30-12-2018, 11:13 AM
होटल के आलीशान कमरे में दिल्ली के बहुत बड़े कारोबारी शर्मा जी अपनी धरम पत्नी के साथ बैठे थे,
उन के सामने दिल्ली के ही मशहूर डॉक्टर साहब अपनी पत्नी के साथ बैठे थे ,
और एक तीसरा जोड़ा बैठा था दिल्ली का एक बहुत बड़ा मादरचोद एक लोहा लंगड़ बीनने बाला चूचे कबाड़ी और उस के पास बैठी थी बहुत बड़ी समाजसेबिका मोना जी जो असल में 200 रूपर में सरकारी पिशाब घरो में चुदने वाली रंडी थी और नालियां साफ़ करने वाली भंगिन थी,
सभी लोग नंगे बैठे थे और सब के हाथो में शराब से भरे जाम थे टेबल पर तरह तरह के खाने की चीजे रखी हुए थी,
सभी लोगो के चेहरे वासना की आग और शराब के नशे में तप रहे थे,
चलो भाई पीना खाना हो गया अब मस्ती शुरू की जाये,शर्मा जी नशे में लड़खड़ाती आबाज में बोले,
हां हां शुरू करो चलो सब बेड पर ,डॉक्टर साहब लण्ड मरोड़ कर बोले,
डॉक्टर साहब का लण्ड तो कब से फाड् फाड़ा रहा था,
सब लोग बेड पर पहुंच गए,
चूचे ने डॉक्टर साहब की पत्नी के मांसल बदन को अपनी बाहों में भर लिया और अपने कबाड़ी होठो को डॉक्टर साहब की पत्नी मीना के गुलाबी लबो पर रख दिया,
मीना ने भी अपने लबो को खोल कर चूचे के होठो को चूम लिया,
डॉक्टर साहब ने शर्मा जी की पत्नी नूरी के दूधो को अपने मुँह में भर कर पीना शुरू कर दिया,
शर्मा जी भी मोना भंगिन की 200 रूपए में चुदने बाली चूत में मुँह घुसा के उस में से बहते भिखारियों मजदूरों के लण्ड के माल को चाटने लगे,
चूचे मीना के लबो को पीता अपने हाथो से उस की छातियों को मसलता जा रहा था,
मीना चूचे के जवान हाथो को अपनी छाती पर महसूस कर उस के होठो को अपने लबो में दवा कर चूसने लगी,
शराब के नशे में वासना का नशा घुलने लगा,सभी लोग मस्ती की खुमारी में डूबे एक दूसरे की पत्नियों के साथ वासना के मज़े लिए जा रहे थे ,कमरे में कामुक सिसकारियां गूंज रही थी,
डॉक्टर साहब में अपना लण्ड नूरी के मुँह में पेल दिया और उस की चूचियों को बेदर्दी से मसलने लगे,
नूरी भी अपना पूरा मुँह खोल कर डॉक्टर साहब की लण्ड को मज़े से चूसने लगी,
शर्मा जी और मोना 69 हो गए थे मोना शर्मा जी की लण्ड को बड़े प्यार से चूस रही थी और शर्मा जी भी मोना की रसीली चूत को पीते जा रहा थे,
चूचे मीना की छाती पर बैठ गया और अपना लण्ड मीना के लबो पर रख दिया मीना ने अपना मुँह खोल कर लण्ड का सूपड़ा अपने मुँह में भर लिया, मीना की खुरदुरी जीव लण्ड के सुपडे को चाटने लगी, पिशाब के छेद को कुरेदने लगी ,चूचे अपनी गांड को मीना की मदमस्त चूचियों पर रगड़ने लगा और अपने लण्ड को मीना के खूबसूरत मुँह में ठेलने लगा ,
मोना ने शर्मा जी को घोडा बना दिया और अपने मुँह को उन की बालो भरे गांड के छेद पर रख दिया और हाथ से उन का लण्ड पकड़ कर गांड का छेद चाटने लगी ,शर्मा जी अपनी गांड पर मोना की नुकीली जीव और जलती सांसो को महसूस कर सिसकार पड़े,मोना उन की गांड के छेद को अपने मुँह में भर जीव को अंदर ठेलने लगी और अपने हाथ से उन का लण्ड आगे पीछे करने लगी,
डॉक्टर साहब नूरी की चूत को खोल कर अपनी जीव फेर फेर कर चूत से निकलता पानी चाटने लगे ,
नूरी भी मस्ती में अपनी चूचिया मसल मसल कर चूत में से मस्ती का पानी छोड़ने लगी,
चूचे घूम कर मीना के मुँह पर बैठ गया और अपनी गांड को मीना के मुँह पर रख दिया मीना भी गांड से निकलती तीखी गंध को सूघ कर बेसुध हो गई और उसने अपने मुँह को खोल कर चूचे की गांड को अपने मुँह में भर लिया, चूचे की गांड के बड़े बड़े बाल भी उस के मुँह में भर गए मीना जोर जोर से गांड चूसने लगी,
और चूचे अपनी गांड को मीना के मुँह में दवा के उस के निपालो को मसलने लगा,
तीनो जोड़े काम की आग में जलते एक दूसरे को भोगे जा रहे थे उन के जलते जिस्मो से निकलती आग और गरम सांसो से कमरे का माहौल गर्म हो गया था, उन को देख कर लग रहा था मनो कमरे में कोई ग्रुप सेक्स की प्रोन मूवी की सूटिंग चल रही हो,
डॉक्टर साहब नूरी पर चढ़ गए थे और उन का लण्ड नूरी की चूत की गहराइयों में चला गया था वो नूरी की बोबों को दबा दबा कर उस की चूत में लण्ड पेले जा रहे थे,
