24-08-2024, 12:34 PM
अब मम्मी के मन में क्या चल रहा था, मुझे उसका कुछ कुछ अंदाजा हो गया था / मुझे लग रहा था की मेरी मस्त मस्त मम्मी मेरे लौड़े के नीचे आने वाली थी / मुझे भी अपने लौड़े को मम्मी की चूत में डालने का इंतज़ार करना था / डॉली की मम्मी की तबियत भी ठीक नहीं थी, इसलिए वो भी अपनी मम्मी को मिलने के लिए मेरी ससुराल गई हुई थी / मतलब की घर में मैं और मम्मी ही अकेले रह गए थे / यह सोच कर ही मेरे लौड़े ने ठुमकी मारनी शुरू कर दी थी कि अब क्या होगा?
[b]जब पापा चले गए तो थोड़ी देर बाद मैंने मम्मी को बोला की मम्मी आप सुबह मुझे जल्दी से उठा देना क्योंकि मुझे जल्दी से उठकर कसरत वगैरह करनी होती है ? क्योंकि पापा चले गए थे और घर पर डॉली भी नहीं थी तो मम्मी ने पूछा : रवि बेटे, घर में हम दोनों अकेले ही हैं इस लिए अगर तुम्हे कोई ऐतराज न हो तो क्या बीच वाली खिड़की खोल दूं ताकि अगर रात को कोई जरुरत तुम्हें या मुझे पड़े तो एक दुसरे को आवाज़ देकर उठा सकें / मैंने हाँ कर दी और कहा हाँ हाँ मम्मी खोल दो मुझे क्या करना है, हाँ एक बात है रात को मुझे देर तक लाइट जलाकर रखने की आदत है आपको कोई परेशानी तो नहीं है ना ? मम्मी बोली भला मुझे क्या परेशानी होती रवि / कोई बात नहीं मैं तो जल्दी सो जाती हूँ / मैं तो अपने कमरे का दरवाजा भी खुला रखूंगी अकेले में थोडा सा डर लगता है ना / कभी अकेली रही नहीं हूँ / तो मैंने मम्मी को बोला : मम्मी अगर ऐसी बात है तो आप यहीं बेड पर सो जाओ, इतना बड़ा तो बेड है एक तरफ आप सो जाना और एक तरफ मैं सो जाऊंगा /[/b]
[b][b]मम्मी बोली ठीक है रवि, मैं तुम्हारे बेड पर ही सो जाउंगी / यह कहकर मम्मी चली गई और घर के काम करने लगी और में अपने दिल रात को मम्मी को बेड पर सुलाकर कैसी लगेगी, यह खुली आँखों से सपने देखने लगा / [/b][/b]
[b][b][b]शाम को जब मैं फ्री होकर घर आया तो देखा की मम्मी ने एक मैक्सी पहनी हुई थी / मम्मी ने घर के काम किये और रात की रोटी खाकर, रसोई में बर्तन रखने के बाद हम दोनों टीवी देखने बैठ गए / मैंने इस वक्त हाफ-पेंट और एक बिना बाजु वाली टी-शर्ट पहनी हुई थी / हाफ-पेंट के नीचे मैंने अपना अंडरवियर उतर दिया था / मुझे मम्मी के चलने फिरने से यह महसूस हुई था की मम्मी ने मैक्सी के नीचे ब्रा-पेंटी नहीं पहनी हुई थी / मम्मी के मुम्मे और गांड चलने पर थिरकते हुए महसूस हो रहे थे / तभी से मेरा लौदा एकदम से टाइट हो गया था और बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था और मेरी हाफ-पेंट पर लौड़े वाली जगह पर एक मोटा सा उभार बना हुआ था / मम्मी जब मेरे साथ सोफे पर आ कर टीवी देखने के लिए बैठी तो एक भरपूर नजर मेरे लौड़े वाली जगह पर डाली और एक अलग तरह से स्माइल दे कर मेरे साथ बैठ गई / मैं समझ गया की मम्मी को मेरे लौड़े के खड़े होने का पता चल गया है और शायद उनकी चूत भी पानी छोड़ रही थी /[/b][/b][/b]
