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Adultery Unchaha safar: The unwanted Journey of my honeymoon
#6
दोपहर की शांति और सुखद माहौल में, श्रुतिका और उसके पति रेस्टोरेंट में अपनी बातचीत में व्यस्त थे, जब अचानक लड़के ने काउंटर से उसे एक इशारा किया। उसकी आँखों में एक चुनौतीपूर्ण चमक थी और उसने अपनी उँगली से बाहर की ओर इशारा किया। श्रुतिका ने लड़के की निगाहों में एक गंभीर संकेत देखा और उसके दिल की धड़कनें तेजी से बढ़ गईं।

लड़के ने अपने फोन को दिखाया, जिसमें एक तस्वीर थी। जब श्रुतिका ने ध्यान से देखा, तो उसे एहसास हुआ कि यह वही तस्वीर है जो लड़के ने पहले ली थी। लड़के की मंशा स्पष्ट थी—वह संभवतः तस्वीर को उसके पति को दिखाने की धमकी दे रहा था। यह विचार ही श्रुतिका को बुरी तरह से परेशान कर रहा था।

श्रुतिका के मन में तुरंत कई सवाल उठने लगे। उसने सोचने की कोशिश की कि वह इस स्थिति से कैसे बाहर निकल सकती है। डर और असहजता के बीच, उसने अपने पति को बिना किसी आशंका के देखकर, स्थिति को सामान्य दिखाने की कोशिश की। उसने धीरे से कहा, “मुझे बाथरूम जाना है, कृपया मुझे पांच मिनट दें।”

वह उठी और बाथरूम की ओर बढ़ी, लेकिन जैसे ही वह बाथरूम की ओर बढ़ी, लड़का भी उसके पीछे आ गया। उसकी उपस्थिति ने श्रुतिका के भीतर गहरी चिंता और भय पैदा कर दिया।

लड़का उसके पीछे-पीछे बाथरूम की ओर बढ़ा, और उसकी उपस्थिति ने श्रुतिका के मन को और भी अस्थिर कर दिया। बाथरूम में पहुँचने के बाद, उसने दरवाजा बंद कर लिया और थोड़ी देर के लिए आराम से सांस ली, जबकि लड़का बाहर खड़ा था और दरवाजे की ओर ध्यान दे रहा था।

श्रुतिका की सांसें तेज और अस्थिर थीं। उसने अपनी स्थिति को समझने की कोशिश की, और उसके दिमाग में एक बार फिर से उन विचारों की लहरें उठने लगीं कि वह इस स्थिति से कैसे बाहर निकल सकती है और लड़के की धमकी का सामना कैसे कर सकती है।


बाथरूम में, श्रुतिका ने दरवाजा बंद कर लिया और लड़के को बाहर खड़ा हुए देखा। उसकी साँसें अभी भी तेजी से चल रही थीं, और उसकी आँखों में चिंता और भय स्पष्ट था। उसने खुद को शांत करने की कोशिश की और लड़के की ओर घुमाया।

“तुम्हें क्या चाहिए? तुम ऐसा क्यों कर रहे हो?” उसने घबराहट के साथ पूछा। उसकी आवाज़ में एक स्पष्ट डर था, और उसकी आँखों में असुरक्षा का एक गहरा रंग था।

लड़के ने दरवाजे के पास खड़े होकर, एक ठंडी मुस्कान के साथ जवाब दिया, “तुमने पहले विरोध नहीं किया, अब तुम मेरी हो। मैं जो चाहूं कर सकता हूँ।” उसकी आँखों में एक प्रकार की वासना और आत्म-संतोष की चमक थी, जो श्रुतिका को और भी परेशान कर रही थी।

श्रुतिका ने अपने गले में एक अटकते हुए स्वर में कहा, “मैं चीखूंगी। मैं सबको बुलाऊँगी।”

लड़के ने एक निश्चिंतता के साथ जवाब दिया, “जैसा चाहो करो। चीखो, सबको बुलाओ। लेकिन मेरे पास तुम्हारी तस्वीर का प्रमाण है, और यह तुमसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।”

श्रुतिका ने उसकी बातों को सुना और उसका दिल और भी तेजी से धड़कने लगा। उसने महसूस किया कि लड़के के पास जो प्रमाण है, वह उसकी स्थिति को और भी बुरा बना सकता है। वह अब एक गहरी असहायता महसूस कर रही थी, और उसे यह समझ में आ रहा था कि उसकी चीखें और मदद की गुहार लड़के की योजना को प्रभावित नहीं करेंगी।