शर्मा जी भी मोना पर चढ़ कर उस के लबो को पीते पीते मोना भंगिन की रंडी चूत को चोदे जा रहे थे ,
मोना अपनी जाँघे खोले शर्मा जी के लण्ड को अपनी चूत में झेले जा रही थी ,
वो अपनी जीव को शर्मा जी की मुँह में डाल कर उन की जीव से टकरा रही थी ,
चूचे ने मीना को कुतिया बना दिया था और अपने लण्ड को उस की कमसिन गांड में डाल दिया वो मीना की चूचियों को निचोड़ निचोड़ कर उस की गांड मरने लगा,मीना मस्ती में सिसकारती अपनी गांड को चूचे के लण्ड पर दबाने लगी चूचे भी जोर जोर से मीना की गांड में लण्ड पेले जा रहा था ,
एक करोड़पति कारोबारी एक फेमस डॉक्टर अपनी अपनी खानदानी शरीफ बीबियो के साथ एक दो कोड़ी के कबाड़ी और भिखमंगो मजदूरो से घूरे पर चुदने बाली रंडी को सरीफ इज्जतदार इंजीनयर कपल समझ कर कपल स्वपिंग कर रहे थे ,
वासना की आग ने शर्मा जी के 45 साल के अनुभब और चतुराई पर पानी फेर दिया था,
वासना की आग में जल कर वो जीवन मूल्यों को अपनी और पत्नी की गरिमा को, पवित्र अग्नि को साक्षी मान कर लिए अपनी शादी के सात बचनों को,पुरखो के सदियों पुराने नाम को,अपने परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा को,धर्म के आदर्श बिचारो को,समाज की मान्यताओं को सब को भुला बैठे थे ,
वासना का भ्रमजाल अच्छे भले इंसान को भृमित कर देता हे 200 रूपए में हासिल हो जाने बाली औरत के लिए 200 करोड़ से भी ज्यादा की गुडबिल दाओ पर लगाई जा रही थी,
परिबार की अच्छी भली संस्कारी औरतो को बेस्या बनाया जा रहा था,
धरम गुरुओ के गले चिल्ला चिल्ला कर बैठ गए किताबे आँसू बहाने लगी,
हजारो सालो से यह सब मिलकर यही तो समझा रहे हे,खुद पर सयम रखो सयम रखना सीखो,
किसी बस्तु की अति मत करो संतुलित एबं शांत जीबन जियो,
पराई इस्त्री को गलत नजर से देखना हर धरम जाती एबं समाज में निषेध हे,
हमेसा जब भी कोई नया नशा नई बुराई उत्पन्न होती हे समाज का 2 % उच्च वर्ग उस को अपनाता हे,
और कुछ ही समय में वो नशा बो बुराई समाज के सबसे बड़े तबके जिन की संख्या 80 % हे मध्यम वर्ग तक पहुंच कर पूरे समाज को अपनी गिरफ्त में लेलेती है,
डॉक्टर साहब पूरा दम लगा के नूरी की चूत में लण्ड पेले जा रहे थे, उन का लण्ड नूरी की चूत की रगड़ से जला जा रहा था, वो नूरी की उरोजों को मसल मसल कर अपने लण्ड की टोकरे उस की बच्चेदानी पर मरे जा रहे थे ,
उन की अंदर भरा काम का लाबा उफनने लगा उन की झटको की रफ़्तार बाद गई, वो नूरी पर गिर पड़े उन्होंने जोर से नूरी को जकड़ लिया और उन की लण्ड से गरम माल की पिचकारियां नूरी की जलती चूत में छूट पड़ी,
नूरी भी लण्ड के माल की गर्मी से जल गई और उस की चूत फट पड़ी उस से काम रास बह पड़ा,
दोनों ने अपनी बहो में एक दूसरे को कस लिया और एक दूसरे के जननांगो पर काम रस छोड़ने लगे,
शर्मा जी मोना को अपने बदन से दबाये उस की चूत में झटके मार मार कर अपना लण्ड पेले जा रहे थे,
मोना भी उन के चूतड़ों को मसल रही थी, उस की पूरी जीव मुँह से बहार निकली थी जैसे शर्मा जी मुँह में दवा कर उस की चूत मरे जा रहे थे,दोनों लोग जोरदार तरीके से चुदाई कर रहे थे,शर्मा जी मोना की रंडी चूत में लण्ड पेल कर मस्ती भरी सिसकारियां ले रहे थे ,उस की अंदर माधोसी छाती जा रही थी,
अपनी पत्नी को गैर मर्द से चुदते देख उन को बहुत मज़ा आ रहा था, डॉक्टर साहब को अपनी धरम पत्नी की चूत में माल छोड़ते देख उन का लण्ड फूल गया, वो जोर जोर से मोना भंगिन की चूत में लण्ड पेलने लगे अपनी पत्नी की बच्चेदानी में गैर मर्द की लण्ड की माल की कलपना कर ते ही वो चीख पड़े और मोना की चूचियों को दबोच कर अपने लण्ड का वीर्य मोना की चूत में छोड़ने लगे, वो मोना की चूत में पूरा लण्ड डाल कर उस की चूत को अपने खानदानी वीर्य से भरने लगे ,
मोना भी उन की वीर्य की गर्मी पके पिघल गई और चूतड़ उछाल उछाल कर अपनी चूत से चूत रस छोड़ने लगी दोनों आखे बंद किये मस्ती में डूबे एक दूसरे में समां गए ,
अपने पति को अपने बगल में दूसरी औरत की साथ सम्भोग करता देख कर मीना की अंदर वासना का तूफान उमड़ रहा था, चूचे का तगड़ा जबान लण्ड उस की गांड की गहराइयों में जाके उस का मज़ा डबल कर रहा था,
