06-08-2024, 10:14 AM
मम्मी: क्या डॉली अभी तक सो रही है?
मैं : हाँ मम्मी, शायद बहुत थक गई है !
मम्मी: थक तो जाएगी ही ना, जब इतनी इतनी मेहनत करेगी (यह कहकर मम्मी के होंठों पर शरारत भरी मुस्कान आ गई थी / मैं समझ गया था कि मम्मी किस मेहनत की बात कर रही थी / यह सोचकर ही मेरे लौड़े ने ऊपर की तरफ एक ठुमका लगाया, जिस करके मम्मी की नज़रे भी मेरे तौलिये के उभार पैर चली गई थी /)
मम्मी: अच्छा, यह चाय लो और डॉली को भी उठा दो और दोनों मिलकर चाय पी लो / कुछ और करने मत लग जाना, अभी घर का बहुत सा काम पड़ा है / (फिर मम्मी ने शरारती लहजे में कहा)
मेरे दोनों हाथों में चाय की ट्रे थी और मम्मी के हाथ खली थे मैं जैसे ही ट्रे ले कर मुड़ा मम्मी ने धीरे से मेरे लौड़े वाली जगह पर तौलिये के ऊपर हाथ लगाकर कहा - “ये क्या रवि, ये कुछ गीला गीला क्यों लग रहा है /”
मैंने चाय की ट्रे पकडे पकडे ही कहा - “नहीं तो मम्मी तौलिया तो गिला नहीं है /”
लेकिन मम्मी ने मेरे लौड़े को अपनी मुठी में पकड़ कर कहाँ , “देखो यहाँ पर मुझे कुछ गीला लग रहा है” यह कहकर मम्मी ने मेरे लौड़े को नीचे से ऊपर की तरफ कर दबा दिया / मेरे लौड़े की टोपी खुल चुकी थी और मेरा लौड़ा अपनी पूरी औकात पर आ चूका था /
अब मेरे तौलिये के ऊपर से भी मेरे पूरे लौड़े का साइज़ पता चल रहा था / फिर मम्मी ने दोनों हाथों में मेरे लौड़े को तौलिये के ऊपर से मुठी में भर लिए और बोली – मैं दबा कर देखती हूँ कहीं पानी तो नहीं भरा है तौलिया के अंदर” यह कहकर मम्मी ने अपनी मुठी को लौड़े के ऊपर कसकर दबा दबा कर मजा लेने लगी /
मम्मी के मूंह से सिसकारी निकलने लगी तो मैं अपने लौड़े को और भी टाइट करके खड़ा हो गया और बोला - हाँ मम्मी, अच्छे से चेक कर लो कही पानी न भरा हो, नहीं तो अंदर खारिश हो जाएगी /”
मम्मी ने तीन चार बार दबा दबा कर देखा, फिर बोली – अरे रवि, मुझे शायद ऐसे ही लग रहा था / लगता है की तौलिया सूखा ही है / अच्चा चाय पी लेना मैं चलती हूँ / यह कहकर मम्मी कमरे से बहार जाने लगी / मैं घूर घूर कर मम्मी की मटकती गांड को ध्यान से देखने लगा / मम्मी की लचकती हुई गांड को देखकर मेरा लौड़ा और भी टाइट हो गया और उपर नीचे झटके खाने लगा / जब तक मम्मी दिखती रही मैं मम्मी के पूरे बदन को घूर घूर कर देखता रहा /
जाते जाते मम्मी ने दरवाजा बंद करते हुए एक टेड़ी नज़र से मेरे तौलिये की तरफ देख कर मुस्कराई और दरवाजा बंद कर दिया /
मम्मी की मुस्कराहट देख कर मैं समझ गया की मम्मी को मेरे लौड़े की लम्बाई और चौड़ाई याद आ गई होगी / यह सोचकर मेरे लौड़े ने ठुमका मारा / मैंने लौड़े पैर अपना हाथ रखते हुए उसको कहा “शांत मेरे शेर, यह शिकार भी जल्दी होगा” यह कहकर मैंने डॉली को उठाया और हम दोनों चाय पीने लगे / चाय पीने के कुछ देर बाद डॉली ने कहा की वो नहाकर आती है मैंने मुस्कुराते हुए उसको हां बोला तो वो नहाने के लिए बाथरूम में घुस गयी /