लड़के की ठंडी मुस्कान और उसके शब्दों ने श्रुतिका को पूरी तरह से असहाय महसूस कराया। उसने खुद को लड़के की धमकियों से बचाने के लिए कोई रास्ता खोजने की कोशिश की, लेकिन उसकी स्थिति को देखकर यह स्पष्ट था कि उसके पास बहुत सीमित विकल्प थे।

बाथरूम के छोटे से, बंद स्थान में, लड़के ने श्रुतिका को एक आदेश दिया। उसकी आँखों में एक ठंडी और निर्णायक चमक थी, और उसने कहा, "बैठ जाओ।"

श्रुतिका ने डरे हुए और असहज भाव से उसकी ओर देखा। उसके चेहरे पर घबराहट और चिंता का एक मिश्रण था, लेकिन उसने किसी तरह खुद को नियंत्रित किया और धीरे-धीरे नीचे बैठ गई। बाथरूम की ठंडी टाइल्स ने उसकी त्वचा को छूते ही उसे एक और झटका दिया।

लड़के की उपस्थिति और उसकी आँखों की निगाहें श्रुतिका को पूरी तरह से बेचैन कर रही थीं। जैसे ही उसने बैठने की स्थिति में खुद को व्यवस्थित किया, उसने लड़के को देखा, जो अब उसके सामने खड़ा था। लड़के की निगाहें श्रुतिका की ओर टिकी हुई थीं, और उसने उसकी भावनाओं को पूरी तरह से महसूस किया।

श्रुतिका की आँखों में एक गहरी चिंता और डर का मिश्रण था। वह खुद को इस स्थिति से बाहर निकालने के लिए एक रास्ता खोजने की कोशिश कर रही थी, लेकिन लड़के की आक्रामकता और निर्णायकता ने उसकी कोशिशों को असफल बना दिया था।

लड़के की ओर देखते हुए, श्रुतिका ने अपने भीतर की भावनाओं को संभालने की कोशिश की, लेकिन उसकी असहायता और भय साफ थे। बाथरूम का छोटा सा स्थान उसकी स्थिति को और भी कठिन बना रहा था, और लड़के की मौजूदगी ने उसे पूरी तरह से घेर लिया था।

बाथरूम में, श्रुतिका ने खुद को नियंत्रण में रखते हुए एक कदम आगे बढ़ाया। उसने ध्यानपूर्वक और धीरे-धीरे लड़के ki pant ki zip kholi aur uska lund bahar nikala, Sheutika ko use dekh kr ghin aai, pr ladake ne uske balo ko ks ke pakda aur bola chl jaldi chus isse Shrutika ne gehri sans li aur uska lund apne muh mae le liya.Gulp kr kr aavaj krke usene apne muh me le liya. Aur vo dhire dhire use chusne lagi

लड़के की आँखें ऊपर की ओर थीं, और उसने श्रुतिका के कार्यों को बड़ी तल्लीनता से देखा। उसकी शारीरिक प्रतिक्रिया स्पष्ट थी, और वह श्रुतिका की हर हलचल का आनंद ले रहा था।

बाहर, श्रुतिका का पति सोच रहा था कि उसकी योजना सफल हो गई है। उसने अपने मन में इस स्थिति की योजना को परखते हुए, इस पूरी घटना की दिशा पर संतोष व्यक्त किया।

इस तरह, बाथरूम की सीमित जगह में, श्रुतिका की गंभीरता और पति की योजना की सफलता का एहसास एक साथ परिलक्षित हो रहा था।


बाथरूम में, श्रुतिका ने अपनी स्थिति को पूरी तरह से समझते हुए और ध्यानपूर्वक काम किया। उसने अपनी गति और तकनीक को संतुलित रखते हुए, लड़के को सहजता और ध्यान के साथ सेवा प्रदान की। उसकी हर गतिविधि में एक विशेष प्रकार की दक्षता और संवेदनशीलता थी, जो लड़के के चेहरे पर स्पष्ट रूप से खुशी और संतोष का इज़हार कर रही थी।

लड़का उसकी ओर देख रहा था, और उसकी शारीरिक प्रतिक्रिया दर्शा रही थी कि वह इस पल का पूरी तरह आनंद ले रहा था। श्रुतिका की कुशलता और उसके द्वारा की जा रही गतिविधियाँ लड़के के लिए सुखद अनुभव प्रदान कर रही थीं।

बाथरूम में, श्रुतिका ने लड़के के निर्देश को ध्यान से सुना। लड़के ने उससे कहा, “फिर से घुटनों के बल आओ और मुड़ जाओ।”