वो अपने हाथ से अपनी चूत मसल रही थी, उस की चूत से काम रस बहे जा रहा था, वो अपने पति को दूसरी औरत की चूत में लण्ड का माल छोड़ते देख बाबरी हो रही थी, की तभी उस की गांड में हलचल मच गई चूचे की लण्ड ने बरसती लण्ड के माल की गरम फुहारों ने उसे चीखने पर मजबूर कर दिया, उस की अंदर काम की शोले भड़क उठे और उस की चूत से पानी छूट पड़ा वो सिसकारियां ले कर अपनी हथेली पर चूत का माल निकलने लगी ,
चूचे मीना की चूतड़ पकड़ कर अपने लण्ड को पूरा उस की गांड में पेल कर माल छोड़ने लगा,
सभी लोग बेड पर लेते गहरी गहरी सांसे लेने लगे,
टक टक दरवाजा खोलो
दरबाजा बजने से सब लोग चौक गए
जल्दी से दरबाजा खोलो नहीं तो हम डुप्लीकेट चाबी से दरबाजा खोल देंगे
एक कड़क अबाज सुन कर सभी लोग एक दूसरे को देखने लगे ,सब मर्द लोग जल्दी जल्दी कपडे पहनने लगे ,और तीनो औरते अपने कपडे लेकर जल्दी से बाथरूम को भागी,
कौन हे शर्मा जी ने भी कड़क अबाज में पूछा
सिक्युरिटी
कमरे में मानो बम्ब फट पड़ा सभी लोग एक दूसरे को देखने लगे,किसी की कुछ समझ नहीं आया के क्या करे,
बाथरूम में छुपी औरतो की आखो के आगे अंधेरा छा गया,
उन को रोज में टीवी पर चलने बाली खबरे याद आ गई हत्कड़ियो में बधे मुँह को रुमाल से छुपाये चली जा रही रंडियो और चारो तरफ फोटो खींचते मिडिया और हजारो लोग,
उन का जिस्म कपने लगा पसीना बहने लगा,
नूरी को अपनी बहुये और नानी पोते याद आने लगे ,पोते कैसे कहेगे देखो देखो टीवी पर दादी माँ दिख रही हे,
दिन भर माँ जी माँ जी कह कर पैर पड़ती बहुये क्या सोचेगी,
मीना की गांड फट रही थी, हमेसा सर उठा कर चलने वाली डॉक्टर साहब की पत्नी एक रंडी की तरह सिक्युरिटी की गाड़ी में बैठी चली जा रही हे,जबान होते बेटा बेटी से कैसे नजरे मिलायेगी,जो नौकर दिन भर उस की सामने सर झुकाये खड़े रहते हे वो क्या सोचेगे,
मोना रंडी को पिछली बार की मार याद आ गई उस काली चुड़ैल जैसी सिक्युरिटीवाली ने उस की गांड में डंडा घुसके कहा था की अभी तो जरा सा डंडा गांड में घुसाया हे अगर फिर कभी धंधा करते पकड़ी गई तो पूरा डंडा गांड में गुसा दूगी,
तुम दरबाजा खोल रहे हो की हम खोले,फिर से सिक्युरिटी बाले की कड़क आवाज कमरे में गूंज उठी,
तीनो ने एक दूसरे को देखा और आखो है आखो में बात हुए डॉक्टर साहब और चूचे सोफे पर जाके बैठ गए ,शर्मा जी बोले,
रुको खोल रहा हु ना,
शर्मा जी ने दरवाजा खोला,
सामने इलाके का थानेदार हाकिम सिंह खड़ा था उस की साथ हबलदार तूफान सिंह था,
थानेदार हाकिम सिंह बहुत ही ईमानदार और रहम दिल सिक्युरिटी वाला था,
किसी ने खबर की थी की होटल में जिस्म फरोसी होती हे इस लिए होटल पर सिक्युरिटी का छापा पड़ा था,
थानेदार हाकिम सिंह और हबलदार तूफान सिंह कमरे में आ गए,
चलो सब अपने अपने आधार कार्ड निकालो,
तीनो ने अपने आधार कार्ड दे दिए,
शर्मा जी आप तो शायद वो शर्मा जी हो जेन की बहुत सरे गोल्ड के शोरूम हे,
जी सर में बही शर्मा हु,
और डॉक्टर साहब आप तो बहुत फेमस डॉक्टर हो आप को भी में जनता हु,
अबे तू कौन हे चुन्नी लाल उर्फ़ चूचे,
चूचे सकपका गया,
में इंजीनयर हु
फाटक फटाक
हबलदार तूफान सिंह ने दो लाते चूचे की गांड पर मारी और चूचे अपनी गांड पकडे चिल्ला उठा,
मादरचोद चूचे कबाड़ी साले दिन भर नालियों से घूरो से टुटा फूटा लोहा रद्दी खाली बोलते बीनने बाला कबाड़ी तू कब से इंजिनियर बन गया,साले भूल गया पिछले महीने जब जुआ खेलते पकड़ा था तो कैसे रो रहा था,
हबलदार तूफान सिंह की बात सुन कर चूचे की गांड तो फट ही गई थी लेकिन उन की भी ज्यादा शर्मा जी और डॉक्टर साहब की गांड फट गई थी ,वो आँखे फाडे चूचे कबाड़ी को देखे जा रहे थे,
और हबलदार तूफान सिंह की बात सुन मीना और नूरी की ऊपर घडो पानी गिर गया था वो मुँह खोले एक दूसरे को देखे जा रही थी,उन्हें अपने जिस्मो से घिन आने लगी थी बेचारी सीधी सादी भारतीय नारी स्वैपिंग करने चली थी बेचारी इंजिनियर की चक्कर में कबाड़ी से गांड मारा बैठी थी,
वो जलती आखो से मोना को घूरने लगी,मोना बेचारी सुकड़ कर सर झुका कर कोने में बैठ गई,
अरे सर यह देखो
सब लोग हबलदार तूफान सिंह की तरफ देकने लगे,
हबलदार तूफान सिंह की हाथ में दो ब्रा और एक पेंटी थी ,
