13-06-2024, 04:44 AM
(This post was last modified: 10-02-2025, 05:13 PM by aamirhydkhan1. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
औलाद की चाह
CHAPTER 8-छठा दिन
मामा जी
अपडेट-3
मामा-जी कार में सफर
मामा जी की "ड्राइविंग" के दौरान उनके मेरे स्तनों और शरीर के साथ स्पर्श से मैं पहले से ही कुछ उत्तेजित हो गयी थी और पिछली सीट के उस दृश्य को निगलते हुए मेरा दिल तुरंत तेजी से दौड़ने लगा। क्षण भर के लिए मेरे मन से मामा जी का स्पर्श ओझल हो गया और मैं और अधिक देखने के लिए उत्सुक हो गयी । लड़का लड़की के गालों और बालों को हल्के से चूम रहा था और एक बार मैंने देखा कि उसने लड़की के कंधे के ऊपर से अपना हाथ लाते हुए अपने हाथ से लड़की के सुडौल स्तनों को पूरी तरह से दबा दिया। उसने उसे देर तक कस कर निचोड़ा और स्वाभाविक रूप से लड़की ने अपनी आँखें बंद कर रखी थीं और पूरी चीज़ का आनंद ले रही थी।
मामा जी: बहुरानी, मुझे गियर बदलने में दिक्क्त हो रही है... अगर आप अपने पैरों को थोड़ा और बाहर रखतो हो तो मुझे सुविधा होगी ...!
मैं: उउह? ओह! ठीक है मामा जी!
![[Image: cars0.webp]](https://i.ibb.co/wCpw8fj/cars0.webp)
मैं बैक मिर्रिर से व्यू फाइंडर देखने में इतना उत्सुक थी कि मामा जी की बात तुरंत मान गयी , लेकिन बदकिस्मती से एक तरफ मेरे साथ बैठी पिंकी पैर फैलाकर सो रही थी और मामा जी दूसरी तरफ बैठे हुए थे, इसलिए मेरे लिए ज्यादा जगह नहीं थी। मुझे मेरी जाँघों को फैलाना था ।
मामा जी: (यह देखते हुए कि मैं इसे ठीक से नहीं कर पा रही थी ): मुझे आपकी मदद करने दीजिए...!
मामा-जी ने अब खुद ही मेरी साड़ी के ऊपर से मेरी दाहिनी जांघ पकड़ ली और गियर को स्वतंत्र रूप से चलने के लिए जगह बनाने की कोशिश करते हुए अपनी ओर खींच लिया। मुझे इसकी बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी, लेकिन मामा जी के हाव-भाव देखकर मुझे एहसास हुआ कि यह बुजुर्ग व्यक्ति की ओर से अपनी गेयर बदलने की सुविधाजनक बनाये रखने का एक ईमानदार प्रयास था।
मामा जी: अब ठीक है। मुझे आशा है कि बहुरानी आप बहुत असहज महसूस नहीं कर रही हैं?
मैं: नहीं... नहीं।
![[Image: cars2.webp]](https://i.ibb.co/26hGCmq/cars2.webp)
इस प्रक्रिया में मेरी दाहिनी जाँघ मामा जी की टांग पर और जोर से दब गई थी और उन्हें मेरी मोटी साड़ी से ढकी जाँघ की चिकनाई और रेशमीपन महसूस हो रहा होगा । मैं फिर से रियर व्यू मिरर में व्यूफ़ाइंडर को देखने के लिए उत्सुक थी और वहाँ का दृश्य निश्चित रूप से गर्म हो गया था! मैंने देखा कि लड़के ने लड़की के टॉप के खुले बटनों में अपना हाथ फिराया और उसकी चोली में उसके स्तनों की मालिश कर रहा था! लड़की अब उसके और करीब बैठी थी, लगभग उसकी गोद में थी ! सहसा मुझे अपनी जाँघ के सख्त मांस पर चुभन महसूस हुई और बड़े आश्चर्य से मामा जी की ओर देखने लगी ।
एक महिला केवल अपने पति या करीबी प्रेमी से ऊपरी जांघों पर इस तरह की चुटकी की उम्मीद कर सकती है। अपने वृद्ध रिश्तेदार से इस तरह का व्यवहार पाकर मैं काफी स्तब्ध रह गयी !
