19-08-2024, 07:32 PM
मैं - वो कैसे
शालु - क्यो कि ज़यादा बड़ा लंड ज़यादा अंदर तक जा के पूरी तसल्ली
करा देता है
मैं - तो क्या किसी का इससे भी बड़ा हो सकता है
शालु - हो सकता नही भाभी है ओर मैने देखा भी है
मैं - किसका है ओर तूने कब देख लिया दीदी ये क्या चक्कर है क्या किसी
ओर पे भी मेहरबान हो आप
शालु - अरे नही भाभी वो तो अपने घर मैं ही देखा है
मैं - (उतावली हो कर) किसका देखा है घर पे तुमने इतना बड़ा
शालु - बाबू जी का
मैं - बाबू जी का
शालु - हाँ भाभी बाबू जी का
मैं - तुमने कब देखा है क्या तूने बाबू जी के साथ ये सब किया है
शालु - अरे नही भाभी सिरफ़ देखा ही है
मैं - कब ओर कितना बड़ा है
शालु - क्या बात है बड़ी उतावली हो रही हो क्या तुम्हे भी देखना है
मैं - (सकपका गई) अरे मैं तो यू ही पूछ रही थी
शालु - 11इंच लंबा ओर 4इंच मोटा है
मैं - हाई माआ
शालु - सच मैं भाभी
मैं - लेकिन तुम ने कब देख लिया
शालु - मेरी शादी के 2 दिन पहले की बात है मोम ओर बाबूजी आपने रूम
मैं थे मैं रात को बाथरूम के लिए उठी तो मैने उनके रूम से कुछ
आवाज़े आती सुनी जब मैं पास गई तो समझ गई कि ये आवाज़े क्यो आ
रही है क्यो कि उस वक़्त बाबूजी मोम को गरम कर रहे थे उनकी चूत
चाट रहे थे ओर वो सिसकियाँ भर रही थी मेरे से रहा नही गया ओर
मैने के होल मैं आँखे लगा दी और अंदर का नज़ारा देख कर दंग
रह गई क्यो कि मैने नोट किया कि बाबूजी का लंड 11 इंच लंबा ओर 4 इंच
मोटा होगा जिसे मोम चूस रही थी ओर बाबूजी कह रहे थे कि डार्लिंग आज
रात जी भर के देदो फिर तो शालु की शादी मैं बिज़ी हो जाएँगे फिर
तो कितने दिन टाइम भी नही लगेगा ओर हम तरसते रहेंगे ओर फिर बाबूजी
ने मोम को जी भर के चोदा ये नज़ारा मैने नेक्स्ट डे भी देखा ओर मेरे
मन मैं भी पूरी आग लगी हुई थी जो फिर दो दिन बाद तुम्हारे जीजा
जी ने भुज़ाई.
मैं - दीदी क्या सस्च मैं बाबूजी का इतना बड़ा है या मज़ाक कर रही हो
शालु - मुझ पे यकीन नही है तो खुद देख लो
मैं - दीदी आप बड़ी खराब हैं (लेकिन मन ही मन मे मैं बाबूजी का
लंड देखने को तरस रही थी क्यो की शालु के मुख से उसका वर्णन सुन
के मेरे मन मैं उसे देखने ओर पाने की चाहत बढ़ गई थी ओर मैने
निश्चय कर लिया था कि किसी भी कीमत पे उसे हासिल कर के ही दम
लूँगी)
शालु - क्यो कि ज़यादा बड़ा लंड ज़यादा अंदर तक जा के पूरी तसल्ली
करा देता है
मैं - तो क्या किसी का इससे भी बड़ा हो सकता है
शालु - हो सकता नही भाभी है ओर मैने देखा भी है
मैं - किसका है ओर तूने कब देख लिया दीदी ये क्या चक्कर है क्या किसी
ओर पे भी मेहरबान हो आप
शालु - अरे नही भाभी वो तो अपने घर मैं ही देखा है
मैं - (उतावली हो कर) किसका देखा है घर पे तुमने इतना बड़ा
शालु - बाबू जी का
मैं - बाबू जी का
शालु - हाँ भाभी बाबू जी का
मैं - तुमने कब देखा है क्या तूने बाबू जी के साथ ये सब किया है
शालु - अरे नही भाभी सिरफ़ देखा ही है
मैं - कब ओर कितना बड़ा है
शालु - क्या बात है बड़ी उतावली हो रही हो क्या तुम्हे भी देखना है
मैं - (सकपका गई) अरे मैं तो यू ही पूछ रही थी
शालु - 11इंच लंबा ओर 4इंच मोटा है
मैं - हाई माआ
शालु - सच मैं भाभी
मैं - लेकिन तुम ने कब देख लिया
शालु - मेरी शादी के 2 दिन पहले की बात है मोम ओर बाबूजी आपने रूम
मैं थे मैं रात को बाथरूम के लिए उठी तो मैने उनके रूम से कुछ
आवाज़े आती सुनी जब मैं पास गई तो समझ गई कि ये आवाज़े क्यो आ
रही है क्यो कि उस वक़्त बाबूजी मोम को गरम कर रहे थे उनकी चूत
चाट रहे थे ओर वो सिसकियाँ भर रही थी मेरे से रहा नही गया ओर
मैने के होल मैं आँखे लगा दी और अंदर का नज़ारा देख कर दंग
रह गई क्यो कि मैने नोट किया कि बाबूजी का लंड 11 इंच लंबा ओर 4 इंच
मोटा होगा जिसे मोम चूस रही थी ओर बाबूजी कह रहे थे कि डार्लिंग आज
रात जी भर के देदो फिर तो शालु की शादी मैं बिज़ी हो जाएँगे फिर
तो कितने दिन टाइम भी नही लगेगा ओर हम तरसते रहेंगे ओर फिर बाबूजी
ने मोम को जी भर के चोदा ये नज़ारा मैने नेक्स्ट डे भी देखा ओर मेरे
मन मैं भी पूरी आग लगी हुई थी जो फिर दो दिन बाद तुम्हारे जीजा
जी ने भुज़ाई.
मैं - दीदी क्या सस्च मैं बाबूजी का इतना बड़ा है या मज़ाक कर रही हो
शालु - मुझ पे यकीन नही है तो खुद देख लो
मैं - दीदी आप बड़ी खराब हैं (लेकिन मन ही मन मे मैं बाबूजी का
लंड देखने को तरस रही थी क्यो की शालु के मुख से उसका वर्णन सुन
के मेरे मन मैं उसे देखने ओर पाने की चाहत बढ़ गई थी ओर मैने
निश्चय कर लिया था कि किसी भी कीमत पे उसे हासिल कर के ही दम
लूँगी)