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Fantasy प्रेम... आत्मा की भूख है..
#36
Question 
मैने कहा कि कहीं आप पागल


तो नही हो गये हैं तो वो बोले हाँ मैं पागल हो गया हूँ दीदी ने

कहा कि बाबूजी कुछ तो शरम कीजिए तो वो बोले कि शरम कैसी बेटी

मुझे तुम दोनो बहुत अच्छी लगती हो जब से तुम दोनो को नंगा देखा है

तब से मैं पागल हो गया हू. हम दोनो ने सकपकाने की ज़बरदस्त

आक्टिंग की के आप ने हमे कब नंगा देखा है तो उन्हो ने रात वाली सारी

बात बता दी ओर फिर मेरे बूब्स सहलाने लगे दीदी और मैने थोड़ी देर और

विरोध किया और फिर आख़िर हमे मानना ही था सो हम मान गई फिर

बाबूजी मेरे बूब्स को सहलाने और उनसे खेलने लगे फिर मैने और दीदी ने

बाबूजी को बिल्कुल नंगा कर लिया और जब उनका तना हुआ लंड देखा तो

हैरान होने का नाटक करने लगी ओर कहने लगी कि हे भगवान इतना बड़ा

है आप का तो तो बाबूजी बोले कि हाँ बहू मैं जानता हूँ कि अब तक

तुमने सिरफ़ मेरे बेटे का लंड ही देखा है इसी लिए तो मैने आज तुम्हे

आपने लॉड के दर्शन करवाए हैं ता कि मेरी बहू और बेटी भी ये

सोच कर गर्व महसूस करें कि उन्होने सिर्फ़ लंड ही नही लॉडा भी

खाया है.मैने कहा कि बाबूजी ये तो बहुत मोटा भी है और लंबा भी

ये ये तो मेरी चूत मे आएगा ही नही उसे फाड़ ही देगा तो वो बोले की

डरो मत कुछ नही होगा बॅस दम देखती रहो आज हम कैसे मज़ा करते

हैं. मैने कहा कि अगर मेरी चूत फट गई तो वो बोले कि वो तो मैं

आज फड़ुँगा ही. मैने कहा कि मैं सहन नही कर पाउन्गि तो बोले की

जब लॉडा मज़ा देगा तो सब कुछ सहन कर जाओगी और फिर उनके एक तरफ

दीदी लेट गई दूसरी तरफ मैं.अब बाबूजी ने भी हम दोनो के कपड़े

उतार दिए थे और वो भी एक एक हाथ से हम दोनो के बूब्स को मसल रहे

थे. ओर हम दोनो उनके लंड से खेल रही थी.

फिर बाबूजी ने मुझे बेड पे लिटा दिया और बोले कि रोज तुम मेरे बेटे का

लंड चूस्ति हो आज मुझे भी दिखाओ कि तुम लंड कितने मज़े से चुस्ती

हो मैने जान भुज कर कहा कि बाबूजी आप ने क्या हमारी सारी बातें सुनी

थी तो वो बोले कि हाँ और फिर मैं सारी रात सो नही पाया और तुम दोनो

को चोदने का प्लान बनाता रहा. फिर बाबूजी ने अपना लॉडा मेरे मूह

मे डाल दिया ओर मैं लोलीपोप की तरह उसे चूसने लगी तो बाबूजी बोले कि

कुसम सच मे ही तुम बहुत गजब का लॉडा चूस्ति हो. अब बाबूजी का

लौंडा मैं चूस रही थी और मेरी चूत को दीदी चाट रही थी दीदी

ने आपनी टाँगे बाबूजी के कंधो पे रखी हुई थी बाबूजी दीदी की

चूत चाट रहे थे हम दोनो की सिसकियाँ फुट रही थी. करीब 30 मिंट

हम दोनो यू ही एक दूसरे की चूत चाटते और बाबूजी के लंड को चूस्ते

रहे. तो दोस्तो आख़िर इन दोनो रांडो ने बिचारे बुड्ढे को फँसा ही लिया


क्रमशः...............................

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RE: प्रेम... आत्मा की भूख है.. - by nitya.bansal3 - 07-09-2024, 02:46 PM



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