14-09-2024, 09:16 AM
(This post was last modified: 14-09-2024, 09:22 AM by suneeellpandit. Edited 3 times in total. Edited 3 times in total.)
मम्मी ने मेरी तरफ देखा और बोली – रवि देखना डॉली का नाईट सूट जरा सा टाइट है न / मैं इसमें थोड़ी सी मोती लग रही हूँ ना / मैंने मम्मी के पुरे बदन को ऊपर से नीचे की तरफ घूरते हुए देखा और फिर मेरी नज़र मम्मी के भारी भारी मुम्मों जाकर रुक गई /
मैंने मम्मी के दोनों मुम्मों को बारी बारी से घूरते हुए कहा – अरे नहीं मम्मी आप मोटे कहाँ लग रहे हो आप तो बहुत ही मस्त लग रहे हो / (मेरे मूंह से अचानक ही “मस्त” निकल गया तो मम्मी ने एकदम से मुझे देखा और बोली – क्या लग रही हूँ ?
तो मैंने अपने आप को सँभालते हुए कहा – अरे मम्मी, मेरा मतलब था की आप मोटे नहीं लग रहे आप तो मुझे ऐसे ही बहुत सुंदर लगते हो /
कुछ देर मम्मी को दबाने के बाद मैंने मम्मी को आजाद कर दिया / मम्मी और मैं दोनों अलग हो गए / मम्मी का मूंह शर्म से लाल हो रहा था / मम्मी समझ रही थी की मैंने मम्मी को जानबूझ कर जोर जोर से बाँहों में दबाया था / मम्मी शरमाते हुए बोली – अच्छा रवि, चलो अब सो जाते हैं / मुझे तो नींद आ रही है / कहते हुए मम्मी बेड के दूसरी तरफ चली गई और एक कोने पर लेट गई और मेरी तरफ पीठ कर ली /
मैंने मम्मी को कहा – मम्मी अगर आप को बुरा न लगे तो मैं एक – दो पेग शराब के पी लूँ /
मम्मी बोली – क्या बात है रवि, अब सो जाओ, शराब क्यों पीनी है ?
मैं : वो मम्मी, ऐसी बात है कि मुझ आपकी बहु डॉली की बहुत याद आ रही है / बड़े समय के बाद उस से अलग हुआ हूँ न ऐसे में अगर एक दो घूँट शराब के पी कर सोऊंगा तो उसकी याद नहीं आयेगी /
मम्मी : ठीक है रवि, अगर तुम्हारा इतना ही दिल कर रहा है तो, तुम पी सकते हों मैं तो सो रही हूँ / तुम पीने के बाद लाइट बंद कर देना और सो जाना, ठीक है /
मैं : ठीक है मम्मी, आप सो जाओ, मैं पीने के बाद लाइट बंद कर के सो जाऊंगा /
मम्मी : ठीक है (यह कहकर मम्मी ने मेरी तरफ पीठ कर ले और सोने की कोशिश करने लगी /
मैंने अलमारी से शराब की बोतल के साथ एक गिलास निकला और थोड़ी थोड़ी करके शराब पीने लगा / जैसे जैसे शराब का नशा मुझ पैर हावी होने लगा मुझे डॉली की याद और भी तड़पाने लगी थी / ये कैसे हो सकता था की मम्मी मेरे ही बेड पर सो रही हो और मेरे लौड़े में हलचल न हो / डॉली ने मुझे बता ही दिया था कि मम्मी को उसने बता दिया था की मुझे शराब पीने के बाद कुछ याद नहीं रहती (जबकि ऐसी कोई बात नहीं थी, बल्कि सच यह था कि मुझे सब कुछ याद रहता था और शराब पीने के बाद मेरे लौड़े में सख्ती बढने लगती थी और वो बैठने का नाम नहीं लेता था, जब तक की वो किसी की बुरी तरह से ठुकाई न कर ले)
मैंने मम्मी की तरफ देखा मम्मी मेरी तरफ पीठ करके लेती हुई थी और मम्मी के बड़े बड़े चूतड़ डॉली की नाईट पेंट के अंदर से बहार की तरफ पूरी तरह से उभरे हुए थे / जब मम्मी ने डॉली का नाईट सूट डाला था तो मैंने देख लिए था की मम्मी के भारी भारी मुम्मे पूरी तरह से मस्ती से हिल रहे थे जैसे पानी के भरे हुए गुब्बारे हों / और मम्मी के मस्ती भरे चूतड़ भी मेरे लौड़े में हलचल मचाने के लिए काफी थे / इसका मतलब मैं समझ गया था की मम्मी ने भी डॉली की रात को ब्रा और पेंटी नहीं डाली हुई थी / यही बात डॉली ने भी मुझे बताई थी की मम्मी और मैं रात को घर में पेंटी और ब्रा नहीं डालते हैं / शादी के कुछ ही दिनों बाद मम्मी ने डॉली को ब्रा और पेंटी रात में डाल कर सोने के लिए मना कर दिया था /
