों में भर लिया और
मैंने टी शर्ट उपर उठाते हुए मम्मी के गले से बहार निकल दी / अब मम्मी के भारी भारी आम मेरी आँखों के सामने थे / जा जाने कब से मेरी आँखें इन बड़े बड़े आमों को अपने सामने नंगा देखना चाहती थी / मैंने मम्मी को अपने नीचे दबा लिया और मम्मी के ऊपर सवार हो गया / एक हाथ से मम्मी का पजामा (जो की नाले की जगह रबर का होता है) एक झटके से उतार दिया /
मम्मी मेरे नीचे बिलकुल नंगी लेटी हुई थी / आज मेरा सपना पूरा होने वाला था / मैं पापा को हमेशा ही मम्मी के ऊपर चढ़ कर धक्के मारते हुए देखता था और सोचता था की मम्मी मेरे नीचे कब आयेगी ? आज वो दिन आ ही गया था /
मैंने अपने दोनों हाथों में मम्मी के रसीले आमों को भरते हुए मम्मी के रसभरे होंठों को अपने होंठों में भर लिया / मम्मी कुछ कहना चाहती थी पर मेरे होंठों के बीच मम्मी के होंठ फसे थे तो मम्मी के मूंह से सिर्फ गूं गूं की आवाजें ही निकल कर रह गई / आज मैं जी भर के मम्मी को भोगना चाहता था / बचपन से लेकर जवानी तक बस मैंने मम्मी को ही अपने दिल की रानी माना था और आज मम्मी मेरे पास थी / मैंने नशे में होने का बहाना करते हुए मम्मी को अपनी बाँहों में जोर से भर लिए और उनके गदराये बदन का मजा लेने लगा /
मम्मी के बदन से एक अलग तरह की भीनी भीनी बहुत ही मादक सुगंध आ रही थी जो डॉली के बदन से नहीं आती थी उस खुशबु ने मुझे मदहोश कर दिया और मेरे लौड़े को और भी सख्त कर दिया था / मैंने मम्मी के रसीले होंठों को चूसना मैंने और भी जोर जोर से चालु कर दिया /
आज पता नहीं मुझे क्या हो रहा था / मेरा लौड़ा इतना टाइट हो रहा था कि मैं बयाँ नहीं कर सकता / आज से पहले मेरा लौड़ा इतना टाइट कभी नहीं हुआ था / आज मेरे पास मेरे सपनो की रानी नंगी लेती हुई थी / मैंने मम्मी के होंठों को चूसना छोड़ कर अपने होंठों के मम्मी के चेहरे पर फेरना शुरू कर दिया और प्यार और वासना से मम्मी ने चेहरे को चूसते हुए नीचे की तरफ जाने लगा और मम्मी के गले, छातियों, पेट, नाभि, चूत के ऊपर के रेशमी बाल, भरी भरी हुई रानें, टाँगे, पैर और फिर से ऊपर की तरफ आते हुए में मम्मी की मस्तानी खुशबूदार चूत के पास आ कर ठहर गया /
मैंने मम्मी की क्लीन शेव छूट के ऊपर अपनी जीभ फिरते हुए दोनों हाथों से मम्मी की चूत के दोनों पट खोल दिए / अंदर मम्मी की छूट गुलाबी रंग की थी / मम्मी की चूत के दोनों होंठ डॉली की चूत से थोड़े बड़े थे और हलके से निकले हुए थे जो की मुझे अपनी तरफ खींच रहे थे / मैंने एक एक कर के मम्मी की चूत के होंठों को अपने होंठों में जोर से भर लिया और अपने मूंह में अंदर की तरफ खींचने लगा / मम्मी का पूरा बदन कांप रहा था / मैंने अपनी जीभ मम्मी की चूत के अंदर डाल कर आगे पीछे करना शुरू कर दिया / मम्मी के पूरा बदन जोर जोर से कांपने लगा /
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!