मामा-जी ने मुझे व्यू फाइंडर से देखने का इशारा किया और चुपचाप मुस्कुरा दिए।
मैंने नाटक किया कि मैंने उसे पहले नहीं देखा था और नकल की जैसे कि मैं यह देखकर बहुत खुश थी कि लड़का और लड़की क्या कर रहे थे।
मामा जी: (मेरे कानों में फुसफुसाते हुए) इनकी शादी जल्दी तय कर लेनी चाहिए! मैं मुस्कुरायी और सिर हिलाया।
मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मामा जी के साथ ऐसा दृश्य साझा करूंगी ! वह निश्चित रूप से मेरे "करीबी" रिश्तेदार नहीं थे और उनसे ऐसी कोई उम्मीद भी नहीं की गई थी क्योंकि वह 50+ पुरुष थे और मेरे पति की तरफ से थे; इसलिए...
![[Image: cars3.webp]](https://i.ibb.co/y4jhm4Z/cars3.webp)
resurrection images free
लेकिन हम दोनों की नजर अब ऊपर के व्यूफाइंडर पर टिकी हुई थी और लड़का अब दोनों हाथों का इस्तेमाल अपनी प्रेमिका के छोटे-छोटे चुलबुले स्तनों को निचोड़ने के लिए कर रहा था। उसके हाथ आंशिक रूप से उसकी ब्रा के भीतर थे और लड़की के टॉप के बटन खुले हुए थे और सामने से उसकी लगभग पूरा चोली दिखाई दे रही थी ! लड़की ने लड़के के कंधे में अपना चेहरा छुपा लिया था और वे पीछे की सीट पर काफी "गर्म" समय बिता रहे थे।
![[Image: cars4.webp]](https://i.ibb.co/41GX1my/cars4.webp)
मामा जी: फिर... ओहो... बहुरानी अपने पैर ठीक से रख लो !...
इस बार तो मेरे पाँव फैलाने का इंतज़ार किए बिना ही मामा जी ने मेरी जाँघ पकड़कर अलग कर दी। मुझे मामा जी की उँगलियाँ सीधे मेरी जाँघ पर दबाते और धकेलते हुए महसूस हो रही थी और मैं तुरंत सतर्क हो गयी । वह अपने कृत्य के लिए मुस्कुरा दिए और मुझे बदले में मुस्कुराना पड़ा! उनका हाथ वापस गियर हेड पर था और मुझे लगा कि कार की गति बढ़ रही है और उसने गियर को दो बार बदला और इस बार उनका हाथ और गियर मेरे निचले पेट को छू रहा था और अगर वह कुछ इंच और नीचे चला जाता, तो वह निश्चित रूप से मेरी चुत को छूता!
स्वचालित रूप से रिफ्लेक्स कार्रवाई से मेरा दाहिना हाथ मेरी रक्षा के लिए मेरे क्रॉच की ओर चला गया और मेरा हाथ मामा-जी को छू गया। मैंने तुरंत अपना हाथ हिलाया और सोचा कि क्या मामा जी को बुरा लगा होगा कि मैं खुद को बचाने की कोशिश कर रही थी । मैंने उनके चेहरे को पढ़ने की कोशिश की, लेकिन असफल रही । मैंने देखा कि उन्होंने ने गियर बदल दिया था और अब कार धीमी गति से चल रही थी। मैं कुछ दोषी महसूस करने लगी । मैंने ऐसा क्यों किया? इसमें उसका क्या कसूर था क्योंकि जिस तरह से मैं बैठी थी, अगर गियर नीचे कर दिया तो वह निश्चित रूप से मेरे पेट के निचले हिस्से को छू जाएगा!
मुझे खुद पर शर्म आ रही थी की मैं कैसा गलत सोच रही हूँ !
अचानक पीछे से आवाज़ आई ! लड़का -1 : सर... सर ! उस रास्ते! उस रास्ते!
मामा जी (तुरंत प्रतिक्रिया करते हुए): ओहो! ओह ओ! हां हां। मैं बस चूक गया।
लड़का -1: यदि आप बाएँ मुड़ते हैं तो आप शेखापुरा पहुँचते हैं और वहाँ से आप..
. मामा जी: ठीक है! सही!
