06-08-2024, 10:16 AM
दोस्तों यह कहानी बिलकुल मिथ्या है अर्थात सत्य नहीं है / आगे सुनिए :
शाम को अचानक पापा को फोन आ गया कि उनके एक दोस्त की तबियत बहुत खराब हो गई है / उनका जाना जरूरी था और पापा अकेले ही अपने दोस्त के घर जाना था / चूंकि उनका दोस्त बहुत दूर रहता था इसलिए पापा को लगबग एक हफ्ता लग जाना था वापिस आते हुए / अचानक रात को मम्मी के कमरे में कुछ खटपट की आवाज़ आई / मैं समझ गया की पापा जाने से पहले मम्मी से सेक्स करके जाना चाहते हैं ताकि एक हफ्ते के लिए कुछ तो उनके लंड की खुराक मिल जाये /
मैं झट से हमारे करे के बीच की खिड़की पर आ गया और खिड़की के पाटों को अपने हाथों से थोडा सा दबाया तो मैंने पाया की मम्मी की तरफ खुलने वाली खिड़की अंदर से बंद नहीं थी और मेरे दबाने पर मम्मी के कमरे की तरफ से थोडा खुल गई क्योंकि खिड़की के पीछे से एक पर्दा था तो शायद मम्मी पापा को पता नहीं चला होगा की मैंने खिड़की को थोडा सा खोला है /
यह पर्दा हमारी तरफ से भी लगा हुआ था और मम्मी के कमरे की तरफ से भी लगा था जो की खिड़की के साइज़ का था / क्योंकि मम्मी के कमरे की लाइट पूरी तरह से जल रही थी इसलिए परदे के पीछे भी मुझे साफ़ साफ़ नजर आ रहा था / पापा मम्मी के होंठों को चूम रहे थे और मम्मी को अपनी बाँहों में भरा हुआ था /
शाम को अचानक पापा को फोन आ गया कि उनके एक दोस्त की तबियत बहुत खराब हो गई है / उनका जाना जरूरी था और पापा अकेले ही अपने दोस्त के घर जाना था / चूंकि उनका दोस्त बहुत दूर रहता था इसलिए पापा को लगबग एक हफ्ता लग जाना था वापिस आते हुए / अचानक रात को मम्मी के कमरे में कुछ खटपट की आवाज़ आई / मैं समझ गया की पापा जाने से पहले मम्मी से सेक्स करके जाना चाहते हैं ताकि एक हफ्ते के लिए कुछ तो उनके लंड की खुराक मिल जाये /
मैं झट से हमारे करे के बीच की खिड़की पर आ गया और खिड़की के पाटों को अपने हाथों से थोडा सा दबाया तो मैंने पाया की मम्मी की तरफ खुलने वाली खिड़की अंदर से बंद नहीं थी और मेरे दबाने पर मम्मी के कमरे की तरफ से थोडा खुल गई क्योंकि खिड़की के पीछे से एक पर्दा था तो शायद मम्मी पापा को पता नहीं चला होगा की मैंने खिड़की को थोडा सा खोला है /
यह पर्दा हमारी तरफ से भी लगा हुआ था और मम्मी के कमरे की तरफ से भी लगा था जो की खिड़की के साइज़ का था / क्योंकि मम्मी के कमरे की लाइट पूरी तरह से जल रही थी इसलिए परदे के पीछे भी मुझे साफ़ साफ़ नजर आ रहा था / पापा मम्मी के होंठों को चूम रहे थे और मम्मी को अपनी बाँहों में भरा हुआ था /
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!