श्रुतिका ने थोड़ी संकोच और घबराहट के साथ उसकी बात मानी। उसने धीरे-धीरे अपने घुटनों के बल आकर स्थिति बदली। बाथरूम की ठंडी टाइल्स ने उसकी त्वचा को छूते हुए उसे और भी असहज महसूस कराया।

उसकी टाइट ड्रेस अब ऊपर की ओर खिसक गई थी, जिससे उसकी त्वचा और शरीर की रेखाएँ अधिक स्पष्ट हो गई थीं। उसकी पीठ और कंधों पर चिंता और तनाव की झलक थी। उसकी आँखें थोड़ा नकारात्मक भाव लिए हुई थीं, और उसने खुद को एक अत्यंत कठिन स्थिति में पाया।

श्रुतिका ने अपने शरीर को संपूर्ण रूप से घुटनों के बल करके स्थिति को अपनाया। उसका चेहरा अब लड़के की ओर था, और उसके चेहरे पर चिंता, असहजता, और संकोच की भावनाएँ स्पष्ट थीं।

लड़के ने उसकी स्थिति को ध्यानपूर्वक देखा, और बाथरूम का छोटा सा स्थान उसकी असहाय स्थिति को और भी स्पष्ट कर रहा था। लड़के की उपस्थिति और उसकी आदेश ने श्रुतिका को और भी दबाव में डाल दिया था।

Ladke ne dhire se uski dress piche se upar ki ,Aur shrutika ke chut ki taraf dekha, vo bohot hi saf halke pink color ki chut thi.ladke ko chut dekh kr nasha ho gya use, uski gand lr slapp kiya.Shrutika ke muh se ahhhh.....karke kahrane ki aavaj nikli.

Ladke ne shrutika ke gand ko pakda aur dhire se apna lund uski chut mae dal ne laga..shurtika ke aankh maw aasu the use ye nhi chahiye tha pr uske pas koi dusra rasta bhi nhi tha ladke ne puta lund jor se anadr dal shrutika ko uska bda lund dubara lene ke bad uski chut puri bharne ki feeling hui.ladke bhi dhir dhire apni gati tej krke use chodne laga.


बाथरूम में, लड़के ने अपनी गति को तेज और आक्रामक बना दिया। उसकी हरकतें और भी अधिक प्रबल और हठपूर्ण हो गईं। श्रुतिका की आँखें गहरी चिंता और दर्द से भरी हुई थीं, और उसने स्थिति से बाहर निकलने के बारे में सोचना शुरू कर दिया था।

उसकी आँखों में आंसू थे, और उसकी शारीरिक और भावनात्मक स्थिति ने उसे पूरी तरह से असहाय महसूस कराया। उसने सोचने की कोशिश की कि कैसे इस कठिन और असहज स्थिति से बाहर निकला जा सकता है, लेकिन उसकी स्थिति और लड़के की आक्रामकता ने उसे सीमित विकल्पों में डाल दिया था।

श्रुतिका की सांसें तेज और असहज हो रही थीं, और उसने बाथरूम की छोटी सी जगह में अपने शरीर और मन को नियंत्रित करने की कोशिश की। उसकी मन की स्थिति ने उसे इस स्थिति से बाहर निकालने के प्रयासों को और भी कठिन बना दिया।

बाथरूम में, श्रुतिका ने अपनी ड्रेस को ठीक करने की कोशिश की। उसकी आँखों में चिंता और असहजता का भाव था, और उसने खुद को स्थिति से बाहर निकालने का प्रयास किया।

इस बीच, एक फोन छिपा हुआ था जो पूरे घटनाक्रम को रिकॉर्ड कर रहा था। फोन ने बाथरूम के कोने में एक ऐसा स्थान लिया था जहाँ से वह सभी गतिविधियों को स्पष्ट रूप से कैप्चर कर रहा था। रिकॉर्डिंग ने श्रुतिका और लड़के के बीच की सभी गतिविधियों को दर्ज किया, जिसमें श्रुतिका की असहजता और लड़के की क्रियाएँ शामिल थीं।

फोन की रिकॉर्डिंग ने बाथरूम में घटित सभी घटनाओं को बिना किसी रुकावट के कैद कर लिया था, और यह उन घटनाओं की पूरी जानकारी प्रदान कर रही थी। लड़के की गतिविधियों और श्रुतिका की प्रतिक्रियाओं ने रिकॉर्डिंग को एक महत्वपूर्ण साक्ष्य बना दिया था।

श्रुतिका, जो अब अपनी स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही थी, इस बात से अनजान थी कि उनके प्रत्येक कदम और हर क्रिया एक छिपे हुए फोन द्वारा रिकॉर्ड की जा रही थी।

Jab pehla ladka apne charam sima mae tha to usne teji se apni gati badha di Shutika bhi ap puri tarah se madhosh ho ke chud rhi thi.uska dres upr se khula tha.uske boobs ladke ke har zatke ke sath hil rhe the.ladka madhoshi se shrutika ki chut chodne mae laga tha.