![[Image: cars8.webp]](https://i.ibb.co/6DJdLzd/cars8.webp)
हम मोड़ पार कर चुके थे और कुछ गज पीछे जाना था। मैंने व्यूफ़ाइंडर से झाँका और देखा कि लड़की अपने टॉप के बटन लगा रही थी। वह शर्मिंदा या सहमी हुई नहीं लग रही थी कि जब हम पीछे मुड़कर देखते हैं तो हर कोई उसे देखता है! मेरे बगल वाली पिंकी अभी भी सो रही थी।
अब मामा जी को पीछे की स्क्रीन देखने के लिए साइड में बैठना पड़ा क्योंकि कार पीछे की ओर जा रही थी। मेरे लिए शिफ्ट करने के लिए एक इंच भी नहीं था क्योंकि पिंकी (अपनी विशाल गांड के साथ) ने आधी से भी अधिक सीट ले ली थी। मेरी हालत बस अकथनीय थी। चूंकि मामा-जी पीछे मुड़कर देखने के लिए इधर-उधर हो गए थे, अब उनकी बायीं कोहनी पूरी तरह से मेरे दाहिने स्तन को दबा रही थी और वास्तव में मामा-जी की कोहनी पूरी तरह से मेरे पल्लू से ढके शंक्वाकार दाहिने स्तन पर टिकी हुई थी! मामा-जी निश्चित रूप से मेरे बड़े दृढ़ स्तनों के जोर और तनेपन को महसूस कर रहे थे और एक बार मुझे ऐसा लगा जैसे वह वास्तव में उसकी जकड़न का अनुमान लगा रहे थे जिस तरह से वह मेरी स्तन से अपनी कोहनी को दबा रहे थे और छोड़ रहे थे! जब तक प्रक्रिया पूरी नहीं हो गई और कार शेखापुरा की ओर जा रही थी, तब तक मैं जीभ बाँध कर चुपचाप बैठी रही।
ईमानदारी से कहूं तो चूंकि मैं आज बहुत "फ्रेश" थी और कल रात ही मैंने एक "शानदार" चुदाई का अनुभव किया, मैं बहुत आसानी से "गर्म" हो रही थी । मैं अपने रस की बूंदों को अपनी पैंटी को गीला करते हुए महसूस कर सकती थी और जाहिर है कि अब तक मेरे निप्पल भी मेरी ब्रा के भीतर पूरी तरह से खड़े हो गए थे!
मामा जी: ओहो! मैं भूल गया! हम सब यह ले सकते हैं। बहुरानी क्या आप उसे खोल सकती हैं...
![[Image: car-1.gif]](https://i.ibb.co/5LZVp73/car-1.gif)
मामा जी ने कैसेट ट्रे के बगल में एक डिब्बे के ढक्कन का जिक्र किया। मैंने उसे खोला और उसमें लेज़ पोटैटो चिप्स के कुछ पाउच थे। मैंने उसे पीछे की सीट पर बैठे लड़कों और लड़कियों में बांट दिया और आखिर में पिंकी उठ गई! जब तक हम शेखपुरा नहीं पहुँचे तब तक कुछ नहीं हुआ और लड़के और लड़कियाँ हमें "धन्यवाद" कहते हुए और हमें "अलविदा" कहते हुए कार से उतरे।
इंजन की गर्मी के कारण भी मुझे काफी गर्मी और पसीना आ रहा था। मामा-जी ने अब गाड़ी धीमी कर दी।
मामा जी: बहुरानी, यहाँ एक छोटा सा ब्रेक लेते हैं। क्या आप एक नारियल पीना चाहेंगी ?
मैं: बहुत खुशी से मामा-जी। मुझे वास्तव में प्यास लग रही है।
मामा जी: ठीक है। (अब अपना सिर घुमाते हुए और मेरे स्तनों को देखते हुए) मुझे भी नारियल पानी बहुत पसंद है। वह वह ...
मैं शरमा कर मुस्कुरायी , लेकिन बहुत अजीब लगा, लेकिन सोचा कि यह संयोग रहा होगा कि उन्होंने उन शब्दों को कहने के लिए अपना सिर घुमा लिया था - मैं मामा-जी के इरादों के बारे में कुछ ज्यादा ही सोच रहा था। मैंने अपनी सोच पर अंकुश लगाने की कोशिश की।
उन्होंने कार रोकी और हम उसमें से उतर गए। यह एक बाजार था, हालांकि भारी भीड़ नहीं थी। हम एक नारियल बेचने वाले के पास गए।
मामा जी: बहुरानी....
मैं: क्या बात है मामा जी?