ब्रा पेंटी देख कर शर्मा जी और डॉक्टर साहब की फटी गांड चार इंच और फट गई वो समझ गए औरते जल्दबाजी में अपनी ब्रा पेंटी उठाना भूल गई, अब बात फसेगी,
भाई शर्मा जी तो आप लोग भी यहां रंडी चोद रहे थे,
आप लोग समाज के आधार िस्तम्भ हो,
आप लोग भी यह करोगे तो आम आदमी तो आप को देख कर और ज्यादा बिगड़ेगा,
अरे थानेदार साहब आप जरा यहां कोने में आओ यहां बात करते हे,
क्या बात करते हे शर्मा जी में कोने में बात करने बाला सिक्युरिटी बाला नहीं हु,में कानून का सेबक हु दलाल नहीं समझे, तुम ने अपनी अंतर आत्मा बेचदी होगी, लेकिन मेरी अंतर आत्मा अभी जिन्दा हे,इस लिए चुपचाप थाने चलो बाकि बातें बही होगी मीडिया के सामने,
थानेदार हाकिम सिंह की बात सुन कर शर्मा जी और डॉक्टर सहाब थर थर कापने लगे उन की बदन से पसीना बहने लगा उन की आखो में आँसू आ गए,
डॉक्टर साहब ने थानेदार हाकिम सिंह की पैर पकड़ लिए,
सर हम किसी रंडी की साथ मस्ती नहीं कर रहे थे हम लोग तो अपनी पत्नियों के साथ पार्टी कर रहे थे,
पत्नियों की साथ पार्टी कर रहे थे ?डॉक्टर साहब मज़ाक मत करो में तुम को बच्चा नजर आता हु, में थानेदार हाकिम सिंह हु, ज्यादा मुँह चोदे की तो गांड में डंडा डाल के सारी डॉक्टर्री निकल दुगा,
नहीं सर डॉक्टर साहब सच कह रहे हे आप खुद चेक कर लो ,मीना नूरी बहार आ जाओ शर्मा जी की बात सुन कर तीनो औरते बहार आ गई,
थानेदार हाकिम सिंह उन के आधार कार्ड चेक करने लगा,
अरे हा यह तो सच में आप लोगो की पत्निया हे,
मुझे माफ़ करे शर्मा जी मुझ से गलती हो गई,बेचारा सीधा साधा थानेदार हाकिम सिंह शर्मिदा होने लगा,
अरे सर यह तो और भी बड़ा गड़बड़ घोटाला लगता हे,
सब लोग हबलदार तूफान सिंह की तरफ देखने लगे,
सर इस को जानते हो आप ?
यह साली मोना भंगिन सरकारी पेशाब घरो में भिकमंगो से 200 रूपए में चुदने वाली रंडी हे,
यह रंडी और चूचे कबाड़ी की पुरानी आशिकी है यह दोनों इन की साथ क्या कर रहे हे,
हबलदार तूफान सिंह की बात सुन कर शर्मा जी के कान फट गए,
उन की आखो के सामने मोना के साथ की गई सारी मुलाकातों की पिक्चर चलने लगी,वो बेचारे बहुत ही ज्यादा
शर्मिंदा हो गए वो फूट फूट कर रोने लगे,
नूरी की आखो से भी आसुओ की बारिस होने लगी,
बेचारे डॉक्टर साहब और उन की पत्नी मीना भी आँसू बहाने लगे,
चूचे और मोना भी शर्म से आखे झुकाये खड़े थे,
थानेदार हाकिम सिंह और हबलदार तूफान सिंह एक दूसरे को देख रहे थे इन इज्जतदार लोगो का रोना उन की समझ में नहीं आ रहा था,उन की दिल पिघलने लगे,थानेदार हाकिम सिंह बोला
अरे आप लोग रोना बंद करो में आप लोगो को छोड दुगा में नहीं चाहता की आप जैसे समाज के आधार ेस्तम्भों को गलत काम करता देख कर आम लोग भी इस गलत रस्ते पर चल पड़े,
लेकिन पहले आप मुझे सारी बात बताओ की यह सब हो क्या रहा था और आप को कसम खानी होगी की आप लोग दुबारा ऐसा गलत काम नहीं करोगे,
थानेदार हाकिम सिंह की बात सुनकर शर्मा जी शुरू से सारी कहानी सुनाने लगे,
वो सुना रहे थे वाइफ स्वैपिंग की काली दुनिया की काली कहानी, पति पत्नी के पवित्र रिश्ते को वासना की आग में जलाने की कहानी,सदियों पुरानी सामाजिक परम्पराओ को मार कर उन की अर्थी उठाने की कहानी,
हमारी सारी दुनिया से निराली भारतीय सभ्यता के नैतिक मूल्यों को वासना के पैरों से कुचलने की कहानी
हबलदार तूफान सिंह जीप चला रहा था और थानेदार हाकिम सिंह बगल में बैठा था,
भाई तूफान सिंह तूने कभी किया हे वाइफ स्वैप,
हा हा हा हा आप भी साहेब बहुत मज़ाक करते हो हम ठहरे गरीब आदमी यह तो बड़े लोगो का काम हे,
हा हा हा हा आज तक हजारो लोग देखे जो अपनी पत्नी को किसी और की साथ चुदता देखते है तो उन का मर्डर कर देते हे,लेकिन यह लोग तो अपनी लुगाइयों को खुद चुदवा रहे हे,
भाई तूफान सिंह आज तू पूछना अपनी लुगाई से की वो यह खेल खेलना चाहेगी,
साहेब आप की क्या दुश्मनी हे मेरे से,जरा जरा बात पर तो बेलन मरने लगती हे अगर मेने उस से यह पूछा तो वो मुझ को जिन्दा नहीं छोड़ेगी,में बोला ना साहेब बड़े लोग बड़ी बातें,
हम गरीब तो इस दुनिया में बस अपने बच्चो के पेट भर ले हमारे लिए तो यही काफी हे.