जैसे जैसे शराब मेरे अंदर जा रही थी मेरे लौड़े में तनाव बढता जा रहा था / मुझे ऐसे महसूस हो रहा था जैसे मेरा लंड पत्थर की तरह से सख्त हो रहा था और मेरे लौड़े के उपर नसों का उभार मुझे महसूस हो रहा था / मेरा दिल कर रहा था की मम्मी के कपड़ों को खींच कर उतार दूँ और मम्मी की चूत में अपने लम्बे मोटे लौड़े को एक झटके में अंदर डाल कर अपना पानी मम्मी की छूट में खाली कर दूँ /
मैंने मम्मी की तरफ देखा तो मम्मी मेरी तरफ पीठ करके सो रही थी / मम्मी की टीशर्ट उनके मुम्मे वाली जगह पर टाइट हो रही थी / मैं समझ सकता था कि मम्मी के बड़े बड़े मुम्मों की वजह से वो जगह टाइट हो रही थी / मम्मी के भारी मुम्मों का ही तो मैं दीवाना था / मम्मी को जब भी मैं घर के काम करते देखता था तो मम्मी के हिलते हुए मुम्मे मुझे दीवाना बना देते थे / मैंने इन दो बड़े बड़े आमों को अपने हाथों से महसूस करना चाहता था / मैं बिस्तर पर लेट गया /
मैं अब मम्मी के साथ जा कर लेट गया / मम्मी चुपचाप दूसरी तरफ सर करके लेटी हुई थी / मैं धीरे से बिस्तर पर खिसकते हुए मम्मी के पास चला गया मैंने अब शराबी होने का नाटक शुरू करना था / मैंने मम्मी की गांड के ऊपर अपना एक पैर रखते हुए बोला – डॉली मेरी जान, इधर मूंह करो न / उधर क्या है / तुम्हारा दीवाना इधर है /
मैं : अरे डार्लिंग क्यों मजाक करती हो / मुझे पता है तुम मुझे शराब पीकर अपने पास नहीं आने देना चाहती इसलिए ऐसी बात कर रही हो / पर मैं क्या करू डॉली डार्लिंग, तुम्हें तो पता है कि जब तक मैं तुम्हे जी भर के प्यार न कर लूँ मुझे अछे से नींद नहीं आयेगी / देखो तो सही, मेरा लौड़ा कितना टाइट हो रहा है / ये तुम्हारी मुनिया से प्यार करना चाहता है / आओ ना प्यार करते हैं और मजे लेते हैं /
मैंने मम्मी के दोनों मुम्मों को बारी बारी से घूरते हुए कहा – अरे नहीं मम्मी आप मोटे कहाँ लग रहे हो आप तो बहुत ही मस्त लग रहे हो / (मेरे मूंह से अचानक ही “मस्त” निकल गया तो मम्मी ने एकदम से मुझे देखा और बोली – क्या लग रही हूँ ?
तो मैंने अपने आप को सँभालते हुए कहा – अरे मम्मी, मेरा मतलब था की आप मोटे नहीं लग रहे आप तो मुझे ऐसे ही बहुत सुंदर लगते हो /
मम्मी : अच्छा मैं सुंदर लग रही हूँ / मुझसे तो ज्यादा डॉली सुंदर है ना /
मैं : नहीं मम्मी, ऐसी बात नहीं है / मुझे तो आप डॉली से ज्यादा सुंदर लगते हो / हर तरफ से /
मम्मी : हर तरफ से? क्या मतलब?
मैं : अरे मम्मी, मैं आपको बचपन से ही देखता आया मुझे तो आप हमेशा से ही पसंद रहे हो / जब मैंने डॉली को पहली बात देखा तो मुझे डॉली दो देख कर ऐसा ही लगा कि मैं डॉली को नहीं आप ही को देख रहा हूँ /
मम्मी : हाय रवि, तुम मुझे इतना प्यार करते हो क्या ? (यह बोल कर मम्मी ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मैंने भी मम्मी की पीठ पर अपनी दोनों बाँहों को जोर से दबा लिया और मम्मी को अपनी छाती से चिपका लिया जिस से मम्मी के मुम्मे मेरे सीने में दब गए /
कुछ देर मम्मी को दबाने के बाद मैंने मम्मी को आजाद कर दिया / मम्मी और मैं दोनों अलग हो गए / मम्मी का मूंह शर्म से लाल हो रहा था / मम्मी समझ रही थी की मैंने मम्मी को जानबूझ कर जोर जोर से बाँहों में दबाया था / मम्मी शरमाते हुए बोली – अच्छा रवि, चलो अब सो जाते हैं / मुझे तो नींद आ रही है / कहते हुए मम्मी बेड के दूसरी तरफ चली गई और एक कोने पर लेट गई और मेरी तरफ पीठ कर ली /
मैंने मम्मी को कहा – मम्मी अगर आप को बुरा न लगे तो मैं एक – दो पेग शराब के पी लूँ /
मम्मी बोली – क्या बात है रवि, अब सो जाओ, शराब क्यों पीनी है ?
