06-09-2024, 05:02 PM
नमस्ते दोस्तों यह मेरी पहली कहानी है इसलिए अगर कहीं गलती हो जाए तो मेरी तरफ से एक और बार हिला लेना ? ।
चलिए फिर शुरू करते हैं -
भाग - 1
आपका परिचय कराते हैं, हमारे पहले किरदार से
नाम - संध्या , उम्र - 44 वर्ष, रंग - सांवला लेकिन बदन बिल्कुल गदराया हुआ 36 के चूचे 34 की कमर 38 की मटके जैसी उभार वाली गांड़ मटका कर जब चलती है तो कई लोगो के सामान टाईट हो जाते हैं।
दूसरा किरदार - रवि संध्या का बड़ा बेटा उम्र -24 वर्ष कोलेज पूरा हो गया है फिलहाल काम की तलाश में हैं ।
तीसरा किरदार - सोहन संध्या का छोटा बेटा उम्र -19 वर्ष पिछले दो साल से बारहवीं क्लास ही पढ़ रहा है बाकी और नए लोग आगे आते रहेंगे।
संध्या की जिंदगी एक आम घरेलू महिला के जैसी ही चल रही थी की तभी एक दिन संध्या के पति को दिल का दौरा पड़ता है और उसकी मृत्यु हो जाती है और अब संध्या के घर में पैसों कि कमी के कारण उसकी दोस्त और रिश्तेदार उसे अपने पति की पेंशन चालू करवाने के लिए कहते हैं। जिसके लिए वह फैक्ट्री जाती है जहां उसका पति काम करता था वहां जाके वह कई लोगो से मिलती है अपने पति के दोस्तो सेभी मिलती है लेकिन कहीं काम नहीं बनता है ऐसे ही कई दिन निकल जाते हैं फिर कई दिनों बाद वह फिर से फैक्ट्री के बहार खड़ी रहती है तभी गेट से चौकीदार उसके पास आता है
चौकीदार - आपको मैं की दिनों से यहां आते जाते देख रहा हूं आप काफी परेशान मालूम होती है कुछ काम है क्या
संध्या - हां भैया और फिर वो चौकीदार को सारा मामला बताती है
चौकीदार - मैं एक साहब को जानता हूं जो शायद आप का काम करा सकते हैं अगर आप कहें तो मैं उन से बात करता हूं
संध्या तुरंत हां कर देती है
चौकीदार - ठीक है आप एक काम करिए शाम को छह बजे फैक्ट्री छूटने के बाद मुझसे मिलिए
फिर संध्या घर चली जाती है और ठीक छह बजे वापस फैक्ट्री आ जाती है लेकिन उसको नहीं पता था कि यह उसके जीवन की सबसे बड़ी ग़लती थी । संध्या चौकीदार के पास जाती है
संध्या - भैया जल्दी चलिए साहब के पास और आज मेरा काम करा ही दीजिए
चौकीदार - चलो लेकिन काम होने के बाद मेरा भी थोड़ा ध्यान धरे लेना (संध्या सोचती है वह पैसों कि बात कर रहा है तो वह उसको हां कर के साहब के ओफिस चली जाती है) वहां चौकीदार ने पहले ही साहब को सब बता दिया था अब वह दोनों ओफिस के अंदर जाते हैं.....
अब आगे अगले भाग में
चलिए फिर शुरू करते हैं -
भाग - 1
आपका परिचय कराते हैं, हमारे पहले किरदार से
नाम - संध्या , उम्र - 44 वर्ष, रंग - सांवला लेकिन बदन बिल्कुल गदराया हुआ 36 के चूचे 34 की कमर 38 की मटके जैसी उभार वाली गांड़ मटका कर जब चलती है तो कई लोगो के सामान टाईट हो जाते हैं।
दूसरा किरदार - रवि संध्या का बड़ा बेटा उम्र -24 वर्ष कोलेज पूरा हो गया है फिलहाल काम की तलाश में हैं ।
तीसरा किरदार - सोहन संध्या का छोटा बेटा उम्र -19 वर्ष पिछले दो साल से बारहवीं क्लास ही पढ़ रहा है बाकी और नए लोग आगे आते रहेंगे।
संध्या की जिंदगी एक आम घरेलू महिला के जैसी ही चल रही थी की तभी एक दिन संध्या के पति को दिल का दौरा पड़ता है और उसकी मृत्यु हो जाती है और अब संध्या के घर में पैसों कि कमी के कारण उसकी दोस्त और रिश्तेदार उसे अपने पति की पेंशन चालू करवाने के लिए कहते हैं। जिसके लिए वह फैक्ट्री जाती है जहां उसका पति काम करता था वहां जाके वह कई लोगो से मिलती है अपने पति के दोस्तो सेभी मिलती है लेकिन कहीं काम नहीं बनता है ऐसे ही कई दिन निकल जाते हैं फिर कई दिनों बाद वह फिर से फैक्ट्री के बहार खड़ी रहती है तभी गेट से चौकीदार उसके पास आता है
चौकीदार - आपको मैं की दिनों से यहां आते जाते देख रहा हूं आप काफी परेशान मालूम होती है कुछ काम है क्या
संध्या - हां भैया और फिर वो चौकीदार को सारा मामला बताती है
चौकीदार - मैं एक साहब को जानता हूं जो शायद आप का काम करा सकते हैं अगर आप कहें तो मैं उन से बात करता हूं
संध्या तुरंत हां कर देती है
चौकीदार - ठीक है आप एक काम करिए शाम को छह बजे फैक्ट्री छूटने के बाद मुझसे मिलिए
फिर संध्या घर चली जाती है और ठीक छह बजे वापस फैक्ट्री आ जाती है लेकिन उसको नहीं पता था कि यह उसके जीवन की सबसे बड़ी ग़लती थी । संध्या चौकीदार के पास जाती है
संध्या - भैया जल्दी चलिए साहब के पास और आज मेरा काम करा ही दीजिए
चौकीदार - चलो लेकिन काम होने के बाद मेरा भी थोड़ा ध्यान धरे लेना (संध्या सोचती है वह पैसों कि बात कर रहा है तो वह उसको हां कर के साहब के ओफिस चली जाती है) वहां चौकीदार ने पहले ही साहब को सब बता दिया था अब वह दोनों ओफिस के अंदर जाते हैं.....
अब आगे अगले भाग में