Ek antiam dhakkke ke sath usne apna sara virya shrutika ki chut mae chor diya.aue apna lund bahar nikala.usne jab ghodi bni shutika ki chut ko dekha aur uske andar se apna virya niklata dekh usko aur maja aya.but ladke ne shrutila ke liye aur ek suprise rakha tha jo shrutika ko pata nhi tha.

बाथरूम में, जब श्रुतिका ने अपनी स्थिति को ठीक करने की कोशिश की, उसकी नजरें अचानक एक कोने में छिपे हुए एक और लड़के पर पड़ीं। यह लड़का बाथरूम के एक अंधेरे हिस्से में छिपा हुआ था, और उसने एक सटीक स्थान से पूरा दृश्य देखा था।

श्रुतिका की आँखों में आश्चर्य और चिंता का एक मिश्रण था। उसने तुरंत महसूस किया कि यह नया लड़का भी उनकी गतिविधियों को देख रहा था। उसके दिल की धड़कनें तेज हो गईं और उसने खुद को और भी असहाय महसूस किया।

लड़के का छिपा होना और उसकी उपस्थिति ने स्थिति को और भी जटिल बना दिया। श्रुतिका की चिंता और असहजता बढ़ गई थी, और उसने सोचा कि अब वह किस तरह की स्थिति का सामना कर रही है।

इस नए लड़के की उपस्थिति ने बाथरूम की संकीर्ण जगह में तनाव और घबराहट को और बढ़ा दिया। श्रुतिका ने अपनी स्थिति को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश की, लेकिन इस नई जानकारी ने उसे और भी असहज कर दिया।

बाथरूम में, जब श्रुतिका ने दूसरे लड़के को छिपे हुए देखा, उसकी चिंता और घबराहट बढ़ गई। दूसरा लड़का अब बाहर आया और उसने श्रुतिका से कहा, “कोने में आओ।”

श्रुतिका ने उसकी बात सुनी, उसकी आंखों में असमंजस और डर था। उसने धीरे-धीरे कोने की ओर बढ़ने की कोशिश की। पहले लड़के ने बाथरूम से बाहर निकलते हुए खुद को साफ करना शुरू किया, जबकि दूसरा लड़का अभी भी बाथरूम में मौजूद था।

दूसरे लड़के के आने से, बाथरूम की स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई थी। श्रुतिका ने खुद को स्थिति से बाहर निकालने का प्रयास किया, लेकिन उसकी चिंता और असहजता ने उसे पूरी तरह से नियंत्रित कर लिया था।

लड़के ने बाथरूम के कोने में एक खास स्थान पर श्रुतिका को खड़ा किया, जबकि पहला लड़का बाथरूम से बाहर जाकर खुद को साफ कर रहा था। इस पूरी स्थिति ने श्रुतिका को और भी असहाय और तनावपूर्ण महसूस कराया, और उसने खुद को इस नई परिस्थिति में कैसे संभालना है, इसके बारे में सोचना जारी रखा।


पहला लड़का बाथरूम से बाहर था और अपने आप को साफ कर रहा था, जब उसने अंदर से आ रही आवाज़ें सुनीं। बाथरूम के दरवाजे के पास खड़ा होकर, उसने सुनीं कि अंदर के हालात अब भी सक्रिय और तनावपूर्ण हैं।

आवाज़ें अजीब और लगातार थीं, जो यह संकेत दे रही थीं कि अंदर की स्थिति अभी भी अनियंत्रित और असहज थी। पहला लड़का अंदर की गतिविधियों को सुनते हुए, यह जानने की कोशिश कर रहा था कि क्या हो रहा है और स्थिति को कैसे संभाला जा रहा है।

इस दौरान, पहले लड़के की चिंता और सटीकता की भावना ने उसे बाथरूम के बाहर बने रहने की स्थिति में रखा। वह हर आवाज़ को ध्यानपूर्वक सुन रहा था, यह देखने के लिए कि अंततः स्थिति का क्या परिणाम होगा।
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RE: Unchaha safar: The unwanted Journey of my honeymoon - by Joker44 - 12-09-2024, 02:58 PM



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