23-06-2019, 08:55 AM
मस्तराम
बहुत देर तक हम दोनों एक दूसरे को पकडे दबोचे रहे।
लाज की तरह रजाई भी लौटी , लेकिन अब जैसे लाज का राज धीरे धीरे कम होता जा रहा था , रजाई भी ,...
उन्होंने मुझे मेरे उरोजों को ढकने नहीं दिया , मैंने बस एक दो बार हलकी सी कोशिश की ,... फिर हार मान ली।
कुछ देर तक देह ही बातें करती रही , उनका स्पर्श , छुअन ,... छोड़ने का मन नहीं करता था।
और फिर बातें भी शुरू हो गयी , बातें भी उन्होंने शुरू की ,
पहले तो मैं सिर्फ सुनती थी , फिर हूँ हाँ ,...
और जब मुझे लग गया जेठानी की सीख एकदम सही है , ये लड़का कुछ ज्यादा ही लजीला , शर्मीला ,... जरुरत से ज्यादा ही केयरिंग ,
इसलिए मैं भी अब थोड़ा ही सही बोलने लगी थी , ...
और वो बात भी क्या करते थे , घूम फिर कर उनकी सब बातों का एक ही सब्जेक्ट ,
और कौन ,... मैं ,...
और बहुत हुआ तो मेरी मम्मी , बहनें दोनों , भौजी ,... सब की सब अब उनकी चमची , दलबदलू ,...
लेकिन आज मेरे पास एक बात थी , उन्हें चौंकाने के लिए , ... गद्दे के नीचे से मैंने वो मस्तराम वाली किताब ,...
उनकी ओर घूर के , कुछ डराते , कुछ चिढ़ाते मैंने पूछा।
" हे तुम ये सब किताबें पढ़ते थे ,... "
और वो सच में घबड़ा गए , मुझे लगा कुछ ज्यादा हो गया ,
मैंने उनके गाल सहलाते , भांग की पकौड़ी वाली किताब खोलते पूछा ,
" अच्छा सच में ये बताओ ,... सब से पहले कब पढ़ी किस क्लास में ,... बोल न "
" टेंथ में ,... "
बहुत हलके से वो बोले ,...
" तुम न यार सच में स्लो हो ,... "
मैंने उनके गाल पर एक चुम्मी ले ली ,... और बात जोड़ी ,...
" मैंने नाइंथ में पढ़ ली थी , ...कर्टसी तुम्हारी सलहज , और मेरी सहेलियों के ,... "
अब उनके चौंकने की बारी थी , ...
' तुम्हे बुरा नहीं लगा ,... '
" क्यों लगेगा "
मैं सवाल का जवाब सवाल से करने की ट्रिक कब की सीख गयी थी ,...
" चलो पढ़ कर दिखाओ , नहीं बोल कर पढ़ना ,... देखें तुझे पढ़ना लिखना आता भी है की नहीं ,... "
मैंने फिर उनकी खिंचाई की।
दूसरी लाइन में ही वो अटक गए , जहाँ ' वो ' वाले शब्द आये ,..
" तू भी न ,... गनीमत मानो मैं हूँ , तेरी सलहज नहीं है , मैं जब नौवें में थी ,...
इतना देर अटकती तो तुम्हारी सलहज एक हाथ कस के पिछवाड़े ,... "
मैं भी सीख गयी थी उनकी देह में आग कैसे लगाई जाती है ,
उनका एक हाथ खींच कर के मैंने न सिर्फ अपने जोबन पर रखा , बल्कि हलके से दबा भी दिया , ...
और फिर एक चुम्मी
" पढ़ो न यार , रुक काहें गए ,... "
मैं हलके से बोली , और पहली बार मेरे सामने धीमे से वो बोले ,...
' उसने हचक के पेल दिया , "
मैंने ज्यादा जिद नहीं की , वो पढ़ते रहे , किताब एक मेरे हाथ ने पकड़ी थी एक उनके हाथ।
उनका एक हाथ जो मैंने खीँच के अपने जोबन पर रखा था , अब खुल के दबा मसल रहा था , और मेरा बचा हुआ हाथ
और कहाँ ,... उनके सोते जागते मूसलचंद पर ,... पहले हलके हलके मैं सहला रही थी , फिर ,
किताब में आया ,
उसका लंड खूब मोटा तन्नाया ,..
वो एक पल हिचके लेकिन जब बोले तो साथ साथ मैं भी बोल रही थी ,...
और साथ साथ मैंने कस के अबकी मूसलचंद को कस के अपनी कोमल मुट्ठी में पकड़ लगी दबाने ,
एक झटके में मैंने चमड़ा खींचा तो उनका मोटा सुपाड़ा बाहर , और मेरा अंगूठा , उसपर ,... हलके हलके ,...
मेरी अब उससे पक्की दोस्ती हो गयी थी , निचले होंठों के बीच ,
ऊपर के होंठों के बीच हर जगह तो उसका स्वाद ले चुकी थी ,...
और उन्होंने अबकी जोर से बोला ,
उसका लंड ,..
फिर तो खुल कर ,...
कुछ ही देर में पहले किताब , फिर रजाई फर्श पर ,... और मुड़ कर उन्होंने मुझे दबोच लिया और बोले ,
कोमल यार , मन कर रहा है ,..