हा हा हा हा क्या मस्त खेल हे भाई "मेरी लुगाई तेरी लुगाई तेरी लुगाई मेरी लुगाई" हा हा हा हा
उन के सामने दिल्ली के ही मशहूर डॉक्टर साहब अपनी पत्नी के साथ बैठे थे ,
और एक तीसरा जोड़ा बैठा था दिल्ली का एक बहुत बड़ा मादरचोद एक लोहा लंगड़ बीनने बाला चूचे कबाड़ी और उस के पास बैठी थी बहुत बड़ी समाजसेबिका मोना जी जो असल में 200 रूपर में सरकारी पिशाब घरो में चुदने वाली रंडी थी और नालियां साफ़ करने वाली भंगिन थी,
सभी लोग नंगे बैठे थे और सब के हाथो में शराब से भरे जाम थे टेबल पर तरह तरह के खाने की चीजे रखी हुए थी,
सभी लोगो के चेहरे वासना की आग और शराब के नशे में तप रहे थे,
चलो भाई पीना खाना हो गया अब मस्ती शुरू की जाये,शर्मा जी नशे में लड़खड़ाती आबाज में बोले,
हां हां शुरू करो चलो सब बेड पर ,डॉक्टर साहब लण्ड मरोड़ कर बोले,
डॉक्टर साहब का लण्ड तो कब से फाड् फाड़ा रहा था,
सब लोग बेड पर पहुंच गए,
चूचे ने डॉक्टर साहब की पत्नी के मांसल बदन को अपनी बाहों में भर लिया और अपने कबाड़ी होठो को डॉक्टर साहब की पत्नी मीना के गुलाबी लबो पर रख दिया,
मीना ने भी अपने लबो को खोल कर चूचे के होठो को चूम लिया,
डॉक्टर साहब ने शर्मा जी की पत्नी नूरी के दूधो को अपने मुँह में भर कर पीना शुरू कर दिया,
शर्मा जी भी मोना भंगिन की 200 रूपए में चुदने बाली चूत में मुँह घुसा के उस में से बहते भिखारियों मजदूरों के लण्ड के माल को चाटने लगे,
चूचे मीना के लबो को पीता अपने हाथो से उस की छातियों को मसलता जा रहा था,
मीना चूचे के जवान हाथो को अपनी छाती पर महसूस कर उस के होठो को अपने लबो में दवा कर चूसने लगी,
शराब के नशे में वासना का नशा घुलने लगा,सभी लोग मस्ती की खुमारी में डूबे एक दूसरे की पत्नियों के साथ वासना के मज़े लिए जा रहे थे ,कमरे में कामुक सिसकारियां गूंज रही थी,
डॉक्टर साहब में अपना लण्ड नूरी के मुँह में पेल दिया और उस की चूचियों को बेदर्दी से मसलने लगे,
नूरी भी अपना पूरा मुँह खोल कर डॉक्टर साहब की लण्ड को मज़े से चूसने लगी,
शर्मा जी और मोना 69 हो गए थे मोना शर्मा जी की लण्ड को बड़े प्यार से चूस रही थी और शर्मा जी भी मोना की रसीली चूत को पीते जा रहा थे,
चूचे मीना की छाती पर बैठ गया और अपना लण्ड मीना के लबो पर रख दिया मीना ने अपना मुँह खोल कर लण्ड का सूपड़ा अपने मुँह में भर लिया, मीना की खुरदुरी जीव लण्ड के सुपडे को चाटने लगी, पिशाब के छेद को कुरेदने लगी ,चूचे अपनी गांड को मीना की मदमस्त चूचियों पर रगड़ने लगा और अपने लण्ड को मीना के खूबसूरत मुँह में ठेलने लगा ,
मोना ने शर्मा जी को घोडा बना दिया और अपने मुँह को उन की बालो भरे गांड के छेद पर रख दिया और हाथ से उन का लण्ड पकड़ कर गांड का छेद चाटने लगी ,शर्मा जी अपनी गांड पर मोना की नुकीली जीव और जलती सांसो को महसूस कर सिसकार पड़े,मोना उन की गांड के छेद को अपने मुँह में भर जीव को अंदर ठेलने लगी और अपने हाथ से उन का लण्ड आगे पीछे करने लगी,
डॉक्टर साहब नूरी की चूत को खोल कर अपनी जीव फेर फेर कर चूत से निकलता पानी चाटने लगे ,
नूरी भी मस्ती में अपनी चूचिया मसल मसल कर चूत में से मस्ती का पानी छोड़ने लगी,
चूचे घूम कर मीना के मुँह पर बैठ गया और अपनी गांड को मीना के मुँह पर रख दिया मीना भी गांड से निकलती तीखी गंध को सूघ कर बेसुध हो गई और उसने अपने मुँह को खोल कर चूचे की गांड को अपने मुँह में भर लिया, चूचे की गांड के बड़े बड़े बाल भी उस के मुँह में भर गए मीना जोर जोर से गांड चूसने लगी,
और चूचे अपनी गांड को मीना के मुँह में दवा के उस के निपालो को मसलने लगा,
तीनो जोड़े काम की आग में जलते एक दूसरे को भोगे जा रहे थे उन के जलते जिस्मो से निकलती आग और गरम सांसो से कमरे का माहौल गर्म हो गया था, उन को देख कर लग रहा था मनो कमरे में कोई ग्रुप सेक्स की प्रोन मूवी की सूटिंग चल रही हो,
डॉक्टर साहब नूरी पर चढ़ गए थे और उन का लण्ड नूरी की चूत की गहराइयों में चला गया था वो नूरी की बोबों को दबा दबा कर उस की चूत में लण्ड पेले जा रहे थे,
शर्मा जी भी मोना पर चढ़ कर उस के लबो को पीते पीते मोना भंगिन की रंडी चूत को चोदे जा रहे थे ,