कहानी जारी रहेगी
NOTE-
इस कहानी में आपने पढ़ा कैसे एक महिला बच्चे की आस लिए एक गुरूजी के आश्रम पहुंची और वहां पहले दो -तीन दिन उसे क्या अनुभव हुए पर कहानी मुझे अधूरी लगी ..मुझे ये कहानी इस फोरम पर नजर नहीं आयी ..इसलिए जिन्होने ना पढ़ी हो उनके लिए इस फोरम पर डाल रहा हूँ
मेरा प्रयास है इसी कहानी को थोड़ा आगे बढ़ाने का जिसमे परिकरमा, योनि पूजा , लिंग पूजा और मह यज्ञ में उस महिला के साथ क्या क्या हुआ लिखने का प्रयास करूँगा .. अभी कुछ थोड़ा सा प्लाट दिमाग में है और आपके सुझाव आमनत्रित है और मैं तो चाहता हूँ के बाकी लेखक भी यदि कुछ लिख सके तो उनका भी स्वागत है
अगर कहानी किसी को पसंद नही आये तो मैं उसके लिए माफी चाहता हूँ. ये कहानी पूरी तरह काल्पनिक है इसका किसी से कोई लेना देना नही है .
वैसे तो हर धर्म हर मज़हब मे इस तरह के स्वयंभू देवता बहुत मिल जाएँगे. हर गुरु जी स्वामी या महात्मा एक जैसा नही होता. मैं तो कहता हूँ कि 90% स्वामी या गुरु या प्रीस्ट अच्छे होते हैं मगर 10% खराब भी होते हैं. इन 10% खराब आदमियों के लिए हम पूरे 100% के बारे मे वैसी ही धारणा बना लेते हैं. और अच्छे लोगो के बारे में हम ज्यादा नहीं सुनते हैं पर बुरे लोगो की बारे में बहुत कुछ सुनने को मिलता है तो लगता है सब बुरे ही होंगे .. पर ऐसा वास्तव में बिलकुल नहीं है.
इसमें किसी धर्म विशेष के गुरुओ पर या धर्म पर कोई आक्षेप करने का प्रयास नहीं किया है , ऐसे स्वयंभू गुरु या बाबा कही पर भी संभव है .
इस कहानी से स्त्री मन को जितनी अच्छी विवेचना की गयी है वैसी विवेचना और व्याख्या मैंने अन्यत्र नहीं पढ़ी है .
Note : dated 1-1-2021
जब मैंने ये कहानी यहाँ डालनी शुरू की थी तो मैंने भी इसका अधूरा भाग पढ़ा था और मैंने कुछ आगे लिखने का प्रयास किया और बाद में मालूम चला यह कहानी अंग्रेजी में "समितभाई" द्वारा "गुरु जी का (सेक्स) ट्रीटमेंट" शीर्षक से लिखी गई थी और अधूरी छोड़ दी गई थी।
बाद में 2017 में समीर द्वारा हिंदी अनुवाद शुरू किया गया, जिसका शीर्षक था "एक खूबसूरत हाउस वाइफ, गुरुजी के आश्रम में" और लगभग 33% अनुवाद "Xossip" पर किया गया था।
अभी तक की कहानी मुलता उन्ही की कहानी पर आधारित है या उसका अनुवाद है और अब कुछ हिस्सों का अनुवाद मैंने किया है या मैंने कुछ हिस्से जोड़े हैं ।
कहानी काफी लम्बी है और मेरा प्रयास जारी है इसको पूरा करने का ।
Note dated 8-1-2024
इससे पहले कहानी में , कुछ रिश्तेदारों, दूकानदार और एक फिल्म निर्देशक द्वारा एक महिला के साथ हुए अजीब अनुभवो के बारे में बताया गया है , कहानी के 270 भाग से आप एक डॉक्टर के साथ हुए एक महिला के अजीब अनुभवो के बारे में पढ़ेंगे . जीवन में हर कार्य क्षेत्र में हर तरह के लोग मिलते हैं हर व्यक्ति एक जैसा नही होता. डॉक्टर भी इसमें कोई अपवाद नहीं है. इसके बाद मामा जी के कारनामे हैं, अधिकतर रिश्तेदार , डॉक्टर या वैध या हकिम इत्यादि अच्छे होते हैं, जिनपर हम पूरा भरोसा करते हैं, अच्छे लोगो के बारे में हम ज्यादा नहीं सुनते हैं ... वास्तव में ऐसा नहीं है की सब लोग ऐसे ही बदमाश होते हैं । अगर कुछ लोग ऐसे बदमाश ना होते तो कहानिया शायद कभी नहीं बनेगी ।
