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Adultery पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ नौजवान के कारनामे
पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे


186

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-4

हल्दी समारोह

PART 6


भारतीय  परम्पराओ में दुल्हन कभी सफेद नहीं पहनती। व्हाइट ब्राइडल पार्टी, परिवार या मेहमानों के लिए  अशुभ माना जाता  है। भारत में शोक का रंग सफेद है जबकि पश्चिम में दुखने सफ़ेद पहनना पसंद करती हैं  इसके बजाय, भारतीय हिन्दू ,.,य फिर सिख दुल्हन  चमकीले रंग पहनती है: आमतौर पर लाल, गुलाबी या नीला। यह रंग  समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माने जाते है।

 उसकी माँ ने  मुझे बताया  कि ज्योत्सना   शादी  के समय लहंगा (कमर से फर्श तक, फ्लेयर्ड और प्लीटेड हैवी स्कर्ट, जटिल कढ़ाई वाले डिज़ाइन, मोतियों और स्फटिक के साथ), एक लंबी चोली, और एक दुपट्टा घूंघट की तरह और सैंडल पहनेगी । उसने अपने हल्दी समारोह के लिए एक अच्छा सा  लहंगा चोली  पहनी हुई थी  ..
 
ज्योत्सना उत्साहित थी और इसलिए  उसकी हल्दी, और मेहंदी या मेंहदी पार्टी का इंतजार कर रही थी। शादी से  पहले, पुरुष दूल्हे के घर पर बातचीत और मौज-मस्ती के लिए मिलते हैं, जबकि उसी समय दुल्हन और उसकी महिला परिवार के सदस्य और चचेरे भाई दुल्हन को हल्दी का लेप लगाने के लिए मिलते हैं ताकि उसकी त्वचा  चमक जाए ।  परिवार का  कोई सदस्य या एक कलाकार दुल्हन के हाथों और पैरों पर मेंहदी से  जटिल और विस्तृत डिजाइन बनाता  है, जबकि  उस समय दुल्हन और महिलाये  पारंपरिक गीत गाते और नृत्य करते हैं,
 

दुल्हन के चचेरे भाई या कोई बहन  में से एक दूल्हे की हथेली पर मेंहदी की एक बिंदी लगाता या लगाती  है। यह शादी से पहली शाम को होने वाला था और इसके साथ ही हल्दी और मेहनी ककार्यक्र्म शुरू होने वाला था ।

[Image: HALDI1.jpg]
 ज्योत्सना की एक चचेरी  युवा बहन  ने मेरी हथेली के बीच में हल्दी के साथ एक अच्छा  गोल आकार बिंदु चित्रित किया। जब उसने समाप्त कर लिया तो वो  मेरी ओर देख मुस्कुराई, और कहा कि अलविदा जीजू  बाद में मिलते हैं।" इसके साथ ही, वह घूमी और मुझे वहां खड़ा छोड़कर गायब हो गयी मैं अपना  मेरा हाथ आगे  बढ़ाये  और गीली मेंहदी की एक खुली हथेली के साथ खड़ा रहा गया । उसके बाद मेरे चचेरे भाईयो  और फिर बड़ों और फिर भाभीयो  और बहनों ने मुझ पर हल्दी लगाई।

मेरी  हल्दी का कार्यक्रम हो रहा था। बारात  में आये हुए सभी रिश्तेदार  और सारी महिलाएं  मुझे हल्दी लगा रही थी और तरह-तरह के विवाह गीत गा रही थीं। विवाह गीत की मधुरता हर सुनने वाले के कान में शहद घोल देती है। कुंवारी लड़कियां और कुंवारे लड़के भी इन गीतों को सुनने के पश्चात स्वयं को एक बार अवश्य उस जगह रख इन गीतों का आनंद ले रहे थे ।   हल्दी   की रस्म के पश्चात मैं कमरे से लगे बाथरूम में नहाने के लिए जाने लगा  और सारी महिलाएं उस कमरे से बाहर आ गयीं। मेरी ताई जी  ने कहां अरे कुमार  की हल्दी तो ले लो बहू ( ज्योत्स्ना ) को भेजनी  है ।  ज्योत्स्ना की हल्दी के लिए यह एक  जरूरी रस्म थी।  

जूही  भाभी  जो की  ज्योत्स्ना की गहरी सहेली थी  तपाक से  बोली राजमाता  मैं लेकर आती हूं" उसने मेरे  कमरे का दरवाजा खटखटाया और मैंने दरवाजा खोला। मैं अब तक तोलिया लपेटकर नहाने की तैयारी कर रहा  था । जूही  भाभी  पास पड़ी हल्दी का कटोरा उठाया और मेरे पास आकर तोलिया हटा दिया।  हल्दी की रस्म में कई सुंदर  महिलाओं के हाथ शरीर पर लगने से लंड  उत्तेजित हो गया था। 