मोना अपनी जाँघे खोले शर्मा जी के लण्ड को अपनी चूत में झेले जा रही थी ,
वो अपनी जीव को शर्मा जी की मुँह में डाल कर उन की जीव से टकरा रही थी ,
चूचे ने मीना को कुतिया बना दिया था और अपने लण्ड को उस की कमसिन गांड में डाल दिया वो मीना की चूचियों को निचोड़ निचोड़ कर उस की गांड मरने लगा,मीना मस्ती में सिसकारती अपनी गांड को चूचे के लण्ड पर दबाने लगी चूचे भी जोर जोर से मीना की गांड में लण्ड पेले जा रहा था ,
एक करोड़पति कारोबारी एक फेमस डॉक्टर अपनी अपनी खानदानी शरीफ बीबियो के साथ एक दो कोड़ी के कबाड़ी और भिखमंगो मजदूरो से घूरे पर चुदने बाली रंडी को सरीफ इज्जतदार इंजीनयर कपल समझ कर कपल स्वपिंग कर रहे थे ,
वासना की आग ने शर्मा जी के 45 साल के अनुभब और चतुराई पर पानी फेर दिया था,
वासना की आग में जल कर वो जीवन मूल्यों को अपनी और पत्नी की गरिमा को, पवित्र अग्नि को साक्षी मान कर लिए अपनी शादी के सात बचनों को,पुरखो के सदियों पुराने नाम को,अपने परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा को,धर्म के आदर्श बिचारो को,समाज की मान्यताओं को सब को भुला बैठे थे ,
वासना का भ्रमजाल अच्छे भले इंसान को भृमित कर देता हे 200 रूपए में हासिल हो जाने बाली औरत के लिए 200 करोड़ से भी ज्यादा की गुडबिल दाओ पर लगाई जा रही थी,
परिबार की अच्छी भली संस्कारी औरतो को बेस्या बनाया जा रहा था,
धरम गुरुओ के गले चिल्ला चिल्ला कर बैठ गए किताबे आँसू बहाने लगी,
हजारो सालो से यह सब मिलकर यही तो समझा रहे हे,खुद पर सयम रखो सयम रखना सीखो,
किसी बस्तु की अति मत करो संतुलित एबं शांत जीबन जियो,
पराई इस्त्री को गलत नजर से देखना हर धरम जाती एबं समाज में निषेध हे,
हमेसा जब भी कोई नया नशा नई बुराई उत्पन्न होती हे समाज का 2 % उच्च वर्ग उस को अपनाता हे,
और कुछ ही समय में वो नशा बो बुराई समाज के सबसे बड़े तबके जिन की संख्या 80 % हे मध्यम वर्ग तक पहुंच कर पूरे समाज को अपनी गिरफ्त में लेलेती है,
डॉक्टर साहब पूरा दम लगा के नूरी की चूत में लण्ड पेले जा रहे थे, उन का लण्ड नूरी की चूत की रगड़ से जला जा रहा था, वो नूरी की उरोजों को मसल मसल कर अपने लण्ड की टोकरे उस की बच्चेदानी पर मरे जा रहे थे ,
उन की अंदर भरा काम का लाबा उफनने लगा उन की झटको की रफ़्तार बाद गई, वो नूरी पर गिर पड़े उन्होंने जोर से नूरी को जकड़ लिया और उन की लण्ड से गरम माल की पिचकारियां नूरी की जलती चूत में छूट पड़ी,
नूरी भी लण्ड के माल की गर्मी से जल गई और उस की चूत फट पड़ी उस से काम रास बह पड़ा,
दोनों ने अपनी बहो में एक दूसरे को कस लिया और एक दूसरे के जननांगो पर काम रस छोड़ने लगे,
शर्मा जी मोना को अपने बदन से दबाये उस की चूत में झटके मार मार कर अपना लण्ड पेले जा रहे थे,
मोना भी उन के चूतड़ों को मसल रही थी, उस की पूरी जीव मुँह से बहार निकली थी जैसे शर्मा जी मुँह में दवा कर उस की चूत मरे जा रहे थे,दोनों लोग जोरदार तरीके से चुदाई कर रहे थे,शर्मा जी मोना की रंडी चूत में लण्ड पेल कर मस्ती भरी सिसकारियां ले रहे थे ,उस की अंदर माधोसी छाती जा रही थी,
अपनी पत्नी को गैर मर्द से चुदते देख उन को बहुत मज़ा आ रहा था, डॉक्टर साहब को अपनी धरम पत्नी की चूत में माल छोड़ते देख उन का लण्ड फूल गया, वो जोर जोर से मोना भंगिन की चूत में लण्ड पेलने लगे अपनी पत्नी की बच्चेदानी में गैर मर्द की लण्ड की माल की कलपना कर ते ही वो चीख पड़े और मोना की चूचियों को दबोच कर अपने लण्ड का वीर्य मोना की चूत में छोड़ने लगे, वो मोना की चूत में पूरा लण्ड डाल कर उस की चूत को अपने खानदानी वीर्य से भरने लगे ,
मोना भी उन की वीर्य की गर्मी पके पिघल गई और चूतड़ उछाल उछाल कर अपनी चूत से चूत रस छोड़ने लगी दोनों आखे बंद किये मस्ती में डूबे एक दूसरे में समां गए ,
अपने पति को अपने बगल में दूसरी औरत की साथ सम्भोग करता देख कर मीना की अंदर वासना का तूफान उमड़ रहा था, चूचे का तगड़ा जबान लण्ड उस की गांड की गहराइयों में जाके उस का मज़ा डबल कर रहा था,