[b]सभी को धन्यवाद,[/b]
CHAPTER 8-छठा दिन
मामा जी
अपडेट-3
मामा-जी कार में सफर
मामा जी की "ड्राइविंग" के दौरान उनके मेरे स्तनों और शरीर के साथ स्पर्श से मैं पहले से ही कुछ उत्तेजित हो गयी थी और पिछली सीट के उस दृश्य को निगलते हुए मेरा दिल तुरंत तेजी से दौड़ने लगा। क्षण भर के लिए मेरे मन से मामा जी का स्पर्श ओझल हो गया और मैं और अधिक देखने के लिए उत्सुक हो गयी । लड़का लड़की के गालों और बालों को हल्के से चूम रहा था और एक बार मैंने देखा कि उसने लड़की के कंधे के ऊपर से अपना हाथ लाते हुए अपने हाथ से लड़की के सुडौल स्तनों को पूरी तरह से दबा दिया। उसने उसे देर तक कस कर निचोड़ा और स्वाभाविक रूप से लड़की ने अपनी आँखें बंद कर रखी थीं और पूरी चीज़ का आनंद ले रही थी।
मामा जी: बहुरानी, मुझे गियर बदलने में दिक्क्त हो रही है... अगर आप अपने पैरों को थोड़ा और बाहर रखतो हो तो मुझे सुविधा होगी ...!
मैं: उउह? ओह! ठीक है मामा जी!
![[Image: cars0.webp]](https://i.ibb.co/wCpw8fj/cars0.webp)
मैं बैक मिर्रिर से व्यू फाइंडर देखने में इतना उत्सुक थी कि मामा जी की बात तुरंत मान गयी , लेकिन बदकिस्मती से एक तरफ मेरे साथ बैठी पिंकी पैर फैलाकर सो रही थी और मामा जी दूसरी तरफ बैठे हुए थे, इसलिए मेरे लिए ज्यादा जगह नहीं थी। मुझे मेरी जाँघों को फैलाना था ।
मामा जी: (यह देखते हुए कि मैं इसे ठीक से नहीं कर पा रही थी ): मुझे आपकी मदद करने दीजिए...!
मामा-जी ने अब खुद ही मेरी साड़ी के ऊपर से मेरी दाहिनी जांघ पकड़ ली और गियर को स्वतंत्र रूप से चलने के लिए जगह बनाने की कोशिश करते हुए अपनी ओर खींच लिया। मुझे इसकी बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी, लेकिन मामा जी के हाव-भाव देखकर मुझे एहसास हुआ कि यह बुजुर्ग व्यक्ति की ओर से अपनी गेयर बदलने की सुविधाजनक बनाये रखने का एक ईमानदार प्रयास था।
मामा जी: अब ठीक है। मुझे आशा है कि बहुरानी आप बहुत असहज महसूस नहीं कर रही हैं?
मैं: नहीं... नहीं।
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इस प्रक्रिया में मेरी दाहिनी जाँघ मामा जी की टांग पर और जोर से दब गई थी और उन्हें मेरी मोटी साड़ी से ढकी जाँघ की चिकनाई और रेशमीपन महसूस हो रहा होगा । मैं फिर से रियर व्यू मिरर में व्यूफ़ाइंडर को देखने के लिए उत्सुक थी और वहाँ का दृश्य निश्चित रूप से गर्म हो गया था! मैंने देखा कि लड़के ने लड़की के टॉप के खुले बटनों में अपना हाथ फिराया और उसकी चोली में उसके स्तनों की मालिश कर रहा था! लड़की अब उसके और करीब बैठी थी, लगभग उसकी गोद में थी ! सहसा मुझे अपनी जाँघ के सख्त मांस पर चुभन महसूस हुई और बड़े आश्चर्य से मामा जी की ओर देखने लगी ।
एक महिला केवल अपने पति या करीबी प्रेमी से ऊपरी जांघों पर इस तरह की चुटकी की उम्मीद कर सकती है। अपने वृद्ध रिश्तेदार से इस तरह का व्यवहार पाकर मैं काफी स्तब्ध रह गयी !