जूही ने बाहर झाँक कर देखा वह कोई नहीं था उसने पहले कमरे का दरवाजा बंद किया और फिर  टॉयलेट का दरवाजा बंद कर  मुझे अपने आलिंगन में ले लिया और मेरे लंड को अपने हाथों सहलाते हुए कहा

“इसको मैंने बहुत प्यार किया है और कल से यह किसी और का हो जाएगा” मैं इसे एक बार फिर प्यार करना  चाहती हूँ. आपको मेरे साथ सहयोग करना होगा.”

  उसके हाथों में आते ही  लंड कड़ा  हो गया था  और  इसमें मेरा कंट्रोल बिल्कुल भी नहीं था.
 
मैंने उसे अपने आगोश में ले लिया मैंने कहा



[Image: haldi1.jpg]
“ ठीक है जो तुम्हें लगता है वह करो” उस दिन उसने एक  लेहगा पहना हुआ था.  मेरे कपड़े उतो पहले ही उतरे हुए थे  उसने मुझे जमीन पर लिटाया  और  जूही  मेरे ऊपर आ गयी और मुझे उसके स्तनों का एहसास अपनी छाती  पर हो  हुआ तो मैं उसके स्तनों को सहलाने लगा . उसके होंठ मेरे होंठों पर थे. मेरा लंड उसकी योनि के  होंठो में अपनी जगह तलाश  कर रहा था. कुछ ही देर में  जूही  जल्दी से  मेरे छाती को चुमती हुई नीचे की तरफ बढ़ी. अब लंड  उसके मुँह में था  . 

 फिर जूही अपने हाथों से लंड को सहलाने लगी  और कुछ ही देर बाद वो मेरी  कमर पर बैठ गयी . उसके दोनों पैर मेरी जांघों के दोनों ओर थे. उसकी योनि के ओंठ मेरे लंड के सर के  संपर्क में आये  . वह एक बार फिर मेरे होठों तक आई और मुझे प्यार से चूम लिया.

कुछ ही देर में उसने अपने बदन को नीचे दबाना शुरू किया  और लंड  पतले और सकरे रास्ते  में चला गया जूही का वजन मेरे लंड पर बढ़ता जा रहा था. लंड  उस पतले रास्ते में प्रवेश कर  रहा था. जैसे जैसे जूही  की कमर धीरे-धीरे नीचे आ रही थी लंड  उस सकरी और तंग  रास्ते  में जा रहा था.  जूही  हांफ रही थी. और मैं आनद में था.   लंड  उस  रस्ते में जाने के बाद पूरी तरह तना हुआ  था. अचानक  वो झुकी और मेरे होठों को अपने होंठों के बीच ले लिया  और  मेरे होठों को चूमने लगी. अब वह अपनी कमर को आगे पीछे कर रही थी. मेरी कमर भी हिल रही थी और लंड  उस  गुफा मैं आगे पीछे हो रहा था. उसकी उछल कूद बढ़  गयी इस बीच हमारे ओंठ जुड़े हुए थे जिससे कोई आवाज बाहर ना जाए  वो मुझे बार-बार चूमती जा रही थी. मैंने  कमर हिलाने की गति बढ़ा दी. कुछ ही देर में हमने अपनी गति मिला ली. अब मेरी कमर भी उसी गति में हिलने लगी. वो  मुझे लगातार चूमती जा रही. कुछ ही देर में  आखिरकार मैंने अपना वीर्य उसकी योनि योनि में छोड़ दिया  जूही का बदन भी काम्पा और  वो  मुझे अभी भी चूम रही थी.फिर वो  उठी   तो मेरा लंड मेरे वीर्य और उसके योनि रस से भीगा हुआ था . 