वो अपने हाथ से अपनी चूत मसल रही थी, उस की चूत से काम रस बहे जा रहा था, वो अपने पति को दूसरी औरत की चूत में लण्ड का माल छोड़ते देख बाबरी हो रही थी, की तभी उस की गांड में हलचल मच गई चूचे की लण्ड ने बरसती लण्ड के माल की गरम फुहारों ने उसे चीखने पर मजबूर कर दिया, उस की अंदर काम की शोले भड़क उठे और उस की चूत से पानी छूट पड़ा वो सिसकारियां ले कर अपनी हथेली पर चूत का माल निकलने लगी ,
चूचे मीना की चूतड़ पकड़ कर अपने लण्ड को पूरा उस की गांड में पेल कर माल छोड़ने लगा,
सभी लोग बेड पर लेते गहरी गहरी सांसे लेने लगे,
टक टक दरवाजा खोलो
दरबाजा बजने से सब लोग चौक गए
जल्दी से दरबाजा खोलो नहीं तो हम डुप्लीकेट चाबी से दरबाजा खोल देंगे
एक कड़क अबाज सुन कर सभी लोग एक दूसरे को देखने लगे ,सब मर्द लोग जल्दी जल्दी कपडे पहनने लगे ,और तीनो औरते अपने कपडे लेकर जल्दी से बाथरूम को भागी,
कौन हे शर्मा जी ने भी कड़क अबाज में पूछा
सिक्युरिटी
कमरे में मानो बम्ब फट पड़ा सभी लोग एक दूसरे को देखने लगे,किसी की कुछ समझ नहीं आया के क्या करे,
बाथरूम में छुपी औरतो की आखो के आगे अंधेरा छा गया,
उन को रोज में टीवी पर चलने बाली खबरे याद आ गई हत्कड़ियो में बधे मुँह को रुमाल से छुपाये चली जा रही रंडियो और चारो तरफ फोटो खींचते मिडिया और हजारो लोग,
उन का जिस्म कपने लगा पसीना बहने लगा,
नूरी को अपनी बहुये और नानी पोते याद आने लगे ,पोते कैसे कहेगे देखो देखो टीवी पर दादी माँ दिख रही हे,
दिन भर माँ जी माँ जी कह कर पैर पड़ती बहुये क्या सोचेगी,
मीना की गांड फट रही थी, हमेसा सर उठा कर चलने वाली डॉक्टर साहब की पत्नी एक रंडी की तरह सिक्युरिटी की गाड़ी में बैठी चली जा रही हे,जबान होते बेटा बेटी से कैसे नजरे मिलायेगी,जो नौकर दिन भर उस की सामने सर झुकाये खड़े रहते हे वो क्या सोचेगे,
मोना रंडी को पिछली बार की मार याद आ गई उस काली चुड़ैल जैसी सिक्युरिटीवाली ने उस की गांड में डंडा घुसके कहा था की अभी तो जरा सा डंडा गांड में घुसाया हे अगर फिर कभी धंधा करते पकड़ी गई तो पूरा डंडा गांड में गुसा दूगी,
तुम दरबाजा खोल रहे हो की हम खोले,फिर से सिक्युरिटी बाले की कड़क आवाज कमरे में गूंज उठी,
तीनो ने एक दूसरे को देखा और आखो है आखो में बात हुए डॉक्टर साहब और चूचे सोफे पर जाके बैठ गए ,शर्मा जी बोले,
रुको खोल रहा हु ना,
शर्मा जी ने दरवाजा खोला,
सामने इलाके का थानेदार हाकिम सिंह खड़ा था उस की साथ हबलदार तूफान सिंह था,
थानेदार हाकिम सिंह बहुत ही ईमानदार और रहम दिल सिक्युरिटी वाला था,
किसी ने खबर की थी की होटल में जिस्म फरोसी होती हे इस लिए होटल पर सिक्युरिटी का छापा पड़ा था,
थानेदार हाकिम सिंह और हबलदार तूफान सिंह कमरे में आ गए,
चलो सब अपने अपने आधार कार्ड निकालो,
तीनो ने अपने आधार कार्ड दे दिए,
शर्मा जी आप तो शायद वो शर्मा जी हो जेन की बहुत सरे गोल्ड के शोरूम हे,
जी सर में बही शर्मा हु,
और डॉक्टर साहब आप तो बहुत फेमस डॉक्टर हो आप को भी में जनता हु,
अबे तू कौन हे चुन्नी लाल उर्फ़ चूचे,
चूचे सकपका गया,
में इंजीनयर हु
फाटक फटाक
हबलदार तूफान सिंह ने दो लाते चूचे की गांड पर मारी और चूचे अपनी गांड पकडे चिल्ला उठा,
मादरचोद चूचे कबाड़ी साले दिन भर नालियों से घूरो से टुटा फूटा लोहा रद्दी खाली बोलते बीनने बाला कबाड़ी तू कब से इंजिनियर बन गया,साले भूल गया पिछले महीने जब जुआ खेलते पकड़ा था तो कैसे रो रहा था,
हबलदार तूफान सिंह की बात सुन कर चूचे की गांड तो फट ही गई थी लेकिन उन की भी ज्यादा शर्मा जी और डॉक्टर साहब की गांड फट गई थी ,वो आँखे फाडे चूचे कबाड़ी को देखे जा रहे थे,
और हबलदार तूफान सिंह की बात सुन मीना और नूरी की ऊपर घडो पानी गिर गया था वो मुँह खोले एक दूसरे को देखे जा रही थी,उन्हें अपने जिस्मो से घिन आने लगी थी बेचारी सीधी सादी भारतीय नारी स्वैपिंग करने चली थी बेचारी इंजिनियर की चक्कर में कबाड़ी से गांड मारा बैठी थी,
वो जलती आखो से मोना को घूरने लगी,मोना बेचारी सुकड़ कर सर झुका कर कोने में बैठ गई,
अरे सर यह देखो
सब लोग हबलदार तूफान सिंह की तरफ देकने लगे,
हबलदार तूफान सिंह की हाथ में दो ब्रा और एक पेंटी थी ,