मामा-जी ने मुझे व्यू फाइंडर से देखने का इशारा किया और चुपचाप मुस्कुरा दिए।
मैंने नाटक किया कि मैंने उसे पहले नहीं देखा था और नकल की जैसे कि मैं यह देखकर बहुत खुश थी कि लड़का और लड़की क्या कर रहे थे।
मामा जी: (मेरे कानों में फुसफुसाते हुए) इनकी शादी जल्दी तय कर लेनी चाहिए! मैं मुस्कुरायी और सिर हिलाया।
मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मामा जी के साथ ऐसा दृश्य साझा करूंगी ! वह निश्चित रूप से मेरे "करीबी" रिश्तेदार नहीं थे और उनसे ऐसी कोई उम्मीद भी नहीं की गई थी क्योंकि वह 50+ पुरुष थे और मेरे पति की तरफ से थे; इसलिए...
![[Image: cars3.webp]](https://i.ibb.co/y4jhm4Z/cars3.webp)
resurrection images free
लेकिन हम दोनों की नजर अब ऊपर के व्यूफाइंडर पर टिकी हुई थी और लड़का अब दोनों हाथों का इस्तेमाल अपनी प्रेमिका के छोटे-छोटे चुलबुले स्तनों को निचोड़ने के लिए कर रहा था। उसके हाथ आंशिक रूप से उसकी ब्रा के भीतर थे और लड़की के टॉप के बटन खुले हुए थे और सामने से उसकी लगभग पूरा चोली दिखाई दे रही थी ! लड़की ने लड़के के कंधे में अपना चेहरा छुपा लिया था और वे पीछे की सीट पर काफी "गर्म" समय बिता रहे थे।
![[Image: cars4.webp]](https://i.ibb.co/41GX1my/cars4.webp)
मामा जी: फिर... ओहो... बहुरानी अपने पैर ठीक से रख लो !...
इस बार तो मेरे पाँव फैलाने का इंतज़ार किए बिना ही मामा जी ने मेरी जाँघ पकड़कर अलग कर दी। मुझे मामा जी की उँगलियाँ सीधे मेरी जाँघ पर दबाते और धकेलते हुए महसूस हो रही थी और मैं तुरंत सतर्क हो गयी । वह अपने कृत्य के लिए मुस्कुरा दिए और मुझे बदले में मुस्कुराना पड़ा! उनका हाथ वापस गियर हेड पर था और मुझे लगा कि कार की गति बढ़ रही है और उसने गियर को दो बार बदला और इस बार उनका हाथ और गियर मेरे निचले पेट को छू रहा था और अगर वह कुछ इंच और नीचे चला जाता, तो वह निश्चित रूप से मेरी चुत को छूता!
स्वचालित रूप से रिफ्लेक्स कार्रवाई से मेरा दाहिना हाथ मेरी रक्षा के लिए मेरे क्रॉच की ओर चला गया और मेरा हाथ मामा-जी को छू गया। मैंने तुरंत अपना हाथ हिलाया और सोचा कि क्या मामा जी को बुरा लगा होगा कि मैं खुद को बचाने की कोशिश कर रही थी । मैंने उनके चेहरे को पढ़ने की कोशिश की, लेकिन असफल रही । मैंने देखा कि उन्होंने ने गियर बदल दिया था और अब कार धीमी गति से चल रही थी। मैं कुछ दोषी महसूस करने लगी । मैंने ऐसा क्यों किया? इसमें उसका क्या कसूर था क्योंकि जिस तरह से मैं बैठी थी, अगर गियर नीचे कर दिया तो वह निश्चित रूप से मेरे पेट के निचले हिस्से को छू जाएगा!
मुझे खुद पर शर्म आ रही थी की मैं कैसा गलत सोच रही हूँ !
अचानक पीछे से आवाज़ आई ! लड़का -1 : सर... सर ! उस रास्ते! उस रास्ते!
मामा जी (तुरंत प्रतिक्रिया करते हुए): ओहो! ओह ओ! हां हां। मैं बस चूक गया।
लड़का -1: यदि आप बाएँ मुड़ते हैं तो आप शेखापुरा पहुँचते हैं और वहाँ से आप..
. मामा जी: ठीक है! सही!