[b][b][b][b]मम्मी ने टीवी देखते देखते अचानक से अपना सर सोफे पर टिका दिया और आँख बंद कर के सोने जैसी एक्टिंग करने लगी थी / मैं मम्मी के पास जाकर जुड़ गया और मम्मी के माथे पर हाथ रख कर पूछने लगा की – क्या हुआ मम्मी, आपने अपना सर ऐसे क्यों पीछे कर लिया, क्या तबियत ठीक नहीं है? [/b][/b][/b][/b]
[b][b][b][b][b]मम्मी : नहीं रवि, ऐसी बात नहीं है / बस थोड़ी सी थकावट है /[/b][/b][/b][/b][/b]
[b][b][b][b][b][b]मैं: दिखाओ मम्मी मैं आपका माथा सहला देता हूँ / यह बोलकर मैं मम्मी के साथ और भी ज्यादा से जुड़ गया और मैंने मम्मी के गर्दन के पीछे से अपनी एक बाजु कर दी और उस हाथ को मम्मी के सर के पीछे से पकड़ लिया और दुसरे हाथ को मम्मी के माथे पर धीरे से दबा दबा कर मसाज जैसे करने लगा / मम्मी ने अपनी आँखें बंद कर ली / मैंने जब देखा कि मम्मी ने अपनी आँखें बंद कर ली हैं तो मैंने अपने एक हाथ से मम्मी के सर को अपनी तरफ झुकाने लगा मम्मी ने मेरा इशारा समझते हुए अपने सर को मेरी तरफ कर लिया मैंने मम्मी के चेहरे की तरफ अपना चेहरा पास करते हुए मम्मी के माथे पर मसाज करने लगा / मुझे मम्मी के होंठ अपने होंठों के इतने पास मैं लग रहे थे की मेरा दिल कर रहा था कि अभी मम्मी का रसभरे होंठों को चूस चूस कर इनका जूस पी लूँ / मुझे लगा की मम्मी भी शायद अपने को तैयार कर रही थी की मैं उनके होंठों को चुसुं, उनके होंठ खुले हुए थे /[/b][/b][/b][/b][/b][/b]
[b][b][b][b][b][b][b]मैं अपने होंठ मम्मी के होंठों के बिलकुल पास में ले गया और मम्मी से पूछा – मम्मी मेरे दबाने से कुछ आराम मिला आपको ? मम्मी ने एकदम से अपनी आँखें खोली और देखा तो मेरे होंठ मम्मी के होंठों के बिलकुल पास में थे तो वो कुछ घबरा गई और अपने चेहरे को थोडा सा पीछे की तरफ करते हुई बोली हाँ रवि कुछ कुछ आराम मिल रहा है / मैं अपने होंठों पर मुस्कान ला कर फिर बोला – मम्मी और दबाऊ क्या? मम्मी बोली - हां रवि, दबा दो / मैंने बोला – मम्मी धीरे से दबाऊ या जोर जोर से दबाऊ / मम्मी ने मेरे डबल मीनिंग शब्दों को सुनकर कहा – जैसे तुम्हारा दिल करे वैसे ही दबाओ रवि / [/b][/b][/b][/b][/b][/b][/b]
[b][b][b][b][b][b][b][b]मैंने कहा – ठीक है मम्मी, आप आँखें बंद कर के आराम करो मैं आपको प्यार से दबा देता हूँ / मेरे दो अर्थी बातों को सुनकर मम्मी के गाल लाल होने लगे और मम्मी ने अपनी आँखें बंद कर ली और बोली – हाँ हाँ रवि जैसा दिल करे दबाओ, जोर से दबाओ या धीरे से दबाओ / मैंने मम्मी के आँखें बंद करते ही मम्मी के माथे को दबाते हुए उनके गाल पर भी धीरे से टच करने लगा जिस पर मम्मी ने कोई रिएक्शन नहीं दिखाया मैं समझ गया की मम्मी तैयार है / [/b][/b][/b][/b][/b][/b][/b][/b]