ब्रा पेंटी देख कर शर्मा जी और डॉक्टर साहब की फटी गांड चार इंच और फट गई वो समझ गए औरते जल्दबाजी में अपनी ब्रा पेंटी उठाना भूल गई, अब बात फसेगी,
भाई शर्मा जी तो आप लोग भी यहां रंडी चोद रहे थे,
आप लोग समाज के आधार िस्तम्भ हो,
आप लोग भी यह करोगे तो आम आदमी तो आप को देख कर और ज्यादा बिगड़ेगा,
अरे थानेदार साहब आप जरा यहां कोने में आओ यहां बात करते हे,
क्या बात करते हे शर्मा जी में कोने में बात करने बाला सिक्युरिटी बाला नहीं हु,में कानून का सेबक हु दलाल नहीं समझे, तुम ने अपनी अंतर आत्मा बेचदी होगी, लेकिन मेरी अंतर आत्मा अभी जिन्दा हे,इस लिए चुपचाप थाने चलो बाकि बातें बही होगी मीडिया के सामने,
थानेदार हाकिम सिंह की बात सुन कर शर्मा जी और डॉक्टर सहाब थर थर कापने लगे उन की बदन से पसीना बहने लगा उन की आखो में आँसू आ गए,
डॉक्टर साहब ने थानेदार हाकिम सिंह की पैर पकड़ लिए,
सर हम किसी रंडी की साथ मस्ती नहीं कर रहे थे हम लोग तो अपनी पत्नियों के साथ पार्टी कर रहे थे,
पत्नियों की साथ पार्टी कर रहे थे ?डॉक्टर साहब मज़ाक मत करो में तुम को बच्चा नजर आता हु, में थानेदार हाकिम सिंह हु, ज्यादा मुँह चोदे की तो गांड में डंडा डाल के सारी डॉक्टर्री निकल दुगा,
नहीं सर डॉक्टर साहब सच कह रहे हे आप खुद चेक कर लो ,मीना नूरी बहार आ जाओ शर्मा जी की बात सुन कर तीनो औरते बहार आ गई,
थानेदार हाकिम सिंह उन के आधार कार्ड चेक करने लगा,
अरे हा यह तो सच में आप लोगो की पत्निया हे,
मुझे माफ़ करे शर्मा जी मुझ से गलती हो गई,बेचारा सीधा साधा थानेदार हाकिम सिंह शर्मिदा होने लगा,
अरे सर यह तो और भी बड़ा गड़बड़ घोटाला लगता हे,
सब लोग हबलदार तूफान सिंह की तरफ देखने लगे,
सर इस को जानते हो आप ?
यह साली मोना भंगिन सरकारी पेशाब घरो में भिकमंगो से 200 रूपए में चुदने वाली रंडी हे,
यह रंडी और चूचे कबाड़ी की पुरानी आशिकी है यह दोनों इन की साथ क्या कर रहे हे,
हबलदार तूफान सिंह की बात सुन कर शर्मा जी के कान फट गए,
उन की आखो के सामने मोना के साथ की गई सारी मुलाकातों की पिक्चर चलने लगी,वो बेचारे बहुत ही ज्यादा
शर्मिंदा हो गए वो फूट फूट कर रोने लगे,
नूरी की आखो से भी आसुओ की बारिस होने लगी,
बेचारे डॉक्टर साहब और उन की पत्नी मीना भी आँसू बहाने लगे,
चूचे और मोना भी शर्म से आखे झुकाये खड़े थे,
थानेदार हाकिम सिंह और हबलदार तूफान सिंह एक दूसरे को देख रहे थे इन इज्जतदार लोगो का रोना उन की समझ में नहीं आ रहा था,उन की दिल पिघलने लगे,थानेदार हाकिम सिंह बोला
अरे आप लोग रोना बंद करो में आप लोगो को छोड दुगा में नहीं चाहता की आप जैसे समाज के आधार ेस्तम्भों को गलत काम करता देख कर आम लोग भी इस गलत रस्ते पर चल पड़े,
लेकिन पहले आप मुझे सारी बात बताओ की यह सब हो क्या रहा था और आप को कसम खानी होगी की आप लोग दुबारा ऐसा गलत काम नहीं करोगे,
थानेदार हाकिम सिंह की बात सुनकर शर्मा जी शुरू से सारी कहानी सुनाने लगे,
वो सुना रहे थे वाइफ स्वैपिंग की काली दुनिया की काली कहानी, पति पत्नी के पवित्र रिश्ते को वासना की आग में जलाने की कहानी,सदियों पुरानी सामाजिक परम्पराओ को मार कर उन की अर्थी उठाने की कहानी,
हमारी सारी दुनिया से निराली भारतीय सभ्यता के नैतिक मूल्यों को वासना के पैरों से कुचलने की कहानी
हबलदार तूफान सिंह जीप चला रहा था और थानेदार हाकिम सिंह बगल में बैठा था,
भाई तूफान सिंह तूने कभी किया हे वाइफ स्वैप,
हा हा हा हा आप भी साहेब बहुत मज़ाक करते हो हम ठहरे गरीब आदमी यह तो बड़े लोगो का काम हे,
हा हा हा हा आज तक हजारो लोग देखे जो अपनी पत्नी को किसी और की साथ चुदता देखते है तो उन का मर्डर कर देते हे,लेकिन यह लोग तो अपनी लुगाइयों को खुद चुदवा रहे हे,
भाई तूफान सिंह आज तू पूछना अपनी लुगाई से की वो यह खेल खेलना चाहेगी,
साहेब आप की क्या दुश्मनी हे मेरे से,जरा जरा बात पर तो बेलन मरने लगती हे अगर मेने उस से यह पूछा तो वो मुझ को जिन्दा नहीं छोड़ेगी,में बोला ना साहेब बड़े लोग बड़ी बातें,
हम गरीब तो इस दुनिया में बस अपने बच्चो के पेट भर ले हमारे लिए तो यही काफी हे.
हा हा हा हा क्या मस्त खेल हे भाई "मेरी लुगाई तेरी लुगाई तेरी लुगाई मेरी लुगाई" हा हा हा हा