बहुत देर तक हम दोनों एक दूसरे को पकडे दबोचे रहे।
लाज की तरह रजाई भी लौटी , लेकिन अब जैसे लाज का राज धीरे धीरे कम होता जा रहा था , रजाई भी ,...
उन्होंने मुझे मेरे उरोजों को ढकने नहीं दिया , मैंने बस एक दो बार हलकी सी कोशिश की ,... फिर हार मान ली।
कुछ देर तक देह ही बातें करती रही , उनका स्पर्श , छुअन ,... छोड़ने का मन नहीं करता था।
और फिर बातें भी शुरू हो गयी , बातें भी उन्होंने शुरू की ,
पहले तो मैं सिर्फ सुनती थी , फिर हूँ हाँ ,...
और जब मुझे लग गया जेठानी की सीख एकदम सही है , ये लड़का कुछ ज्यादा ही लजीला , शर्मीला ,... जरुरत से ज्यादा ही केयरिंग ,
इसलिए मैं भी अब थोड़ा ही सही बोलने लगी थी , ...
और वो बात भी क्या करते थे , घूम फिर कर उनकी सब बातों का एक ही सब्जेक्ट ,
और कौन ,... मैं ,...
और बहुत हुआ तो मेरी मम्मी , बहनें दोनों , भौजी ,... सब की सब अब उनकी चमची , दलबदलू ,...
लेकिन आज मेरे पास एक बात थी , उन्हें चौंकाने के लिए , ... गद्दे के नीचे से मैंने वो मस्तराम वाली किताब ,...
उनकी ओर घूर के , कुछ डराते , कुछ चिढ़ाते मैंने पूछा।
" हे तुम ये सब किताबें पढ़ते थे ,... "
और वो सच में घबड़ा गए , मुझे लगा कुछ ज्यादा हो गया ,
मैंने उनके गाल सहलाते , भांग की पकौड़ी वाली किताब खोलते पूछा ,
" अच्छा सच में ये बताओ ,... सब से पहले कब पढ़ी किस क्लास में ,... बोल न "
" टेंथ में ,... "
बहुत हलके से वो बोले ,...
" तुम न यार सच में स्लो हो ,... "
मैंने उनके गाल पर एक चुम्मी ले ली ,... और बात जोड़ी ,...
" मैंने नाइंथ में पढ़ ली थी , ...कर्टसी तुम्हारी सलहज , और मेरी सहेलियों के ,... "
अब उनके चौंकने की बारी थी , ...
' तुम्हे बुरा नहीं लगा ,... '
" क्यों लगेगा "
मैं सवाल का जवाब सवाल से करने की ट्रिक कब की सीख गयी थी ,...
" चलो पढ़ कर दिखाओ , नहीं बोल कर पढ़ना ,... देखें तुझे पढ़ना लिखना आता भी है की नहीं ,... "
मैंने फिर उनकी खिंचाई की।
दूसरी लाइन में ही वो अटक गए , जहाँ ' वो ' वाले शब्द आये ,..
" तू भी न ,... गनीमत मानो मैं हूँ , तेरी सलहज नहीं है , मैं जब नौवें में थी ,...
इतना देर अटकती तो तुम्हारी सलहज एक हाथ कस के पिछवाड़े ,... "
मैं भी सीख गयी थी उनकी देह में आग कैसे लगाई जाती है ,
उनका एक हाथ खींच कर के मैंने न सिर्फ अपने जोबन पर रखा , बल्कि हलके से दबा भी दिया , ...
और फिर एक चुम्मी
" पढ़ो न यार , रुक काहें गए ,... "
मैं हलके से बोली , और पहली बार मेरे सामने धीमे से वो बोले ,...
' उसने हचक के पेल दिया , "
मैंने ज्यादा जिद नहीं की , वो पढ़ते रहे , किताब एक मेरे हाथ ने पकड़ी थी एक उनके हाथ।
उनका एक हाथ जो मैंने खीँच के अपने जोबन पर रखा था , अब खुल के दबा मसल रहा था , और मेरा बचा हुआ हाथ
और कहाँ ,... उनके सोते जागते मूसलचंद पर ,... पहले हलके हलके मैं सहला रही थी , फिर ,
किताब में आया ,
उसका लंड खूब मोटा तन्नाया ,..
वो एक पल हिचके लेकिन जब बोले तो साथ साथ मैं भी बोल रही थी ,...
और साथ साथ मैंने कस के अबकी मूसलचंद को कस के अपनी कोमल मुट्ठी में पकड़ लगी दबाने ,
एक झटके में मैंने चमड़ा खींचा तो उनका मोटा सुपाड़ा बाहर , और मेरा अंगूठा , उसपर ,... हलके हलके ,...
मेरी अब उससे पक्की दोस्ती हो गयी थी , निचले होंठों के बीच ,
ऊपर के होंठों के बीच हर जगह तो उसका स्वाद ले चुकी थी ,...
और उन्होंने अबकी जोर से बोला ,
उसका लंड ,..
फिर तो खुल कर ,...
कुछ ही देर में पहले किताब , फिर रजाई फर्श पर ,... और मुड़ कर उन्होंने मुझे दबोच लिया और बोले ,
कोमल यार , मन कर रहा है ,..