23-06-2019, 09:18 AM
एक बार और
कोमल यार , मन कर रहा है ,..
लेकिन मैं आज इतनी जल्दी से उन्हें आगे नहीं बढ़ने देने वाली थी ,
" क्या मन कर रहा है , बोल न ,... नहीं बोलोगे तो नहीं मिलेगा ,.. "
मैंने आँखों के तीर चलाते उन्हें चिढ़ाया ,...
वो भी मुस्कराये , मुझे चूम कर बोले ,...
" तुझे पेलने का "
मैंने भी उनसे दूना तगड़ा चुम्मा उनके होंठों पर ,... और हंस के बोली ,
" तो पेलो न ,... मुझे नहीं तो क्या मेरी ननदों को पेलोगे ,... वैसे मुझे कोई आब्जेक्शन नहीं होगा ,.. "
जैसे कोई आग में घी डाल दे , मेरा चिढ़ाना उनके लिए
आज तीन दिन से ,... लेकिन इस बार जो जोश दिखाया उन्होंने ,...
" बताता हूँ तुझे ,... " और मेरी दोनों टांगों को मोड़ के उन्होंने दुहरा कर दिया ,...
और एक झटके में वो करारा धक्का मारा , मुझे दिन में तारे नजर आ गए ,.. आज सब कुछ भूल कर वो धक्के पर धक्के। .
खूब कस के रगड़ते , दरेरते , घिसटते , पेलते , .... वो मोटा बदमाश अंदर घुस रहा था ,...
मेरी जाँघे फट रही थीं , हर धक्के पर लग रहा था की जान निकल जायेगी ,..
लेकिन मुझे मम्मी की सीख याद आ रही थी ,
कोई मुझे चिढ़ा रहा था था बहुत दर्द होगा जब वो पेलेगा ,जान निकल जायेगी ,...
तो मम्मी बोली , चुदवाने में आज तक कोई लड़की नहीं मरी ,...
इतने मोटे बड़े तगड़े बच्चे जो चूत निकाल देती है , ... वो लंड से डरेगी ,...
दर्द जितना ज्यादा हो रहा था उतना ही मजा आ रहा था , और पहली बार मैंने उन्हें उनकी मायकेवालियों को ले कर छेड़ा था , लेकिन मैं मन ही मन सोच रहे थी ,... ये तो अभी शुरुआत है ,...
मैं समझ गयी थी उन्हें क्या अच्छा लगता है , बस ,... आज शाम को जो गाने मुझे गाने होंगे ,...
बस मैं अपनी ननदों से इनका नाम जोड़ कर तो गाउंगी ही , और एक दो असली वाली भी ,...
इस बार मैं उनका साथ भी दे रही थी , चुम्मे का जवाब चुम्मे से ,...
आज उनपर कोई भूत चढ़ गया था ,...
मैं झड़ कर दो बार बीच में ,
लेकिन न उनके धक्को की रफ्तार कम हुयी न हर धक्के की ताकत ,...
और जब वो ,... और मैं तीसरी बार ,... एकदम तूफ़ान आ गया था , देर तक ,...
सिर्फ मूसल चंद ही नहीं उनके नाख़ून , उनके दांत , मेरे कोमल कोमल गाल , मुलायम जोबन सब पर उनके निशान ,...
बहुत देर तक हम दोनों ऐसे ही , मैंने रजाई भी नहीं फर्श पर से उठायी ,
लेकिन घडी ने मुझे चौंका दिया साढ़े पांच बजे रहे थे ,...
यानी कभी भी मेरे ननदें ,...
मैं वैसे ही उठी , सिर्फ जमींन पर पड़ी किताब उन्हें दिखा कर ,...
एक बार फिर से गद्दे के नीचे रख दी , ...
अपने कपडे उठाये , सोफे पर से साडी भी पर बिना पहने ,... बाथरूम में ,...
इस लजीले लड़के को चिढ़ाने उकसाने में मुझे अलग मज़ा मिलता था ,...
मुझे मालूम था ये लड़का बेचारा मेरे अगवाड़े पिछवाड़े दोनों का दिवाना है ,
और मेरा अगवाड़ा पिछवाड़ा मेरी उमर की लड़कियों से कम से कम दो नंबर ज्यादा भी है ,...
वो जब तक पलंग से उठते , मैं बाथरूम में दरवाजा बंद , दरवाजा खोल के एक पल के लिए मैंने उन्हें देखा , जीभ निकाल के चिढ़ाया और फिर शावर के नीचे ,...
मेरी पूरी देह में उनकी गंध बसी थी , जगह जगह उनके रगड़ने मसलने के निशान ,
मेरे जोबन का तो ये लड़का एकदम दीवाना ,...
साबुन लगाते मैंने देखा कितने निशान ,... और सबसे बढ़कर , ...
मेरी जाँघों के बीच उनकी रबड़ी मलाई , काफी कुछ तो मैंने अंदर पर हर बार , कटोरी भर के ,...
रोज नीचे जाने के पहले मैं उसे अच्छी तरह रगड़ रगड़ के साफ़ करलेती थी ,... मैंने जोर से अपनी गुलाबो को भींच लेती थी पर तब भी मेरी जांघो पर , जाँघों के बीच लस लस मलाई ,...
मैंने उसे वैसे ही रहने दिया ,... अब तो मेरा भी मन करता था वो कब कस के दबोच लें , रगड़ दें ,....
मैं निकली तैयार हो के तो वो तो नहीं थे ,...