मैं : वो मम्मी, ऐसी बात है कि मुझ आपकी बहु डॉली की बहुत याद आ रही है / बड़े समय के बाद उस से अलग हुआ हूँ न ऐसे में अगर एक दो घूँट शराब के पी कर सोऊंगा तो उसकी याद नहीं आयेगी /
मम्मी : ठीक है रवि, अगर तुम्हारा इतना ही दिल कर रहा है तो, तुम पी सकते हों मैं तो सो रही हूँ / तुम पीने के बाद लाइट बंद कर देना और सो जाना, ठीक है /
मैं : ठीक है मम्मी, आप सो जाओ, मैं पीने के बाद लाइट बंद कर के सो जाऊंगा /
मम्मी : ठीक है (यह कहकर मम्मी ने मेरी तरफ पीठ कर ले और सोने की कोशिश करने लगी /
मैंने अलमारी से शराब की बोतल के साथ एक गिलास निकला और थोड़ी थोड़ी करके शराब पीने लगा / जैसे जैसे शराब का नशा मुझ पैर हावी होने लगा मुझे डॉली की याद और भी तड़पाने लगी थी / ये कैसे हो सकता था की मम्मी मेरे ही बेड पर सो रही हो और मेरे लौड़े में हलचल न हो / डॉली ने मुझे बता ही दिया था कि मम्मी को उसने बता दिया था की मुझे शराब पीने के बाद कुछ याद नहीं रहती (जबकि ऐसी कोई बात नहीं थी, बल्कि सच यह था कि मुझे सब कुछ याद रहता था और शराब पीने के बाद मेरे लौड़े में सख्ती बढने लगती थी और वो बैठने का नाम नहीं लेता था, जब तक की वो किसी की बुरी तरह से ठुकाई न कर ले)
मैंने मम्मी की तरफ देखा मम्मी मेरी तरफ पीठ करके लेती हुई थी और मम्मी के बड़े बड़े चूतड़ डॉली की नाईट पेंट के अंदर से बहार की तरफ पूरी तरह से उभरे हुए थे / जब मम्मी ने डॉली का नाईट सूट डाला था तो मैंने देख लिए था की मम्मी के भारी भारी मुम्मे पूरी तरह से मस्ती से हिल रहे थे जैसे पानी के भरे हुए गुब्बारे हों / और मम्मी के मस्ती भरे चूतड़ भी मेरे लौड़े में हलचल मचाने के लिए काफी थे / इसका मतलब मैं समझ गया था की मम्मी ने भी डॉली की रात को ब्रा और पेंटी नहीं डाली हुई थी / यही बात डॉली ने भी मुझे बताई थी की मम्मी और मैं रात को घर में पेंटी और ब्रा नहीं डालते हैं / शादी के कुछ ही दिनों बाद मम्मी ने डॉली को ब्रा और पेंटी रात में डाल कर सोने के लिए मना कर दिया था /
जैसे जैसे शराब मेरे अंदर जा रही थी मेरे लौड़े में तनाव बढता जा रहा था / मुझे ऐसे महसूस हो रहा था जैसे मेरा लंड पत्थर की तरह से सख्त हो रहा था और मेरे लौड़े के उपर नसों का उभार मुझे महसूस हो रहा था / मेरा दिल कर रहा था की मम्मी के कपड़ों को खींच कर उतार दूँ और मम्मी की चूत में अपने लम्बे मोटे लौड़े को एक झटके में अंदर डाल कर अपना पानी मम्मी की छूट में खाली कर दूँ /
मैंने मम्मी की तरफ देखा तो मम्मी मेरी तरफ पीठ करके सो रही थी / मम्मी की टीशर्ट उनके मुम्मे वाली जगह पर टाइट हो रही थी / मैं समझ सकता था कि मम्मी के बड़े बड़े मुम्मों की वजह से वो जगह टाइट हो रही थी / मम्मी के भारी मुम्मों का ही तो मैं दीवाना था / मम्मी को जब भी मैं घर के काम करते देखता था तो मम्मी के हिलते हुए मुम्मे मुझे दीवाना बना देते थे / मैंने इन दो बड़े बड़े आमों को अपने हाथों से महसूस करना चाहता था / मैं बिस्तर पर लेट गया /
मैं अब मम्मी के साथ जा कर लेट गया / मम्मी चुपचाप दूसरी तरफ सर करके लेटी हुई थी / मैं धीरे से बिस्तर पर खिसकते हुए मम्मी के पास चला गया मैंने अब शराबी होने का नाटक शुरू करना था / मैंने मम्मी की गांड के ऊपर अपना एक पैर रखते हुए बोला – डॉली मेरी जान, इधर मूंह करो न / उधर क्या है / तुम्हारा दीवाना इधर है /
मैंने मम्मी को अपनी तरफ करते हुए मम्मी को बाँहों में भर लिया / मम्मी बोली – अरे रवि, मैं डॉली नहीं मैं तुम्हारी मम्मी हूँ, होश में आओ /
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!