13-09-2024, 06:08 PM
सिमरन यह सोच कर रोने लगी " उसने उसे संभोग करना बंद कर दिया । वह उसकी इच्छा को मुक्त करने के लिए तैयार नहीं था।
उसने सिमरन के आंखों में आसूं देखा , वह सोचा वे संभोग के इतने करीब थी और वह कुछ नहीं कर सकती थी। उसने लंड को उसके पैरों के बीच पकड़ रखा था, लंड का सिर बस उसकी चूत के होंठों को छू रहा था। उसने फिर से संभोग करने की कोशिश की।
"चुप रहो सिमरन, हिलना मत!" उसने अधिकारपूर्ण स्वर में कहा।
म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म..." सिमरन फिर से कराह उठी और अपने कांपते शरीर को स्थिर रखने की कोशिश की।
उसने धीरे से लंड के सिर को उसकी चूत के होंठों के बीच में घुसाया, फिर रुक गया। सिमरन ने नीचे देखा और उसकी उंगलियों के सिरे उसके पैरों के बीच लंड के आधार को पकड़े हुए देख सकती थी।
"सिमरन आनंद लो।"
एक ही झटके में उसने लंड को उसकी चूत में पूरी तरह से घुसा दिया। सिमरन की चूत में अचानक लंड डालना उसके बर्दाश्त से बाहर था।
वह चिल्लाई "कृपया मुझे वीर्यपात कराओ! कृपया मुझे वीर्यपात कराओ!"
लेकिन सुधीर को सिर्फ़ उसकी दबी हुई घुरघुराहटें ही सुनाई दे रही थीं।
सुधीर ने उसकी चूत को अपने वीर्य से भर दिया। साँस फूलने के कारण वह आखिरकार छटपटाना बंद कर ऊपर देखने लगा। सुधीर आराम से बगल में लेट के मजे से देख रहे थे।
"म्मम्म...म्मम्म...म्मम्म..." सिमरन बार-बार आहें भर रही थी। सिमरन ने उसकी तरफ देखा और उसने अपनी उत्तेजना को नियंत्रित करने के लिए सचेत प्रयास करना पड़ा। वह आकर्षक थी
वह इतनी उत्तेजित थी कि उसकी चुत से रस उसकी जांघों के अंदर बह रहा था।
"मैंने तुम्हें इससे अधिक सुन्दर कभी नहीं देखा, सिमरन," सुधीर ने कहा। वह अपने बेड से नीचे उतर कर अपना फोन टेबल से ऊपर उठाते हुए उसने कहा, "अपना सिर घुमाओ, सिमरन।"
सिमरन ने अपना सिर घुमाया और अपने अग्रभाग का इस्तेमाल करके अपने चेहरे को छिपाया। वह विभिन्न कोणों से उसकी तस्वीरें लेने लगा। सिमरन ने कैमरे से अपना चेहरा छिपाने की पूरी कोशिश की।
अपना फोन रखने के बाद, वह बाथरूम में चला गया 15 मिनट बाद वह बाहर निकल वह बेड की ओर चला गया बेड के पास पहुंचा। सिमरन ने अपनी आँखें खोलीं और सुधीर का सख्त लंड को अपने चेहरे के सामने देखकर आश्चर्यचकित हो गई। उसने उसे कुछ देर तक देखा और फिर आगे झुककर लालच से उसे अपने मुँह में ले लिया।
उसने उसके लंड के सिरे को चूसना और चाटना शुरू कर दिया। वह जानती थी कि वह चाहता है कि वह उसे पूरी तरह से अपने गले में उतार ले, और वह ऐसा ही करना चाहती थी, लेकिन वह तुरंत ऐसा नहीं कर सकती थी। उसे गर्म होना था और उस गांड़ चुदाने के लिए तैयार होना था।
( वह अपनी पहली मुलाकात के दौरान, सुधीर ने सिमरन को लंड को सही तरीके से चूसने की ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया था। ऐसा नहीं था कि उसने पहले कभी ओरल सेक्स नहीं किया था, लेकिन वह अपने हाथों से लंड को सहलाती थी और बस लंड के सिरे को चूसती और चाटती थी। )
उसने उसकी पोनी टेल को पकड़कर उसके सिर को पीछे की ओर खींचा। इस तरह से सुधीर ने सिमरन को घोड़ी बनाया इस हरकत का स्वागत किया । लेकिन यह उसे वह राहत देने के लिए पर्याप्त नहीं था जिसकी उसे चाहत थी।
सिमरन के कान के पास अपना मुंह लाकर उसने फुसफुसाया, "क्या तुम तैयार हो सिमरन ?"