![[Image: cars8.webp]](https://i.ibb.co/6DJdLzd/cars8.webp)
हम मोड़ पार कर चुके थे और कुछ गज पीछे जाना था। मैंने व्यूफ़ाइंडर से झाँका और देखा कि लड़की अपने टॉप के बटन लगा रही थी। वह शर्मिंदा या सहमी हुई नहीं लग रही थी कि जब हम पीछे मुड़कर देखते हैं तो हर कोई उसे देखता है! मेरे बगल वाली पिंकी अभी भी सो रही थी।
अब मामा जी को पीछे की स्क्रीन देखने के लिए साइड में बैठना पड़ा क्योंकि कार पीछे की ओर जा रही थी। मेरे लिए शिफ्ट करने के लिए एक इंच भी नहीं था क्योंकि पिंकी (अपनी विशाल गांड के साथ) ने आधी से भी अधिक सीट ले ली थी। मेरी हालत बस अकथनीय थी। चूंकि मामा-जी पीछे मुड़कर देखने के लिए इधर-उधर हो गए थे, अब उनकी बायीं कोहनी पूरी तरह से मेरे दाहिने स्तन को दबा रही थी और वास्तव में मामा-जी की कोहनी पूरी तरह से मेरे पल्लू से ढके शंक्वाकार दाहिने स्तन पर टिकी हुई थी! मामा-जी निश्चित रूप से मेरे बड़े दृढ़ स्तनों के जोर और तनेपन को महसूस कर रहे थे और एक बार मुझे ऐसा लगा जैसे वह वास्तव में उसकी जकड़न का अनुमान लगा रहे थे जिस तरह से वह मेरी स्तन से अपनी कोहनी को दबा रहे थे और छोड़ रहे थे! जब तक प्रक्रिया पूरी नहीं हो गई और कार शेखापुरा की ओर जा रही थी, तब तक मैं जीभ बाँध कर चुपचाप बैठी रही।
ईमानदारी से कहूं तो चूंकि मैं आज बहुत "फ्रेश" थी और कल रात ही मैंने एक "शानदार" चुदाई का अनुभव किया, मैं बहुत आसानी से "गर्म" हो रही थी । मैं अपने रस की बूंदों को अपनी पैंटी को गीला करते हुए महसूस कर सकती थी और जाहिर है कि अब तक मेरे निप्पल भी मेरी ब्रा के भीतर पूरी तरह से खड़े हो गए थे!
मामा जी: ओहो! मैं भूल गया! हम सब यह ले सकते हैं। बहुरानी क्या आप उसे खोल सकती हैं...
![[Image: car-1.gif]](https://i.ibb.co/5LZVp73/car-1.gif)
मामा जी ने कैसेट ट्रे के बगल में एक डिब्बे के ढक्कन का जिक्र किया। मैंने उसे खोला और उसमें लेज़ पोटैटो चिप्स के कुछ पाउच थे। मैंने उसे पीछे की सीट पर बैठे लड़कों और लड़कियों में बांट दिया और आखिर में पिंकी उठ गई! जब तक हम शेखपुरा नहीं पहुँचे तब तक कुछ नहीं हुआ और लड़के और लड़कियाँ हमें "धन्यवाद" कहते हुए और हमें "अलविदा" कहते हुए कार से उतरे।
इंजन की गर्मी के कारण भी मुझे काफी गर्मी और पसीना आ रहा था। मामा-जी ने अब गाड़ी धीमी कर दी।
मामा जी: बहुरानी, यहाँ एक छोटा सा ब्रेक लेते हैं। क्या आप एक नारियल पीना चाहेंगी ?
मैं: बहुत खुशी से मामा-जी। मुझे वास्तव में प्यास लग रही है।
मामा जी: ठीक है। (अब अपना सिर घुमाते हुए और मेरे स्तनों को देखते हुए) मुझे भी नारियल पानी बहुत पसंद है। वह वह ...
मैं शरमा कर मुस्कुरायी , लेकिन बहुत अजीब लगा, लेकिन सोचा कि यह संयोग रहा होगा कि उन्होंने उन शब्दों को कहने के लिए अपना सिर घुमा लिया था - मैं मामा-जी के इरादों के बारे में कुछ ज्यादा ही सोच रहा था। मैंने अपनी सोच पर अंकुश लगाने की कोशिश की।
उन्होंने कार रोकी और हम उसमें से उतर गए। यह एक बाजार था, हालांकि भारी भीड़ नहीं थी। हम एक नारियल बेचने वाले के पास गए।
मामा जी: बहुरानी....
मैं: क्या बात है मामा जी?