[b]जब पापा चले गए तो थोड़ी देर बाद मैंने मम्मी को बोला की मम्मी आप सुबह मुझे जल्दी से उठा देना क्योंकि मुझे जल्दी से उठकर कसरत वगैरह करनी होती है ? क्योंकि पापा चले गए थे और घर पर डॉली भी नहीं थी तो मम्मी ने पूछा : रवि बेटे, घर में हम दोनों अकेले ही हैं इस लिए अगर तुम्हे कोई ऐतराज न हो तो क्या बीच वाली खिड़की खोल दूं ताकि अगर रात को कोई जरुरत तुम्हें या मुझे पड़े तो एक दुसरे को आवाज़ देकर उठा सकें / मैंने हाँ कर दी और कहा हाँ हाँ मम्मी खोल दो मुझे क्या करना है, हाँ एक बात है रात को मुझे देर तक लाइट जलाकर रखने की आदत है आपको कोई परेशानी तो नहीं है ना ? मम्मी बोली भला मुझे क्या परेशानी होती रवि / कोई बात नहीं मैं तो जल्दी सो जाती हूँ / मैं तो अपने कमरे का दरवाजा भी खुला रखूंगी अकेले में थोडा सा डर लगता है ना / कभी अकेली रही नहीं हूँ / तो मैंने मम्मी को बोला : मम्मी अगर ऐसी बात है तो आप यहीं बेड पर सो जाओ, इतना बड़ा तो बेड है एक तरफ आप सो जाना और एक तरफ मैं सो जाऊंगा /[/b]
[b][b]मम्मी बोली ठीक है रवि, मैं तुम्हारे बेड पर ही सो जाउंगी / यह कहकर मम्मी चली गई और घर के काम करने लगी और में अपने दिल रात को मम्मी को बेड पर सुलाकर कैसी लगेगी, यह खुली आँखों से सपने देखने लगा / [/b][/b]
[b][b][b]शाम को जब मैं फ्री होकर घर आया तो देखा की मम्मी ने एक मैक्सी पहनी हुई थी / मम्मी ने घर के काम किये और रात की रोटी खाकर, रसोई में बर्तन रखने के बाद हम दोनों टीवी देखने बैठ गए / मैंने इस वक्त हाफ-पेंट और एक बिना बाजु वाली टी-शर्ट पहनी हुई थी / हाफ-पेंट के नीचे मैंने अपना अंडरवियर उतर दिया था / मुझे मम्मी के चलने फिरने से यह महसूस हुई था की मम्मी ने मैक्सी के नीचे ब्रा-पेंटी नहीं पहनी हुई थी / मम्मी के मुम्मे और गांड चलने पर थिरकते हुए महसूस हो रहे थे / तभी से मेरा लौदा एकदम से टाइट हो गया था और बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था और मेरी हाफ-पेंट पर लौड़े वाली जगह पर एक मोटा सा उभार बना हुआ था / मम्मी जब मेरे साथ सोफे पर आ कर टीवी देखने के लिए बैठी तो एक भरपूर नजर मेरे लौड़े वाली जगह पर डाली और एक अलग तरह से स्माइल दे कर मेरे साथ बैठ गई / मैं समझ गया की मम्मी को मेरे लौड़े के खड़े होने का पता चल गया है और शायद उनकी चूत भी पानी छोड़ रही थी /[/b][/b][/b]