पर गुड्डो और मिली थीं , मुझे लेने आयी थीं।
कोमल यार , मन कर रहा है ,..
लेकिन मैं आज इतनी जल्दी से उन्हें आगे नहीं बढ़ने देने वाली थी ,
" क्या मन कर रहा है , बोल न ,... नहीं बोलोगे तो नहीं मिलेगा ,.. "
मैंने आँखों के तीर चलाते उन्हें चिढ़ाया ,...
वो भी मुस्कराये , मुझे चूम कर बोले ,...
" तुझे पेलने का "
मैंने भी उनसे दूना तगड़ा चुम्मा उनके होंठों पर ,... और हंस के बोली ,
" तो पेलो न ,... मुझे नहीं तो क्या मेरी ननदों को पेलोगे ,... वैसे मुझे कोई आब्जेक्शन नहीं होगा ,.. "
जैसे कोई आग में घी डाल दे , मेरा चिढ़ाना उनके लिए
आज तीन दिन से ,... लेकिन इस बार जो जोश दिखाया उन्होंने ,...
" बताता हूँ तुझे ,... " और मेरी दोनों टांगों को मोड़ के उन्होंने दुहरा कर दिया ,...
और एक झटके में वो करारा धक्का मारा , मुझे दिन में तारे नजर आ गए ,.. आज सब कुछ भूल कर वो धक्के पर धक्के। .
खूब कस के रगड़ते , दरेरते , घिसटते , पेलते , .... वो मोटा बदमाश अंदर घुस रहा था ,...
मेरी जाँघे फट रही थीं , हर धक्के पर लग रहा था की जान निकल जायेगी ,..
लेकिन मुझे मम्मी की सीख याद आ रही थी ,
कोई मुझे चिढ़ा रहा था था बहुत दर्द होगा जब वो पेलेगा ,जान निकल जायेगी ,...
तो मम्मी बोली , चुदवाने में आज तक कोई लड़की नहीं मरी ,...
इतने मोटे बड़े तगड़े बच्चे जो चूत निकाल देती है , ... वो लंड से डरेगी ,...
दर्द जितना ज्यादा हो रहा था उतना ही मजा आ रहा था , और पहली बार मैंने उन्हें उनकी मायकेवालियों को ले कर छेड़ा था , लेकिन मैं मन ही मन सोच रहे थी ,... ये तो अभी शुरुआत है ,...
मैं समझ गयी थी उन्हें क्या अच्छा लगता है , बस ,... आज शाम को जो गाने मुझे गाने होंगे ,...
बस मैं अपनी ननदों से इनका नाम जोड़ कर तो गाउंगी ही , और एक दो असली वाली भी ,...
इस बार मैं उनका साथ भी दे रही थी , चुम्मे का जवाब चुम्मे से ,...
आज उनपर कोई भूत चढ़ गया था ,...
मैं झड़ कर दो बार बीच में ,
लेकिन न उनके धक्को की रफ्तार कम हुयी न हर धक्के की ताकत ,...
और जब वो ,... और मैं तीसरी बार ,... एकदम तूफ़ान आ गया था , देर तक ,...
सिर्फ मूसल चंद ही नहीं उनके नाख़ून , उनके दांत , मेरे कोमल कोमल गाल , मुलायम जोबन सब पर उनके निशान ,...
बहुत देर तक हम दोनों ऐसे ही , मैंने रजाई भी नहीं फर्श पर से उठायी ,
लेकिन घडी ने मुझे चौंका दिया साढ़े पांच बजे रहे थे ,...
यानी कभी भी मेरे ननदें ,...
मैं वैसे ही उठी , सिर्फ जमींन पर पड़ी किताब उन्हें दिखा कर ,...
एक बार फिर से गद्दे के नीचे रख दी , ...
अपने कपडे उठाये , सोफे पर से साडी भी पर बिना पहने ,... बाथरूम में ,...
इस लजीले लड़के को चिढ़ाने उकसाने में मुझे अलग मज़ा मिलता था ,...
मुझे मालूम था ये लड़का बेचारा मेरे अगवाड़े पिछवाड़े दोनों का दिवाना है ,
और मेरा अगवाड़ा पिछवाड़ा मेरी उमर की लड़कियों से कम से कम दो नंबर ज्यादा भी है ,...
वो जब तक पलंग से उठते , मैं बाथरूम में दरवाजा बंद , दरवाजा खोल के एक पल के लिए मैंने उन्हें देखा , जीभ निकाल के चिढ़ाया और फिर शावर के नीचे ,...
मेरी पूरी देह में उनकी गंध बसी थी , जगह जगह उनके रगड़ने मसलने के निशान ,
मेरे जोबन का तो ये लड़का एकदम दीवाना ,...
साबुन लगाते मैंने देखा कितने निशान ,... और सबसे बढ़कर , ...
मेरी जाँघों के बीच उनकी रबड़ी मलाई , काफी कुछ तो मैंने अंदर पर हर बार , कटोरी भर के ,...
रोज नीचे जाने के पहले मैं उसे अच्छी तरह रगड़ रगड़ के साफ़ करलेती थी ,... मैंने जोर से अपनी गुलाबो को भींच लेती थी पर तब भी मेरी जांघो पर , जाँघों के बीच लस लस मलाई ,...
मैंने उसे वैसे ही रहने दिया ,... अब तो मेरा भी मन करता था वो कब कस के दबोच लें , रगड़ दें ,....
मैं निकली तैयार हो के तो वो तो नहीं थे ,...
पर गुड्डो और मिली थीं , मुझे लेने आयी थीं।