सिमरन ने अपनी आँखें बंद कर लीं और अपनी पोनी टेल पर उसके मज़बूत पकड़ के साथ अपना सिर जितना हो सके उतना हिलाया। आगे क्या होने वाला है, यह जानते हुए उसका शरीर अनायास ही तनावग्रस्त हो गया। उसने उसके बालों पर से अपनी पकड़ ढीली की और पीछे हट गया। उसने लंड को कुछ देर के लिए गांड़ की छेद रखा, फिर तेज़ी से लंड को सिमरन की गांड़ में घुसाया।
"म्म्म्म्म्म्म्म्म..." सिमरन ने तेज चुभन महसूस होने पर चिल्लाई । ओ सुधीर तुमने तो मेरी गान्ड फ़ाड़ दी ।
कुछ सेकंड बाद अगला झटका उसकी जांघों के पिछले हिस्से पर लगा। उसने अपना ध्यान उसकी गांड पर लगाया और फिर से वार किया, हर वार पाँच से दस सेकंड के अंतराल पर। उसे उसकी गांड पर वार करते देखना बहुत पसंद था। उसके शरीर पर इतना मांस था कि टक्कर के बाद उसकी त्वचा में एक छोटी सी लहर दौड़ गई।इतनी जोर से वार कर रहा था कि वह अपनी पसंद के अनुसार उछलने लगी। उसने उसके स्तनों को संतुष्टि के साथ उछलते हुए देखा। वह कुछ देर के लिए रुका और अपनी हथेली से उसकी गांड को सहलाया। गांड़ की त्वचा पहले से ही गुलाबी और छूने पर गर्म हो रही थी।
जब लंड उसकी गांड़ पर लगा तो सिमरन को लगा कि वह बेहोश हो जाएगी। उसने अपने शरीर के सबसे संवेदनशील हिस्से की रक्षा के लिए अनजाने में अपनी टाँगें क्रॉस कर लीं।
"अपने पैर फैलाओ सिमरन!"
सिमरन ने खुद को मजबूर किया कि वह अपनी टांगें फैलाए और उन्हें अलग रखे
उसने सिमरन की कानों में कुछ कहा "तुम्हारी गांड में वीर्य निकालने का समय आ गया है।"
उसने पूरी ताकत से उसकी गांड पर थप्पड़ मारा। और गांड़ की छेद में वीर्य निकाल दिया । वह दूसरी तरफ चले गए बेड पर लेट गया सिमरन की गांड़ के छेद से वीर्य निकलने लगा । सिमरन को एक विस्फोटक संभोग सुख मिला इस तरह से उसकी गांड बहुत प्यारी लग रही थी । उसने लंड पर लगे वीर्य को मुँह में डालकर चूस रही थी। चूसने की आवाज़ ने उसे और भी उत्तेजित कर दिया।
सिमरन थक चुकी थी। उसने सोचा, "मैं अब सेक्स नहीं कर सकती।" लेकिन वह जानती थी कि वह सुधीर को मना नहीं कर सकती।
उसने सिमरन के आंखों में आसूं देखा , वह सोचा वे संभोग के इतने करीब थी और वह कुछ नहीं कर सकती थी। उसने लंड को उसके पैरों के बीच पकड़ रखा था, लंड का सिर बस उसकी चूत के होंठों को छू रहा था। उसने फिर से संभोग करने की कोशिश की।
"चुप रहो सिमरन, हिलना मत!" उसने अधिकारपूर्ण स्वर में कहा।
म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म..." सिमरन फिर से कराह उठी और अपने कांपते शरीर को स्थिर रखने की कोशिश की।
उसने धीरे से लंड के सिर को उसकी चूत के होंठों के बीच में घुसाया, फिर रुक गया। सिमरन ने नीचे देखा और उसकी उंगलियों के सिरे उसके पैरों के बीच लंड के आधार को पकड़े हुए देख सकती थी।
"सिमरन आनंद लो।"
एक ही झटके में उसने लंड को उसकी चूत में पूरी तरह से घुसा दिया। सिमरन की चूत में अचानक लंड डालना उसके बर्दाश्त से बाहर था।
वह चिल्लाई "कृपया मुझे वीर्यपात कराओ! कृपया मुझे वीर्यपात कराओ!"
