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Fantasy प्रेम... आत्मा की भूख है..
#26
हम दोनो को आज नींद नही आ रही थी ओर हम लोग बाबूजी के उठने का


इंतज़ार कर रही थी और कोई 12.30 बजे के करीब बाबूजी उठे और हमने

देखा कि वो हमारे रूम की तरफ ही आ रहे हैं आज हमने रूम मे

नाइट बल्ब जलता हुआ छोड़ रखा था और हमे पता था कि बाबूजी परदा

हटा के शीशा टूटा हुआ होने की वजह से अंदर ज़रूर देखेंगे जब

बाबूजी हमारे रूम के नज़दीक आ गये तो मैने धीरे से कहा कि दीदी ये

आप क्या कर रही हैं ये मैने बिल्कुल धीरे से कहा लेकिन इतनी आवाज़

ज़रूर थी कि बाबूजी के कानो तक पहुँच जाए. बाबूजी रूम मे झाक

रहे थे पर्दे को थोड़ा सा सरका के हम दोनो ने डोर की तरफ देखना

ही बंद कर दिया था ताकि बाबूजी आराम से खड़े हमारा तमाशा देखते

रहें मैने कहा कि दीदी ये आप क्या कर रही हैं दीदी मेरी बूब्स को

सहला रही थी वो बोली कुछ नही भाभी बस नींद नही आ रही है तो

मैने कहा कि आप ने मेरी नींद को खराब कर दिया वो बोली मैने क्या

किया और वो फिर मेरी बूब्स को सहलाने लगी तो मैं उठ के बैठ गई और

बोली कि दीदी क्या बात है वो बोली भाभी एक बात पूछूँ सच सच

बताना मैने कहा कि पूछो तो वो बोली भाभी भैया भी यहाँ पे नही

हैं और तुम्हारे जीजा भी नही हैं क्या तुम्हारा मन नही करता कुछ

करने को मैं तो मरी जा रही हूँ सो सोच रही हूँ कि तुम से ही दिल

बहला लूँ तो मैने कहा कि दीदी ये आप कैसी बातें कर रही हैं तो

वो बोली कि भाभी अगर अभी कोई मरद सामने आ जाए तो मैं तो उसी के

आगे टाँगे फैला दूँ सच मैं मेरा तो इतना मन कर रहा है तो मैने

कहा कि दीदी धीरे बोलो कहीं बाबूजी उठ गये और उन्होने तुम्हारी बातें

सुन ली तो हमारी खैर नही.वो बोली की भाभी डरो मत पहली बात तो

बाबूजी रात को उठते ही नही हैं क्यो कि मैं उनकी आदत जानती हूँ कि

वो रात मे आपने रूम मे से बाहर नही निकलते और अगर निकल भी

आए तो हम कोन सी कोई दूसरी दुनिया की बात कर रहे हैं जो बाबूजी सुन

लेंगे. बाबूजी का कौन सा मन नही करता होगा पता नही मा के बिना वो

भी कितना तड़पते होंगे उनका भी तो मन करता ही होगा मैने कहा कि

दीदी ये आप कैसी बातें कर रही हैं आज तो वो बोली कि भाभी आज

मेरा मन बहुत मचल रहा है आज प्लीज़्ज़ आप ही मुझे मसल दो मेरे

बूब्स को सहलाओ ओर मेरे बूब्स को चूस्लो वरना मैं सारी रात तड़पती

रहूंगी. बाबूजी वहीं पे खड़े हमारी बातें सुन रहे थे मैने कहा कि

दीदी आप तो मेरा भी मूड खराब कर रही हैं मुझे भी आप उनकी याद

दिला रही हैं तो वो बोली कि भाभी आओ आज मैं आप के बूब्स को

मसलती हूँ आप मेरे बूब्स मस्लो और फिर उसने मेरी नाइटी उपर उठा दी

और नीचे से मेरे 36 साइज़ के बूब्स बाहर निकल आए तो वो बोली कि हाई

भाभी ये तो बहुत ही प्यारे लग रहे हैं तो मैने कहा कि इन्ही पे तो

मरते हैं दीदी आप के भाई साहिब और वो मेरे बूब्स को मसलने और

चूसने लगी तो मेरे मूह से सिसकियाँ सी निकलने लगी तो मैने भी उसकी

नाइटी उपर करदी तो उसके भी 38साइज़ के बूब्स बाहर आ गये और मैने

कहा कि दीदी आप के बूब्स देख के कई मनचले सीटी बजाते होंगे तो वो

बोली कि दीदी इन्ही की वजह से तो तुम्हारे जीजू मुझे हर रोज 2 बार तो

ज़रूर ही चोद्ते हैं तभी तो मुझे जल्दी भेजते नही हैं यहाँ पे.

तो दोस्तो सोचिए इन दोनो प्यासी चूतो की बात सुनकर बिचारे बाबूजी पर क्या

बीत रही होगी आगे क्या हुआ पढ़िए अगले पार्ट मे

क्रमशः............

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RE: प्रेम... आत्मा की भूख है.. - by nitya.bansal3 - 27-08-2024, 06:30 PM



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