10-09-2024, 08:29 AM
कुछ मिनट बाद एक अबाज आई "हेलो सिमरन। तुम आज सुंदर लग रही हो?" सुधीर ने कहा।
सिमरन के चेहरे पर मुस्कान आ गई, "धन्यवाद सुधीर ," उसने जवाब दिया।
"मुझे आशा है कि मैंने आपको बहुत लंबा इंतजार नहीं करवाया होगा," उसने निष्ठाहीनता से कहा।
"ओह, नहीं। नहीं सुधीर ," सिमरन ने एक कॉलेजी लड़की की तरह हकलाते हुए कहा।
सुधीर ने आवाज दी - " सांता कहा हो इधर आना , आज मैम के साथ मेरी मिटिंग है, अगर कोई आये या किसी का फोन आये तो कहना सुधीर घर पर नहीं है कहीं बाहर गये है ।
उसने सिमरन को आपने साथ कमर में ले गया और अंदर से दरवाजा बंद कर दिया ।
सुधीर ने कहा। "लेकिन तुम इतनी शालीन क्यों हो, क्या तुम्हें नहीं लगता कि अगर तुम अपने ब्लाउज का ऊपरी बटन खोल दोगी तो तुम बेहतर दिखोगी?"
"ओह...हाँ सुधीर ।" सिमरन ने बटन खोला और उसकी क्लीवेज दिखने लगी।
"तुम्हारा ब्लाउज़ इस तरह से ज़्यादा अच्छा लागेगी इतना कहते सुधीर ने धीरे से सिमरन के होंठों पर चुम्बन किया और दोनों 30 मिनट तक चुम्बन करने के बाद , सुधीर उसकी ब्लाउज के डोर को खींच और उसके जिस्म से ब्लाउज को अलग कर दिया। सिमरन सुधीर के सामने ब्रा और पेटीकोट में थी।
सुधीर ने दोनों हाथों की उँगलियाँ को ब्रा के कप पर रखा और लेसदार ब्रा को नीचे खींचा। उसके बड़े स्तन बाहर निकल आए और उसके सख्त निप्पल दिखने लगे।
फिर से उसने अपनी उंगलियों से उसके स्तनों को धीरे से सहलाया, यह सुनिश्चित करते हुए कि प्रत्येक उंगली उसके निप्पलों पर धीरे-धीरे चले। सिमरन ने अपनी आँखें बंद कर लीं और आह भरी। यह एहसास बहुत ही शानदार था। उसके निप्पल और भी सख्त हो गए। अचानक उसने अपनी तर्जनी और मध्यमा उंगली के पोरों के बीच उसके बाएं निप्पल को दबाया। उसने निप्पल को घुमाया और अपनी ओर खींचा। सिमरन ने अपनी आँखें खोलीं और अचानक दर्द से कराह उठी। उसने फिर दाएं निप्पल को घुमाया और अपनी ओर खींचा । फिर गोद में उठाकर बिस्तर में लेट दिया । सुधीर उसके अपर लेट गए। एक बार फिर सिमरन की होठो को चूम्बन शुरू करता हैं। सुधीर सिमरन के अपर लेटने से सिमरन के बड़े बड़े स्तन सुधीर के सीने से पिचक जाते हैं।
इस चुम्बन से सिमरन के जिस्म में एक कामुकता की आग भड़क जाती हैं।सिमरन की स्तन को चुम्बते वे उसने निप्पल को दांत में फंसाया के घुमाया और अपनी ओर खींचा अचानक दर्द से कराह उठी और अब थोड़ी सी गरम हो चुकी थी सिमरन के कराहने से सुधीर के जिस्म में एक जोश उप्तन्न हुआ ।
वो स्तन पर टूट पड़ते हैं , चूसना शुरू करते हैं। सुधीर स्तन दबा दबा के ऐसे चूस रहे थे मानो कोई पका हुवा आम हो। वह उसके शरीर के हर हिस्से के साथ होने वाली घटनाओं के लिए एक प्रारंभिक बिंदु था। वह यह भी जानती थी कि उसे एक के बाद एक ऐसे चरमसुख का अनुभव होगा, जिसका अनुभव वह किसी और तरीके से नहीं कर सकती थी। सुधीर अभी सिमरन के स्तनों को चूसते तो कभी होठों को चूमते। बस ये सिलसिला कुछ देर ऐसे ही चल रहा था।
सिमरन के चेहरे पर मुस्कान आ गई, "धन्यवाद सुधीर ," उसने जवाब दिया।
"मुझे आशा है कि मैंने आपको बहुत लंबा इंतजार नहीं करवाया होगा," उसने निष्ठाहीनता से कहा।
"ओह, नहीं। नहीं सुधीर ," सिमरन ने एक कॉलेजी लड़की की तरह हकलाते हुए कहा।
सुधीर ने आवाज दी - " सांता कहा हो इधर आना , आज मैम के साथ मेरी मिटिंग है, अगर कोई आये या किसी का फोन आये तो कहना सुधीर घर पर नहीं है कहीं बाहर गये है ।
उसने सिमरन को आपने साथ कमर में ले गया और अंदर से दरवाजा बंद कर दिया ।
सुधीर ने कहा। "लेकिन तुम इतनी शालीन क्यों हो, क्या तुम्हें नहीं लगता कि अगर तुम अपने ब्लाउज का ऊपरी बटन खोल दोगी तो तुम बेहतर दिखोगी?"