अचानक थोड़ी देर बाद मुझे बहार से मम्मी के चीखने की आवाज़ आई / मैं भागकर बाहर गया तो मम्मी के मम्मी रसोई में गिरी हुई थी / मम्मी जोर जोर से चीख रही थी / मैं जब पहुंचा तो मुझे देख कर मम्मी और भी जोर जोर से चीखने लगी “देख रवि मैं ऊपर शेल्फ से डिब्बा उठा रही थी तो मेरा पैर फिसल गया और मैं कितनी जोर से नीचे गिरी” / मैंने देखा की पास में एक लकड़ी का स्टूल गिरा हुआ पड़ा था / मैं समझ गया की मम्मी ने स्टूल के ऊपर चड़कर डिब्बा उठाने के लिए ऊपर की तरफ पैर उठाया होगा और स्टूल फिसल गया होगा और मम्मी धड़ाम से गिर गई होगी /
मैं सारी बात समझ गया / मम्मी ने इस समय साड़ी डाली हुई थी और नीचे गिरी हुई थी / मैंने घर का नाईट सूट पजामा और टी शर्ट डाली हुई थी / एक तरफ से गिरी हुई मम्मी के बड़े बड़े और भारी भारी मुम्मे ब्लाउज के अंदर से महसूस हो रहे थे /
साड़ी से दिखाई देती हुई कमर में बल पड़े होने के कारण मम्मी की कमर बहुत सेक्सी लग रही थी / और मम्मी की साड़ी पेरों से ऊपर हो गई थी जिस कारन मम्मी की बिना बालों वाली प्यारी प्यारी लम्बी टाँगे दिखाई दे रही थी / मम्मी का ऐसा गदराया हुआ बदन देख कर मेरे लौड़े ने फिर से अंगड़ाई लेनी शुरू कर दी और फिर से खड़ा हो गया ज्यादा टाइट होने के कारन मेरे लौड़े का सुपाड़ा फिर से खुल चूका था और मुझे अपने पजामे के अंदर महसूस हो रहा था /
मैंने मम्मी की पीठ के नीचे एक हाथ लगा कर एक हाथ मम्मी के मुम्मों के आगे करते हुए ले गया और मम्मी को खड़ा करने की कोशिश करने लगा / इसी कोशिश में मेरा आगे वाला हाथ जो मम्मी के मम्मी की तरफ था वो मम्मी के मुम्मे से दबने लगा था / मम्मी ने मेरे गले में अपनी दोनों बाहें दाल कर मुझे अपनी पकड़ में ले लिया और मेरे गले में झूल गई / मम्मी के बड़े बड़े और भारी मम्मी मेरे सीने में दबने लगे / मुझे पता नहीं कि यह मम्मी ने जानबूझ कर किया की अनजाने में /
लेकिन मम्मी के बूब्स टच होते ही मेरी साँसे और तेज़ हो गई थी / मम्मी मेरे गले में अपनी बाहें डालने के बाद खड़े होने की कोशिश करने लगी और थोडा सा खड़ा होने के बाद अपनी भरी हुई गांड को मेरे लौड़े की तरफ चिपका के कड़ी हो गई / मेरे लौड़े ने मम्मी की गांड को छूते ही ठुमकी मारी और मम्मी की गांड की दरार की तरफ लपका और जाकर मम्मी की गांड की दरार में फंस गया / मम्मी धीरे से चीख भी रही थी और सिसकियाँ भी मार रही थी / पता नहीं मम्मी को दर्द हो रहा था या मजा आ रहा था या तो अब मम्मी ही जान सकती थी /
मैंने मम्मी को प्यार से अपनी बाहों में भरकर उठा लिया और मम्मी के बेडरूम की तरफ ले कर जाने लगा / मेरा लौड़ा अभी भी मम्मी की मस्तानी गांड के बीच में टक्कर मार रहा था / मैंने मम्मी को बेड पर लिटाते हुए अपने लम्बे लौड़े को मम्मी की रसभरी गांड के अंदर की तरफ धक्का मार दिया जिस से मम्मी के मूंह से एक सिसकी निकल गई / पजामे के अंदर मेरा लौड़ा पत्थर की तरह से सख्त हो रहा था /
मैं : हाँ मम्मी, शायद बहुत थक गई है !
