19-08-2024, 07:41 PM
शालु - इस मैं खराब वाली क्या बात है अच्छा ये बताओ तुम्हारा दिल
नही करता कि तुम्हे ओर बड़ा लंड मिले
मैं - दीदी आप कैसी बातें करती हो
शालु - शरमाओ मत भाभी मेरा तो बहुत दिल करता है कि मुझे भी
बाबूजी वाले जितना बड़ा मिले ओर मेरा दिल तो कभी कभी बाबूजी के लंड को लेने
का भी करता है
मैं - दीदी तुम्हे शरम नही आती क्या
शालु - शरम की क्या बात है जब अंदर घुसता है तो सब शरम भाग जाती है
मैं - (मेरा भी मन मचलने लगा था सो बोली)दीदी दिल तो मेरा भी
बहुत करता है लेकिन मैं तुम्हारे भैया को धोखा नही दे सकती वरना
मेरा भी मन करता है कि मुझे बड़ा लंड चोदे
शालु - इस्मै धोखे की कोई बात नही है भाभी
मैं - दीदी अब तो मेरा मन भी मचल रहा है कि तुम्हारे भैया को
बुला लूँ यहाँ पे ओर तुम जाओ जीजा जी के पास आप ने तो मन मैं एक
आग सी लगा दी है
शालु - भाभी एक बात बोलू बुरा तो नही मनोगी
मैं - बोलो
शालु - भाभी हो सके तो तुम बाबूजी को पटा लो फिर मैं ओर तुम दोनो
मज़े करेंगी
मैं - ये तुम क्या कह रही हो दीदी तुम्हे लाज नही आती वो ससुर जी
हैं मेरे ओर तुम्हारे बाबू जी है
शालु - मुझे पता है पर सच मैं भाभी अगर तुमने भी उनका लंड
देख लिया तो ये ही कहोगी कि तुम्हे बस वो ही चोदे
मैं - बहुत गंदी हो आप ( अंदर से मैं पूरी तैयार हो गई थी कि
एकबार बाबूजी के लंड का दीदार तो ज़रूर करना है लेकिन प्रकट नही
करना चाहती थी शालु के सामने)
शालु - भाभी देखो जब भी तुम्हेमौका मिले तुम कोशिश करना बाबूजी
को पटाने की जब भैया बाहर गये हो तब कोशिश करना ओर अगर काम
बन जाए तो मुझे भी बता देना मैं कोई ना कोई बहाना बना के आ
जाउन्गि अगर कोई मौका लगे तो मुझे बुला लेना हम दोनो मिल के बाबू जी
को पटा लेंगी ओर मज़ा ले लेंगी लेकिन आप यहाँ पे ज़यादा रहती हो इस
लिए आप को पहल करनी होगी ओर मुझे बुलाना होगा.
मैं - दीदी अगर किसी को पता चल गया तो मैं मारी जाउन्गि
शालु - अरे भाभी ऐसा कुछ नही होगा आप हिम्मत तो करो फिर मैं भी
तो आप के साथ हूँ.
नही करता कि तुम्हे ओर बड़ा लंड मिले
मैं - दीदी आप कैसी बातें करती हो
शालु - शरमाओ मत भाभी मेरा तो बहुत दिल करता है कि मुझे भी
बाबूजी वाले जितना बड़ा मिले ओर मेरा दिल तो कभी कभी बाबूजी के लंड को लेने
का भी करता है
मैं - दीदी तुम्हे शरम नही आती क्या
शालु - शरम की क्या बात है जब अंदर घुसता है तो सब शरम भाग जाती है
मैं - (मेरा भी मन मचलने लगा था सो बोली)दीदी दिल तो मेरा भी
बहुत करता है लेकिन मैं तुम्हारे भैया को धोखा नही दे सकती वरना
मेरा भी मन करता है कि मुझे बड़ा लंड चोदे
शालु - इस्मै धोखे की कोई बात नही है भाभी
मैं - दीदी अब तो मेरा मन भी मचल रहा है कि तुम्हारे भैया को
बुला लूँ यहाँ पे ओर तुम जाओ जीजा जी के पास आप ने तो मन मैं एक
आग सी लगा दी है
शालु - भाभी एक बात बोलू बुरा तो नही मनोगी
मैं - बोलो
शालु - भाभी हो सके तो तुम बाबूजी को पटा लो फिर मैं ओर तुम दोनो
मज़े करेंगी
मैं - ये तुम क्या कह रही हो दीदी तुम्हे लाज नही आती वो ससुर जी
हैं मेरे ओर तुम्हारे बाबू जी है
शालु - मुझे पता है पर सच मैं भाभी अगर तुमने भी उनका लंड
देख लिया तो ये ही कहोगी कि तुम्हे बस वो ही चोदे
मैं - बहुत गंदी हो आप ( अंदर से मैं पूरी तैयार हो गई थी कि
एकबार बाबूजी के लंड का दीदार तो ज़रूर करना है लेकिन प्रकट नही
करना चाहती थी शालु के सामने)
शालु - भाभी देखो जब भी तुम्हेमौका मिले तुम कोशिश करना बाबूजी
को पटाने की जब भैया बाहर गये हो तब कोशिश करना ओर अगर काम
बन जाए तो मुझे भी बता देना मैं कोई ना कोई बहाना बना के आ
जाउन्गि अगर कोई मौका लगे तो मुझे बुला लेना हम दोनो मिल के बाबू जी
को पटा लेंगी ओर मज़ा ले लेंगी लेकिन आप यहाँ पे ज़यादा रहती हो इस
लिए आप को पहल करनी होगी ओर मुझे बुलाना होगा.
मैं - दीदी अगर किसी को पता चल गया तो मैं मारी जाउन्गि
शालु - अरे भाभी ऐसा कुछ नही होगा आप हिम्मत तो करो फिर मैं भी
तो आप के साथ हूँ.