"ओह...हाँ सुधीर ।" सिमरन ने बटन खोला और उसकी क्लीवेज दिखने लगी।
"तुम्हारा ब्लाउज़ इस तरह से ज़्यादा अच्छा लागेगी इतना कहते सुधीर ने धीरे से सिमरन के होंठों पर चुम्बन किया और दोनों 30 मिनट तक चुम्बन करने के बाद , सुधीर उसकी ब्लाउज के डोर को खींच और उसके जिस्म से ब्लाउज को अलग कर दिया। सिमरन सुधीर के सामने ब्रा और पेटीकोट में थी।
सुधीर ने दोनों हाथों की उँगलियाँ को ब्रा के कप पर रखा और लेसदार ब्रा को नीचे खींचा। उसके बड़े स्तन बाहर निकल आए और उसके सख्त निप्पल दिखने लगे।
फिर से उसने अपनी उंगलियों से उसके स्तनों को धीरे से सहलाया, यह सुनिश्चित करते हुए कि प्रत्येक उंगली उसके निप्पलों पर धीरे-धीरे चले। सिमरन ने अपनी आँखें बंद कर लीं और आह भरी। यह एहसास बहुत ही शानदार था। उसके निप्पल और भी सख्त हो गए। अचानक उसने अपनी तर्जनी और मध्यमा उंगली के पोरों के बीच उसके बाएं निप्पल को दबाया। उसने निप्पल को घुमाया और अपनी ओर खींचा। सिमरन ने अपनी आँखें खोलीं और अचानक दर्द से कराह उठी। उसने फिर दाएं निप्पल को घुमाया और अपनी ओर खींचा । फिर गोद में उठाकर बिस्तर में लेट दिया । सुधीर उसके अपर लेट गए। एक बार फिर सिमरन की होठो को चूम्बन शुरू करता हैं। सुधीर सिमरन के अपर लेटने से सिमरन के बड़े बड़े स्तन सुधीर के सीने से पिचक जाते हैं।
इस चुम्बन से सिमरन के जिस्म में एक कामुकता की आग भड़क जाती हैं।सिमरन की स्तन को चुम्बते वे उसने निप्पल को दांत में फंसाया के घुमाया और अपनी ओर खींचा अचानक दर्द से कराह उठी और अब थोड़ी सी गरम हो चुकी थी सिमरन के कराहने से सुधीर के जिस्म में एक जोश उप्तन्न हुआ ।
वो स्तन पर टूट पड़ते हैं , चूसना शुरू करते हैं। सुधीर स्तन दबा दबा के ऐसे चूस रहे थे मानो कोई पका हुवा आम हो। वह उसके शरीर के हर हिस्से के साथ होने वाली घटनाओं के लिए एक प्रारंभिक बिंदु था। वह यह भी जानती थी कि उसे एक के बाद एक ऐसे चरमसुख का अनुभव होगा, जिसका अनुभव वह किसी और तरीके से नहीं कर सकती थी। सुधीर अभी सिमरन के स्तनों को चूसते तो कभी होठों को चूमते। बस ये सिलसिला कुछ देर ऐसे ही चल रहा था।