[Image: HALDI2.jpg]

 उसने मुझे फिर से चुमा और  जूही ने शरारत करते हुए मुस्कुराते हुए अपने हाथों से हल्दी निकाली और लंड  पर लगा दी। मैं बोला  भाभी ये मत करो  कोई आ जाएगा। 

जूही बोली  राजमाता  ने कहा है आपके शरीर की हल्दी ज्योत्स्ना  भाभी के लिए जाएगी इसलिए मैं आपसे शरीर से हल्दी ले रही हूँ" मैं उसकी  हल्दी लेने की इस विधि को देखकर मुस्कुराने लगा  और उसे  अपने आलिंगन में ले लिया।  उसने मेरे लंड को हल्दी से पूरा भिगो दिया और फिर अपने हथेलियों से दबाव बढ़ाते हुए उसके ऊपर लगी हुई सारी हल्दी उतार ली। मेरे लंड से निकली हुई लार इस हल्दी में शामिल हो चुकी थी।  इस  लार में  ज्योत्स्ना के मेरा  प्यार शामिल  था।  फिर जूही भाभी उस अनूठी हल्दी को लेकर बाहर आ गयी। जब जूही मेरे  लिंग से अठखेलियां कर रही थी तो मैंने उसके  स्तनों को छू लिया था जिससे उसके कंधों पर और स्तनों के ऊपर कपड़ों पर हल्दी के दाग लग गए थे। जैसे ही  जूही  कमरे से बाहर आई  तो किसी  रिश्तेदार की एक लड़की ने टोका " जूही भाभी   राजकुमार  के साथ साथ आपको भी थोड़ी हल्दी लग गई"  जूही  शरमा गई पास में खड़ी कई सारी महिलाएं हंसने लगी. वह यह तो नहीं समझ पायीं कि यहमेरे  हाथों का कमाल था पर मेरी राजमाता  मुस्कुरा रही थी वह जान रही थी कि मैंने और जूही  ने हल्दी की रस्म पूरी कर  ली थी।

राजमाता ने कहा  बहु हल्दी लेकर जा और ज्योत्स्ना  के घर वालों को दे दे वो इंतजार कर रहे होंगे। जूही  भाभी  मुस्कुराते हुए ज्योत्स्ना के कमरे की ओर चल पड़ी कुछ ही देर में ज्योत्स्ना  की हल्दी की रस्म भी शुरू हो गई  कमरे से हंसी मजाक और  गीत गाने की आवाजे आ रही थी।   ऐसा लग रहा था जैसे महिलाएं जोतना के प्यारे स्तनों और कोमल शरीर पर हल्दी लगा रही होंगी जूही  भी उसमें शामिल होना चाह रही थी पर यह संभव नहीं था।  वैसे तो जूही  और जोतना सखिया   थी पर  जूही के महाराज से विवाह के बाद रिश्ते बदल गए थे  इसलिए जूही ने इंतजार करना ठीक समझा । जैसे ही हल्दी की रस्म खत्म हुई और सारी महिलाएं बाहर आ गई तो जूही ने ज्योत्स्ना को मोबाइल पर मैसेज कर जूही को  बुलाने के लिए कहा ।  नहाने जाने से पूर्व उसने जूही को बुलाने के लिए किसी लड़की को भेजा। जूही  बाहर इंतजार ही कर रही थी उनके बुलावे पर अपने हाथ में   हल्दी लिए हुए ज्योत्स्ना के  कमरे में आ गयी। ज्योत्स्ना  ने दरवाजा बंद कर लिया वह निश्चय ही यह जानती थी कि जूही के  मन में कुछ ना कुछ जरूर चल रहा था उसने मुझे अपने आलिंगन में ले लिया जूही  पूरी सजी-धजी थी और वह हल्दी में डूबी हुई।  जूही ने  ज्योत्स्ना का घाघरा खोल दिया वह अपने वजन से नीचे की तरफ सरक गया और वो जूही की आंखों के सामने कमर के नीचे नंगी हो गयीं। महिलाओं ने उनकी जांघों तक में हल्दी लगा दी थी पर उनकी योनि  एकदम  साफ  थी। जूही ने  अपने हाथों में ली हुई हल्दी को  ज्योत्स्ना की योनि पर लगा दिया  और कुछ हल्दी जोतना कीनितम्बो और गांड पर लगा दी .   मेरे लंड की  लार में डूबी हुई वह हल्दी  ज्योत्स्ना की चूत  पर लगाते समय जूही को बहुत  हर्ष हो रहा था। ज्योत्स्ना मुस्कुरा रही थी और बोली "मेरा सारा शरीर तो हल्दी से मेरे रिश्तेदारों ने ढक दिया था सिर्फ यही जगह बाकी थी जो मेरी प्यारी सहेली जूही  के लिए ही बची थी सच कहूं तो मुझे भी तुम्हारी इसी अदा का इंतजार था ज्योत्स्ना ने  जूही  के  होठों पर चूम लिया  ।


जारी रहेगी
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RE: पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ नौजवान के कारनामे - by aamirhydkhan1 - 15-06-2024, 01:28 PM



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