06-08-2024, 10:11 AM
डॉली की सिसकियाँ अब धीरे धीरे तेज़ होने लगी थी और सिसकियाँ चीखों में बदल रही थी / शायद डॉली को भी महसूस हो रहा था कि मेरा लौड़ा लम्बा और मोटा हो गया था जिस से उसकी चूत में मेरा लंड घिस घिस कर जा रहा था और जब मैं अपने लौड़े को बहार की तरफ खींचता था तो उसकी छूट की चमड़ी भी मेरे लंड के साथ चिपक कर बार आ जाती थी / डॉली चीखें मरने लगी थी और बोली “आह रवि, धीरे धीरे करो ना तुम्हारा लंड तो और भी मोटा और लम्बा हो गया है पूरा का पूरा ही अंदर तक चोट कर रहा है, कैसी गोली खाई है तुमने / तुम्हारे इस लम्बे मोटे लौड़े के सामने तो कोई भी औरत का पानी बार बार निकल जायेगा” मैं जानता था की डॉली ऐसी बातें जानबूझ करके कर रही थी ताकि खिड़की के दूसरी तरफ से सुन रही मम्मी की चूत से भी पानी छूटना शुरू हो जाये / और मुझे लग रहा था की मम्मी की छूट ने जरुर पानी छोड़ दिया होगा / मैं जानता था की मम्मी की चूत बहुत प्यासी थी और लम्बे मोटे लौड़े के लिए तरस रही थी / जब से गाँव में मम्मी ने मेरे लौड़े को अपने हाथों और होंठों में लिए था तभी से मम्मी बार बार मेरी तरफ कोई न कोई बहाना कर के मेरे करीब और मुझे छूने की कोशिश करती रहती थी /
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!