मम्मी: थक तो जाएगी ही ना, जब इतनी इतनी मेहनत करेगी (यह कहकर मम्मी के होंठों पर शरारत भरी मुस्कान आ गई थी / मैं समझ गया था कि मम्मी किस मेहनत की बात कर रही थी / यह सोचकर ही मेरे लौड़े ने ऊपर की तरफ एक ठुमका लगाया, जिस करके मम्मी की नज़रे भी मेरे तौलिये के उभार पैर चली गई थी /)
मम्मी: अच्छा, यह चाय लो और डॉली को भी उठा दो और दोनों मिलकर चाय पी लो / कुछ और करने मत लग जाना, अभी घर का बहुत सा काम पड़ा है / (फिर मम्मी ने शरारती लहजे में कहा)
मेरे दोनों हाथों में चाय की ट्रे थी और मम्मी के हाथ खली थे मैं जैसे ही ट्रे ले कर मुड़ा मम्मी ने धीरे से मेरे लौड़े वाली जगह पर तौलिये के ऊपर हाथ लगाकर कहा - “ये क्या रवि, ये कुछ गीला गीला क्यों लग रहा है /”
मैंने चाय की ट्रे पकडे पकडे ही कहा - “नहीं तो मम्मी तौलिया तो गिला नहीं है /”
लेकिन मम्मी ने मेरे लौड़े को अपनी मुठी में पकड़ कर कहाँ , “देखो यहाँ पर मुझे कुछ गीला लग रहा है” यह कहकर मम्मी ने मेरे लौड़े को नीचे से ऊपर की तरफ कर दबा दिया / मेरे लौड़े की टोपी खुल चुकी थी और मेरा लौड़ा अपनी पूरी औकात पर आ चूका था /
अब मेरे तौलिये के ऊपर से भी मेरे पूरे लौड़े का साइज़ पता चल रहा था / फिर मम्मी ने दोनों हाथों में मेरे लौड़े को तौलिये के ऊपर से मुठी में भर लिए और बोली – मैं दबा कर देखती हूँ कहीं पानी तो नहीं भरा है तौलिया के अंदर” यह कहकर मम्मी ने अपनी मुठी को लौड़े के ऊपर कसकर दबा दबा कर मजा लेने लगी /
मम्मी के मूंह से सिसकारी निकलने लगी तो मैं अपने लौड़े को और भी टाइट करके खड़ा हो गया और बोला - हाँ मम्मी, अच्छे से चेक कर लो कही पानी न भरा हो, नहीं तो अंदर खारिश हो जाएगी /”
मम्मी ने तीन चार बार दबा दबा कर देखा, फिर बोली – अरे रवि, मुझे शायद ऐसे ही लग रहा था / लगता है की तौलिया सूखा ही है / अच्चा चाय पी लेना मैं चलती हूँ / यह कहकर मम्मी कमरे से बहार जाने लगी / मैं घूर घूर कर मम्मी की मटकती गांड को ध्यान से देखने लगा / मम्मी की लचकती हुई गांड को देखकर मेरा लौड़ा और भी टाइट हो गया और उपर नीचे झटके खाने लगा / जब तक मम्मी दिखती रही मैं मम्मी के पूरे बदन को घूर घूर कर देखता रहा /
जाते जाते मम्मी ने दरवाजा बंद करते हुए एक टेड़ी नज़र से मेरे तौलिये की तरफ देख कर मुस्कराई और दरवाजा बंद कर दिया /
मम्मी की मुस्कराहट देख कर मैं समझ गया की मम्मी को मेरे लौड़े की लम्बाई और चौड़ाई याद आ गई होगी / यह सोचकर मेरे लौड़े ने ठुमका मारा / मैंने लौड़े पैर अपना हाथ रखते हुए उसको कहा “शांत मेरे शेर, यह शिकार भी जल्दी होगा” यह कहकर मैंने डॉली को उठाया और हम दोनों चाय पीने लगे / चाय पीने के कुछ देर बाद डॉली ने कहा की वो नहाकर आती है मैंने मुस्कुराते हुए उसको हां बोला तो वो नहाने के लिए बाथरूम में घुस गयी /