कहानी जारी रहेगी
NOTE-
इस कहानी में आपने पढ़ा कैसे एक महिला बच्चे की आस लिए एक गुरूजी के आश्रम पहुंची और वहां पहले दो -तीन दिन उसे क्या अनुभव हुए पर कहानी मुझे अधूरी लगी ..मुझे ये कहानी इस फोरम पर नजर नहीं आयी ..इसलिए जिन्होने ना पढ़ी हो उनके लिए इस फोरम पर डाल रहा हूँ
मेरा प्रयास है इसी कहानी को थोड़ा आगे बढ़ाने का जिसमे परिकरमा, योनि पूजा , लिंग पूजा और मह यज्ञ में उस महिला के साथ क्या क्या हुआ लिखने का प्रयास करूँगा .. अभी कुछ थोड़ा सा प्लाट दिमाग में है और आपके सुझाव आमनत्रित है और मैं तो चाहता हूँ के बाकी लेखक भी यदि कुछ लिख सके तो उनका भी स्वागत है
अगर कहानी किसी को पसंद नही आये तो मैं उसके लिए माफी चाहता हूँ. ये कहानी पूरी तरह काल्पनिक है इसका किसी से कोई लेना देना नही है .
वैसे तो हर धर्म हर मज़हब मे इस तरह के स्वयंभू देवता बहुत मिल जाएँगे. हर गुरु जी स्वामी या महात्मा एक जैसा नही होता. मैं तो कहता हूँ कि 90% स्वामी या गुरु या प्रीस्ट अच्छे होते हैं मगर 10% खराब भी होते हैं. इन 10% खराब आदमियों के लिए हम पूरे 100% के बारे मे वैसी ही धारणा बना लेते हैं. और अच्छे लोगो के बारे में हम ज्यादा नहीं सुनते हैं पर बुरे लोगो की बारे में बहुत कुछ सुनने को मिलता है तो लगता है सब बुरे ही होंगे .. पर ऐसा वास्तव में बिलकुल नहीं है.
इसमें किसी धर्म विशेष के गुरुओ पर या धर्म पर कोई आक्षेप करने का प्रयास नहीं किया है , ऐसे स्वयंभू गुरु या बाबा कही पर भी संभव है .
इस कहानी से स्त्री मन को जितनी अच्छी विवेचना की गयी है वैसी विवेचना और व्याख्या मैंने अन्यत्र नहीं पढ़ी है .
Note : dated 1-1-2021
जब मैंने ये कहानी यहाँ डालनी शुरू की थी तो मैंने भी इसका अधूरा भाग पढ़ा था और मैंने कुछ आगे लिखने का प्रयास किया और बाद में मालूम चला यह कहानी अंग्रेजी में "समितभाई" द्वारा "गुरु जी का (सेक्स) ट्रीटमेंट" शीर्षक से लिखी गई थी और अधूरी छोड़ दी गई थी।
बाद में 2017 में समीर द्वारा हिंदी अनुवाद शुरू किया गया, जिसका शीर्षक था "एक खूबसूरत हाउस वाइफ, गुरुजी के आश्रम में" और लगभग 33% अनुवाद "Xossip" पर किया गया था।
अभी तक की कहानी मुलता उन्ही की कहानी पर आधारित है या उसका अनुवाद है और अब कुछ हिस्सों का अनुवाद मैंने किया है या मैंने कुछ हिस्से जोड़े हैं ।
कहानी काफी लम्बी है और मेरा प्रयास जारी है इसको पूरा करने का ।
Note dated 8-1-2024
इससे पहले कहानी में , कुछ रिश्तेदारों, दूकानदार और एक फिल्म निर्देशक द्वारा एक महिला के साथ हुए अजीब अनुभवो के बारे में बताया गया है , कहानी के 270 भाग से आप एक डॉक्टर के साथ हुए एक महिला के अजीब अनुभवो के बारे में पढ़ेंगे . जीवन में हर कार्य क्षेत्र में हर तरह के लोग मिलते हैं हर व्यक्ति एक जैसा नही होता. डॉक्टर भी इसमें कोई अपवाद नहीं है. इसके बाद मामा जी के कारनामे हैं, अधिकतर रिश्तेदार , डॉक्टर या वैध या हकिम इत्यादि अच्छे होते हैं, जिनपर हम पूरा भरोसा करते हैं, अच्छे लोगो के बारे में हम ज्यादा नहीं सुनते हैं ... वास्तव में ऐसा नहीं है की सब लोग ऐसे ही बदमाश होते हैं । अगर कुछ लोग ऐसे बदमाश ना होते तो कहानिया शायद कभी नहीं बनेगी ।
[b]सभी को धन्यवाद,[/b]