[b][b][b][b]मम्मी ने टीवी देखते देखते अचानक से अपना सर सोफे पर टिका दिया और आँख बंद कर के सोने जैसी एक्टिंग करने लगी थी / मैं मम्मी के पास जाकर जुड़ गया और मम्मी के माथे पर हाथ रख कर पूछने लगा की – क्या हुआ मम्मी, आपने अपना सर ऐसे क्यों पीछे कर लिया, क्या तबियत ठीक नहीं है? [/b][/b][/b][/b]
[b][b][b][b][b]मम्मी : नहीं रवि, ऐसी बात नहीं है / बस थोड़ी सी थकावट है /[/b][/b][/b][/b][/b]
[b][b][b][b][b][b]मैं: दिखाओ मम्मी मैं आपका माथा सहला देता हूँ / यह बोलकर मैं मम्मी के साथ और भी ज्यादा से जुड़ गया और मैंने मम्मी के गर्दन के पीछे से अपनी एक बाजु कर दी और उस हाथ को मम्मी के सर के पीछे से पकड़ लिया और दुसरे हाथ को मम्मी के माथे पर धीरे से दबा दबा कर मसाज जैसे करने लगा / मम्मी ने अपनी आँखें बंद कर ली / मैंने जब देखा कि मम्मी ने अपनी आँखें बंद कर ली हैं तो मैंने अपने एक हाथ से मम्मी के सर को अपनी तरफ झुकाने लगा मम्मी ने मेरा इशारा समझते हुए अपने सर को मेरी तरफ कर लिया मैंने मम्मी के चेहरे की तरफ अपना चेहरा पास करते हुए मम्मी के माथे पर मसाज करने लगा / मुझे मम्मी के होंठ अपने होंठों के इतने पास मैं लग रहे थे की मेरा दिल कर रहा था कि अभी मम्मी का रसभरे होंठों को चूस चूस कर इनका जूस पी लूँ / मुझे लगा की मम्मी भी शायद अपने को तैयार कर रही थी की मैं उनके होंठों को चुसुं, उनके होंठ खुले हुए थे /[/b][/b][/b][/b][/b][/b]
[b][b][b][b][b][b][b]मैं अपने होंठ मम्मी के होंठों के बिलकुल पास में ले गया और मम्मी से पूछा – मम्मी मेरे दबाने से कुछ आराम मिला आपको ? मम्मी ने एकदम से अपनी आँखें खोली और देखा तो मेरे होंठ मम्मी के होंठों के बिलकुल पास में थे तो वो कुछ घबरा गई और अपने चेहरे को थोडा सा पीछे की तरफ करते हुई बोली हाँ रवि कुछ कुछ आराम मिल रहा है / मैं अपने होंठों पर मुस्कान ला कर फिर बोला – मम्मी और दबाऊ क्या? मम्मी बोली - हां रवि, दबा दो / मैंने बोला – मम्मी धीरे से दबाऊ या जोर जोर से दबाऊ / मम्मी ने मेरे डबल मीनिंग शब्दों को सुनकर कहा – जैसे तुम्हारा दिल करे वैसे ही दबाओ रवि / [/b][/b][/b][/b][/b][/b][/b]
[b][b][b][b][b][b][b][b]मैंने कहा – ठीक है मम्मी, आप आँखें बंद कर के आराम करो मैं आपको प्यार से दबा देता हूँ / मेरे दो अर्थी बातों को सुनकर मम्मी के गाल लाल होने लगे और मम्मी ने अपनी आँखें बंद कर ली और बोली – हाँ हाँ रवि जैसा दिल करे दबाओ, जोर से दबाओ या धीरे से दबाओ / मैंने मम्मी के आँखें बंद करते ही मम्मी के माथे को दबाते हुए उनके गाल पर भी धीरे से टच करने लगा जिस पर मम्मी ने कोई रिएक्शन नहीं दिखाया मैं समझ गया की मम्मी तैयार है / [/b][/b][/b][/b][/b][/b][/b][/b]
// सुनील पंडित // 

मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!