अचानक थोड़ी देर बाद मुझे बहार से मम्मी के चीखने की आवाज़ आई / मैं भागकर बाहर गया तो मम्मी के मम्मी रसोई में गिरी हुई थी / मम्मी जोर जोर से चीख रही थी / मैं जब पहुंचा तो मुझे देख कर मम्मी और भी जोर जोर से चीखने लगी “देख रवि मैं ऊपर शेल्फ से डिब्बा उठा रही थी तो मेरा पैर फिसल गया और मैं कितनी जोर से नीचे गिरी” / मैंने देखा की पास में एक लकड़ी का स्टूल गिरा हुआ पड़ा था / मैं समझ गया की मम्मी ने स्टूल के ऊपर चड़कर डिब्बा उठाने के लिए ऊपर की तरफ पैर उठाया होगा और स्टूल फिसल गया होगा और मम्मी धड़ाम से गिर गई होगी /
मैं सारी बात समझ गया / मम्मी ने इस समय साड़ी डाली हुई थी और नीचे गिरी हुई थी / मैंने घर का नाईट सूट पजामा और टी शर्ट डाली हुई थी / एक तरफ से गिरी हुई मम्मी के बड़े बड़े और भारी भारी मुम्मे ब्लाउज के अंदर से महसूस हो रहे थे /
साड़ी से दिखाई देती हुई कमर में बल पड़े होने के कारण मम्मी की कमर बहुत सेक्सी लग रही थी / और मम्मी की साड़ी पेरों से ऊपर हो गई थी जिस कारन मम्मी की बिना बालों वाली प्यारी प्यारी लम्बी टाँगे दिखाई दे रही थी / मम्मी का ऐसा गदराया हुआ बदन देख कर मेरे लौड़े ने फिर से अंगड़ाई लेनी शुरू कर दी और फिर से खड़ा हो गया ज्यादा टाइट होने के कारन मेरे लौड़े का सुपाड़ा फिर से खुल चूका था और मुझे अपने पजामे के अंदर महसूस हो रहा था /
मैंने मम्मी की पीठ के नीचे एक हाथ लगा कर एक हाथ मम्मी के मुम्मों के आगे करते हुए ले गया और मम्मी को खड़ा करने की कोशिश करने लगा / इसी कोशिश में मेरा आगे वाला हाथ जो मम्मी के मम्मी की तरफ था वो मम्मी के मुम्मे से दबने लगा था / मम्मी ने मेरे गले में अपनी दोनों बाहें दाल कर मुझे अपनी पकड़ में ले लिया और मेरे गले में झूल गई / मम्मी के बड़े बड़े और भारी मम्मी मेरे सीने में दबने लगे / मुझे पता नहीं कि यह मम्मी ने जानबूझ कर किया की अनजाने में /
लेकिन मम्मी के बूब्स टच होते ही मेरी साँसे और तेज़ हो गई थी / मम्मी मेरे गले में अपनी बाहें डालने के बाद खड़े होने की कोशिश करने लगी और थोडा सा खड़ा होने के बाद अपनी भरी हुई गांड को मेरे लौड़े की तरफ चिपका के कड़ी हो गई / मेरे लौड़े ने मम्मी की गांड को छूते ही ठुमकी मारी और मम्मी की गांड की दरार की तरफ लपका और जाकर मम्मी की गांड की दरार में फंस गया / मम्मी धीरे से चीख भी रही थी और सिसकियाँ भी मार रही थी / पता नहीं मम्मी को दर्द हो रहा था या मजा आ रहा था या तो अब मम्मी ही जान सकती थी /
मैंने मम्मी को प्यार से अपनी बाहों में भरकर उठा लिया और मम्मी के बेडरूम की तरफ ले कर जाने लगा / मेरा लौड़ा अभी भी मम्मी की मस्तानी गांड के बीच में टक्कर मार रहा था / मैंने मम्मी को बेड पर लिटाते हुए अपने लम्बे लौड़े को मम्मी की रसभरी गांड के अंदर की तरफ धक्का मार दिया जिस से मम्मी के मूंह से एक सिसकी निकल गई / पजामे के अंदर मेरा लौड़ा पत्थर की तरह से सख्त हो रहा था /
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!