लेकिन सुधीर को सिर्फ़ उसकी दबी हुई घुरघुराहटें ही सुनाई दे रही थीं।
सुधीर ने उसकी चूत को अपने वीर्य से भर दिया। साँस फूलने के कारण वह आखिरकार छटपटाना बंद कर ऊपर देखने लगा। सुधीर आराम से बगल में लेट के मजे से देख रहे थे।
"म्मम्म...म्मम्म...म्मम्म..." सिमरन बार-बार आहें भर रही थी। सिमरन ने उसकी तरफ देखा और उसने अपनी उत्तेजना को नियंत्रित करने के लिए सचेत प्रयास करना पड़ा। वह आकर्षक थी
वह इतनी उत्तेजित थी कि उसकी चुत से रस उसकी जांघों के अंदर बह रहा था।
"मैंने तुम्हें इससे अधिक सुन्दर कभी नहीं देखा, सिमरन," सुधीर ने कहा। वह अपने बेड से नीचे उतर कर अपना फोन टेबल से ऊपर उठाते हुए उसने कहा, "अपना सिर घुमाओ, सिमरन।"
सिमरन ने अपना सिर घुमाया और अपने अग्रभाग का इस्तेमाल करके अपने चेहरे को छिपाया। वह विभिन्न कोणों से उसकी तस्वीरें लेने लगा। सिमरन ने कैमरे से अपना चेहरा छिपाने की पूरी कोशिश की।
अपना फोन रखने के बाद, वह बाथरूम में चला गया 15 मिनट बाद वह बाहर निकल वह बेड की ओर चला गया बेड के पास पहुंचा। सिमरन ने अपनी आँखें खोलीं और सुधीर का सख्त लंड को अपने चेहरे के सामने देखकर आश्चर्यचकित हो गई। उसने उसे कुछ देर तक देखा और फिर आगे झुककर लालच से उसे अपने मुँह में ले लिया।
उसने उसके लंड के सिरे को चूसना और चाटना शुरू कर दिया। वह जानती थी कि वह चाहता है कि वह उसे पूरी तरह से अपने गले में उतार ले, और वह ऐसा ही करना चाहती थी, लेकिन वह तुरंत ऐसा नहीं कर सकती थी। उसे गर्म होना था और उस गांड़ चुदाने के लिए तैयार होना था।
( वह अपनी पहली मुलाकात के दौरान, सुधीर ने सिमरन को लंड को सही तरीके से चूसने की ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया था। ऐसा नहीं था कि उसने पहले कभी ओरल सेक्स नहीं किया था, लेकिन वह अपने हाथों से लंड को सहलाती थी और बस लंड के सिरे को चूसती और चाटती थी। )
उसने उसकी पोनी टेल को पकड़कर उसके सिर को पीछे की ओर खींचा। इस तरह से सुधीर ने सिमरन को घोड़ी बनाया इस हरकत का स्वागत किया । लेकिन यह उसे वह राहत देने के लिए पर्याप्त नहीं था जिसकी उसे चाहत थी।
सिमरन के कान के पास अपना मुंह लाकर उसने फुसफुसाया, "क्या तुम तैयार हो सिमरन ?"
सिमरन ने अपनी आँखें बंद कर लीं और अपनी पोनी टेल पर उसके मज़बूत पकड़ के साथ अपना सिर जितना हो सके उतना हिलाया। आगे क्या होने वाला है, यह जानते हुए उसका शरीर अनायास ही तनावग्रस्त हो गया। उसने उसके बालों पर से अपनी पकड़ ढीली की और पीछे हट गया। उसने लंड को कुछ देर के लिए गांड़ की छेद रखा, फिर तेज़ी से लंड को सिमरन की गांड़ में घुसाया।
"म्म्म्म्म्म्म्म्म..." सिमरन ने तेज चुभन महसूस होने पर चिल्लाई । ओ सुधीर तुमने तो मेरी गान्ड फ़ाड़ दी ।
कुछ सेकंड बाद अगला झटका उसकी जांघों के पिछले हिस्से पर लगा। उसने अपना ध्यान उसकी गांड पर लगाया और फिर से वार किया, हर वार पाँच से दस सेकंड के अंतराल पर। उसे उसकी गांड पर वार करते देखना बहुत पसंद था। उसके शरीर पर इतना मांस था कि टक्कर के बाद उसकी त्वचा में एक छोटी सी लहर दौड़ गई।इतनी जोर से वार कर रहा था कि वह अपनी पसंद के अनुसार उछलने लगी। उसने उसके स्तनों को संतुष्टि के साथ उछलते हुए देखा। वह कुछ देर के लिए रुका और अपनी हथेली से उसकी गांड को सहलाया। गांड़ की त्वचा पहले से ही गुलाबी और छूने पर गर्म हो रही थी।
जब लंड उसकी गांड़ पर लगा तो सिमरन को लगा कि वह बेहोश हो जाएगी। उसने अपने शरीर के सबसे संवेदनशील हिस्से की रक्षा के लिए अनजाने में अपनी टाँगें क्रॉस कर लीं।
"अपने पैर फैलाओ सिमरन!"
सिमरन ने खुद को मजबूर किया कि वह अपनी टांगें फैलाए और उन्हें अलग रखे
उसने सिमरन की कानों में कुछ कहा "तुम्हारी गांड में वीर्य निकालने का समय आ गया है।"
उसने पूरी ताकत से उसकी गांड पर थप्पड़ मारा। और गांड़ की छेद में वीर्य निकाल दिया । वह दूसरी तरफ चले गए बेड पर लेट गया सिमरन की गांड़ के छेद से वीर्य निकलने लगा । सिमरन को एक विस्फोटक संभोग सुख मिला इस तरह से उसकी गांड बहुत प्यारी लग रही थी । उसने लंड पर लगे वीर्य को मुँह में डालकर चूस रही थी। चूसने की आवाज़ ने उसे और भी उत्तेजित कर दिया।
सिमरन थक चुकी थी। उसने सोचा, "मैं अब सेक्स नहीं कर सकती।" लेकिन वह जानती थी कि वह सुधीर को मना नहीं कर सकती।